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Methika (Methi): मेथिका (मेथी) के हैं ढेर सारे फायदे – Acharya Balkrishan Ji (Patanjali)

आप मेथी (methika) के बारे में जरूर जानते होंगे। इसे मेथिका भी बोलते हैं। मेथी का इस्तेमाल हर घर में होता है। लोग मेथी के पत्तों का साग बहुत पसंद करते हैं। कई लोग मेथी की चटनी पसंद करते हैं। मेथी के दानों (Fenugreek Seeds) से साबुन और सौंदर्य प्रसाधनों की चीजें बनाई जाती हैं। इसके अलावा भी मेथी के कई फायदे हैं। क्या आप जानते हैं कि मेथी का उपयोग एक औषधि (methi ke laddu ke fayde) के रूप में भी किया जाता है, और मेथी से लाभ लेकर रोगों का इलाज किया जाता है?

आयुर्वेद में यही बताया गया है कि मेथी अनेक रोगों की दवा भी है। इसके बीजों का प्रयोग मसालों के साथ-साथ औषधि के रूप में किया जाता है। गाँवों में प्रसूता स्त्री को मेथी के लड्डू विशेष रूप से दिये जाते हैं। मेथी और मेथी के तेल (methi ka tel) में डायबिटीज को नियंत्रित करने और गाँठ को बनने से रोकने के गुण होते हैं। आइए जानते हैं कि आप मेथी के फायदे (methi ke fayde) किस तरह से ले सकते हैं।

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मेथी क्या है? (What is Methika in Hindi?)

मेथी (methika) का पौधा साल में एक बार होता है। पौधी लंबााई लगभग 2-3 फीट लंबा होती है। पौधे में छोटे-छोटे फूल आते हैं। इसकी फली मूंग दाल के जैसी होती है। इसके बीज बिलकुल छोटे-छोटे होते हैं। यह स्वाद में कड़वा होता है।मेथी के पत्ते हल्के हरे और फूल सफेद रंग के होते हैं। इसकी फली में 10 से लेकर 20 छोटे, पीले-भूरे रंग के तेज गंध वाले बीज होते हैं। इन बीजों का उपयोग (uses of methi dana) कई सारे रोगों में किया जाता है। इसकी एक और प्रजाति होती है, जिसको वन मेथी कहते हैं। यह कम गुण वाला होता है। इसे जानवरों के चारे के रूप में प्रयोग किया जाता है।

अन्य भाषाओं में मेथी के नाम (Name of Fenugreek in Different Languages)

मेथी (methika) का वानस्पतिक नाम ट्राइगोनेला फीनम् ग्रीकम् (Trigonella foenum-graecum Linn. & Syn-Trigonella tibetana (Alef.) Vassilcz.) है। यह फेबेसी (Fabaceae) कुल का पौधा है। अंग्रेजी और विविध भारतीय भाषाओं में इसका नाम निम्नानुसार हैंः-

Fenugreek in –

  • Hindi – मेथी
  • English – फेनुग्रीक (Fenugreek), ग्रीक हे (Greek hay), ग्रीक क्लोवर (Greek clover)
  • Sanskrit – मेथिका, मेथिनी, मेथी, दीपनी, बहुपत्रिका, बोधिनी, बहुबीजा, ज्योति, गन्धफला, वल्लरी, चन्द्रिका, मन्था, मिश्रपुष्पा, कैरवी, कुञ्चिका, बहुपर्णी, पीतबीजा, मुनिच्छदा
  • Oriya – मेथी (Methi)
  • Assamese – मेथी (Methi)
  • Kannada – मेंथे (Menthe), मेन्ते (Mente)
  • Gujarati – मेथी (methi), मेथनी (Methani)
  • Tamil – मेंटुलु (Mentulu), वण्डयम् (Vandayam)
  • Telugu – मेन्तीकूरा (Mentikura); मेन्तूलू (Mentulu)
  • Bengali – मेथी (Methi), मेथनी (Methani)
  • Nepali – मेथी (Methi)
  • Punjabi – मेथी (Methi), मेथिनी (Methini)
  • Marathi – मेथी (Methi)
  • Malayalam – उल्लव (Ullav), उलूवा (Uluva)
  • Manipuri – मेथी (Methi)
  • Arabic – हिल्बेह (Hilbeh), हुल्बाह (Hulbah)

मेथी के फायदे और उपयोग (Fenugreek Benefits and Uses in Hindi)

मेथी के फायदे (methi ke fayde) हैंं नीचे दिए जा रहे हैंः-

बालों का झड़ना रोकने में मेथी के औषधीय गुण फायदेमंद (Methika Seeds Benefits in Hair Loss in Hindi)

मेथी के फायदे से बालों का झड़ना रोका जा सकता है। इसके लिए 1-2 चम्मच मेथी के दानों को रात भर के लिए भिगो दें। इसे सुबह पीसकर बालों की जड़ों में लगाएं। एक घण्टे बाद बालों को धो लें। सप्ताह में दो से तीन बार लगाने से बालों का गिरना (methi dana benefits for hair) बंद हो जाता है।

और पढ़ें : बालों का झड़ना रोकने के घरेलू उपाय

कान के बहने पर मेथी के औषधीय गुण फायदेमंद (Benefits of Methika Seed to Treat Runny Ear in Hindi)

कान के बहने की बीमारी में मेथी के फायदे ले सकते हैं। मेथी के बीजों (Methi Seeds) को दूध में पीस लें। इसे छानकर तैयार कर लें। इस रस को गुनगुना या हल्का गर्म करके 1-2 बूँद कान में डालें। इससे कान का बहना बंद हो जाता है।

मेथी के सेवन से ह्रदय रोग में लाभ (Methika Seed is Beneficial for Heart in Hindi)

  • एंटीआक्सीडेंट गुणों के कारण मेथी हृदय रोग के लिए लाभकारी है। यह रक्त-संचार को सही रखता है। मेथी में घुलनशील फाइबर होता है जो हृदय रोग के खतरे को घटाता है। हृदय को स्वस्थ रखने के लिए मेथी के 10-15 मिली काढ़े में शहद मिलाकर पिएं।
  • मेथी के दाने खराब कोलेस्ट्रॉल को भी कम करते हैं। रोजाना मेथी के दानों के चूर्ण का सेवन करने से खराब कोलेस्ट्रॉल कम (methika Benefits) होते हैं।

और पढ़ें: कोलेस्ट्रॉल के घरेलू उपचार

पेट के रोग में मेथी के सेवन से लाभ (Fenugreek Benefits to Get Relief from Stomach Problems in Hindi)

मेथी के बीज कब्ज दूर करने में काफी लाभकारी हैं। मेथी, चंद्रसूर, मंगरैला (कलौंजी) और अजवायन का रोजाना सेवन करें। इससे गैस सम्बन्धी रोग, अपच, पेट में दर्द, भूख की कमी, पेट का फूलना, पेट दर्द और कमर दर्द आदि रोगों में लाभ होता है।

मेथी के सेवन से कब्ज का इलाज (Fenugreek is Beneficial in Fighting with Constipation in Hindi)

कब्ज में मेथी का औषधीय गुण फायदेमंद होता है। अगर कब्ज से परेशान रहते हैं तो मेथी के पत्तों का साग बनाकर खाएं। इससे कब्ज की परेशानी से राहत मिलती है। मेथी मल को नरम करके कब्ज को ठीक करता है।

मेथी के औषधीय गुण से उल्टी पर रोक (Fenugreek Seed Benefits to Stop Vomiting in Hindi)

उल्टी की परेशानी में मेथी के औषधीय गुण से लाभ मिलता है। बार-बार उल्टी से परेशान रहते हैं तो मेथी के बीजों का चूर्ण का सेवन करें। इससे उल्टी बंद होती है। उपाय करने से पहले किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक से जरूर परामर्श लें।

ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में मेथी का औषधीय गुण लाभदायक (Methika Powder Benefits to Control Blood Sugar Level in Hindi)

  • आप मेथी के फायदे (methi ke fayde) डायबिटीज में भी ले सकते हैं। मेथी का नियमित सेवन करने से खून में चीनी की मात्रा नियंत्रित रहती है।
  • एक चम्मच मेथी के दानों का चूर्ण बना लें। इसे रोज सुबह खाली पेट गुनगुने पानी के साथ लें।
  • मेथी के दानों को रोज पानी में भिगो दें। इसे सुबह चबा-चबा कर खाएं। ऊपर से मेथी दाने का पानी भी पी लें।

पेचिश में मेथी के फायदे (Methika Seed Benefits to Stop Dysentery in Hindi)

  • मेथी से पेचिश का इलाज किया जा सकता है। इसके लिए 5 ग्राम मेथी के बीजों को घी में भून लें। इसे खाने से दस्त में लाभ होता है।
  • मेथी के बीजों को भूनकर काढ़ा बना लें। 15-20 मिली मात्रा में काढ़ा पीने से पेचिश में लाभ होता है।
  • अगर लंबे समय से दस्त से परेशान हैं तो 1-2 ग्राम मेथी चूर्ण को छाछ में मिलाकर पीने से लाभ होता है।

प्रसव के बाद महिलाओं को होता है मेथी के सेवन से लाभ (Fenugreek is Beneficial for After Pregnancy Women in Hindi)

  • महिलाओं को प्रसव के बाद मेथी के औषधीय गुण से बहुत लाभ मिलता है। मेथी दाना से प्रसूता स्त्रियों के स्तनों में दूध बढ़ता है। मेथी के सेवन से माता के दूध की गुणवत्ता भी बढ़ती है जिससे शिशु का स्वास्थ्य भी अच्छा होता है। माताएं मेथी की सब्जी, सूप आदि का सेवन कर सकती हैं।
  • जीरा, सौंफ, सोया, मेथी आदि में गुड़, दूध एवं गाय का घी मिलाकर पका लें। इसका सेवन कराएं। इससे योनि के रोग, बुखार, टीबी, खाँसी, सांसों का फूलना, एनीमिया, दुबलापन आदि बीमारियों में लाभ होता है।
  • गैस बनने और गैस के कारण होने वाले रोगों में भी मेथी के सेवन से लाभ होता है।
  • मेथी के दानों (fenugreek) को रातभर भिगो कर सुबह खाया जाता है।

और पढ़ें: स्तनों में दूध बढ़ाने के लिए चावल के फायदे

मासिक धर्म विकार में मेथी के फायदे (Benefits of Fenugreek for Menstrual Problems in Hindi)

  • आज बड़ी संख्या में महिलाएँ मासिक धर्म से संबंधित समस्याओं से पीड़ित हैं। महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान पेट में दर्द, अधिक रक्तस्राव जैसी परेशानी होने लगती है। मासिक धर्म की प्रक्रिया को एस्ट्रोजेन नामक एक हारमोन नियंत्रित करता है। मेथी के दानों में एस्ट्रोजेन के गुण होते हैं, इसलिए यह मासिक धर्म से जुड़ी समस्याओं में लाभदायक होता है। मेथी के सेवन से खून भी बनता है, और दर्द भी कम (methi dana ke fayde) होता है. मासिक धर्म की समस्याओं को दूर करने के लिए मेथी के 1-2 ग्राम बीजों का सेवन करें।
  • आप मेथी के दानों की चाय बनाकर भी पी सकती है। मेथी की चाय को मीठा बनाकर थोड़ा ठंडा होने दें। इसमें शहद मिला लें। अधिक लाभ होगा।

और पढ़ें: मासिक धर्म विकार में नागरमोथा के फायदे

गोनोरिया रोग के इलाज की आयुर्वेदिक दवा है मेथी (Benefits of Methika for Gonorrhea Treatment in Hindi)

1-2 ग्राम मेथी के चूर्ण में गुड़ मिलाकर सेवन करने से गोनोरिया रोग में लाभ (methi ke fayde) होता है। उपाय करने से पहले किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक से जरूर मिलें।

घावों में मेथी के फायदे (Benefits of Methika for Healing Wounds in Hindi)

  • घाव में मेथी के औषधीय गुण से लाभ मिलता है। घाव में अगर सूजन हो गई हो, और जलन भी हो रही तो मेथी के पत्तों को पीसकर घाव पर लगाएं। इससे घाव की सूजन और जलन दोनों ही ठीक हो जाती है।
  • बंद मुँह वाले घावों में मेथी के बीजों को पीसकर (methi dana ke fayde) लगाएं।

लीवर को स्वस्थ रखने के लिए मेथी का सेवन फायदेमंद (Benefits of Methika for Healthy Liver in Hindi)

एक रिसर्च के अनुसार, मेथी में एंटी-ऑक्सीडेंट और हिपेटो-प्रोटेक्टिव गुण पाए जाते हैं। यह लीवर के लिए भी लाभदायक होता है।

न्यूरो समस्याओं (तंत्रिका विकार) में मेथी का औषधीय गुण लाभदायक (Benefits of Methika to Cure Neurological Disorder in Hindi)

1-2 ग्राम मेथी के बीज का चूर्ण सेवन करें। इससे तंत्रिका-तंत्र से संबंधित विकारों में लाभ होता है। इसके इस्तेमाल से धीरे-धीरे तंत्रिका-तंत्र की समस्याएं ठीक होने लगती हैं।

शरीर में दर्द होने पर मेथी का औषधीय गुण फायदेमंद (Methi Benefits to Get Relief from Body Pain in Hindi)

मेथी (methika) के दानों में दर्दनिवारक गुण होते हैं। 1-2 ग्राम मेथी चूर्ण का सेवन करने से पूरे शरीर का दर्द कम होता है।

त्वचा रोग में मेथी के औषधीय गुण से लाभ (Methika Benefits for Skin Disease in Hindi)

आप मेथी के फायदे से त्वचा रोग का इलाज भी कर सकते हैं। मेथी का लेप बना लें। इसे त्वचा रोग जैसे दाद-खाज-खुजली या एग्जिमा वाले स्थान पर लगाएं। यह लाभ दिलाता है।

सूजन में मेथी के फायदे (Methika Benefits to Reduce Inflammation in Hindi)

  • मेथी में एंटी-इनफ्लेमेटरी (सूजनरोधी) गुण भी पाया जाता है। किसी भी प्रकार की सूजन होने पर मेथी के पत्तों एवं बीजों को पीसकर लगाने से आराम मिलता है।
  • मेथी के बीज और जौ के आटे को सिरके के साथ पीस लें। अगर गालों पर सूजन हो गई हो तो गालों पर पतला लेप करें। इससे सूजन कम (methi dana ke fayde) होती है।

अर्थराइटिस (गठिया) के इलाज की आयुर्वेदिक दवा है मेथी (Methika is Beneficial to Treat Arthritis in Hindi)

गठिया की बीमारी में भी मेथी से लाभ होता है। दरअसल गठिया (अर्थराइटिस) वात दोष के कारण होता है। मेथी में वात को संतुलित करने के गुण पाए जाते हैं। यह गठिया (अर्थराइटिस) के दर्द को कम करने में मदद करता है। आप किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक से गठिया में मेथी के इस्तेमाल की जानकारी लें।

पाचन-तंत्र विकार में मेथी के फायदे (Benefit of Methika for Dygestive Disorder in Hindi)

मेथी में उष्ण और दीपन गुण पाए जाते हैं। इसके कारण यह पाचन अग्नि को बढ़ाकर पाचन-तंत्र को मजबूत रखता है। यह भूख बढ़ने में भी मदद करता है।

रक्तचाप को नियंत्रित रखने में मेथी फायदेमंद (Methika Benefits to Keep Stable Blood Pressure in Hindi)

आपको रक्तचाप की समस्या है तो मेथी से लाभ ले सकते हैं। मेथी में एंटी-हाइपरटेन्सिव का गुण होता है जिससे यह रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद करता है।

मेथी के उपयोगी हिस्से (Useful Parts of Methika in Hindi)

आप मेथी के पौधे के इन भागों का उपयोग कर सकते हैंः-

पत्ते

बीज

मेथी का इस्तेमाल कैसे करें?  (How to Use Methika in Hindi?)

  • मेथी के दानों का काढ़ा – 10-20 मिली
  • मेथी के दानों का चूर्ण (methi dana)- 1-2 ग्राम

अधिक लाभ के लिए आयुर्वेदिक चिकित्सक के परामर्श अनुसार मेथी का इस्तेमाल करें।

और पढ़ेंः मेथी से टॉन्सिल का घरेलू उपचार

मेथी के नुकसान (Methika Side Effects in Hindi)

मेथी से नुकसान भी हो सकते हैंः-

  • उल्टी
  • दस्त
  • मधुमेह की दवाओं के साथ इसका सेवन सावधानीपूर्वक करें। यह शुगर के लेवल को कम कर सकता है।

मेथी कहां पाया या उगाया जाता है? (Where is Methi Found or Grown?)

भारत के समस्त प्रदेशों में मेथी की खेती की जाती है। मुख्यतः गंगा के ऊपरी मैदानी भागों और कश्मीर एवं पंजाब में मेथी (methika) की खेती की जाती है। भूमध्यसागरीय इलाकों, दक्षिणी यूरोप और पश्चिमी एशिया में विशेष रूप से इसकी खेती की जाती है। चीन में सुगंधित बीजों के कारण इसे उपजाया जाता है। अफ्रीका में जानवरों के चारे के लिए इसकी खेती की जाती है।

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आचार्य श्री बालकृष्ण

आचार्य बालकृष्ण, आयुर्वेदिक विशेषज्ञ और पतंजलि योगपीठ के संस्थापक स्तंभ हैं। चार्य बालकृष्ण जी एक प्रसिद्ध विद्वान और एक महान गुरु है, जिनके मार्गदर्शन और नेतृत्व में आयुर्वेदिक उपचार और अनुसंधान ने नए आयामों को छूआ है।

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