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‘एन एप्पल ए डे, कीप्स डॉक्टर अवे’ अंग्रेजी की एक बहुत प्रसिद्ध कहावत है जिसके अनुसार, रोज एक सेब (apple ke fayde in hindi) खाने से डॉक्टर को दूर रखा जा सकता है। इसका कारण यह है कि सेब स्वाद में बेहतरीन होने के साथ-साथ कई प्रकार के पोषक तत्त्वों का ख़ज़ाना होता है। क्या आपको पता है कि सेब का इस्तेमाल आप औषधि के रूप में भी कर सकते हैं? जी हां, कई रोगों को ठीक करने के लिए भी सेब का प्रयोग किया जाता है।
सेब का जूस सारी दुनिया में काफी लोकप्रिय है। यह बाजार में रेडीमेड भी उपलब्ध है, लेकिन घर पर निकाला हुआ जूस अधिक फायदेमंद (apple khane ke fayde) होता है। आयुर्वेद में सेब के फायदों का विस्तार से उल्लेख मिलता है। आइये सेब के गुणों के बारे में विस्तार से जानते हैं।
सेब लाल या हरे रंग का फल है, जो विटामिन से भरपूर होता है। वैज्ञानिक भाषा में इसे ‘मेलस डोमेस्टिका’ (Melus domestica) कहते हैं। सेब का पेड़ लगभग 3 से 7 मीटर तक ऊंचा होता है। इसकी छाल भूरे रंग की होती है। इसके फूल गुलाबी से सफेद रंग या खून के रंग के होते हैं। इसके फल मांसल और लगभग गोलाकार होते हैं। कच्ची अवस्था में सेब हरे रंग का, तथा स्वाद में खट्टा होता है। पक जाने पर लाल रंग का और मीठा होता है। सेब का बीज छोटा, काले रंग का तथा चमकीला होता है।
सेब का वानस्पतिक नाम Malus sylvestris (Linn.) Mill. (मैलस सिल्वेस्ट्रिस) Syn-Pyrus malus Linn. है। यह Rosaceae (रोजेसी) परिवार का सदस्य है। भारत और दुनिया की विभिन्न भाषाओं में सेब को निम्न नामों से पुकारा जाता हैः—
Apple in –
सेब में पोषक तत्त्वों की भरमार होती है, और यही वजह है कि ज्यादातर स्वास्थ्य विशेषज्ञ रोज एक सेब खाने की सलाह देते हैं। बहुत से लोग सेब का जूस पीना पसंद करते हैं। आयुर्वेद के अनुसार, सेब त्वचा रोग, जलन, दिल का दौरा, बुखार, कब्ज की परेशानी में लाभ पहुंचाता है।यह मानसिक विकार, एसिडिटी, बुखार, हाई ब्लड प्रेशर के साथ-साथ पेचिश में भी फायदेमंद होता है। सेब का सेवन कमजोरी, बदहज़मी, सांसों की बीमारी में भी लाभदायक होता है। यह ल्यूकोरिया, दांतों की बीमारी, गठिया, पथरी, खून की कमी को दूर करता है। आइये सेब के फ़ायदों के बारे में विस्तार से जानते हैंः-
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सेब चबाकर खाने से लार अधिक बनती है, जो मुंह की साफ-सफाई करने के अलावा बैक्टीरिया को पनपने से भी रोकती है। इस प्रकार से सेब खाने से आपके दांत और मसूड़े स्वस्थ रहते हैं।
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सेब में एंटी-ऑक्सीडेंट, फाइबर, विटामिन-सी और विटामिन-बी पाया जाता है। इसके नियमित उपयोग से रात को कम दिखाई देने की परेशानी में लाभ होता है। यही नहीं, सेब आंखों की अन्य परेशानियां, जैसे— मोतियाबिंद, ग्लूकोमा आदि से भी बचाव करता है। सेब को पीसकर, पकाकर आँखों में बांधने से आँखों की बीमारियां दूर होती हैं।
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1 गिलास सेब का रस निकाल लें। इसमें मिश्री मिलाकर सुबह के समय पिएं। इससे सूखी खांसी में लाभ होता है। इससे बेहोशी की समस्या में भी फायदा होता है। सूखी खांसी में भरपूर लाभ लेने के लिए रोजाना पके हुए मीठे सेब खाने (apple ke fayde) चाहिए।
सेब का सेवन करने से पेट के रोग ठीक होते हैं। रात को सोते समय दो सेब खाएं। ऐसा कुछ दिन मतलब कम से कम 7 दिन तक करें। इससे पेट के कीड़े मरकर मल के साथ बाहर आ जाते हैं। सेब खाने के बाद रातभर पानी नहीं पिएं। खाली पेट सेब खाने से कब्ज दूर होती है। सुबह के समय छिलके सहित सेब खाने से भी कब्ज की समस्या दूर होती है।
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सेब में टार्टरिक एसिड होने के कारण यह बहुत जल्दी पच जाता है। यह अपने साथ अन्य आहार को भी पचा देता है। इसके साथ ही, सेब के मुरब्बे का सेवन करने से आमाशय-संबधी रोगों में भी लाभ होता है।
सेब के सेवन से प्यास खत्म होती है और आंत स्वस्थ बनते हैं। सेब में आंवयुक्त पेचिश मिटाने का गुण होता है, इसलिए सेब को भूनकर खाने से आंतों के रोगों में बहुत लाभ (apple ke fayde) होता है।
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अधपके सेब का 5-15 मिली मात्रा में रस पिएं। इससे उल्टी बंद हो जाती है।
पोस्त के दानों से बने काढ़ा में सेब का शर्बत मिलाकर पीने से खूनी पेचिश में लाभ होता है।
सेब के पत्तों को पीसकर लेप करने से त्वचा के रोग ठीक होते हैं। सेब के वृक्ष की जड़ को पीसकर दाद-खाज-वाले स्थान पर लगाएं। इससे लाभ होता है।
सेब ना केवल त्वचा के रोगों को ठीक करता है, बल्कि त्वचा के लिए एक बेहतरीन फेस पैक के रूप में भी काम करता है। फेस पैक के रूप में प्रयोग करने की जानकारी किसी आयुर्वेदिक विशेषज्ञ से लें।
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कई बार खाना बनाते वक्त, गर्म पानी से या फिर बिजली के किसी उपकरण से जल जाने पर त्वचा पर फफोले हो जाते हैं, जो काफी तकलीफ देते हैं। ऐसे में सेब के पत्तों को पीसकर जले हुए स्थान पर लगाएं। इससे लाभ होता है।
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रोगभ्रम उस स्थिति को कहते हैं जिसमें व्यक्ति को रोगग्रस्त होने का भ्रम हो जाता है। व्यक्ति शरीर के किसी अंग में रोग की कल्पना करने लगता है, या रोग की चिंता करने लगता है। रोगभ्रम को अंग्रेजी में Hypochondriacs कहते हैं। आयुर्वेद में इसे ‘पित्तोन्माद’ कहा जाता है। इसके लिए सेब के शर्बत में ब्राह्मी-चूर्ण मिलाकर पिएं। इससे रोगभ्रम की स्थिति में लाभ होता है।
सेब का मुरब्बा खाने से दिमाग तथा हृदय मज़बूत होता है। सेब दिमागी कोशिकाओं को स्वस्थ बनाने का काम करता है। विद्यार्थियों के लिए सेब स्मरण शक्ति और दिमागी शक्ति बढ़ाने का आसान स्रोत है।
आप बिच्छू के काटने पर भी सेब का प्रयोग कर सकते हैं। 100 मिली सेब के रस में 500 मिग्रा कर्पूर मिला लें। इसका सेवन कराने से बिच्छू का ज़हर उतर जाता है।
फल
पत्ते
छाल
आप सेब का सेवन इस तरह कर सकते हैं :-
फल – एक बार में 1 से 3 सेब
सेब का जूस – 5-15 मिली.
सेब का पूरा फायदा (benefits of Apple) लेने के लिए किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक के परामर्श लें।
सेब पर्वतीय क्षेत्रों में पैदा होने वाला फल है। यह उत्तरी-पश्चिमी हिमालय में लगभग 2,700 मीटर तक की ऊँचाई पर पैदा होता है। इसकी खेती मुख्यतः हिमाचल प्रदेश, उत्तराखण्ड और जम्मू-काश्मीर के कई क्षेत्रों में होती है। कश्मीर का सेब काफी प्रसिद्ध है।
यह मुख्यतः मध्य एशिया का फल है, लेकिन बाद में यह यूरोप में भी उगाया जाने लगा। इसे एशिया और यूरोप से उत्तरी अमेरिका बेचा जाता है। इसका यूनान और यूरोप में धार्मिक महत्व भी है।
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