Categories: स्वस्थ भोजन

गाजर खाने के फायदे एवं औषधीय गुण – Health Benefits of Carrot

Contents

गाज़र का परिचय ( Introduction of Carrot)

लाल ताजा गाजर को देखकर सबसे पहले हलवे की याद आती है। गाजर का जूस हो या हलवा हर रुप में वह स्वास्थ्य के लिए हितकर होता है। आयुर्वेद में गाजर को कई बीमारियों के लिए इलाज के तौर पर प्रयोग किया जाता है। क्योंकि गाजर में फैट न के बराबर होता है लेकिन पौष्टिकता भरपूर मात्रा में होता है, जैसे- सोडयम, पोटाशियम, कार्बोहाइड्रेड, प्रोटीन, विटामिन ए, डी, सी, बी6 आदि होते हैं।

इन पौष्टिकताओं के कारण गाजर को आधासीसी, कान का दर्द, मुँह का बदबू,पेट दर्द जैसे बीमारियों के लिए गाजर के जड़, फल और बीज का इस्तेमाल औषधि के लिए किया जाता है। चलिये गाजर के बारे में अनजाने तथ्यों के बारे में जानते हैं।

गाजर क्या है? (What is Gajar in Hindi?)

गाजर की केवल सब्जी ही नहीं, इससे हलवा, अचार, मुरब्बा, पाक आदि अनेक व्यंजन भी बनाए जाते हैं। गाजर वन्यज और कृषिजन्य दो प्रकार की होती है। रंग भेद से भी यह लाल, पीली, काली आदि अनेक तरह की होती है।

प्रकृति से गाजर तीखी, मधुर, कड़वी होती है। गाजर खून में पित्त और वात कम करने में, बवासीर, दस्त और कफ से राहत दिलाने में मदद करती  है।

राजनिघंटु के मतानुसार गाजर मधुर, रुचि बढ़ाने वाली, पेट फूलने या एसिडिटी दूर करने वाली, कृमि निकालने में, जलन-दर्द से पित्त और प्यास से राहत दिलाने वाली होती है।

जंगली गाजर-चरपरी, गर्म, कफ और वात कम करने वाली,  कुष्ठ, अर्श या पाइल्स, शूल या दर्द, दाह या जलन, दमा और हिचकी में लाभकारी होती है।

अन्य भाषाओं में गाजर के नाम (Name of Carrrot in Different Languages)

गाजर का वानास्पतिक नाम Daucus carota Linn. Subsp. sativus (Hoffm.) Arcang. (डॉकस कैरोटा भेद सैटाइवस) होता है। गाजर Apiaceae(एपिएसी) कुल का है और अंग्रेजी में इसको Carrot (कैरट) कहते हैं। भारत के विभिन्न प्रांतों में गाजर को अनेक नामों से पुकारा जाता है, जैसे-

  • Sanskrit-गर्जर;
  • Hindi-गाजर;
  • Urdu-गाजर (Gazar);
  • Kannada-गज्जटी (Gajjati);
  • Gujrati-गाजर (Gajar);
  • Tamil-गजरकीलंगू (Gajjarakilangu);
  • Telugu-गज्जारागेड्डा (Gajjaragedda);
  • Bengali-गाजरा (Gajara);
  • Nepali-गाजर (Gajar);
  • Panjabi-गाजर (Gajar);
  • Marathi-गाजरा (Gazara);
  • Malayalam-करफ्फू (Karaffu)।
  • Arbi-बजरुल (Bazrul), जाजर (Jazar);
  • Persian-गाजर (Gazar), जर्दक (Zardak),
  • Tukhm-गाजर (Tukhme-gazar)

गाजर के फायदे (Carrot Uses and Benefits in Hindi)

गाजर के गुण इतने है कि आयुर्वेद में इसको औषधि के रुप में इस्तेमाल किया जाता है। आँखों की रोशनी बढ़ाने के साथ-साथ गाजर हृदय के लिए और दूसरे किन-किन बीमारियों के लिए फायदेमंद है, आगे इसके बारे में विस्तार से जानते हैं-

माइग्रेन के दर्द से दिलाये राहत गाजर (Carrot to Get Relief from Headache in Hindi)

आम तौर पर तनाव की वजह से माइग्रेन की समस्या हो जाती है। माइग्रेन से राहत दिलाने में गाजर का घरेलू उपाय बहुत लाभकारी सिद्ध होता है।

गाजर के पत्तों को घी से चुपड़कर गर्म करके उनका रस निकालकर 2-3 बूंद नाक और कान में डालने से दर्द से राहत मिलती है।

आँखों को स्वस्थ रखती है गाजर (Carrot Beneficial for Eye health in Hindi)

आजकल कंम्यूटर पर काम दिन ब दिन बढ़ता जा रहा है। जिसके कारण आँखों को सबसे ज्यादा समस्याओं का सामना करना पड़ता है। गाजर आँखों को स्वस्थ रखने में मदद करती है।

250 ग्राम सौंफ को साफ करके कांच के पात्र में रखें, इसमें बादामी रंग की गाजरों के रस दें।  सूख जाने के बाद 5 ग्राम रोज रात में दूध के साथ सेवन करने से आँखों की रोशनी बढ़ती है।

कान दर्द करे कम गाजर (Benefits of Gajar in Ear pain in Hindi)

अगर सर्दी-खांसी या  किसी बीमारी के साइड इफेक्ट के तौर पर कान में दर्द होता है तो गाजर से इस तरह से इलाज करने पर आराम मिलता है। केले की जड़, गाजर, अदरक तथा लहसुन से पकाए हुए जल को गुनगुने गर्म पानी में 1-2 बूंद कान में डालने से कान का दर्द कम होता है।माहवारी में कम ब्लीडिंग में गाजर फायदेमंद

और पढ़ें: कान दर्द मे मूली के प्रयोग

मुंह के रोगों में फायदेमंद है गाजर ( Carrot good for Oral Health in Hindi)

गाजर का औषधीय गुण मुँह के रोगों में फायदेमंद होता है। गाजर के ताजे पत्तों को चबाने से मुँह का अल्सर, मुख में दुर्गंध, दांत के जड़ से ब्लीडिंग होने तथा पूयस्राव (पस डिस्चार्ज) में लाभ मिलता है।

खांसी करे कम गाजर (Carrot to Get Relief from Cough in Hindi)

अगर मौसम के बदलाव के कारण खांसी से परेशान है और कम होने का नाम ही नहीं ले रहा है तो गाजर से इसका इलाज किया जा सकता है। गाजर के 40-60 मिली रस में चीनी तथा काली मिर्च के चूर्ण को डालकर सेवन करने से कफ निकलने लगता है जिससे कफ संबंधी समस्या से राहत मिलती है।

हृदय को रखे स्वस्थ गाजर (Benefits of Carrot For Heart diseases in Hindi)

गाजर का इस तरह से सेवन करने से हृदय सेहतमंद रहता है। 5-6 गाजर को अंगारों पर पकाएं या कच्ची ही छीलकर रात भर बाहर ओस में रहने दें। सुबह केवड़ा या गुलाब अर्क तथा मिश्री मिलाकर खाने से हृदय के बीमारी में लाभ होता है। गाजर का हलवा खाने से भी फायदा मिलता है।

और पढ़ें – हृदय को अकरकरा रखें स्वस्थ

कमजोरी दूर करने में फायदेमंद गाजर (Benefits of Carrot for Body Weakness in Hindi)

अगर लंबे बीमारी के कारण या पौष्टिकता की कमी के वजह से कमजोरी महसूस हो रही है तो गाजर का इस तरह से सेवन करने पर लाभ मिलता है।

गाजरों को साफ करके छोटे-छोटे टुकड़े करके शहद मिले जल में उबालें, जब गाजर कुछ नरम हो जाए तो निकालकर कपड़े पर फैलाकर सुखा लें, फिर केवल शहद में उबालकर एकतार की चाशनी बनाएं और बरतन में रखें, इसके एक किलोग्राम मुरब्बे में 1-2 ग्राम दालचीनी, सोंठ, इलायची, केशर, कस्तूरी तथा जायफल डाल दें। 40 दिन बाद इस मुरब्बे का सेवन 20 से 40 ग्राम तक करें, इसके प्रयोग से उन्माद, कमजोरी तथा हृदय की बीमारी में लाभ होता है।

एनीमिया ठीक करने में मददगार गाजर (Carrot to Treat Anemia in Hindi)

खून में लौह की कमी होने के कारण लाल रक्तकण नहीं बन पाते हैं, जो एनीमिया होने का कारण होता है। गाजर को कद्दूकस कर दूध में उबालकर खीर की तरह खाने से हृदय को ताकत मिलती है, खून की कमी मिटती है।

कृमि रोग में लाभकारी गाजर (Carrot for Helminthiasis in Hindi)

बच्चों को पेट में कृमि की समस्या सबसे ज्यादा होती है। गाजर का काढ़ा बनाकर 20-40 मिली मात्रा में पीने से पेट की कृमियों से छुटकारा मिलता है।

और पढ़ें – कृमि रोग में जंगली प्याज के फायदे

अपच में लाभकारी गाजर (Carrot to treat Anorexia in Hindi)

गाजर को काटकर उसमें काली मिर्च का चूर्ण, सेंधानमक तथा पिप्पली चूर्ण डालकर खाने से अरुचि, अग्निमांद्य (पेट फूलना  तथा अजीर्ण (अपच) में लाभ होता है।

पेट के रोगों में फायदेमंद गाजर (Carrot Benefits for Abdominal Disease in Hindi)

अक्सर मसालेदार खाना खाने या असमय खाना खाने से पेट में तरह-तरह के रोग होते हैं। 10-15 मिली पत्ते के रस को एक ग्लास जल में मिलाकर उसमें मात्रानुसार नमक तथा एक चम्मच नींबू रस को मिलाकर प्रयोग करने से उदर विकारों (पेट के रोगों) में लाभ होता है।

दस्त रोके गाजर (Carrrot to Treat Diarrhoea in Hindi)

अगर ज्यादा मसालेदार खाना, पैकेज़्ड फूड या बाहर का खाना खा लेने के कारण दस्त है कि रूकने का  नाम ही नहीं ले रहा तो गाजर का घरेलू उपाय बहुत काम आयेगा। 10-20 मिली गाजर के रस को पीने से अतिसार या दस्त में लाभ होता है।

खूनी बवासीर में लाभदायक गाजर (Carrot for Haemorrhoids in Hindi)

अगर ज्यादा मसालेदार, तीखा खाने के आदि है तो खूनी बवासीर के बीमारी होने की संभावना बढ़ जाती है। उसमें  गाजर का घरेलू उपाय बहुत ही फायदेमंद साबित होता है। रक्तार्श (खूनी बवासीर) में अगर रक्त अधिक गिरता हो तो दही की मलाई के साथ 10-20 मिली गाजर का रस पीने से लाभ होता है।

और पढ़े: बवासीर में अभयारिष्ट के फायदे

बवासीर या पाइल्स से राहत दिलाये गाजर (Carrot to Treat Piles in Hindi)

आजकल के व्यस्त जीवनशैली और असंतुलित आहार योजना के कारण बवासीर की समस्या होती है। अनारदाना या खट्टे अनार के रस तथा दही के साथ पकाया हुआ गाजर का शाक बवासीर में लाभकारी होता है।

गर्भाशय के शोधन में मददगार गाजर (Carrot Benefits for Uterus Cleaning Process in Hindi)

गाजर के बीज 20 ग्राम तथा सोया, मूली, प्याज, पालक, बथुआ, मेथी व अजवायन इन सबके बीज 3-3 ग्राम धमासा, कुटकी, बैंगन, इन्द्रायन, उलट कंबल तथा ऊंटकटारा इन सबकी जड़ 3-3 ग्राम तथा बांस की लकड़ी का चूरा 3 ग्राम, इसमें 20 ग्राम गुड़ मिलाकर 1 ली पानी में काढ़ा बनायें।  100 मिली शेष रहने पर इसकी 3 मात्रा (30 मिली) स्त्री को तीन बार पिलाने से गर्भाशय का शोधन होता है। इसके अलावा जंगली गाजर को कद्दूकस करके इसके रस में कपड़े को तर करके योनि में रखने से गर्भाशय शुद्ध हो जाता है।

प्रसव पीड़ा यानि डिलीवरी का कष्ट करे कम गाजर (Carrot to Get Relieve from Pain During Labour  in Hindi)

डिलीवरी के कष्ट को कम करने में गाजर बहुत मदद करती है। 10 ग्राम गाजर बीज तथा 100 ग्राम पत्तों को मिलाकर काढ़ा बनायें। बने हुए काढ़े को 20-30 मिली मात्रा में पिलाने से प्रसव कष्ट कम होता है। योनि में गाजर के बीजों की धूनी देने से भी कष्ट कम होता है।

जलने के कष्ट को करे कम गाजर (Carrot Heals Burn Injury in Hindi)

हाथ के जल जाने पर गाजर का इस्तेमाल ऐसे करने पर जलन और दर्द से जल्दी आराम मिलता है। गाजर को उबालकर, पीसकर जले हुए स्थान पर लेप करने से लाभ होता है तथा नमक डालकर बांधने से पित्त के कारण जो सूजन होती है उससे राहत मिलती है।

खुजली से दिलाये आराम गाजर (Carrot for Scabies in Hindi)

आजकल के प्रदूषण भरे वातावरण में त्वचा संबंधी रोग यानि खुजली होने का खतरा बढ़ता ही जा रहा है। गाजर इस समस्या से राहत दिलाने में मदद करती है। गाजर के रस को लगाने से त्वचा रूखी तथा खुजली से छुटकारा मिलता है।

यौन क्षमता बढ़ाने में मददगार गाजर (Carrot Increases Sexual Stamina in Hiमाहवारी में कम ब्लीडिंग में गाजर फायदेमंदndi)

1.5 किग्रा गाजर के मध्य के अस्थिमय भाग को निकाल कर, 150 ग्राम घी में भूनकर, मिश्री चूर्ण मिलाकर, केसरयुक्त मिश्री की चासनी में डुबो कर, ऊपर से इलायची, बादाम तथा पिस्ते का चूर्ण प्रक्षेपित करके सुरक्षित रख लें। 10-20 मात्रा में ग्राम सेवन करने से दाह या जलन, प्रमेह या डायबिटीज, रक्तपित्त (नाक-कान से खून बहना), पिपासा या प्यास, प्रदर या गोनोरिया आदि का निवारण होता है।

बच्चों में दस्त रोके गाजर (Carrot Benefits for Diarrhoea in Children in Hindi)

अगर ज्यादा पैकेज़्ड फूड या बाहर का खाना खा लेने के कारण दस्त है कि रूकने का  नाम ही नहीं ले रहा तो गाजर का घरेलू उपाय बहुत काम आयेगा। पकी हुई गाजर को सुखाकर, जल में घिसकर, बताशों के साथ सेवन कराने से बालातिसार में लाभ होता है।

गाजर का उपयोगी भाग (Useful Parts of Carrot)

गाजर की जड़, फल एवं बीज का इस्तेमाल औषधि के रुप में किया जाता है।

गाजर का इस्तेमाल कैसे करनी चाहिए? (How to Use Carrot in Hindi?)

बीमारी के लिए गाजर के सेवन और इस्तेमाल का तरीका पहले ही बताया गया है। अगर आप किसी ख़ास बीमारी के इलाज के लिए गाजर का उपयोग कर रहे हैं तो आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह ज़रूर लें।

चिकित्सक के परामर्श के अनुसार 20-40 मिली गाजर के रस का सेवन करना चाहिए।

गाजर कहां पाई और उगायी जाती है? (Where is Carrot Found or Grown in Hindi?)

भारत के अधिकांश जगहों में गाजर पाई जाती है।

और पढ़ें पत्ता गोभी और गाजर से गैस्ट्रिक अल्सर का उपचार

और पढ़ें :

आचार्य श्री बालकृष्ण

आचार्य बालकृष्ण, आयुर्वेदिक विशेषज्ञ और पतंजलि योगपीठ के संस्थापक स्तंभ हैं। चार्य बालकृष्ण जी एक प्रसिद्ध विद्वान और एक महान गुरु है, जिनके मार्गदर्शन और नेतृत्व में आयुर्वेदिक उपचार और अनुसंधान ने नए आयामों को छूआ है।

Share
Published by
आचार्य श्री बालकृष्ण

Recent Posts

कब्ज से छुटकारा पाने के लिए अपनाएं पतंजलि दिव्य त्रिफला चूर्ण

आयुर्वेदिक ग्रंथों के अनुसार, त्रिफला चूर्ण पेट से जुड़ी समस्याओं के लिए बेहद फायदेमंद है. जिन लोगों को अपच, बदहजमी…

12 months ago

डायबिटीज को नियंत्रित रखने में सहायक है पतंजलि दिव्य मधुनाशिनी वटी एक्स्ट्रा पावर

डायबिटीज की बात की जाए तो भारत में इस बीमारी के मरीजों की संख्या साल दर साल बढ़ती जा रही…

12 months ago

त्वचा से जुड़ी समस्याओं के इलाज में उपयोगी है पतंजलि दिव्य कायाकल्प वटी

मौसम बदलने पर या मानसून सीजन में त्वचा से संबंधित बीमारियाँ काफी बढ़ जाती हैं. आमतौर पर बढ़ते प्रदूषण और…

1 year ago

युवाओं के लिए अमृत है पतंजलि दिव्य यौवनामृत वटी, जानिए अन्य फायदे

यौन संबंधी समस्याओं के मामले में अक्सर लोग डॉक्टर के पास जाने में हिचकिचाते हैं और खुद से ही जानकारियां…

1 year ago

मोटापे से छुटकारा पाने के लिए अपनाएं पतंजलि मेदोहर वटी

पिछले कुछ सालों से मोटापे की समस्या से परेशान लोगों की संख्या तेजी से बढ़ती जा रही है. डॉक्टरों के…

1 year ago

पेट से जुड़े रोगों को ठीक करती है पतंजलि दिव्य गोधन अर्क, जानिए सेवन का तरीका

अधिकांश लोगों का मानना है कि गौमूत्र के नियमित सेवन से शरीर निरोग रहता है. आयुर्वेदिक विशेषज्ञ भी इस बात…

1 year ago