रूमेटाइड अर्थराइटिस को गठिया रोग भी कहते हैं। इस बीमारी में रोगी को हड्डियों के जोड़ों में सूजन हो जाती है, और जोड़ों में दर्द होने लगता है। उम्र के बढ़ने, और अस्वस्थ खान-पान के कारण रूमेटाइड अर्थराइटिस (गठिया) की समस्या हो सकती है। डॉक्टरों के अनुसार, रूमेटाइड अर्थराइटिस रोग महिलाओं में ज्यादा पाई जाती है, और अधिकांशतः 40 वर्ष की उम्र के बाद ही होती है। क्या आपको पता है कि रूमेटाइड अर्थराइटिस से ग्रस्त होने पर आपकी डाइट कैसी होनी चाहिए। दरअसल किसी भी बीमारी में दवा का पूरा असर तभी होता है जब उचित खान-पान और परहेज किए जाएं। इसलिए यहां रूमेटाइड अर्थराइटिस (गठिया) के लिए डाइट चार्ट बताया जा रहा है।
गठिया के इस डाइट प्लान को अपनाकर आप ना सिर्फ बीमारी को नियंत्रित कर सकते हैं बल्कि ज्यादा और जल्द राहत पा सकते हैं।
Contents
रूमेटाइड अर्थराइटिस (गठिया) से ग्रस्त होने पर आपकी डाइट ऐसी होनी चाहिएः-
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रूमेटाइड अर्थराइटिस (गठिया) से ग्रस्त होने पर इनका सेवन नहीं करना चाहिएःः-
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रूमेटाइड अर्थराइटिस (गठिया) से पीड़ित होने पर सुबह उठकर दांतों को साफ करने (बिना कुल्ला किये) से पहले खाली पेट 1-2 गिलास गुनगुना पानी पिएं। नाश्ते से पहले पतंजलि आवंला व एलोवेरा रस पिएं। इसके साथ ही इन बातों का पालन करें।
समय | आहार योजना (शाकाहार) |
नाश्ता (8 :30 AM) | 1 कप पतंजलि दिव्य पेय दूध रहित + 2-3 आरोग्य बिस्कुट पतंजलि) /पोहा /उपमा (सूजी) /दलिया (नमकीन) / अंकुरित अनाज / 2 पतली रोटी (पतंजलि मिश्रित अनाज आटा) + 1 कटोरी सब्जी/ फलों का सलाद (केला, सेब, पपीता) |
दिन का भोजन (12:30-01:30 PM) | 1-2 पतली रोटियां (पतंजलि मिश्रित अनाज आटा)+ 1 कटोरी हरी सब्जिया (उबली हुई) + 1 कटोरी दाल मूंग (पतली) + 1प्लेट सलाद |
शाम का नाश्ता (05:30-06:00pm pm) | 1 पतंजलिकप दिव्य पेय + 2-3 आरोग्य बिस्कुट (पतंजलि) /सब्जियों का सूप |
रात का भोजन (7:00 – 8:00 Pm) | 1-2 पतली रोटियां (पतंजलि मिश्रित अनाज आटा) + 1 कटोरी रेशेदार हरी सब्जियां + 1 कटोरी दाल मूंग (पतली) |
सोने के पहले (30 mint) | 10-15 ml एरण्ड का तेल 1कप दूध /गुनगुने पानी से लें |
सलाह: यदि मरीज को चाय की आदत है तो इसके स्थान पर 1 कप पतंजलि दिव्य पेय दे सकते हैं |
गठिया से ग्रस्त होने पर आपकी जीवनशैली ऐसी होनी चाहिएः-
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गठिया से पीड़ित होने पर इन बातों का ध्यान जरूर रखेंः-
(1) ध्यान एवं योग का अभ्यास रोज करें।
(2) ताजा एवं हल्का गर्म भोजन अवश्य करें।
(3) भोजन धीरे-धीरे शांत स्थान में शांतिपूर्वक, सकारात्मक एवं खुश मन से करें।
(4) तीन से चार बार भोजन अवश्य करें।
(5) किसी भी समय का भोजन नहीं त्यागें एवं अत्यधिक भोजन से परहेज करें।
(6) हफ्ते में एक बार उपवास करें।
(7) अमाशय का 1/3rd / 1/4th भाग रिक्त छोड़ें।
(8) भोजन को अच्छी प्रकार से चबाकर एवं धीरे–धीरे खायें।
(9) भोजन लेने के बाद 3-5 मिनट टहलें।
(10) सूर्यादय से पहले [5:30 – 6:30 am] जाग जायें।
(11) रोज दो बार दांतों को साफ करें।
(12) रोज जिव्हा करें।
(13) भोजन लेने के बाद थोड़ा टहलें।
(14) रात में सही समय [9-10 PM] पर नींद लें।
गठिया से पीड़ित होने पर आप ये योग और आसन कर सकते हैंः-
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