भगन्दर काफी पीड़ादयक रोग है। भगंदर रोग में मरीज के गुदा के अंदर और बाहर नली में घाव या फोड़ा हो जाता है। घाव छोटा या बड़ा हो सकता है। जब यह फोड़ा फट जाता है तो इससे खून बहने लगता है। खून बहने के कारण मरीजों को गुदा द्वार के पास बहुत अधिक दर्द होता है। भगंदर के रोगियों को मल त्यागने के समय बहुत अधिक पीड़ा होती है। रोगी को बैठने पर भी तेज दर्द होता है। प्रायः यह देखा जाता है कि जब किसी को भगंदर रोग होता है तो मरीज बहुत चिंतित हो जाता है। आपको चिंता करने की जरूरत नहीं है, क्योंकि भगंदर का इलाज कराने के साथ-साथ अगर आप भगंदर के लिए डाइट प्लान का पालन करेंगे तो बीमारी पर नियंत्रण पा सकेंगे।
यहां भगंदर के लिए डाइट चार्ट की जानकारी दी जा रही है। इस डाइट प्लान को अपनाकर आप ना सिर्फ भगंदर के इलाज के दौरान उचित लाभ पा सकेंगे बल्कि बीमारी को जल्द ठीक कर सकेंगे।
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भगन्दर से ग्रस्त लोगों का आहार ऐसा होना चाहिएः-
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भगन्दर से ग्रस्त लोगों को इनका सेवन नहीं करना चाहिएः-
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भगन्दर के उपचार के लिए सुबह उठकर दांत को साफ करने (बिना कुल्ला किये) से पहले खाली पेट 1-2 गिलास गुनगुना पानी पिएं। नाश्ते से पहले पतंजलि आवंला व एलोवेरा रस पिएं।
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समय | आहार योजना (शाकाहार) |
नाश्ता (8 :30 AM) | 1 कप पतंजलि दिव्य पेय कम दूध के साथ + 2-3 पतंजलि आरोग्य बिस्कुट /कम नमक का पतंजलि आरोग्य दलिया (नमकिन)/ पोहा /उपमा (सूजी) /पतंजलि कॉर्नफ्लैक्स / अंकुरित अनाज /2 पतली रोटी (पतंजलि मिश्रित अनाज आटा ) +1 कटोरी दाल या सब्जी + 1 प्लेट सलाद (पपीता, अमरुद, सेब, केला) |
दिन का भोजन (12:30-01:30 PM) | 1-2 पतली रोटियां (पतंजलि मिश्रित अनाज आटा ) + 1 कटोरी हरी सब्जियां (उबली हुई) + 1 कटोरी दाल मूंग (पतली) + 1 कटोरी मठ्ठा /दही +1 प्लेट सलाद |
शाम का जलपान 3:30 PM | 1 कप हर्बल चाय (पतंजलि दिव्य पेय) + 2-3 पतंजलि आरोग्य बिस्कुट /सब्जियों का सूप /मूंग दाल |
रात का भोजन (7: 00 – 8:00 PM) | 1-2 पतली रोटियां (पतंजलि मिश्रित अनाज आटा) + 1 कटोरी हरी सब्जियां (ज्यादातर रेशेदार) + 1 कटोरी मूंग दाल (पतली) |
सलाह: यदि मरीज को चाय की आदत है तो इसके स्थान पर 1 कप पतंजलि दिव्य पेय दे सकते हैं |
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भगन्दर की बीमारी में आपकी जीवनशैली ऐसी होनी चाहिएः-
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भगन्दर से मुक्ति पाने के लिए आपको इन बातों का ध्यान रखना हैः-
भगन्दर से छुटकारा पाने के लिए आप ये योग और आसन कर सकते हैंः-
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