थायराइड एक गंभीर रोग है। यह बीमारी किसी को भी हो सकती है। जब भी किसी व्यक्ति को थायराइड होता है तो शुरुआत में रोगी को थायरॉयड के लक्षणों का पता नहीं चलता, लेकिन जब बीमारी बढ़ जाती है तो कई तरह की परेशानियां होने लगती हैं। आमतौर पर यही देखा जाता है कि जब किसी व्यक्ति को थायराइड होता है तो वह डॉक्टर से थायराइड का इलाज कराता है, लेकिन क्या आपको पता है कि थायराइड का इलाज कराने के दौरान आपको उचित खान-पान की भी जरूरत होती है।
जी हां, उचित खान-पान से ना सिर्फ आप थायराइड पर नियंत्रण पा सकते हैं बल्कि बीमारी की रोकथाम भी कर सकते हैं। आइए जानते हैं कि थायराइड होने पर आपका खान-पान कैसा होना चाहिए।
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थायराइड होने पर आपका आहार ऐसा होना चाहिएः-
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थायरॉयड होने पर आपको इनका सेवन नहीं करना हैः-
सुबह उठकर दांतों को साफ करने (बिना कुल्ला किये) से पहले खाली पेट 1-2 गिलास गुनगुना पानी एवं नाश्ते से पूर्व पतंजलि आवंला व एलोवेरा रस पिएं। इसके साथ ही इन बातों का पालन करें।
समय | आहार योजना ( शाकाहार ) |
नाश्ता (8 :30 AM) | 1कप दिव्य पेय पतंजलि + 2-3 बिस्कुट (आरोग्य, पतंजलि) / पोहा /उपमा (सूजी ) /दलिया / कॉर्नफ्लैक्स /ओट्स / मुरमुरे / 1-2 पतली रोटी (पतंजलि मिश्रित अनाज आटा ) + 1 कटोरी हरी सब्जियां /1 प्लेट फलों का सलाद / फलों का जूस (केला, अनार, संतरा, सेब, पपीता) + ½ चम्मच पंचकोल चूर्ण के साथ |
दिन का भोजन (12:30-01:30 PM | 1-2 पतली रोटियां (पतंजलि मिश्रित अनाज आटा ) + 1 कटोरी हरी सब्जियां + 1 कटोरी दाल + 1 कटोरी मटठा /छाछ + 1 प्लेट सलाद + पंचकोल चूर्ण |
शाम का नाश्ता (3:30pm | 1कप दिव्य पेय पतंजलि + 2-3 बिस्कुट आरोग्य, पतंजलि / सब्जियों का सूप /मूंग दाल + पंचकोल चूर्ण |
रात का भोजन (7: 00 – 8:00 Pm) | 1-2 पतली रोटियां (पतंजलि मिश्रित अनाज आटा ) + 1 कटोरी हरी सब्जिया (रेशेदार) + 1 कटोरी दाल मूंग (पतली) |
सोते समय 10:00:00 PM | 1 चम्मच त्रिफला चूर्ण / पतंजलि हरिद्राखण्ड पाउडर हल्का गर्म दूध /पानी के साथ |
सलाह: यदि मरीज को चाय की आदत है तो इसके स्थान पर 1 कप पतंजलि दिव्य पेय दे सकते हैं ।
थायरॉयड होने पर आपकी जीवनशैली ऐसी होनी चाहिएः-
थायरॉयड होने पर आपका इन बातों का ध्यान देना चाहिएः-
(1) ध्यान एवं योग का अभ्यास रोज करें।
(2) ताजा एवं हल्का गर्म भोजन अवश्य करें।
(3) भोजन धीरे-धीरे शांत स्थान में शांतिपूर्वक, सकारात्मक एवं खुश मन से करें।
(4) तीन से चार बार भोजन अवश्य करें।
(5) किसी भी समय का भोजन नहीं त्यागें एवं अत्यधिक भोजन से परहेज करें।
(6) हफ्ते में एक बार उपवास करें।
(7) अमाशय का 1/3rd / 1/4th भाग रिक्त छोड़ें।
(8) भोजन को अच्छी प्रकार से चबाकर एवं धीरे-धीरे खाएं।
(9) भोजन लेने के बाद 3-5 मिनट टहलें।
(10) सूर्यादय से पहले [5:30 – 6:30 am] जाग जाएं।
(11) रोज दो बार दांतों को साफ करें।
(12) रोज जिव्हा करें।
(13) भोजन लेने के बाद थोड़ा टहलें।
(14) रात में सही समय [9-10 PM] पर नींद लें।
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थायरॉयड होने पर आपको ये योग और आसन करना चाहिएः-
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