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Wheat: गेहूं के फायदे हैरान कर देंगे आपको- Acharya Balkrishan Ji (Patanjali)

Contents

गेहूं का परिचय (Introduction of Wheat)

गेहूं (wheat in hindi) की रोटी बनती है जिसे आप सभी रोज खाते होंगे। गेहूं से कई और भी तरह के स्वादिष्ट, खाद्य पदार्थ तैयार किए जाते हैं। इसकी भूसी (चोकर) जानवरों के लिए बहुत उपयोगी होती है। इसके अलावा क्या आप जानते हैं कि गेंहू का उपयोग रोगों को ठीक करने के लिए भी किया जाता है। जी हां, आप जिन गेहूं की रोटी का रोज भोजन करते हैं उसका औषधीय प्रयोग भी किया जाता है।

What is Wheat?

Wheat Called in Different Languages

Benefits and Uses of Wheat

  • Uses of Wheat in Cure Cough
  • Benefits of Wheat in Cure Chest Pain
  • Wheat Benefits for Heart Related Problems
  • Wheat Uses in Cure Abdominal Disease
  • Uses of Wheat in Controlling Diabetes
  • Benefits of Wheat in Cure Kidney Stone
  • Wheat Benefits for Treatment of Testicle Related Problems
  • Wheat Uses for Cure Vaginal Problems
  • Uses of Wheat in Gout Treatment
  • Benefits of Wheat in Bone Fracture Treatment
  • Wheat Benefits in Leprosy Treatment
  • Wheat Uses in Wound Healing
  • Uses of Wheat to Treat Skin Disease
  • Benefits of Wheat in Fire Burn
  • Wheat is Beneficial in cancer
  • Benefits of Wheat in Increasing Sex Stamina and Impotence

How to Use Wheat?

Doses of Wheat

Side Effects of Wheat

Where is Wheat Found and Grown

आपके लिए यह जानकारी बहुत ही महत्वपूर्ण है क्योंकि गेहूं हर घर में होता है। आप भी गेंहू के औषधीय प्रयोग की जानकारी ले लीजिए ताकि बीमार होने की स्थिति में रोगों को ठीक करने में गेंहू का पूरी तरह इस्तेमाल कर सकें।

गेहूं क्या है? (What is Wheat?)

इसकी ऊंचाई 60 से 150 सेमी होती है। इसका तना खोखला और होता है और इसमें गांठें होती हैं। इसकी पत्तियां लंबी और संकरी होती हैं। पत्तियों पर धारियां बनी होती हैं। इसके फल पीले, खूनी लाल या भूरे रंग के होते हैं। ये फल गोलाकार, फूले हुए व दोनों सिरों पर चपटे होते हैं। इसके एक भाग में गहरी धारी बनी होती है।

आयुर्वेद के ग्रंथ भावप्रकाश निघण्टु में इसके तीन किस्मों के बारे में बताया गया है-

  1. 1. महागोधूम (इसके दाने बड़े होते हैं),
  2. 2. मधूली (यह महागोधूम की अपेक्षा कुछ छोटा होता है) और
  3. 3. दीर्घ गोधूम या नन्दीमुख (यह शूक रहित होता है यानी इसका अगला हिस्सा नुकीला नहीं होता है)।

गेहूं (wheat in hindi) खाद्यान्न फसल होने के साथ साथ औषधीय गुणों से भरपूर अन्न है। इसका नियमित सेवन कई बीमारियों को दूर रखता है। खांसी, दर्द, गैस, हृदय रोग इत्यादि में गेहूं बहुत ही गुणकारी है। गेहूं की हरेक प्रजाति इन गुणों से भरपूर होती है।

अन्य भाषाओं में गेहूं के नाम (Wheat Called in Different Languages)

गेहूं पोएसी (Poaceae) कुल का पौधा है। इसका वानस्पतिक (वैज्ञानिक) नाम  ट्रिटिकम एस्टिवम (Triticum aestivum Linn) है। वनस्पति विज्ञान में इसे Triticum vulgare Villars, Triticum sativum Lam नामों से भी जाना जाता है। अंग्रेजी में इसे Wheat (व्हीट), Common wheat  (कॉमन ह्वीट), Common bread wheat( कॉमन ब्रेड व्हीट)आदि नामों से जाना जाता है। आइए हम जानते हैं कि हिंदी समेत अन्य भाषाओं में इसके क्या-क्या नाम हैं।

Wheat in –

  • Hindi (wheat in hindi) हिन्दी-गेहूँ, कनक
  • English – Wheat (ह्वीट), Common wheat  (कॉमन ह्वीट), Common bread wheat( कॉमन ब्रेड व्हीट)
  • Sanskritगोधूम, सुमन, यवानक, निष्तुषा, नन्दीमुख, क्षिरि, रसाल
  • Oriya – गहना (Gahna)
  • Gujaratiघउ (Ghau), घेऊ (Gheu), गोवम (Govum), घवम (Ghavum)
  • Telugu – गोदुमुलु (Godumulu)
  • Tamil – गोदूमाई (Godumai), गोदूनारी (Godunari), गोदुम्बईयरीसी (Godumbaiyarisi)
  • Bengali – बंगाली-गम (Gam), गीउं (Giun), गोम (Gom)
  • Nepali – गेहुँ (Gehun)
  • Punjabi – गंधूम (Gandhum), गंधम (Gandham), दो (Do), द्रो (Dro), गेंहू (Gehun)
  • Marathi – गेहूँ (Gahum), कपाले (Kapale), मारघुम (Marghum), गोहुम (Gohum), गोहींग (Gohing)
  • Malayalam – गेंदुम (Gendum), कोटनपाम (Kotanpam), गोटम्पु (Gotumpu)
  • Kannada – गोधी (Godhi)
  • Manipur गेहुँ (Gehun)
  • Arabic – बर्र (Barr), हिन्टाह (Hintah)
  • Persian – गंदुम (Gandum)

गेहूं के प्रयोग व लाभ (Benefits and Uses of Wheat in Hindi)

गेहूं में आयुर्वेदीय गुणों का भरपूर भण्डार है। इसकी तासीर ठंडी होती है। यह चिकना होता है तथा गैस और पित्त को नियंत्रित करने में मददगार होता है। गेहूं ताकत बढ़ाने वाला, पोषण देने वाला और वीर्य बढ़ाने वाला होता है। गेहूं भूख बढ़ाने में सहायक (gehu benefits) होता है। छोटा गेहूं भी वीर्य बढ़ाने वाला, कफ को दूर करने वाला, और पुष्टिकारक होता है। यह छोटे-मोटे रोगों को दूर करने में मदद करता है। आइए गेहूं के इस्तेमाल से संबंधित पूरी जानकारी लेते हैंः-

गेहूं के सेवन से खांसी का इलाज (Uses of Wheat in Cure Cough in Hindi)

  • गेहूँ, जौ और काकोली इत्यादि गण की औषधियों के 2 से 4 ग्राम बारीक चूर्ण को दूध, शहद और घी के साथ मिलाकर सेवन करने से तमाम तरह की खांसी में लाभ होता है। खांसी चाहे पित्त असंतुलन के कारण होती हो या टीबी की बीमारी अथवा अन्य कारण से हो। हर तरह की खांसी में इससे लाभ होता है।
  • गेहूं के 2 से 4 ग्राम चूर्ण को दूध के साथ लेने से भी पित्त असंतुलन के कारण हुई खांसी में काफी राहत मिलती है।
  • 15-20 ग्राम गेहूं को 250 मिलीलीटर पानी में पकाएं। 1/3 भाग शेष रह जाने पर उसमें स्वादा के अनुसार सेंधा नमक मिलाकर पिलाने से भी खांसी मिटती है।

छाती में दर्द होने पर करें गेहूं का सेवन (Benefits of Wheat in Cure Chest Pain in Hindi)

छाती में दर्द होने पर गेहूं की चोकर को पीस लें। इसे पानी में मिलाकर हलका गुनगुना करके छाती पर लेप करें। छाती का दर्द जल्द शांत (gehu benefits) होता है।

हृदय रोगों के उपचार में गेहूं का प्रयोग लाभदायक (Wheat Benefits for Heart Related Problems in Hindi)

गेहूं और अर्जुन की छाल की बराबर-बराबर मात्रा से चूर्ण बना लें। इसकी 2 से 4 ग्राम मात्रा को गुड़, घी तथा तेल में पकाकर खाने से हृदय के रोगों में लाभ होता है। इस योग के सेवन के बाद केवल दूध पीने से भी इन रोगों में लाभ होता है।

इसके अलावा, गेहूँ  (gehu) तथा अर्जुन की छाल के चूर्ण को गाय के घी और बकरी के दूध में पकाएं। इसमें शहद और शक्कर के साथ मिलाकर सेवन करने से भी हृदय रोगों में लाभ होता है।

पेट के रोग में गेहूं का उपयोग लाभदायक (Wheat Uses in Cure Abdominal Disease in Hindi)

पुराने गेहूँ के चूर्ण से बने खाद्य पदार्थों का शहद के साथ सेवन करने से पेट संबंधी दिक्कतों, पेट का दर्द इत्यादि में लाभ होता है।

अपच और भूख न लगने जैसी परेशानी में इस तरह की बीमारियों का सामना कर रहे व्यक्ति को गेहूं के चोकर की रोटी बनाकर खिलाने से फायदा होता है।

डायबिटीज में लाभदायक गेहूं का इस्तेमाल (Uses of Wheat in Controlling Diabetes in Hindi)

गेहूं  से बने आहारों का नियमित सेवन करना डायबिटीज में सुधार (ankurit gehu for diabetes) करने वाला होता है।

पथरी को गलाने के लिए करें गेहूं का इस्तेमाल (Benefits of Wheat in Cure Kidney Stone in Hindi)

मूत्राशय की छोटी पथरी का इलाज करने के लिए गेहूं का प्रयोग किया जा सकता है। गेहूं और चने का काढ़ा बना लें। इसे 15-20 मिलीलीटर मात्रा में पिलाने से किडनी और मूत्राशय की छोटी पथरी गलकर (gehu benefits) निकल जाती है।

गेहूं के सेवन से अंडकोष के दर्द का इलाज (Wheat Benefits for Treatment of Testicle Related Problems in Hindi)

अंडकोष बढ़ने के कारण दर्द हो रहा हो तो, इसके निदान के लिए भेड़ का दूध लें। इसमें गेहूं और कुन्दरु के चूर्ण को गर्म करें। इसे अंडकोष पर लेप करने से दर्द शीघ्र शांत हो जाता है।

योनि रोगों के उपचार के लिए करें गेहूं का प्रयोग (Wheat Uses for Cure Vaginal Problems in Hindi)

योनि में होने वाली खुजली, गांठ आदि की स्थिति में गेहूं का आटा और रेवतिका को घोल का प्रयोग करना चाहिए। इस घोल को गुनगुना कर योनि पर इसका लेप कर सेंकने से इन समस्याओं में लाभ होता है।

और पढ़े: योनि रोग में रेवंदचीनी से लाभ

गठिया में लाभदायक गेहूं का उपयोग (Uses of Wheat in Gout Treatment in Hindi )

गेहूं  (gehu) के चूर्ण को बकरी का दूध और घी में मिलाकर गठिया या जोड़ों के दर्द वाले स्थान पर लेप के रूप में लगाएं। इससे गठिया में लाभ होता है।

टूटी हड्डियों को जोड़ने में भी गेहूं का है उपयोग (Benefits of Wheat in Bone Fracture Treatment in Hindi )

जिनकी हड्डी टूटी हो, वे, अस्थि शृंखला (हड़जोड़), लाख, गेहूं और अर्जुन की छाल को बराबर-बराबर मात्रा में मिला लें। इससे तैयार चूर्ण की 5 से 10 ग्राम मात्रा में घी मिलाकर या पकाकर सेवन करने के बाद दूध पीने से लाभ होता है। हड्डियों के टूटने और इनके अपने स्थान से खिसकने की स्थिति में भी इस योग से लाभ होता है।

कुष्ठ रोग में गेहूं से फायदा (Wheat Benefits in Leprosy Treatment in Hindi)

गेहूं के अनेक प्रकार के खाद्य पदार्थ बनाकर उनका सेवन करना कुष्ठ रोग में लाभ देता है।

घाव सुखाने में गेहूं लाभदायक (Wheat Uses in Wound Healing in Hindi)

घाव भरने में मटर, कलाय, मसूर, गेहूं और निर्गुण्डी के बीज का मिश्रण सहायक होता है। इस मिश्रण को पीसकर घाव पर लगाने से घाव का दर्द जल्द दूर होता है और इसका मवाद खत्म हो जाता है।

चर्म रोगों के इलाज में गेहूं से लाभ (Uses of Wheat to Treat Skin Disease in Hindi)

  • गेहूं का चोकर चर्म रोगों में बहुत लाभदायक होता है। इसमें लाभ के लिए चोकर का क्वाथ (काढ़ा) बनाकर, उसे ठंडा करके स्नान योग्य जल में मिला लें। इस जल से स्नान करने से चर्म रोगों में लाभ (gehu benefits) होता है।
  • इससे त्वचा की दुर्गंध मिटती है।
  • दाद, खाज या खुजली में प्रभावित अंगों पर गेहूँ के आटे का लेप करने से खुजली धीरे धीरे खत्म हो जाती है।

आग से जलने वाले अंग पर गेहूं का प्रयोग फायदेमंद (Benefits of Wheat in Fire Burn in Hindi)

आग  (gehu) से जले हुए स्थान पर गेहूं के आटे का लेप करने से जलने से होने वाली पीड़ा, सूजन तथा दाह खत्म होती है।

गेहूं के आटे का लेप बनाकर लगाने से खुजली, जलन तथा फुंसियां ठीक होती हैं।

कैंसर के इलाज में गेहूं के ज्वारे से लाभ (Wheat is Beneficial in cancer in Hindi)

गेहूं के पांचछह पत्तों वाले अंकुरण (ज्वारे) का रस बहुत ही गुणकारी होटा है। यह अनेक रोगों में काम आता है। खासकर, कैंसर, डायबिटीज और बुखार में यह अधिक प्रभावी (gehu benefits) है। ज्वारे का रस निकालकर इसके 10 से 15 मिलीलीटर रस में 15 मिलीलीटर गिलोय का रस, 5 मिलीलीटर नीम पत्ती का रस और 5 मिलीलीटर तुलसी पत्ती का रस मिलाएं। इसे पिलाने से इन रोगों बहुत ही में तेजी से लाभ होता है।

और पढ़ें: कैंसर के इलाज में गिलोय के फायदे

कामशक्ति और नपुंसकता में गेहूं के प्रयोग से फायदा (Benefits of Wheat in Increasing Sex Stamina and Impotence in Hindi)

काम शक्ति (Sex Stamina) बढ़ाने के लिए भी गेहूं मददगार होता है। इसके लिए केवांच के बीज और गेहूं को दूध में पकाएं। इसे ठंडा कर उसमें घी मिलाकर पीने से काम शक्ति बढ़ती है और बच्चे पैदा करने की संभावना बढ़ जाती है।

गेहूं के प्रयोग के तरीके (How to Use Wheat?)

गेहूं  (gehu) से संबंधित इन चीजों का प्रयोग दवा बनाने के लिए किया जाता है:-

  1. बीज (Grains)
  2. गेहूँ का चोकर (Wheat bran)
  3. ताजी पत्तियां (ज्वारा)

उपरोक्त अंगों के औषधि रूप में प्रयोग के विभिन्न तरीके ऊपर बताये गए हैं। उसके अनुसार चिकित्सक के परामर्श से औषधि बनाकर इसका सेवन किया जा सकता है।

गेहूं के सेवन की मात्रा (Doses of Wheat)

  1. ज्वारा रस – 20-50 मिलीलीटर
  2. अन्य मात्रा या रूप में चिकित्सक के परामर्श के अनुसार।

गेहूं के प्रयोग के नुकसान (Side Effects of Wheat)

गेहूं से बनी औषधियों के प्रयोग से सामान्य तौर पर किसी नुकसान की जानकारी नहीं है। फिर भी औषधि रूप में प्रयोग से पहले चिकित्सक सलाह अवश्य लेनी चाहिए।

गेहूं कहां पाया या उगाया जाता है (Where is Wheat Found and Grown)

गेहूं (gehu) एक खाद्यान्न फसल है। यह सीधा और शाक प्रकृति का पौधा होता है। गेहूं की खेती भारत के तकरीबन समस्त हिस्सों में होती है। विशेष तौर पर यह उत्तर भारत और दक्षिणी प्रायद्वीप के अलावा उत्तर-पश्चिमी भारत में समुद्र तल से 4300 मीटर तक की ऊंचाई वाले क्षेत्रों में उगाया जाता है। इसकी खेती दिसंबर से अप्रैल के बीच होती है।

आचार्य श्री बालकृष्ण

आचार्य बालकृष्ण, आयुर्वेदिक विशेषज्ञ और पतंजलि योगपीठ के संस्थापक स्तंभ हैं। चार्य बालकृष्ण जी एक प्रसिद्ध विद्वान और एक महान गुरु है, जिनके मार्गदर्शन और नेतृत्व में आयुर्वेदिक उपचार और अनुसंधान ने नए आयामों को छूआ है।

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