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Bhindi Ke Fayde: सेहत के लिए कमाल है भिंडी के फायदे – Balkrishna Ji (Patanjali)

Contents

भिंडी का परिचय (Introduction of Bhindi)

आपने भिंडी (bhindi ke fayde in hindi) की सब्जी कई बार खाई होगी, और यह पक्की बात है कि केवल सब्जी (bhindi ki sabji) के रूप में ही खाई होगी। भिंडी से कई तरह के व्यंजन, जैसे- गीली भिंडी की सब्जी, भुजिया (सूखी सब्जी), सूप, रायता, और कढ़ी आदि बनाये जाते हैं। लोग इन्हें बहुत पसंद से खाते हैं। क्या आपको पता है कि जिस भिंडी को आप बहुत साधारण-सी सब्जी समझते हैं, उससे रोगों का इलाज भी किया जाता है। वास्तव में भिंडी खाने के फायदे अनेक हैं। अगर आप भिंडी के सेवन से होने वाले फायदे जानेंगे, तो आप भी आश्चर्य में पड़ जाएंगे।

भिंडी के फायदे | Benefits of Lady finger

भिंडी (bhindi ke fayde) का इस्तेमाल कई बीमारियों को ठीक करने के लिए किया जाता है। आयुर्वेद में भिंडी के बारे में बड़े विस्तार से बताया गया है। अगर आपको भिंडी के फायदे (bhindi ke fayde) की जानकारी नहीं है, तो जरूर जान लीजिए।

भिंडी क्या है? (What is Bhindi in Hindi?)

भिंडी का प्रयोग (kachi bhindi ke fayde) भिंडी की सब्जी के रूप में किया जाता है। इसके फल अंगुली के समान लम्बे होते हैं। भिंडी का पूरा पौधा रोमों से युक्त होता है। इसके फूल पीले रंग के होते हैं। इसके फल हरे रंग के होते हैं। भिंडी के फल आगे की तरफ से नुकीले, या पतले होते हैं। भिंडी (ladiesfinger) के अन्दर सफेद रंग के गोलाकार, चिपचिपे द्रव्य से युक्त अनेक बीज होते हैं। भिंडी के प्रयोग (bhindi ka upyog) से मुंह का स्वाद अच्छा हो जाता है, और वात-पित्त रोग के साथ-साथ मल संबंधी परेशानी भी दूर होती है।

अन्य भाषाओं में भिंडी के नाम (Bhindi – Lady Finger Called in Different Languages)

भिंडी का वानस्पतिक नाम ऐबलमोस्कस ऐस्कुलेन्टस (Abelmoschus esculentus (Linn.) Moench, Syn-Hibiscus esculentus Linn., है, और यह मालवेसी (Malvaceae) कुल की है। इसे दुनिया भर में इन नामों से भी जाना जाता हैः-

Bhindi in-

  • Hindi- भिण्डी, रामतोरई
  • Urdu- भिन्डी (Bhindi)
  • English – Lady’s finger (लेडी फिंगर), गुम्बो (Gumbo), ओकरा (Okra)
  • Sanskrit- तिण्डिशा, भेण्डा, करपर्णफल, गन्धमूला
  • Konkani- बेन्डो (Bendo)
  • Kannada- बेन्डेकायी (Bendekayi)
  • Gujarati- भिंडो (Bhindo)
  • Tamil- वेन्डी (Vendi)
  • Telugu- वेन्डा (Venda)
  • Bengali- भेण्डी (Bhendi), ढेरासा (Dherasa)
  • Nepali- रामतोरिया (Ramturiya)
  • Punjabi- भिंडी (Bhindi), भेंडा (Bhenda)
  • Malayalam- वेन्टा (Vanta)
  • Marathi- भेण्डी (Bhendi)
  • Arabic- बामीया (Bamyah)
  • Persian- बामीयाह (Bamiyah)

भिंडी के फायदे (Bhindi – Lady Finger Benefits and Uses in Hindi)

अब तक आपने जाना कि विश्व भर में भिंडी को किस-किस नाम से बुलाया जाता है। आइए अब जानते हैं कि भिंडी (ladiesfinger) का औषधीय प्रयोग कैसे किया जाता है, और औषधीय प्रयोग के समय भिंडी की मात्रा, या विधियां क्या होनी चाहिएः-

घाव को सुखाने में भिंडी के फायदे (Benefits of Lady Finger in Healing Wound in Hindi)

भिंडी घाव को सुखाने के काम में भी प्रयोग में लाई जाती है। अगर किसी व्यक्ति को घाव है, और वह ठीक नहीं हो रहा है, तो भिंडी के पत्तों को पीसकर घाव पर लगाएं। इससे घाव जल्दी ठीक (bhindi ke fayde) हो जाता है। [Go to: Benefits of Ladyfinger]

भिंडी का प्रयोग कर त्वचा विकार में लाभ (Benefits of Bhindi in Skin Disease Treatment in Hindi)

भिंडी एक-दो नहीं, बल्कि त्वचा की अनेक बीमारियों के उपचार के लिए प्रयोग (bhindi ka upyog) में लाई जाती है। त्वचा में घाव हो जाए, रोम संबंधी विकार हो, या त्वचा की अन्य बीमारी। भिण्डी के पत्ते के रस को बीमार त्वचा पर लगाएं। इससे त्वचा रोग में तुरंत लाभ (bhindi ke fayde) होता है। [Go to: Benefits of Ladyfinger]

भिंडी का उपयोग कर खुजली का इलाज (Lady Finger Benefits in Itching Treatment in Hindi)

अक्सर ऐसा देखा जाता है, कि जब लोगों को खुजली होती है, तो वे खुजली के इलाज के लिए कई तरह के नुस्खे आजमाते हैं। कई बार जब कोई उपाय काम ना करे, तो आप भिंडी के फल को पीसकर लेप बना लें। इसे खुजली वाले स्थान पर लगाएं। इससे खुजली ठीक हो जाती है। [Go to: Benefits of Ladyfinger]

दस्त रोकने के लिए फायदेमंद भिंडी का सेवन (Benefits of Bhindi to Stop Diarrhea in Hindi)

दस्त में भी भिंडी का प्रयोग करना फायदेमंद (bhindi ke fayde in hindi) होता है। दस्त की बीमारी में भिण्डी के फलों को मसल लें। इसमें मिश्री मिला लें। इसका सेवन करें। इससे दस्त में लाभ होता है। [Go to: Benefits of Ladyfinger]

भिंडी के प्रयोग से पेचिश में लाभ (Bhindi Benefits to Stop Dysentery in Hindi)

आप भिंडी के प्रयोग से पेचिश में लाभ ले सकते हैं। इसके लिए भिण्डी के फल की सब्जी (bhindi ki sabji) बनाकर खाएं। इससे पेचिश में लाभ होता है। [Go to: Benefits of Ladyfinger]

और पढ़े- पेचिश में जामुन के फायदे

पेशाब में जलन की समस्या में भिंडी का सेवन (Benefits of Bhindi to Treat Burning Sensation in Urine in Hindi)

किसी व्यक्ति को पेशाब में जलन की परेशानी हो, तो उसे भिण्डी के फूलों का काढ़ा बना लेना है। इसमें 10-15 मिली मिश्री मिलाकर सेवन करना है। इससे पेशाब में जलन की परेशानी ठीक हो जाती है। [Go to: Benefits of Ladyfinger]

मूत्र रोग में भिंडी के सेवन से लाभ (Lady Finger Benefits in Treating Urinary Disease in Hindi)

मूत्र रोग जैसे पेशाब का रुक-रुक कर आना, पेशाब करते समय दिक्कत होना, पेशाब करते समय दर्द होना, मूत्र नलिका संबंधित विकार हो तो भिंडी का उपयोग फायदा पहुंचा सकता है। इस रोग में भिण्डी के फल का काढ़ा बनाकर 10-15 मिली मात्रा में पीएं। इससे मूत्र रोग ठीक (bhindi khane ke fayde) होता है। [Go to: Benefits of Ladyfinger]

भिंडी के उपयोग से सुजाक में फायदा (Bhindi Powder Benefits for Gonorrhea in Hindi)

  • सुजाक एक यौन रोग है, जो स्त्री या पुरुष किसी को भी हो सकता है। कई पुरुषों में सुजाक के लक्षण दिखाई नहीं पड़ते। सामान्यतः पुरुषों में इस बीमारी में पेशाब करते समय जलन होने लगते हैं। लिंग से सफेद, पीला या हरा स्राव होता है। इसी तरह महिलाओं में भी पेशाब करते समय दर्द, या जलन होती है। मासिक धर्म के बीच योनि से खून भी निकलता है। इसमें 1-2 ग्राम भिण्डी की जड़ के चूर्ण (bhindi powder ke fayde) में मिश्री मिलाकर खाने से लाभ (bhindi ke fayde) होता है।
  • 5-10 मिली भिण्डी फल का काढ़ा का सेवन करने से भी सुजाक में लाभ होता है। [Go to: Benefits of Ladyfinger]

और पढ़ेंयौन रोग में प्याज के फायदे

ल्यूकोरिया में भिंडी के फायदे (Bhindi Benefits in Leukorrhea Treatment in Hindi)

भिंडी का सेवन करने से ल्यूकोरिया में भी फायदा लिया जा सकता है। इसके लिए 15-20 मिली फल का काढ़ा बनाकर सेवन करें। इससे ल्यूकोरिया में लाभ (bhindi ke fayde in hindi) होता है।

योनि रोग में भिंडी के फायदे (Bhindi Benefits for Vaginal Disease in Hindi)

योनि से संबंधित विकारों में भिण्डी की जड़ का पेस्ट बना लें। इसे 1-2 ग्राम की मात्रा में दिन में तीन बार सेवन करें। एक माह तक सेवन करना है। इससे योनि से संबंधित रोगों में लाभ (Bhindi ke Fayde) होता है। [Go to: Benefits of Ladyfinger]

और पढ़े: योनि रोग में रेवंदचीनी से लाभ

वीर्यपात (शीघ्रपतन) में भिंडी के लाभ (Lady Finger Benefits for Premature Ejaculation in Hindi)

वीर्यपात (शीघ्रपतन) से बहुत से लोग परेशान रहते हैं, और इस समस्या से निजात पाने के लिए अपना इलाज भी कराते हैं। शीघ्रपतन की समस्या में भी भिंडी का सेवन फायदा (bhindi ke fayde) पहुंचाता है। भिण्डी के फलों को मसल लें। इसमें मिश्री मिला लें। इसका सेवन करने से वीर्यस्राव की परेशानी में लाभ होता है। [Go to: Benefits of Ladyfinger]

और पढ़े: वीर्य रोग में गुलब्बास के फायदे

आग से जलने पर भिंडी का प्रयोग (Benefits of Lady Finger for Fire Burning Problem in Hindi)

अगर आग से कोई अंग जल जाए, तो भिंडी का उपयोग (kachi bhindi ke fayde) करें। भिण्डी के पत्तों को पीसकर जलने वाले स्थान पर लगाएं। इससे जलन शांत हो जाती है। [Go to: Benefits of Ladyfinger]

भिंडी के उपयोगी भाग (Useful Parts of Bhindi – Lady Finger)

भिंडी का सेवन इस तरह से किया जा सकता हैः-

  • भिंडी के पौधे के फूल
  • पौधे के पत्ते
  • भिंडी फल
  • पौधे की जड़

भिंडी का इस्तेमाल कैसे करें? (How to Use Bhindi – Lady Finger in Hindi?)

अगर आप भिंडी का सेवन औषधि के रूप में करना चाहते हैं, तो किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक से इसके प्रयोग, और मात्रा की जानकारी जरूर लें।

भिंडी से नुकसान (Side Effects of Bhindi – Lady Finger in Hindi)

भिंडी एक सब्जी (bhindi ki sabzi) है, जिसके उपयोग से कुछ लोगों को नुकसान भी हो सकता है,  इसलिए भिंडी का उपयोग करते समय बातों का ध्यान रखना जरूरी हैः-

  • खांसी में भिंडी का सेवन ना करें।
  • पाचनतंत्र विकार (मन्दाग्नि) में भिंडी का सेवन नहीं करना चाहिए।
  • वात रोग में भिंडी का सेवन करने से नुकसान हो सकता है।
  • साइनस (पीनस रोग) में भिण्डी का सेवन नहीं करना चाहिए।

भिंडी कहां पाई या उगाई जाती है? (Where is Bhindi Found or Grown?)

चूंकि भिंडी एक सब्जी (bhindi ki sabzi) है इसलिए पूरे भारत में इसकी खेती की जाती है। भारत में लगभग 1200 मी की ऊँचाई तक भी भिंडी की खेती की जाती है।

आचार्य श्री बालकृष्ण

आचार्य बालकृष्ण, आयुर्वेदिक विशेषज्ञ और पतंजलि योगपीठ के संस्थापक स्तंभ हैं। चार्य बालकृष्ण जी एक प्रसिद्ध विद्वान और एक महान गुरु है, जिनके मार्गदर्शन और नेतृत्व में आयुर्वेदिक उपचार और अनुसंधान ने नए आयामों को छूआ है।

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