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उड़द एक दलहन होता है और इसका तासीर भी ठंडा होता है। इसलिए उड़द दाल को घी में हींग का छौंक डालकर बनाया जाता है। इसमें जो अनगिनत गुण होते हैं वह न सिर्फ खाना को स्वादिष्ट ही बनाता है वरन् कई तरह के बीमारियों के लिए वरदान जैसा साबित होता है। उड़द दाल में बहुत सारे पौष्टिक तत्व होते हैं जिसके कारण इस दाल को सिर दर्द, नकसीर, बुखार, सूजन जैसे अनेक बीमारियों के इलाज (benefits of urad dal) करने के लिए प्रयोग किया जाता है। उड़द दाल किन-किन बीमारियों के लिए फायदेमंद होता है इस बात को जानने के लिए चलिये इसके बारे में विस्तार से जानते है।
उड़द काली तथा हरी आदि कई तरह की होती है। सब प्रकार के उड़दों में काले रंग की उड़द उत्तम मानी जाती है। वैद्यक ग्रन्थों में अनेक पौष्टिक प्रयोगों में उड़द की प्रशंसा की गई है। वास्तव में आमिष भोजियों के लिए जिस प्रकार मांस पुष्टिदायक माना जाता है, उसी प्रकार या उससे बढ़कर निरामिष भोजियों के लिए माष अर्थात् उड़द मांसवर्धक और पुष्टिकर होता है।
उड़द दाल के फायदों (benefits of urad dal) के बारे में जितना बोले कम होगा, क्योंकि इसमें कैल्शियम, पोटाशियम, आयरन, फैट, जिंक जैसे अनेक पौष्टिक तत्व हैं जो न सिर्फ स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है बल्कि यौन स्वास्थ्य के परेशानियों को सुधारने में भी मदद करते हैं। उड़द प्रकृति से मधुर, गर्म तासीर की होती है। उड़द की दाल वात कम करने वाली, शक्तिवर्द्धक, खाने में रुची बढ़ाने वाली, कफपित्तवर्धक, शुक्राणु बढ़ाने वाली, वजन बढ़ाने वाली,रक्तपित्त के प्रकोप को कम करने वाली, मूत्र संबंधी समस्या में फायदेमंद, तथा परिश्रम करने वालों के लिए उपयुक्त आहार होता है। इसका प्रयोग पाइल्स, सांस की परेशानी में लाभप्रद होता है। इसके अलावा उड़द की जड़ अनिद्रा की बीमारी में बहुत फायदेमंद होती है क्योंकि इसके सेवन से नींद आती है।
उड़द दाल का वानस्पतिक नाम Vigna mungo (L.) Hepper (विग्ना मूंगो) होता है। इसका कुल Fabaceae (फैबेसी) होता है। उड़द दाल का अंग्रेजी नाम Black gram (ब्लैक ग्राम) है। लेकिन उड़द दाल को भारत के अन्य प्रांतों में भिन्न-भिन्न नामों से पुकारा जाता है। जैसे-
Urad dal in-
उड़द दाल तो सब खाते हैं लेकिन इसके फायदों (urad ki daal ke fayde in hindi) के बारे में कितने लोगो को पता है। उड़द दाल के अनगिनत गुणों के आधार पर ही आयुर्वेद में इसको उपचार स्वरुप प्रयोग में लाया जाता है। चलिये अब जानते हैं कि उड़द दाल कैसे और किन-किन बीमारियों के लिए फायदेमंद है-
अगर आपको काम के तनाव और भागदौड़ भरी जिंदगी के वजह से सिरदर्द की शिकायत रहती है तो उड़द का घरेलू उपाय बहुत लाभकारी सिद्ध होगा। 50 ग्राम उड़द को 100 मिली दूध में पकाकर उसमें घी डालकर खाने से वात के कारण जो सिर दर्द होता है उससे राहत मिलती है।
उड़द को जलाकर उसकी भस्म बनाकर, उसमें चतुर्थांश अर्कदूध तथा सरसों तेल मिलाकर लेप बना लें। इसको सिर पर लगाने से सिर के रोग, गंजापन, बालों की सफेदी आदि कम होती है।
कुछ लोगों को अत्यधिक गर्मी या ठंड के कारण भी नाक से खून बहने की समस्या होती है। उड़द दाल से बना घरेलू उपाय नाक से खून बहना कम करने में काम आता है। उड़द के आटे का तालू पर लेप करने से नाक से खून (नकसीर) आना कम होता है।
उड़द का यूष या जूस बनाकर 10-20 मिली की मात्रा में सेवन कराने से लीवर की बीमारियों से राहत मिलती है।
उड़द दाल का औषधीय गुण लकवे के परेशानी से राहत दिलाने में फायदेमंद होता है।
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अक्सर उम्र बढ़ने के साथ जोड़ों में दर्द होने की परेशानी शुरू हो जाती है लेकिन उड़द दाल का सेवन करने से इससे आराम मिलता है।
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उड़द के आटे से बने हुए खाने को मक्खन के साथ खाकर, दशमूल काढ़े का सेवन करने से अर्दित रोग या मुँह के लकवे में बहुत फायदा पहुँचता है।
कभी-कभी अल्सर का घाव सूखने में बहुत देर लगता है या फिर सूखने पर पास ही दूसरा घाव निकल आता है, ऐसे में उड़द की दाल का प्रयोग बहुत ही फायदेमंद होता है। उड़द को पीसकर घाव/ व्रण के ऊपर बांधने से पीब निकल जाता है तथा घाव ठीक हो जाता है।
अगर मौसम के बदलने के वजह से या किसी संक्रमण के कारण बुखार हुआ है तो उसके लक्षणों से राहत दिलाने में उड़द की दाल बहुत मदद करती है। उड़द का जूस बनाकर 10-20 मिली मात्रा में सेवन करने से बुखार कम होता है।
अगर किसी चोट के कारण या बीमारी के वजह से किसी अंग में हुए सूजन से परेशान है तो उड़द दाल के द्वारा किया गया घरेलू इलाज बहुत ही फायदेमंद होता है।
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आजकल की जीवनशैली और आहार का बुरा असर सेक्स लाइफ पर पड़ रहा है जिसके कारण सेक्स संबंधी समस्याएं होने लगी हैं। स्पर्म काउन्ट बढ़ाने के लिए उड़द दाल का इस तरह से सेवन करने पर जल्दी लाभ मिलता है।
अगर किसी बीमारी के कारण या तनाव के कारण सेक्स संबंधी समस्या हो रही है तो उड़द दाल का सेवन इस तरह से करने पर लाभ मिलेगा।
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चिकित्सक के परामर्शानुसार उड़द दाल के बीज, जड़ एवं पञ्चाङ्ग का औषधि के रुप में सबसे ज्यादा प्रयोग किया जाता है।
बीमारी के लिए उड़द दाल के सेवन और इस्तेमाल का तरीका पहले ही बताया गया है। अगर आप किसी ख़ास बीमारी के इलाज के लिए उड़द दाल का उपयोग कर रहे हैं तो आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह ज़रूर लें।
उड़द का उपयोग दाल के रुप में प्राय: समस्त भारत वर्ष में किया जाता है। समस्त भारत में इसकी खेती की जाती है।
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