सोरायसिस त्वचा से जुड़ी एक बीमारी है। सोरायसिस रोग में त्वचा के ऊपर लाल धब्बा या पपड़ी-सी बन जाती है। पपड़ी में खुजली होती है। सोरायसिस की बीमारी शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता के कमजोर होने के कारण होती है। सोरायसिस के कारण रोगी को आम जीवन से संबंधित अनेक तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। अगर आप भी सोरायसिस से पीड़त हैं तो घबराने की जरूरत नहीं है, क्योंकि सोरायसिस का इलाज कराने के साथ-साथ सोरायसिस के लिए डाइट प्लान को अपनाकर आप बीमारी पर उचित नियंत्रण पा सकते हैं।
यहां सोरायसिस के लिए डाइट चार्ट की जानकारी दी जा रही है। इस डाइट प्लान को अपनाकर आप सोरयासिस के इलाज के दौरान उचित लाभ पा सकेंगे।
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सोरायसिस से ग्रस्त लोगों का आहार ऐसा होना चाहिएः-
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सोरायसिस से ग्रस्त लोगों को इनका सेवन नहीं करना चाहिएः-
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सोरायसिस के उपचार के लिए सुबह उठकर दांतों को साफ करने (बिना कुल्ला किये) से पहले खाली पेट 1-2 गिलास गुनगुना पानी पिए। नाश्ते से पहले पतंजलि आवंला व एलोवेरा रस पिएं।
समय | आहार योजना (शाकाहार) |
नाश्ता (8 :30 AM) | 1 कप पतंजलि दिव्य पेय + 2-3 पतंजलि आरोग्य बिस्कुट / पोहा /उपमा (सूजी ) /दलिया /अंकुरित अनाज / 2 पतली रोटी (पतंजलि मिश्रित अनाज आटा) + 1 कटोरी सब्जी, फलों का सलाद (सेब, पपीता, अनार) |
दिन का भोजन (12:30-01:30 PM | 1-2 पतली रोटियां (पतंजलि मिश्रित अनाज आटा) +1/2 कटोरी हरी सब्जियां (उबली हुई ) + 1/2 कटोरी दाल मूंग (पतली) + 1प्लेट सलाद |
शाम का नाश्ता (5:30-6:00 Pm) | 1 कप पतंजलि दिव्य पेय + 2-3 पतंजलि आरोग्य बिस्कुट /सब्जियों का सूप |
रात का भोजन (7: 00 – 8:00 Pm) | 1-2 पतली रोटियां (पतंजलि मिश्रित अनाज आटा) +1 कटोरी हरी सब्जियां–रेशेदार + 1 कटोरी दाल मूंग (पतली) |
सलाह: यदि मरीज को चाय की आदत है तो इसके स्थान पर 1 कप पतंजलि दिव्य पेय दे सकते है।
नोट: त्वचा के लिए महामरीच्यादि तेल व कायाकल्प तेल इस्तेमाल करें।
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सोरायसिस की बीमारी में आपकी जीवनशैली ऐसी होनी चाहिएः-
सोरायसिस से मुक्ति पाने के लिए आपको इन बातों का ध्यान रखना हैः-
(1) ध्यान एवं योग का अभ्यास रोज करें।
(2) ताजा एवं हल्का गर्म भोजन अवश्य करें।
(3) भोजन धीरे-धीरे शांत स्थान में शांतिपूर्वक, सकारात्मक एवं खुश मन से करें।
(4) तीन से चार बार भोजन अवश्य करें।
(5) किसी भी समय का भोजन नहीं त्यागें एवं अत्यधिक भोजन से परहेज करें।
(6) हफ्ते में एक बार उपवास करें।
(7) अमाशय का 1/3rd / 1/4th भाग रिक्त छोड़ें
(8) भोजन को अच्छी प्रकार से चबाकर एवं धीरे–धीरे खायें।
(9) भोजन लेने के बाद 3-5 मिनट टहलें।
(10) सूर्यादय से पहले [5:30 – 6:30 am] जाग जायें।
(11) रोज दो बार दांतों को साफ करें।
(12) रोज जिव्हा करें।
(13) भोजन लेने के बाद थोड़ा टहलें।
(14) रात में सही समय पर [9- 10 PM] नींद लें।
सोरायसिस से छुटकारा पाने के लिए आप ये योग और आसन कर सकते हैंः-
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