दस्त की बीमारी किसी को भी हो सकती है। दस्त के कारण व्यक्ति का स्वास्थ्य कमजोर हो जाता है। अगर समय पर दस्त को नहीं रोका गया तो हॉस्पिटल जाने की नौबत भी आ सकती है। इसलिए आमतौर पर जब भी किसी को दस्त होती है, तो व्यक्ति सबसे पहले दवाई का सेवन कर दस्त पर नियंत्रण पाने की कोशिश करता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि दस्त रोकने के लिए घरेलू उपाय से भी दस्त पर तुरंत नियंत्रण (Home Remedies for Loose Motion) पाया जा सकता है?
अधिकांश लोग दस्त रोकने के घरेलू इलाज के बारे में नहीं जानते होंगे। आयुर्वेद में दस्त रोकने के उपाय के बारे में विस्तार से बताया गया है। आप भी इन उपायों के बारे में जान लीजिए, क्योंकि इन तरीकों से आप दस्त पर रोक लगा सकते हैं।
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गुदा मार्ग (Anal region) से पानी की तरह बार-बार मल का बाहर निकलना दस्त कहलाता है। दस्त कई कारणों से हो सकती है। शरीर में उपस्थित दोष वात, पित्त, कफ में मुख्यतः वातदोष असंतुलित हो जाता है। इससे शरीर की पाचन क्रिया (Digestive system) को कमजोर हो जाती है। खाया हुआ खाना अच्छे से पच नहीं पाता, और बिना पचा हुआ खाना पतला होकर मल के रास्ते बार-बार निकलने लगता है। मल झागयुक्त थोड़ी-थोड़ी मात्रा में होने लगता है।
दस्त होने के ये कारण हो सकते हैंः-
छोटे बच्चों को दस्त होने के कई कारणों होते हैं, जो ये हैंः-
दस्त होने पर तुरंत उपचार करना जरूरी हो जाता है। समय पर उपचार नहीं किया गया तो दस्त के कारण गंभीर बीमारियां भी हो सकती हैंः-
दस्त न रुकने पर शरीर में पानी की कमी हो जाती है, जिसके कारण आंखों के नीचे काले घेरे पड़ने लगते हैं। त्वचा में झुर्रियां पड़ जाती हैं। इसलिए दस्त रोकने के घरेलू उपाय की जानकारी रखें। समय पड़ने पर उनका इस्तेमाल करें।
और पढ़ें – दस्त में कॉफ़ी के फायदे
दस्त के कारण शरीर में पानी की कमी होने लगती है। इससे रोगी को बहुत ज्यादा प्यास लगने लगती है। गला सूखने लगता है। इससे मरीज Dehydration बीमारी का शिकार हो जाता है।
शरीर में उपस्थित इलेक्ट्रिक तत्व असंतुलित हो जाते हैं। शरीर में कमजोरी हो जाती है। पेट में दर्द होने लगता है। ये दस्त पेचिश (Dysentery) का रूप ले लेती है।
अगर ज्यादा दिनों तक दस्त नहीं रुकती है, तो पेट में गैस बनने लगती है। इससे मरीज को उल्टी भी होने लगती है।
और पढ़ेंः उल्टी रोकने के लिए घरेलू उपाय
रोगी या मरीज में खून की कमी होने लगती है, जिसके कारण एनीमिया भी हो सकता है।
और पढ़ेंः एनीमिया के लिए घरेलू उपचार
कभी-कभी बार-बार मल त्याग करने के कारण रोगी को कमजोरी होने लगती है। रोगी को चलने में परेशानी होने लगती है। सांसें भी फूलने लगती हैं।
और पढ़ेंः अस्थमा के लिए घरेलू उपचार
दस्त ज्यादा दिन तक होने के कारण पूरे शरीर में दर्द होने लगता है, भूख नहीं लगती है। हाथ-पैर में जलन होने लगती है। रोगी को कमजोरी होने लगती है। इससे बुखार होने की संभावना रहती है। ऐसे में हृदय, गुदी (Umbilicus) और कुक्षि (Pelvis) में बहुत ज्यादा दर्द होता है।
और पढ़ें – दस्त में सुगन्धबाला के फायदे
और पढ़ेंः जुकाम और बुखार के लिए घरेलू इलाज
दस्त रोकने के घरेलू उपाय के रूप में इन तरीकों को आजमा सकते हैंः-
ज्यादा दस्त होने की वजह से रोगी (मरीज) को ज्यादा प्यास लगने लगती है। ऐसी स्थिति में 1 लीटर पानी में 1 चम्मच सूखा धनिया उबालें। जब आधा पानी रह जाए तो पानी को छानकर ठण्डा कर लें। इसे थोड़ी-थोड़ी मात्रा में रोगी को पिलाना चाहिए।
और पढ़ेंः धनिया के फायदे और नुकसान
कचनार फूलों की दो-तीन कली लेकर महीन पीस लें। इसे चीनी के शर्बत में मिलाकर, रोज सुबह-शाम 2 से 3 बार खाने के पहले, या बाद लें। इससे बार-बार दस्त आने की शिकायत भी खत्म (Home Remedy for Diarrhea) हो जाती है।
और पढ़ेंः कचनार के फायदे और नुकसान
1 कप ताजे पानी में 1 छोटा चम्मच नींबू का रस मिला लें। रोज सुबह- दोपहर-शाम को खाली पेट या खाने के बाद लेें। इससे आंतों की धीरे-धीरे सफाई हो जाती है। दस्त के साथ जिनको आँव आने लगता है, उसमें यह नुस्खा बहुत कारगर सिद्ध होता है।
अधिकांश लोग दस्त रोकने के घरेलू इलाज के बारे में नहीं जानते होंगे। आयुर्वेद में दस्त रोकने के उपाय के बारे में विस्तार से बताया गया है। आप भी इन उपायों के बारे में जान लीजिए, क्योंकि इन तरीकों से आप दस्त पर रोक लगा सकते हैं।
दस्त क्या है? (What is Diarrhea or Loose Motion in Hindi?)
गुदा मार्ग (Anal region) से पानी की तरह बार-बार मल का बाहर निकलना दस्त कहलाता है। दस्त कई कारणों से हो सकती है। शरीर में उपस्थित दोष वात, पित्त, कफ में मुख्यतः वातदोष असंतुलित हो जाता है। इससे शरीर की पाचन क्रिया (Digestive system) को कमजोर हो जाती है। खाया हुआ खाना अच्छे से पच नहीं पाता, और बिना पचा हुआ खाना पतला होकर मल के रास्ते बार-बार निकलने लगता है। मल झागयुक्त थोड़ी-थोड़ी मात्रा में होने लगता है।
दस्त होने के कारण (Diarrhea or Loose Motion Causes in Hindi)
दस्त होने के ये कारण हो सकते हैंः-
अस्वस्थ्य भोजन या दूषित पानी का सेवन करने से जब पाचन क्रिया में संक्रमण (Infection) हो जाता है, तब दस्त की समस्या हो जाती है।
रात का बचा हुआ बासी खाना खाने से दस्त हो सकती है।
बाहर की तैलीय चीज जैसे- समौसा, पिज्जा, बर्गर आदि तथा मैदे तथा बेसन से बनी हुई चीजें ज्यादा खाने से भी दस्त हो सकती है।
मानसिक तनाव, शोक या भय होने से भी दस्त होती है।
मल को ज्यादा देर तक रोकने से दस्त होती है।
ज्यादा दूषित मदिरा का सेवन करने से दस्त हो सकती है।
समान मात्रा से ज्यादा पानी पीने से दस्त हो सकता है।
बहुत ज्यादा तेल, मिच-मसाला वाला खाना खाने से भी दस्त हो सकती है।
बहुत अधिक मात्रा में मीठी चीज का सेवन करने से भी दस्त हो सकती है।
छोटे बच्चों को दस्त क्यों होता है? (Causes of Diarrhea or Loose Motion in Kids)
छोटे बच्चों को दस्त होने के कई कारणों होते हैं, जो ये हैंः-
छोटे बच्चे माता का दूध पीते हैं, ऐसे में जब किसी कारणवश स्तनों का दूध (Impure breast milk) दूषित हो जाता है तो इससे शिशु को दस्त होने लगती है।
कई बार देखा गया है कि माताएं स्तनपान (Breast feeding) के दौरान खुद के खाने-पीने में बहुत अधिक परहेज नहीं करती हैं। ज्यादा तेल, मिर्च-मसालों वाला खाना खा लेती हैं, या फिर रात का रखा बासी खाना भी खा लेती हैं। इससे शरीर में उपस्थित दोष वात-पित्त-कफ असंतुलित होकर स्तन के दूध को दूषित कर देते हैं। इससे बच्चों को दस्त हो जाती है।
बच्चों के दूध की बोतल को अच्छी तरह से साफ न करने से बोतल संक्रमित हो जाती है, जिसके कारण भी बच्चों को दस्त होने लगते हैं।
इसी तरह बच्चों घर के बाहर का खाना जैसे- पिज्जा, बर्गर, पेस्ट्री, आइक्रिम आदि का सेवन ज्यादा करते हैं। इससे भी दस्त हो सकती है।
कई बार बच्चे संक्रमिक पानी पी लेते हैं, बिना हाथ धुले खाना खाते हैं। पानी कम मात्रा में पीते हैं। इन सभी कारणों से बच्चों को दस्त हो जाती है। ध्यान देने वाली बात यह है कि अगर इलाज सही तरीके और समय पर न किया जाये तो दस्त से बच्चों की मृत्यु भी हो सकती है।

दस्त के कारण होने वाली अन्य बीमारियां (Diseases Caused by Diarrhea)
दस्त होने पर तुरंत उपचार करना जरूरी हो जाता है। समय पर उपचार नहीं किया गया तो दस्त के कारण गंभीर बीमारियां भी हो सकती हैंः-
दस्त के कारण त्वचा में झुर्रियां
दस्त न रुकने पर शरीर में पानी की कमी हो जाती है, जिसके कारण आंखों के नीचे काले घेरे पड़ने लगते हैं। त्वचा में झुर्रियां पड़ जाती हैं। इसलिए दस्त रोकने के घरेलू उपाय की जानकारी रखें। समय पड़ने पर उनका इस्तेमाल करें।
दस्त से शरीर में पानी की कमी
दस्त के कारण शरीर में पानी की कमी होने लगती है। इससे रोगी को बहुत ज्यादा प्यास लगने लगती है। गला सूखने लगता है। इससे मरीज Dehydration बीमारी का शिकार हो जाता है।
शरीर में उपस्थित इलेक्ट्रिक तत्व असंतुलित हो जाते हैं। शरीर में कमजोरी हो जाती है। पेट में दर्द होने लगता है। ये दस्त पेचिश (Dysentery) का रूप ले लेती है।
और पढ़ेंः पेचिश में कैसे फायदेमंद होता है शमी का उपयोग
दस्त के कारण उल्टी की परेशानी
अगर ज्यादा दिनों तक दस्त नहीं रुकती है, तो पेट में गैस बनने लगती है। इससे मरीज को उल्टी भी होने लगती है।

और पढ़ेंः उल्टी रोकने के लिए घरेलू उपाय
दस्त के कारण एनीमिया की संभावना
रोगी या मरीज में खून की कमी होने लगती है, जिसके कारण एनीमिया भी हो सकता है।
और पढ़ेंः एनीमिया के लिए घरेलू उपचार
दस्त से सांस फूलने की बीमारी
कभी-कभी बार-बार मल त्याग करने के कारण रोगी को कमजोरी होने लगती है। रोगी को चलने में परेशानी होने लगती है। सांसें भी फूलने लगती हैं।
और पढ़ेंः अस्थमा के लिए घरेलू उपचार
दस्त के कारण हो सकता है बुखार
दस्त ज्यादा दिन तक होने के कारण पूरे शरीर में दर्द होने लगता है, भूख नहीं लगती है। हाथ-पैर में जलन होने लगती है। रोगी को कमजोरी होने लगती है। इससे बुखार होने की संभावना रहती है। ऐसे में हृदय, गुदी (Umbilicus) और कुक्षि (Pelvis) में बहुत ज्यादा दर्द होता है।

और पढ़ेंः जुकाम और बुखार के लिए घरेलू इलाज
दस्त रोकने के लिए घरेलू उपचार (Home Remedies for Diarrhea (Loose Motion) in Hindi)
दस्त रोकने के घरेलू उपाय के रूप में इन तरीकों को आजमा सकते हैंः-
दस्त को रोकने के लिए धनिया का प्रयोग (Dhaniya : Home Remedy to Treat Diarrhea in Hindi)
ज्यादा दस्त होने की वजह से रोगी (मरीज) को ज्यादा प्यास लगने लगती है। ऐसी स्थिति में 1 लीटर पानी में 1 चम्मच सूखा धनिया उबालें। जब आधा पानी रह जाए तो पानी को छानकर ठण्डा कर लें। इसे थोड़ी-थोड़ी मात्रा में रोगी को पिलाना चाहिए।

और पढ़ेंः धनिया के फायदे और नुकसान
कचनार के इस्तेमाल से दस्त का घरेलू इलाज (Kachnar : Home Remedy to Stop Loose Motion in Hindi)
कचनार फूलों की दो-तीन कली लेकर महीन पीस लें। इसे चीनी के शर्बत में मिलाकर, रोज सुबह-शाम 2 से 3 बार खाने के पहले, या बाद लें। इससे बार-बार दस्त आने की शिकायत भी खत्म (Home Remedy for Diarrhea) हो जाती है।
और पढ़ेंः कचनार के फायदे और नुकसान
नींबू से दस्त पर रोक (Lemon : Home Remedies for Loose Motion in Hindi)
1 कप ताजे पानी में 1 छोटा चम्मच नींबू का रस मिला लें। रोज सुबह- दोपहर-शाम को खाली पेट या खाने के बाद लेें। इससे आंतों की धीरे-धीरे सफाई हो जाती है। दस्त के साथ जिनको आँव आने लगता है, उसमें यह नुस्खा बहुत कारगर सिद्ध होता है।

और पढ़ेंः नींबू के फायदे और नुकसान
जीरा से दस्त का घरेलू उपचार (Jeera : Home Remedies for Loose Motion in Hindi)
आधा चम्मच भूने हुए जीरे के चूर्ण को 1 कप दही या मट्ठे के साथ मिला लें। इसे लेने से दस्त में फायदा मिलता है।
और पढ़ेंः नींबू के फायदे और नुकसान
आधा चम्मच भूने हुए जीरे के चूर्ण को 1 कप दही या मट्ठे के साथ मिला लें। इसे लेने से दस्त में फायदा मिलता है।
और पढ़ेंः जीरा के फायदे और नुकसान
1 छोटा चम्मच कच्ची सौंफ (बिना भूनी हुई सौंफ), 1 छोटा चम्मच पकी सौफ (भूनी हुई सौंफ) लें। दोनों को मिला लें। आधा-आधा छोटा चम्मच सुबह-शाम रोगी (मरीज) को दें। इस उपाय से दस्त में बहुत लाभ मिलता है।
और पढ़ेंः सौंफ के फायदे और नुकसान
पके हुए बेल का गूदा 1 चम्मच, 1 कप ताजे दही के साथ मिलाकर देने से दस्त में फायदा होता है।
अधिकांश लोग दस्त रोकने के घरेलू इलाज के बारे में नहीं जानते होंगे। आयुर्वेद में दस्त रोकने के उपाय के बारे में विस्तार से बताया गया है। आप भी इन उपायों के बारे में जान लीजिए, क्योंकि इन तरीकों से आप दस्त पर रोक लगा सकते हैं।
दस्त क्या है? (What is Diarrhea or Loose Motion in Hindi?)
गुदा मार्ग (Anal region) से पानी की तरह बार-बार मल का बाहर निकलना दस्त कहलाता है। दस्त कई कारणों से हो सकती है। शरीर में उपस्थित दोष वात, पित्त, कफ में मुख्यतः वातदोष असंतुलित हो जाता है। इससे शरीर की पाचन क्रिया (Digestive system) को कमजोर हो जाती है। खाया हुआ खाना अच्छे से पच नहीं पाता, और बिना पचा हुआ खाना पतला होकर मल के रास्ते बार-बार निकलने लगता है। मल झागयुक्त थोड़ी-थोड़ी मात्रा में होने लगता है।
दस्त होने के कारण (Diarrhea or Loose Motion Causes in Hindi)
दस्त होने के ये कारण हो सकते हैंः-
अस्वस्थ्य भोजन या दूषित पानी का सेवन करने से जब पाचन क्रिया में संक्रमण (Infection) हो जाता है, तब दस्त की समस्या हो जाती है।
रात का बचा हुआ बासी खाना खाने से दस्त हो सकती है।
बाहर की तैलीय चीज जैसे- समौसा, पिज्जा, बर्गर आदि तथा मैदे तथा बेसन से बनी हुई चीजें ज्यादा खाने से भी दस्त हो सकती है।
मानसिक तनाव, शोक या भय होने से भी दस्त होती है।
मल को ज्यादा देर तक रोकने से दस्त होती है।
ज्यादा दूषित मदिरा का सेवन करने से दस्त हो सकती है।
समान मात्रा से ज्यादा पानी पीने से दस्त हो सकता है।
बहुत ज्यादा तेल, मिच-मसाला वाला खाना खाने से भी दस्त हो सकती है।
बहुत अधिक मात्रा में मीठी चीज का सेवन करने से भी दस्त हो सकती है।
छोटे बच्चों को दस्त क्यों होता है? (Causes of Diarrhea or Loose Motion in Kids)
छोटे बच्चों को दस्त होने के कई कारणों होते हैं, जो ये हैंः-
छोटे बच्चे माता का दूध पीते हैं, ऐसे में जब किसी कारणवश स्तनों का दूध (Impure breast milk) दूषित हो जाता है तो इससे शिशु को दस्त होने लगती है।
कई बार देखा गया है कि माताएं स्तनपान (Breast feeding) के दौरान खुद के खाने-पीने में बहुत अधिक परहेज नहीं करती हैं। ज्यादा तेल, मिर्च-मसालों वाला खाना खा लेती हैं, या फिर रात का रखा बासी खाना भी खा लेती हैं। इससे शरीर में उपस्थित दोष वात-पित्त-कफ असंतुलित होकर स्तन के दूध को दूषित कर देते हैं। इससे बच्चों को दस्त हो जाती है।
बच्चों के दूध की बोतल को अच्छी तरह से साफ न करने से बोतल संक्रमित हो जाती है, जिसके कारण भी बच्चों को दस्त होने लगते हैं।
इसी तरह बच्चों घर के बाहर का खाना जैसे- पिज्जा, बर्गर, पेस्ट्री, आइक्रिम आदि का सेवन ज्यादा करते हैं। इससे भी दस्त हो सकती है।
कई बार बच्चे संक्रमिक पानी पी लेते हैं, बिना हाथ धुले खाना खाते हैं। पानी कम मात्रा में पीते हैं। इन सभी कारणों से बच्चों को दस्त हो जाती है। ध्यान देने वाली बात यह है कि अगर इलाज सही तरीके और समय पर न किया जाये तो दस्त से बच्चों की मृत्यु भी हो सकती है।

दस्त के कारण होने वाली अन्य बीमारियां (Diseases Caused by Diarrhea)
दस्त होने पर तुरंत उपचार करना जरूरी हो जाता है। समय पर उपचार नहीं किया गया तो दस्त के कारण गंभीर बीमारियां भी हो सकती हैंः-
दस्त के कारण त्वचा में झुर्रियां
दस्त न रुकने पर शरीर में पानी की कमी हो जाती है, जिसके कारण आंखों के नीचे काले घेरे पड़ने लगते हैं। त्वचा में झुर्रियां पड़ जाती हैं। इसलिए दस्त रोकने के घरेलू उपाय की जानकारी रखें। समय पड़ने पर उनका इस्तेमाल करें।
दस्त से शरीर में पानी की कमी
दस्त के कारण शरीर में पानी की कमी होने लगती है। इससे रोगी को बहुत ज्यादा प्यास लगने लगती है। गला सूखने लगता है। इससे मरीज Dehydration बीमारी का शिकार हो जाता है।
शरीर में उपस्थित इलेक्ट्रिक तत्व असंतुलित हो जाते हैं। शरीर में कमजोरी हो जाती है। पेट में दर्द होने लगता है। ये दस्त पेचिश (Dysentery) का रूप ले लेती है।
और पढ़ेंः पेचिश में कैसे फायदेमंद होता है शमी का उपयोग
दस्त के कारण उल्टी की परेशानी
अगर ज्यादा दिनों तक दस्त नहीं रुकती है, तो पेट में गैस बनने लगती है। इससे मरीज को उल्टी भी होने लगती है।

और पढ़ेंः उल्टी रोकने के लिए घरेलू उपाय
दस्त के कारण एनीमिया की संभावना
रोगी या मरीज में खून की कमी होने लगती है, जिसके कारण एनीमिया भी हो सकता है।
और पढ़ेंः एनीमिया के लिए घरेलू उपचार
दस्त से सांस फूलने की बीमारी
कभी-कभी बार-बार मल त्याग करने के कारण रोगी को कमजोरी होने लगती है। रोगी को चलने में परेशानी होने लगती है। सांसें भी फूलने लगती हैं।
और पढ़ेंः अस्थमा के लिए घरेलू उपचार
दस्त के कारण हो सकता है बुखार
दस्त ज्यादा दिन तक होने के कारण पूरे शरीर में दर्द होने लगता है, भूख नहीं लगती है। हाथ-पैर में जलन होने लगती है। रोगी को कमजोरी होने लगती है। इससे बुखार होने की संभावना रहती है। ऐसे में हृदय, गुदी (Umbilicus) और कुक्षि (Pelvis) में बहुत ज्यादा दर्द होता है।

और पढ़ेंः जुकाम और बुखार के लिए घरेलू इलाज
दस्त रोकने के लिए घरेलू उपचार (Home Remedies for Diarrhea (Loose Motion) in Hindi)
दस्त रोकने के घरेलू उपाय के रूप में इन तरीकों को आजमा सकते हैंः-
दस्त को रोकने के लिए धनिया का प्रयोग (Dhaniya : Home Remedy to Treat Diarrhea in Hindi)
ज्यादा दस्त होने की वजह से रोगी (मरीज) को ज्यादा प्यास लगने लगती है। ऐसी स्थिति में 1 लीटर पानी में 1 चम्मच सूखा धनिया उबालें। जब आधा पानी रह जाए तो पानी को छानकर ठण्डा कर लें। इसे थोड़ी-थोड़ी मात्रा में रोगी को पिलाना चाहिए।

और पढ़ेंः धनिया के फायदे और नुकसान
कचनार के इस्तेमाल से दस्त का घरेलू इलाज (Kachnar : Home Remedy to Stop Loose Motion in Hindi)
कचनार फूलों की दो-तीन कली लेकर महीन पीस लें। इसे चीनी के शर्बत में मिलाकर, रोज सुबह-शाम 2 से 3 बार खाने के पहले, या बाद लें। इससे बार-बार दस्त आने की शिकायत भी खत्म (Home Remedy for Diarrhea) हो जाती है।
और पढ़ेंः कचनार के फायदे और नुकसान
नींबू से दस्त पर रोक (Lemon : Home Remedies for Loose Motion in Hindi)
1 कप ताजे पानी में 1 छोटा चम्मच नींबू का रस मिला लें। रोज सुबह- दोपहर-शाम को खाली पेट या खाने के बाद लेें। इससे आंतों की धीरे-धीरे सफाई हो जाती है। दस्त के साथ जिनको आँव आने लगता है, उसमें यह नुस्खा बहुत कारगर सिद्ध होता है।

और पढ़ेंः नींबू के फायदे और नुकसान
जीरा से दस्त का घरेलू उपचार (Jeera : Home Remedies for Loose Motion in Hindi)
आधा चम्मच भूने हुए जीरे के चूर्ण को 1 कप दही या मट्ठे के साथ मिला लें। इसे लेने से दस्त में फायदा मिलता है।
और पढ़ेंः बेल के फायदे और नुकसान
कच्चे पपीते के 4-5 टुकड़ों को उबालकर खाने से पुराने दस्त ठीक हो जाते हैं।
और पढ़ेंः पपीता के फायदे और नुकसान
और पढ़े – दस्त में भांग के फायदे
दस्त के दौरान व्यक्ति का खान-पान ऐसा होना चाहिएः-
और पढ़ें: दस्त रोकने के लिए भिंडी के फायदे
दस्त के दौरान व्यक्ति को अपनी जीवनशैली में निम्न बदलाव करना चाहिएः-
और पढ़े – दस्त में बाकुची के फायदे
जब किसी बच्चे को दस्त हो तो उसे इस तरह के खान-पान देने की जरूरत (Home Remedy for Loose Motion) हैः-
दस्त होने पर बच्चों की जीवनशैली ऐसी होनी चाहिएः-
और पढ़े – दस्त में सिंघाड़े के फायदे
अगर व्यक्ति को इन बताए हुए नुस्खों या आयुर्वेदिक दवाओं से फायदा नहीं हो रहा है तो, इसके बहुत से कारण हो सकते हैं जैसे-
और पढ़े – दस्त रोकने में काकोदुम्बर फायदेमंद
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