Categories: स्वस्थ भोजन

करेला के फायदे, नुकसान और उपयोग (Karela ke Fayde, Nuksan and Upyog)

Contents

करेला का परिचय (Introduction of Karela)

करेला की सब्जी (karele ki sabji) स्वास्थ्य के लिए बहुत ही फायदेमंद होती है। कड़वी होने के कारण, भले ही सभी लोग करेले की सब्जी नहीं खाते हों, लेकिन इसके बारे में जानते जरूर होंगे। आमतौर पर लोग केवल इतना ही जानते हैं कि करेला डायबिटीज (मधुमेह) में फायदा पहुंचाता (karele ke fayde) है, लेकिन सच यह है कि आप करेला का प्रयोग कर कई रोगों को भी ठीक कर सकते हैं।

करेला में मौजूद पोषक तत्वों (karela nutrition) की जानकारी अधिकांश लोगों को है ही नहीं। इस कारण अनेक लोग इसका प्रयोग नहीं कर पाते। आयुर्वेद के अनुसार, करेला मधुमेह (डायबिटीज) के साथ-साथ कई और रोगों में भी लाभ पहुंचाता है। अगर आप कड़वेपन के कारण करेला का उपयोग नहीं करते हैं तो, मैं आपको यह विश्वास दिलाता हूं कि इस जानकारी के बाद आप भी करेला से फायदा लेने लगेंगे।

करेला क्या है? (What is karela or Bitter Gourd in Hindi?)

करेला स्वाद में कड़वा, और थोड़ा-सा तीखा होता है। मधुमेह के रोगी विशेषतः करेला के रस, और सब्जी का सेवन करते हैं। करेला का सेवन अनेक बीमारियों जैसे- पाचनतंत्र की खराबी, भूख की कमी, पेट दर्द, बुखार, और आंखों के रोग में लाभ पहुंचाता है। योनि या गर्भाशय रोग, कुष्ठ रोगों, तथा अन्य बीमारियों में भी आप करेला से फायदा ले सकते हैं। करेले से कमजोरी (कमजोरी मे चीकू के फायदे)दूर होती है, और जलन, कफ, सांसों से संबंधित विकार में लाभ मिलता है। चिड़चिड़ाहट, सुजाक, बवासीर आदि में भी करेले से फायदा मिलता है। करेला (bitter gaurd) के बीज घाव, आहार नलिका, तिल्ली विकार, और लिवर से संबंधित समस्याओं में करेला लाभदायक होता है।

अन्य भाषाओं में करेला के नाम (Karela Called in Different Languages)

करेला (karaila) का वानस्पतिक नाम मोमोर्डिका चरांशिया (Momordica charantia L, Syn-Momordicachinensis Spreng, Momordica indica Linn) है, और यह कुकुरबिटेसी (Cucurbitaceae) कुल का हैं, इसे दुनिया भर में इन नामों से भी जाना जाता हैः-

Karela in-

  • Hindi- करेला, करैला, करइला, करेली
  • Urdu- करेला (Karela)
  • English (karela in English)- बिटर स्क्वैश (Bitter squash), बालसम पियर (Balsam pear), वाईल्ड कुकम्बर (Wild cucumber), बिटर गॉर्ड (Bitter gourd)
  • Sanskrit- कारवेल्ली, वारिवल्ली, बृहद्वल्ली, पीतफला, पीतपुष्पा, सूक्ष्मवल्ली, कण्टफला, अम्बुवल्लिका, कारवेल्लक, कटिल्लक
  • Oriya- करेना (Karena), कालरा (Kalara), सलारा (Salara)
  • Assamese- काकीरल (Kakiral), काकरल (Kakral)
  • Kannada- हगलाकायी (Haglakayi), करंट (Karant)
  • Gujarati- करेला (Karela), करेलु (Karelu)
  • Telugu- काकरा (Kakra), उरकाकरा (Urkakara), पाकल (Pakal)
  • Tamil- पावक्काचेडी (Pavakkachedi), पावक्कयी (Pavakkayi), पावल (Paval)
  • Bengali- करला (Karala), बड़मसिया (Baramasiya), उच्छे (Uchchhe), जेटुआ (Jethuya)
  • Punjabi- करेला (Karela), करीला (Karila)
  • Marathi- करेले (Karale), कारली (Karli)
  • Malayalam- कायप्पावल्ली (Kaippavalli), पावक्काचेटी (Pavakkacheti)।
  • Nepali- करेला (Karela)
  • Persian- करेलाह (Karelah), सिमहेंग (Simhang)
  • Arabic- क्यीसाउलबर्री (Qisaulbarri), उल्हीमर (Ulhimar), खयार करिल्ला (Khyar karilla)

करेला के फायदे (Karela Benefits and Uses in Hindi)

करेला पोषक तत्वों (karela nutrition) का भंडार है। इसका औषधीय प्रयोग, इस्तेमाल की मात्रा, या तरीका, तथा विधियां ये हैंः-

करेला के इस्तेमाल से डैंड्रफ (रूसी) की परेशानी खत्म  (Bitter Gourd Benefits in Lice Treatment in Hindi)

  • बहुत सारी महिलाएं, या पुरुष डैंड्रफ (रूसी) से परेशान रहते हैं। डैंड्रफ को हटाने के लिए बहुत उपाय भी करते हैं, लेकिन फिर भी रूसी की परेशानी खत्म नहीं होती। आप ये उपाय कर सकते हैं। करेले के पत्ते के रस को सिर में लगाने से रूसी की समस्या खत्म (karele ke juice ke fayde) होती है।
  • करेला के पत्ते के रस में हल्दी मिलाकर प्रयोग करने से भी डैंड्रफ से छुटकारा मिलता है।

और पढ़ेंः रूसी का रामबाण इलाज

आवाज बैठने (गला बैठने) पर करेला का उपयोग (Uses of karela in Throat Disorder Treatment in Hindi)

ज्यादा जोर से बोलने, या चिल्लाने से आपका गला बैठ गया है। आवाज सही से निकल पा रही है, तो 5 ग्राम करेला के जड़ के पेस्ट को मधु, या 5 मिली तुलसी के रस के साथ मिलाकर सेवन करें। इससे परेशानी ठीक होती है।

और पढ़ेंः आवाज बैठने पर कैसे करें गन्ना का प्रयोग

गले की सूजन में करेला का प्रयोग (Karela Health Benefits in Reducing Throat Inflammation in Hindi)

गले की सूजन की परेशानी में सूखे करेला को सिरके में पीस लें। इसे गर्म करके लेप करें। इससे गले की सूजन ठीक हो जाती है।

और पढ़े: सूजन में कोदो के फायदे

सांसों के रोग, जुकाम, और कफ में करेला का सेवन (Bitter Gourd Benefits for Respiratory Disease, Cold and Cough in Hindi)

अगर आप 5 ग्राम करेले के जड़ का पेस्ट बना लें। इसमें मधु, या 5 मिली तुलसी के रस मिला लें। इसका सेवन करें। इससे सांसों के रोग, जुकाम, और कफ की बीमारी ठीक हो सकती है।

और पढ़ें: सांसों के रोग से आराम दिलाये मौसंबी

कान के दर्द में करेले से फायदा (Benefits of Karela in Ear Pain Treatment in Hindi)

कान के दर्द में भी करेला का इस्तेमाल लाभदायक होता है। करेले के ताजे फलों, या पत्तों को कूटकर रस निकाल लें। इसे गुनगुना करके 1-2 बूंद कान में डालने से कान का दर्द ठीक होता है।

और पढ़े: कान दर्द में साारिवादि वटी के फायदे

सिर दर्द में करेले के प्रयोग से लाभ (Karela Benefits in Relilef from Headache in Hindi)

सिर दर्द में भी करेला से फायदा होता है। करेला के पत्ते के रस में थोड़ा गाय का घी, और पित्तपापड़े का रस मिला लें। इसका लेप करने से सिर दर्द में आराम मिलता है।

और पढ़ेंः सिर दर्द के लिए घरेलू इलाज

बच्चों के आमाशय विकार में करेले का उपयोग (Karela Health Benefits for Children’s Stomach Problem in Hindi)

कई  बार छोटे बच्चों को अमाशय संबंधी बीमारी हो जाती है। ऐसे में 6 मिली करेला (bitter guard) के पत्ते के रस में थोड़ा-सा हल्दी का चूर्ण मिला लें। इसी पीने से बीमारी ठीक होती है।

पेट में कीड़े होने पर करेले का सेवन (Karela Uses in Abdominal Worm Treatment in Hindi)

  • पेट में कीड़े हैं, तो 10-12 मिली करेला के पत्ते का रस पिलाएं। इससे पेट के कीड़े मर (karele ke juice ke fayde) जाते हैं।
  • इसी तरह 2-3 ग्राम करेला के बीजों को पीसकर सेवन करने से लाभ होता है।

और पढ़ें: पेट की बीमारी में करें एलोवेरा का इस्‍तेमाल

हैजा में फायदेमंद करेला का प्रयोग (Benefits of Karela to Treat Cholera in Hindi)

  • हैजा में भी करेले से फायदा होता है। 20-30 मिली करेला के जड़ का काढ़ा बना लें। इसे तिल के तेल में मिलाकर पीने से हैजा में लाभ होता है।
  • 5 मिली करेला के पत्ते के रस में तेल मिलाकर सेवन करने से भी हैजा में लाभ होता है।

और पढ़ेंः हैजा में फायदेमंद संजीवनी वटी का उपयोग

जलोदर रोग में लाभदायक करेला का उपयोग (Karela Benefits to Treat Ascites Disease in Hindi)

जलोदर रोग पेट की बीमारी है, जिसमें पेट में पानी भर जाता है। इसमें रोगी का पेट फूल जाता है। इसमें 10-15 मिली करेला के पत्ते के रस में मधु मिलाकर पिलाने से लाभ होता है।

और पढ़े: जलोदर में केवांच के फायदे

स्तनों में दूध को बढ़ाने के लिए करेला का सेवन (Karela Uses in Increasing Breast Milk in Hindi)

प्रायः अनेक महिलाएं यह शिकायत करती हैं, कि मां बनने के बाद शिशु के पीने लायक दूध नहीं हो रहा है। महिलाएं करेले के 20 ग्राम पत्तों को पानी में उबाल लें। इसे छानकर पिएं। इससे स्तनों में दूध की वृद्धि होती है।

मासिक धर्म विकार में करेला का प्रयोग (Benefits of Karela in Menstrual Disorder Problem in Hindi)

मासिक धर्म के विकार में भी करेला का उपयोग फायदेमंद हो सकता है। 10-15 मिली करेला के पत्ते के रस में 1 ग्राम सोंठ, 500 मिग्रा काली मिर्च, और 500 मिग्रा पीपल का चूर्ण मिला लें। इसे दिन में तीन बार पिलाने से मासिक धर्म विकारों में लाभ (karele ke fayde) होता है।

और पढ़े: मासिक धर्म विकार में तोरई के फायदे

करेला का प्रयोग कर दाद का इलाज (Karela Uses in Treating Ringworm in Hindi)

करेला का प्रयोग कर दाद को ठीक किया जा सकता है। करेले के पत्ते के रस को दाद वाले स्थान पर लगाने से दाद ठीक हो जाता है।

और पढ़ेंः दाद का इलाज करने के लिए असरदार घरेलू उपाय

चर्म रोग में फायदेमंद करेला का इस्तेमाल (Benefits of Karela in Skin Disease Treatment in Hindi)

करेला के उपयोग से चर्म रोग में भी लाभ मिलता है। करेला के पौधे, दालचीनी, पीपर और चावल को जंगली बादाम के तेल में मिला लें। इसे लगाने से त्वचा विकार, या चर्म रोग में फायदा होता है।

और पढ़ेंः एक्जिमा के लिए घरेलू उपाय

वायरल फीवर में करेले का सेवन (Karela Uses in Fighting with Viral or Cold Fever in Hindi)

आप करेले का फायदा वायरल फीवर, या ठंड लगकर आने वाले बुखार में भी ले सकते हैं। इसके लिए करेले के 10-15 मिली रस (karele ka juice) में जीरे का चूर्ण मिला लें। इसे दिन में तीन बार पिलाने से राहत मिलती है।

और पढ़ेंः वायरल बुखार को कैसे करें घरेलू उपाय से ठीक

तलवों की जलन में करेला का इस्तेमाल (Uses of Karela for Soles Irritation in Hindi)

कई लोग तलवे में जलन की परेशानी से परेशान रहते हैं। इसमें करेला के पत्ते के रस को तलवे पर लगाएं। इससे आराम मिलता है।

मुंह के छाले में करेले के इस्तेमाल से लाभ (Karela Health Benefits for Mouth Ulcer in Hindi)

मुंह में छाले होने पर करेले के रस में सुहागा की खील मिला लें। इसे लगाने से लाभ होता है। इसमें पाए जाने वाले पोषक तत्व (karela nutrition) छालों को जल्दी ठीक करते हैं।       

करेला का प्रयोग कर फुंसी का इलाज (Bitter Gourd Benefits in Pimples Treatment in Hindi)

चेहरे या शरीर के अन्य अंगों पर फुन्सी हो गई है तो करेला के पत्ते के रस को फुंसी पर लगाएं। इससे फुन्सी ठीक होती है।

और पढ़ें: फुंसी के घरेलु इलाज में अमलतास के फायदे

निमोनिया में करेले का सेवन (Karela Uses for Pneumonia in Hindi)

करेला का प्रयोग निमोनिया में लाभदायक होता है। आप 5-10 मिली करेला के पत्ते के रस को गुनगुना कर लें। इसमें थोड़ी केसर मिला लें। इसे दिन में तीन बार पिलाने से निमोनिया में लाभ होता है।

और पढ़ेंः निमोनिया के लिए घरेलू उपचार

आंखों के रोग में करेला का इस्तेमाल (Karela Benefits for Eye Disease in Hindi)

आंखों से संबंधित कई विकारों में करेला का उपयोग बेहतर परिणाम देता है। आंखों के रोग से पीड़ित लोग, लोहे के बर्तन में करेले के पत्तों का रस (karele ka juice) निकाल लें। इसमें एक काली मिर्च घिस लें। इसका काजल की तरह लगाने से आंखों के दर्द, आंखों की जलन, और रतौंधी में फायदा होता है।

मोतियाबिंद में करेला का इस्तेमाल (Karela Nutrition Benefits for Cataracts Disease in Hindi)

करेले (karela nutrition) से मोतियाबिंद में फायदा पहुंचाता है। मोतियाबिंद से ग्रस्त लोग, करेले की जड़ को घोड़े के पेशाब (अश्व मूत्र) में घिस लें। इसे 1-2 बूंद की मात्रा में आंखों में डालने से मोतियाबिंद में लाभ होता है।

रतौंधी में लाभदायक करेला का प्रयोग (Benefits of Karela for night blindness)

कुछ लोगों को रात में अंधेपन की समस्या होती है। इस बीमारी में लोगों को दिन की तुलना में रात के समय ठीक से दिखाई नहीं देता है। इसमें करेला के पत्ते के पेस्ट बना लें। इसे आंखों के चारों तरफ लेप करने से रात के अंधेपन की समस्या में लाभ होता है।

और पढ़ेंः रतौंधी में जीरा से फायदा

डायबिटीज में फायदेमंद करेले का सेवन (Uses of Karela Nutrition in Controlling Diabetes in Hindi)

  • डायबिटीज से दुनिया भर में अनेक लोग पीड़ित हैं। करेला से डायबिटीज में फायदा मिलता है। करेला के फलों को सुखाकर महीन चूर्ण बना लें। इसे 3-6 ग्राम की मात्रा में जल, या शहद के साथ सेवन करें। इससे मधुमेह में लाभ होता है। यह अग्नाशय को स्वस्थ बनाकर इंसुलिन के उत्पादन को सही करने में मदद पहुंचाता है।
  • ताजे करेले के फल के रस में अनेक पोषक तत्व होते हैं। इसकी  10-15 मिली मात्रा पीने से भी मधुमेह में बहुत लाभ होता है।
  • इसके अलावा, 20 मिली करेला के फल के रस में, 20 मिली आँवला के रस को मिला लें। इसे रोज सुबह-सुबह 4-6 माह तक नियमित सेवन करें। इससे मधुमेह में तुरंत लाभ होता है।

और पढ़ेंः डायबिटीज को नियंत्रित करने के लिए बेहतरीन घरेलू उपाय

बवासीर में फायदेमंद करेला का प्रयोग (Uses of Karela in Hemorrhoids Treatment in Hindi)

  • करेला का सेवन करना बवासीर में लाभदायक होता है। बवासीर से परेशान लोग, करेले की जड़ को घिसकर मस्सों पर लेप करेंं। इससे बवासीर में लाभ मिलता है।
  • इसी तरह 15-20 मिली करेला के पत्ते के रस को 200-300 मिली छाछ के साथ रोजाना सुबह-सुबह सेवन करें। एक माह तक सेवन करने से बवासीर में फायदा होता है।

और पढ़ेंः बवासीर का इलाज करने के लिए घरेलू नुस्खे

करेला से खूनी बवासीर में फायदा (Uses of Karela Nutrition for Piles in Hindi)

करेला में मौजूद पोषक तत्व खूनी बवासीर में भी लाभ पहुंचाते हैं। खूनी बवासीर वाले लोग 20-30 मिली करेले के काढ़े में चीनी मिला लें। इसे सुबह-शाम पीएं। इससे खूनी बवासीर में लाभ होता है।

करेला के उपयोग से पीलिया में फायदा (Bitter Gourd Benefits in Fighting with Jaundice in Hindi)

पीलिया से ग्रस्त लोग करेले (bitter guard) के इस्तेमाल से लाभ ले सकते हैं। 10-15 मिली करेला के पत्ते के रस में, बड़ी हरड़ को घिस लें। इसे पिलाने से पीलिया रोग में लाभ होता हैं।

और पढ़ेंः पीलिया का घरेलू इलाज

गठिया में फायदेमंद करेला का इस्तेमाल (Karela Uses for Arthritis in Hindi)

  • गठिया रोग में व्यक्ति को बहुत अधिक पीड़ा झेलनी पड़ती है। इस रोग के कारण रोगी का शरीर सामान्य रूप से गतिशील नहीं रह पाता है। ऐसे में करेले के कच्चे हरे फलों के रस को गर्म कर लें। इसका लेप करने से गठिया में लाभ होता है।
  • इसी तरह करेले के पेस्ट, और काढ़ा को घी में पकाकर दर्द वाले स्थान पर लगाने से भी गठिया में आराम मिलता है। 
  • इसके अलावा 10-15 मिली करेला के फल के रस, या पत्ते के रस में राई, और स्वाद के अनुसार नमक मिला लें। इसे पीने से गठिया में फायदा होता है।
  • आप करेले के फल को आग पर 10 मिनट रखकर भुर्ता बना लें। इसमें शक्कर मिलाकर रोगी को गुनगुना कर खिला दें। इसे करीब 125 ग्राम की मात्रा में सुबह-शाम रोगी को गर्म-गर्म खिलाएं। इससे गठिया में आराम होता है। पीड़ा वाले स्थान पर फलों के रस का बार-बार लेप करने से भी गठिया में आराम होता है।

और पढ़ेंः गठिया के लिए घरेलू नुस्खे

लिवर विकार में फायदेमंद करेला का प्रयोग (Bitter Gourd Benefits for liver Disease in Hindi)

जो लोग शराब का अधिक सेवन करते हैं, और इससे होने वाली बीमारी से परेशान हैं। वे लोग छाछ के साथ 15-20 मिली करेला के पत्ते के रस का सेवन करें। इससे अधिक शराब पीने के कारण होने वाली लिवर की बीमारी में लाभ मिलता है।

और पढ़ेंः फैटी लिवर के लिए असरदार घरेलू इलाज

Summary:

करेला के उपयोगी भाग (Useful Parts of Karela)

करेला का इस्तेमाल इस तरह किया जा सकता हैः-

  • जड़
  • पत्ते
  • फल
  • पौधा

करेला का इस्तेमाल कैसे करें? (How to Use Karela in Hindi?)

आप करेला (bittergourd) का सेवन इतनी मात्रा में कर सकते हैंः-

  • करेला का रस- 10-20 मिली
  • करेला का चूर्ण- 5 ग्राम

किसे करेला का सेवन नहीं करना चाहिए? (Who Should not Consume Karela?)

अब तक आपने जाना कि, करेला कैसे, और कितने तरीके से शरीर के लिए फायदेमंद हो सकता है। अब यह जानना भी बहुत जरूरी है कि किन लोगों को करेला का सेवन नहीं करना चाहिएः-

  • लो ब्लडशुगर लेवल से पीड़ित रोगियों, एवं बच्चों को इसका सेवन नहीं करना चाहिए।
  • करेला के बीज में कुछ नुकसानदेह पदार्थ भी होते हैं, जिससे गर्भपात होने की संभावना रहती है। इसलिए लगातार करेले का प्रयोग नहीं करना चाहिए।

और पढ़ेंगर्भपात रोकने के घरेलू उपाय

करेले का साइड इफेक्ट (Side Effect of Karela)

बहुत अधिक मात्रा में करेला का सेवन करने से पेट में दर्द, और दस्त की समस्या हो सकती है। अगर ऐसी परेशानी हो रही हो तो चावल और घी खिलाना अच्छा होता है।

करेला कहां पाया या उगाया जाता है? (Where is Karela Found or Grown?)

चूंकि करेला (karuvoolam ecs) एक सब्जी है, इसलिए इसकी खेती पूरे भारत में की जाती है। यह सब्जी मार्केट में यह आसानी से मिल जाती है।

आचार्य श्री बालकृष्ण

आचार्य बालकृष्ण, आयुर्वेदिक विशेषज्ञ और पतंजलि योगपीठ के संस्थापक स्तंभ हैं। चार्य बालकृष्ण जी एक प्रसिद्ध विद्वान और एक महान गुरु है, जिनके मार्गदर्शन और नेतृत्व में आयुर्वेदिक उपचार और अनुसंधान ने नए आयामों को छूआ है।

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