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आपने खीरा खाया होगा। सभी लोग खीरा खाते हैं। प्रायः खीरा का सेवन सलाद के रूप में किया जाता है लेकिन इसके अलावा भी खीरा का इस्तेमाल कई तरह के व्यंजन बनाने के लिए किया जाता है। आमतौर पर लोग यह जानते हैं कि खीरा पेट के लिए ठंडा होता है और इससे शरीर को फायदा होता है। लोग यह नहीं जानते होंगे कि कई बीमारियों को ठीक करने के लिए एक औषधि के रूप में भी खीरा का उपयोग किया जाता है।
खीरा पचने में भारी, पित्त को शांत करने वाला, कफ और वात को बढ़ाने वाला, मूत्र रोग में फायदेमंद होता है। यह मोटापा कम करने और पीलिया रोग को ठीक करने का काम आता है। पथरी को गलाता है। उलटी को रोकता है। इसके बीज समान गुण वाले ही होते हैं।
आकार तथा रंग-रूप के आधार पर खीरा की कई प्रजातियां होती हैं। इसकी फैलने वाली और पेड़ों पर चढ़ने वाली लता होती है। खीरे का ही एक और प्रकार अफ्रीका मूल का है जिसका नाम है बालम खीरा (Balam Kheera/Khira) जो दिखने में और गुणों भी खीरे के जैसा ही होता है।
खीरा का लैटिन नाम कुकुमिस सैटाइवस ( Cucumis sativus Linn., Syn-Cucumis muricatus Willd.) है और यह कुकुरबिटेसी (Cucurbitaceae) का है। खीरा को देश और विदेश में इन नामों से भी जाना जाता है, जो ये हैंः-
Kheera in –
खीरा का औषधीय प्रयोग, प्रयोग के तरीके और विधियां ये हैंः-
खीरे को पीसकर आंखों के बाहर चारों तरफ लेप लगाने से आंखों के बाहर होने वाले काले धब्बे मिटते हैं।
खीरे के टुकड़ों को भी आँख पर रखने से आँखों को ठंडक मिलती है।
खीरे के पत्तों का काढ़ा बनायें। 10-20 मि.ली. काढ़े में आधा ग्राम जीरा चूर्ण मिलाकर सेवन करने से गले के रोगों में लाभ होता है।
खीरे के 2-4 ग्राम बीजों को दही के साथ नियमित सेवन करने से पथरी घुल कर निकल जाती है।
खीरे को पीसकर पूरे चेहरे, आँख तथा गले पर लगाएं। इसे लगभग 30 मिनट तक इसी स्थिति में छोड़ देें। इससे यह मुँहासों तथा रुखी त्वचा की परेशानी ठीक होती है।
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खीरा को पीसकर उसमें थोड़ा नमक मिलाकर घाव की सूजन पर ऊपर से लेप करने से सूजन को कम करता है। इसे
अगर आप इसे मवाद वाले स्थान पर लगाएंगे तो यह निश्चित स्थान पर मवाद को जमा करने में सहायता करता है।
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फ्लू होने पर यदि वायु एवं कफ बहुत बढ़े हुए हों तो खीरा खाकर बाद में मट्ठा पीना चाहिए। मट्ठे में बनाया खीरे का रायता (Kheere ka raita) भी ले सकते हैं। इसके साथ ही भांप से स्नान करना चाहिए मतलब पूरे बदल में भांप लगाना चाहिए।
खीरे के गूदे को पीसकर पैर के तलवों पर मालिश करने से नींद ना आने की परेशानी और आँखों की जलन में लाभ होता है।
खीरा का औषधीय प्रयोग करने के लिए सेवन चिकित्सक के परामर्शानुसार करें।
खीरा का इस्तेमाल इस तरह से किया जा सकता हैः-
फल
बीज
पत्ते
बीज की तेल
खीरा के अधिक प्रयोग से ये नुकसान हो सकता हैः-
गैस यानी वायुविकार
अपच की समस्या
एसिडिटी की परेशानी
खट्टी डकार
इसको ठीक करने के लिए मट्ठा पीना चाहिए।
खीरा की कुछ प्रजातियां कड़वी भी होती हैं। उनका सेवन नहीं करना चाहिए।
खीरा भारत में बहुतायत मात्रा में पाया जाता है। उत्तर भारत में नदियों के किनारे इसकी खेती की जाती है।
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