Contents
आपने भिंडी (bhindi ke fayde in hindi) की सब्जी कई बार खाई होगी, और यह पक्की बात है कि केवल सब्जी (bhindi ki sabji) के रूप में ही खाई होगी। भिंडी से कई तरह के व्यंजन, जैसे- गीली भिंडी की सब्जी, भुजिया (सूखी सब्जी), सूप, रायता, और कढ़ी आदि बनाये जाते हैं। लोग इन्हें बहुत पसंद से खाते हैं। क्या आपको पता है कि जिस भिंडी को आप बहुत साधारण-सी सब्जी समझते हैं, उससे रोगों का इलाज भी किया जाता है। वास्तव में भिंडी खाने के फायदे अनेक हैं। अगर आप भिंडी के सेवन से होने वाले फायदे जानेंगे, तो आप भी आश्चर्य में पड़ जाएंगे।
भिंडी (bhindi ke fayde) का इस्तेमाल कई बीमारियों को ठीक करने के लिए किया जाता है। आयुर्वेद में भिंडी के बारे में बड़े विस्तार से बताया गया है। अगर आपको भिंडी के फायदे (bhindi ke fayde) की जानकारी नहीं है, तो जरूर जान लीजिए।
भिंडी का प्रयोग (kachi bhindi ke fayde) भिंडी की सब्जी के रूप में किया जाता है। इसके फल अंगुली के समान लम्बे होते हैं। भिंडी का पूरा पौधा रोमों से युक्त होता है। इसके फूल पीले रंग के होते हैं। इसके फल हरे रंग के होते हैं। भिंडी के फल आगे की तरफ से नुकीले, या पतले होते हैं। भिंडी (ladiesfinger) के अन्दर सफेद रंग के गोलाकार, चिपचिपे द्रव्य से युक्त अनेक बीज होते हैं। भिंडी के प्रयोग (bhindi ka upyog) से मुंह का स्वाद अच्छा हो जाता है, और वात-पित्त रोग के साथ-साथ मल संबंधी परेशानी भी दूर होती है।
भिंडी का वानस्पतिक नाम ऐबलमोस्कस ऐस्कुलेन्टस (Abelmoschus esculentus (Linn.) Moench, Syn-Hibiscus esculentus Linn., है, और यह मालवेसी (Malvaceae) कुल की है। इसे दुनिया भर में इन नामों से भी जाना जाता हैः-
Bhindi in-
अब तक आपने जाना कि विश्व भर में भिंडी को किस-किस नाम से बुलाया जाता है। आइए अब जानते हैं कि भिंडी (ladiesfinger) का औषधीय प्रयोग कैसे किया जाता है, और औषधीय प्रयोग के समय भिंडी की मात्रा, या विधियां क्या होनी चाहिएः-
भिंडी घाव को सुखाने के काम में भी प्रयोग में लाई जाती है। अगर किसी व्यक्ति को घाव है, और वह ठीक नहीं हो रहा है, तो भिंडी के पत्तों को पीसकर घाव पर लगाएं। इससे घाव जल्दी ठीक (bhindi ke fayde) हो जाता है। [Go to: Benefits of Ladyfinger]
भिंडी एक-दो नहीं, बल्कि त्वचा की अनेक बीमारियों के उपचार के लिए प्रयोग (bhindi ka upyog) में लाई जाती है। त्वचा में घाव हो जाए, रोम संबंधी विकार हो, या त्वचा की अन्य बीमारी। भिण्डी के पत्ते के रस को बीमार त्वचा पर लगाएं। इससे त्वचा रोग में तुरंत लाभ (bhindi ke fayde) होता है। [Go to: Benefits of Ladyfinger]
अक्सर ऐसा देखा जाता है, कि जब लोगों को खुजली होती है, तो वे खुजली के इलाज के लिए कई तरह के नुस्खे आजमाते हैं। कई बार जब कोई उपाय काम ना करे, तो आप भिंडी के फल को पीसकर लेप बना लें। इसे खुजली वाले स्थान पर लगाएं। इससे खुजली ठीक हो जाती है। [Go to: Benefits of Ladyfinger]
दस्त में भी भिंडी का प्रयोग करना फायदेमंद (bhindi ke fayde in hindi) होता है। दस्त की बीमारी में भिण्डी के फलों को मसल लें। इसमें मिश्री मिला लें। इसका सेवन करें। इससे दस्त में लाभ होता है। [Go to: Benefits of Ladyfinger]
आप भिंडी के प्रयोग से पेचिश में लाभ ले सकते हैं। इसके लिए भिण्डी के फल की सब्जी (bhindi ki sabji) बनाकर खाएं। इससे पेचिश में लाभ होता है। [Go to: Benefits of Ladyfinger]
और पढ़े- पेचिश में जामुन के फायदे
किसी व्यक्ति को पेशाब में जलन की परेशानी हो, तो उसे भिण्डी के फूलों का काढ़ा बना लेना है। इसमें 10-15 मिली मिश्री मिलाकर सेवन करना है। इससे पेशाब में जलन की परेशानी ठीक हो जाती है। [Go to: Benefits of Ladyfinger]
मूत्र रोग जैसे पेशाब का रुक-रुक कर आना, पेशाब करते समय दिक्कत होना, पेशाब करते समय दर्द होना, मूत्र नलिका संबंधित विकार हो तो भिंडी का उपयोग फायदा पहुंचा सकता है। इस रोग में भिण्डी के फल का काढ़ा बनाकर 10-15 मिली मात्रा में पीएं। इससे मूत्र रोग ठीक (bhindi khane ke fayde) होता है। [Go to: Benefits of Ladyfinger]
और पढ़ें – यौन रोग में प्याज के फायदे
भिंडी का सेवन करने से ल्यूकोरिया में भी फायदा लिया जा सकता है। इसके लिए 15-20 मिली फल का काढ़ा बनाकर सेवन करें। इससे ल्यूकोरिया में लाभ (bhindi ke fayde in hindi) होता है।
योनि से संबंधित विकारों में भिण्डी की जड़ का पेस्ट बना लें। इसे 1-2 ग्राम की मात्रा में दिन में तीन बार सेवन करें। एक माह तक सेवन करना है। इससे योनि से संबंधित रोगों में लाभ (Bhindi ke Fayde) होता है। [Go to: Benefits of Ladyfinger]
और पढ़े: योनि रोग में रेवंदचीनी से लाभ
वीर्यपात (शीघ्रपतन) से बहुत से लोग परेशान रहते हैं, और इस समस्या से निजात पाने के लिए अपना इलाज भी कराते हैं। शीघ्रपतन की समस्या में भी भिंडी का सेवन फायदा (bhindi ke fayde) पहुंचाता है। भिण्डी के फलों को मसल लें। इसमें मिश्री मिला लें। इसका सेवन करने से वीर्यस्राव की परेशानी में लाभ होता है। [Go to: Benefits of Ladyfinger]
और पढ़े: वीर्य रोग में गुलब्बास के फायदे
अगर आग से कोई अंग जल जाए, तो भिंडी का उपयोग (kachi bhindi ke fayde) करें। भिण्डी के पत्तों को पीसकर जलने वाले स्थान पर लगाएं। इससे जलन शांत हो जाती है। [Go to: Benefits of Ladyfinger]
भिंडी का सेवन इस तरह से किया जा सकता हैः-
अगर आप भिंडी का सेवन औषधि के रूप में करना चाहते हैं, तो किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक से इसके प्रयोग, और मात्रा की जानकारी जरूर लें।
भिंडी एक सब्जी (bhindi ki sabzi) है, जिसके उपयोग से कुछ लोगों को नुकसान भी हो सकता है, इसलिए भिंडी का उपयोग करते समय बातों का ध्यान रखना जरूरी हैः-
चूंकि भिंडी एक सब्जी (bhindi ki sabzi) है इसलिए पूरे भारत में इसकी खेती की जाती है। भारत में लगभग 1200 मी की ऊँचाई तक भी भिंडी की खेती की जाती है।
आयुर्वेदिक ग्रंथों के अनुसार, त्रिफला चूर्ण पेट से जुड़ी समस्याओं के लिए बेहद फायदेमंद है. जिन लोगों को अपच, बदहजमी…
डायबिटीज की बात की जाए तो भारत में इस बीमारी के मरीजों की संख्या साल दर साल बढ़ती जा रही…
मौसम बदलने पर या मानसून सीजन में त्वचा से संबंधित बीमारियाँ काफी बढ़ जाती हैं. आमतौर पर बढ़ते प्रदूषण और…
यौन संबंधी समस्याओं के मामले में अक्सर लोग डॉक्टर के पास जाने में हिचकिचाते हैं और खुद से ही जानकारियां…
पिछले कुछ सालों से मोटापे की समस्या से परेशान लोगों की संख्या तेजी से बढ़ती जा रही है. डॉक्टरों के…
अधिकांश लोगों का मानना है कि गौमूत्र के नियमित सेवन से शरीर निरोग रहता है. आयुर्वेदिक विशेषज्ञ भी इस बात…