कैल्शियम के स्रोत: कैल्शियम युक्त शाकाहारी और मांसाहारी आहार

कैल्शियम हमारे शरीर को स्वस्थ रखने का काम करता है। यह शरीर की हड्डियां, दांत और अन्य टिशू को मजबूत बनता है। कैल्शियम का नाम सुनते ही हमारे मन में दूध का ख्याल आता है। जब हमारे शरीर को कभी कैल्शियम की जरूरत पड़ती है तो हम दूध ही पीते हैं।

इसी तरह शरीर को अधिक कैल्शियम की जरूरत पड़ने पर हम दूध और दूध से बने सामानों का अधिक सेवन करने लगते हैं, लेकिन क्या आपको पता है कि जब शरीर में कैल्शियम की कमी हो जाती है तो दूध या उससे बने सामानों से शरीर से शरीर को पर्याप्त मात्रा में कैल्शियम की पूर्ति नहीं हो पाती है।

यही कारण है कि गर्भवती एवं स्तनपान कराने वाली महिलाओं को डॉक्टर प्रायः कैल्शियम की गोली खाने की सलाह देते हैं। आपकी जानकारी के लिए यहां प्राकृतिक आहार की जानकारी दी जा रही है जिनसे आपको कैल्शियम मिल सकता है।

कैल्शियम का काम क्या है?

हम सभी जानते हैं कि कैल्शियम शरीर की हड्डियों और दांतों को मजबूत बनाने का काम करता है। कैल्शियम एक मिनरल है जो खून का थक्का बनाने में मदद करने के साथ-साथ मांसपेशियों के संकुचन तथा तंत्रिकातंत्र का सुचारू रूप से काम करना सुनिश्चित करता है।

हम जो आहार खाते हैं उससे करीब 90% कैल्शियम हमारे शरीर को मिल जाता है जो हड्डियों और दांतों में स्टोर होता है। कैल्शियम की कमी से शरीर की हड्डियां कमजोर हो सकती हैं और ऑस्टियोपोरोसिस होने का खतरा हो सकता है। इसलिए अपनी हड्डियों को स्वस्थ रखने और खुद को स्वस्थ रहने के लिए शरीर में कैल्शियम का पर्याप्त मात्रा होना बहुत जरूरी है।

शरीर को कितने कैल्शियम की जरूरत है?

राष्ट्रीय पोषण संस्थान के अनुसार नवजात शिशु के लिए मां के दूध में पर्याप्त मात्रा में कैल्शियम होता है। इसी तरह 5 साल से कम उम्र के बच्चों के शरीर को कई प्रकार के प्रोटीन्स की जरूरत होती है, जिसके लिए उन्हें रोजाना फलियां, दाल, खाद्य तेल जैसे- घी, चीनी, दूध, हरी सब्जियां, मौसमी फल आदि खिलाया जा सकता है।

वहीं 5 साल से बड़े या किशोरावस्था में बच्चों के शरीर का बहुत तेजी से विकास होता है। इस उम्र के बच्चे स्कूल या घर में कई प्रकार के खेल-कूद में भी भाग लेते हैं जिनसे इनकी हड्डियों को चोट लगने की संभावना बनी रहती है। इसलिए इन्हें कैल्शियम युक्त फूड्स की जरूरत होती है।

इन बच्चों को दैनिक रूप से 600 से 800 mg कैल्शियम का सेवन करना चाहिए। इससे न सिर्फ बच्चों का स्वास्थ्य उत्तम रहता है बल्कि उन्हें हड्डियों से संबंधित बीमारी होने की संभावना नहीं रहती।

इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) के अनुसार, व्यक्ति की उम्र के हिसाब से कैल्शियम की खुराक में अंतर होता है। भारतीयों के लिए आरडीए निम्नानुसार है:

शिशु (0-1 साल): 500 mg 

बच्चे  (1-9 साल): 600 mg

किशोर (10 – 18 साल): 800 mg

वयस्क: 600 mg

गर्भवती एवं स्तनपान कराने वाली महिलाएं: 1200 mg

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कैल्शियम के भरपूर स्रोत

कैल्शियम की कमी होने पर आपको चिंता करने की जरूरत नहीं है, बल्कि जब कभी शरीर में कैल्शियम की कमी हो जाए तो अनेक आहार के द्वारा आप कैल्शियम की कमी को दूर कर सकते हैं। कैल्शियम युक्त शाकाहारी स्रोत में निम्न खाद्य पदार्थों का सेवन किया जा सकता है। इन आहार के 100 g में कैल्शियम की निम्न मात्रा* होती हैः-

खस खस: 100 mg = 1372 mg

तिल: 100 mg = 1283 mg

कैरम बीज: 100 mg = 1034 mg

आगाथी पत्तियां: 100 mg = 901 mg

खोआ: 100 mg = 602 mg

पनीर: 100 mg = 476 mg

गुड़री साग 100 mg = 388 mg

अमरैंथ पत्तियां (कोलाई): 100 mg = 372 mg

गैंथ गोबी: 100 mg = 368 mg

रागी: 100 mg = 364 mg

दूध (गाय, भैंस): 100 mg = 120 mg

इसी तरह तिल, अजवाइन और चिया के बीज, दही, बीन्स और मसूर, बादाम, मट्ठा, कुछ पत्तेदार ग्रीन्स, रूबर्ब, फोर्टिफाइड फूड्स, एडमैम, टोफू, फोर्टिफाइड ड्रिंक का सेवन किया जा सकता है। इसमें पर्याप्त मात्रा में कैल्शियम होते हैं।

कई मांसाहारी खाद्य पदार्थ (फूड्स) भी हैं जिनके सेवन से आप शरीर में कैल्शियम की पूर्ति कर सकते हैं-

केकड़ा, समुद्र: 100 mg = 333 mg

सूअर का मांस: 100 mg = 8 mg

सैल्मन मछली: 100 mg = 20 mg

कैल्शियम के सप्लीमेंट्स

आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि दूध को कैल्शियम के लिए बहुत अच्छे स्रोत के रूप में जाना जाता है, लेकिन इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के अनुसार दूध से शरीर को उतना कैल्शियम नहीं मिलता, जितने की शरीर को जरूरत होती है।

आरडीए द्वारा निर्धारित मात्रा में कैल्शियम की पूर्ति के लिए एक व्यक्ति को रोज 600 ml दूध पीना जरूरी है, जो करीब 6 ग्लास होता है,लेकिन किसी व्यक्ति के लिए रोज-रोज 6 ग्लास दूध पीना और उसे पचा पाना संभव नहीं है। इसलिए डॉक्टर लोगों को कैल्शियम की कमी होने पर सप्लीमेंट्स खाने की सलाह देते हैं।

इसके लिए आप विटामिन डी से युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन कर सकते हैं। यह भी ध्यान रखें कि अगर आप निर्धारित मात्रा में विटामिन डी से युक्त भोजन नहीं करते हैं तो शरीर में कैल्शियम की कमी से कैल्शियम अवशोषण प्रक्रिया भी प्रभावित हो सकती है।

इसलिए जब कभी आपके शरीर में कैल्शियम की कमी हो जाए तो आप सप्लीमेंट्स के सेवन कर सकते हैं।

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कैल्शियम सप्लीमेंट्स के रूप में आप कैल्शियम कार्बोनेट की खुराक ले सकते हैं। इसे भोजन के बाद खाना होता है क्योंकि इसे अवशोषण के लिए पेट की एसिड की आवश्यकता होती है।

अगर आप दवाइयों का सेवन कर रहे हैं तो दवाई पेट की एसिड को कम करने का काम करता है। अगर आपको एसिडिटी की शिकायत रहती हो तो इसके लिए आप कैल्शियम साइट्रेट की खुराक अपने डॉक्टर के परामर्श से ले सकते हैं।

इसी तरह अगर आप आयरन सप्लीमेंट्स ले रहे हैं तो कैल्शियम के साथ आयरन न खाएं क्योंकि इससे कैल्शियम अवशोषण प्रक्रिया में दिक्कत होती है।

आपके लिए जरूरी बात यह है कि अपने मन से कैल्शियम का सेवन कभी नहीं करें क्योंकि इसके अधिक सेवन से शरीर को नुकसान भी पहुंच सकता है। बेहतर होगा कि अधिक जानकारी के लिए आप चिकित्सक से सम्पर्क करें।

(डॉ. ललित कनोडिया, जनरल फिजिशियन ने इस लेख की समीक्षा की है।)

संदर्भः

1.Nutritive Value of Indian Foods-2012 & Indian Food Composition Tables-2017, ICMR-National Institute of Nutrition,Hyderabad.

2.Nutrient requirements and recommended dietary allowances for Indians: A report of the expert group of the Indian Council of Medical Research (ICMR) (2010).

3.Kasper DL, Fauci AS, editors. Harrison’s Principles of Internal Medicine. 19th ed. McGraw Hill Education; 2015.

*यहां पर हर मात्रा आनुमानित मूल्य (approximate value) पर निर्धारित हैं।

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