स्व स्तन परीक्षा या ब्रेस्ट सेल्फ एग्जाम से जानिये ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण

breast self exam

स्व स्तन परीक्षा करने से ब्रेस्ट कैंसर का पता चलता है, इसलिए आजकल हर महिलाओं को स्तन कैंसर का खतरा कम करने के लिए इसकी सलाह दी जाती है। इसके लिए सबसे ज्यादा जरूरत है ब्रेस्ट कैंसर के बारे में जागरूकता। और इसके लिए जरूरी है कि महिलाएं या तो खुद अपने ब्रेस्ट की जांच करें और चिकित्सक के परामर्श अनुसार मैमोग्राम करवायें। इससे कुछ हद तक ब्रेस्ट कैंसर होने के संभावना को कम किया जा सकता है। लेकिन मुश्किल की बात ये है कि अक्सर महिलायें कपड़े खोलने के शर्म से मैमोग्राम करवाने से कतराती हैं। मैमोग्राम करवाने से ब्रेस्ट में गांठ है कि नहीं इसके बारे में पता चलता है। अगर मैमोग्राम करने से बचना चाहते हैं तो घर में स्तन की जांच करना बहुत जरूरी होता है।

स्व स्तन परीक्षा  (ब्रेस्ट सेल्फ एग्जाम) क्या होता है?

आईने के सामने खड़े होकर या लेट कर या बिना आईने के  खड़े होकर अपने ब्रेस्ट की जांच करना ब्रेस्ट सेल्फ एक्ज़ाम कहलाता है। अपने ब्रेस्ट की चारों तरफ के त्वचा को उंगली से छूकर या दबाकर ये देखना चाहिए कि कहीं स्तन में गांठ या लंप जैसा कुछ है तो नहीं। ब्रेस्ट की जांच करते वक्त किन-किन बातों पर ध्यान रखने की जरूरत है-

  • स्तन में गांठ है कि नहीं
  • स्तन में कोई ट्यूमर तो नहीं
  • स्तन के आकार में कोई बदलाव तो नहीं

ब्रेस्ट के नियमित जांच से आपको अपने ब्रेस्ट के साइज और शेप की सही जानकारी रहती है [1]। इससे अगर आपको किसी भी प्रकार का असामान्यता दृष्टिगोचर होता है तो तुरन्त डॉक्टर से सलाह लेने में देरी नहीं करनी चाहिए। 

स्व स्तन परीक्षा क्यों करनी चाहिए

असल में घर में खुद स्तन की परीक्षा करते रहने से ब्रेस्ट कैंसर होने की संभावना को कम किया जा सकता है। क्योंकि अगर आप नियमित तौर पर स्तन की परीक्षा करते हैं तो ब्रेस्ट में गांठ होने पर या उसके साइज-शेप में बदलाव होने पर तुरन्त पकड़ में आ जाता है। यानि ब्रेस्ट कैंसर का पता अगर प्रथम चरण में चल जाये तो पूरी तरह से ठीक होने की संभावना ज्यादा रहती है। इसलिए स्तन की नियमित परीक्षा जरुरी होती है [2]।

स्व स्तन परीक्षा कब करनी चाहिए

20 साल हो जाने के बाद से लड़कियों को अपने स्तन की परीक्षा नियमित तौर पर करनी चाहिए। लेकिन स्तन की परीक्षा करने से पहले इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि मासिक धर्म या पीरियड के समय जांच न करें, क्योंकि इस दौरान स्तन थोड़ा संवेदनशील स्थिति में होता है। पीरियड होने के कुछ दिनों के बाद  स्व स्तन परीक्षा महीने में एक बार करनी चाहिए। [3]

क्या सेल्फ ब्रेस्ट एग्जाम करने से कोई खतरा होता है

बिल्कुल नहीं, सेल्फ ब्रेस्ट एक्ज़ाम से किसी भी तरह का कोई खतरा नहीं होता है। कम से कम नियमित तौर पर स्तन की परीक्षा करने से बाद कैंसर का पता प्रथम चरण में ही चल जाता है। ब्रेस्ट कैंसर के प्रथम चरण के कुछ लक्षण हो सकते हैं। जैसे-

ब्रेस्ट में निप्पल में सूजन

-ब्रेस्ट के आस-पास या बांह के नीचे की त्वचा का परत मोटा जैसा प्रतीत होना

-ब्रेस्ट की त्वचा के रोमछिद्र का बड़ा होना

-ब्रेस्ट में गांठ (लेकिन एक बात याद रखें कि सारे लंप्स कैंसर के कारण नहीं होते हैं। इसके पूरी जांच के बाद की पता चलता है)

इसलिए सेल्फ ब्रेस्ट एक्ज़ाम से कोई खतरे की बात नहीं होती है।

सेल्फ ब्रेस्ट एग्जाम कैसे किया जाता है

सेल्फ ब्रेस्ट एग्जाम करने से तीन चरण होते हैं-

-शॉवर के नीचे खड़े होकर करें

स्तन के चारों तरफ की त्वचा को उंगलियों के अग्र भाग से सर्कुलर मोशन में बाहर से भीतर की हल्के से दबाते हुए जांच करें। हां, कांख या बगल के नीचे भी दबाकर देखना न भूलें। महीने में एक बार इसी तरह उंगलियों को चारों तरफ से घुमाकर स्तन की परीक्षा करें कि कोई गांठ तो नहीं है। किसी किसी को शॉवर के नीचे भीगे अवस्था में जांच करने में आसानी होती है, इसलिए ऐसे भी जांच कर सकते हैं।

-आईने के सामने खड़े होकर करें

आईने के सामने खड़े होकर देखें कि स्तन की त्वचा में कोई बदलाव आया है कि नहीं। उसके बाद अपने बाहों को ऊपर की ओर करें और देखें कि स्तन के निप्पल में कोई अंतर है कि नहीं। अब अपने हाथों को कुल्हे पर रखें और छाती के त्वचा को अनुभव करें कि वहां कोई बदलाव आया है कि नहीं। आम तौर पर दोनों स्तनों का आकार एक नहीं होता है इसलिए उनको हल्के से दबाकर देख लें।

-लेटकर करें

बिस्तर पर लेटने के बाद अपने दाहिने बांह को ऊपर करें और बांह के नीचे तकिया रखें। इसके बाद स्तन को उंगलियों से दबाकर देखें कि स्तन की त्वचा सख्त तो नहीं हैं या वहां किसी प्रकार का गांठ या लंप तो नहीं है। स्तन के साथ कांघ के तरफ भी उंगलियों को दबाकर देंखे कि वहां कोई गांठ है कि नहीं। इसके बाद निप्पल को दबाकर भी देख ले कि वहां से कोई द्रव्य जैसा निकल रहा है कि नहीं। ऐसी प्रक्रिया आप बायें स्तन के साथ भी दोहरायें। निप्पल की जांच करते वक्त ये भी देख कि वहां कोई सूजन या त्वचा लाल तो नहीं हो गई है [4]।

कैसे ब्रेस्ट में गांठ महसूस करेंगे 

उंगलियों से स्तन की जांच करते वक्त अगर कुछ गुठली जैसा महसूस हो और कुछ वहां की त्वचा सख्त लगे तो वह गांठ होता है। लेकिन गांठ को देखकर कभी भी न घबरायें। हर गांठ कैंसर का लक्षण लिए हुए नहीं होता है। इसलिए बिना जांच किये डरने की कोई बात नहीं।

(इस लेख की समीक्षा डॉ. ललित कनोडिया, कंसल्टेंट फार्माकॉलोजिस्ट ने की है।)

संदर्भ:

1-Sama CB, Dzekem B, et al. III. Awareness of breast cancer and breast self-examination among female
undergraduate students in a higher teachers training college in Cameroon. Pan Afr
Med J. 2017 Sep 29;28:91.

2-Kuroishi T, Tominaga S, et al. The effect of breast self-examination on early detection
and survival. Jpn J Cancer Res. 1992 Apr;83(4):344-50.

3-http://www.nationalbreastcancer.org/breast-self-exam

4-https://www.breastcancer.org/symptoms/testing/types/self_exam

 

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