शहद के फायदों के बारे में जितनी बात की जाए वो कम है। गुणों के आधार पर देखा जाए तो शहद जैसा पौष्टिक आहार दूसरा और कोई नहीं है। शरीर की इम्युनिटी बढ़ाने के साथ-साथ यह कई तरह की बीमारियों से बचाती है। प्राचीन काल से ही शहद का इस्तेमाल औषधि के रुप में होता रहा है और आज के समय में भी अधिकांश दवाइयों में इसका उपयोग किया जाता है। स्वादिष्ट और मीठा होने के कारण शहद का इस्तेमाल मिठास के लिए भी किया जाता है।
इस लेख में हम आपको शहद के फायदे, नुकसान और खाने के सही तरीके के बारे में विस्तार से बता रहे हैं। आइये जानते हैं :
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शहद एक गाढ़ा, चिपचिपा, पीलापन और कालापन लिए हुए भूरे रंग का तरल पदार्थ है। यह मधुमखियों द्वारा इकठ्ठा किये गए फूलों के परागों से तैयार किया जाता है। यह शरीर में प्रकुपित हुए तीनों दोषों पर सकारात्मक प्रभाव डालता है।
आमतौर पर शहद में कफ, विष, रक्तपित्त, प्यास और हिचकी को खत्म करने वाले गुण होते हैं। नया शहद ताकत बढ़ाने वाला और थोड़ी मात्रा में कफ को नष्ट करने वाला होता है। वहीं पुराना शहद कब्ज, चर्बी और मोटापा नष्ट करने वाला होता है।
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शहद अच्छा योगवाही है अर्थात इसे जिसके साथ मिलाकर इस्तेमाल किया जाता है यह उसके गुणों से युक्त हो जाता है। अतः आयुर्वेदीय औषधियों में अनुपान के रूप में सबसे अधिक शहद का प्रचलन है। अधिकांश आयुर्वेदिक दवाइयों को शहद के साथ लेने की सलाह दी जाती है।
शहद के अनगिनत फायदे हैं। पाचन को सुधारने, खांसी से आराम दिलाने के अलावा शहद त्वचा के लिए भी बहुत फायदेमंद है। आइये शहद के कुछ प्रमुख फायदों के बारे में विस्तार से जानते हैं :
शहद में मौजूद एंटीबैक्टीरियल और एंटी-ऑक्सीडेंट गुण आपको तमाम तरह की बीमारियों से बचाते हैं। शहद का नियमित सेवन शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है।
अगर आपका घाव जल्दी ठीक नहीं हो रहा है तो ऐसे में शहद का इस्तेमाल करने से वो जल्दी ठीक हो जाता है। शहद त्वचा को नमी प्रदान कर त्वचा को मुलायम बनाता है और क्षतिग्रस्त त्वचा का पुनः निर्माण करके घावों को भरता है।
गले और सीने में कफ जमा हो जाने की वजह से कई दिक्कतें होने लगती है। सांस लेने में तकलीफ होना, खांसी आना या गले में खराश होने जैसी समस्याएं जमे हुए कफ के कारण ही होती है। शहद में ऐसे गुण होते हैं जो जमे हुए कफ को टुकड़े टुकड़े करके बाहर निकालती है और इन समस्याओं से राहत दिलाती है।
हम जो भी खाना खाते हैं उसका अधिकांश हिस्सा तो आसानी से पच जाता है लेकिन कुछ भाग पचते नहीं हैं और ये शरीर में इकठ्ठा होते रहते हैं। ये सेहत के लिए बहुत हानिकारक होते हैं। इन्हें ही आयुर्वेद में ‘अमा’ कहा गया है। शहद इन हानिकारक विषैले पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करती है।
शरीर का पूरा पाचन तंत्र, जठराग्नि या पाचक अग्नि पर ही निर्भर है। इसीलिए आयुर्वेद में पाचक अग्नि के संतुलित होने पर काफी जोर दिया गया है। शहद खाने से पाचक अग्नि बढ़ती है जिससे पेट से जुड़ी तमाम तरह की बीमारियों से बचाव होता है।
शहद खाने से भूख बढ़ती है। कई लोग को भूख ना लगने की समस्या होती है जिसकी वजह से वे समय पर खाना नहीं खाते हैं। इस कारण शरीर में कमजोरी और अन्य कई बीमारियों के होने की संभावना बढ़ जाती है। ऐसे में शहद का सेवन करना गुणकारी है। विशेषज्ञों के अनुसार शहद खाने से भूख बढ़ती है।
शहद सिर्फ आपको बीमारियों से ही नहीं बचाता बल्कि इसका उपयोग आप अपना सौंदर्य बढ़ाने के लिए भी कर सकते हैं। शहद में ऐसे गुण पाए जाते हैं जो चेहरे की चमक बढ़ाते हैं और दाग धब्बों को दूर करते हैं। यही कारण है कि कई ब्यूटी क्रीम में शहद का इस्तेमाल किया जाता है। आप भी चेहरे पर निखार लाने के लिए शहद का उपयोग कर सकते हैं।
गर्मियों और बरसात के मौसम में दस्त होना एक आम समस्या है। खासतौर पर बच्चे बहुत जल्दी इस बीमारी की चपेट में आते हैं। आयुर्वेद के अनुसार दस्त होने पर शहद का सेवन करना फायदेमंद होता है।
उपरोक्त बताए गए फायदों के अलावा शहद डायबिटीज, कुष्ठ, उल्टी आदि रोगों में फायदेमंद है। हालांकि इन रोगों के इलाज के लिए शहद का सेवन किसी चिकित्सक के परामर्श के बाद ही करें।
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इन चीजों का सेवन शहद के साथ ना करें, आयुर्वेद में इन्हें शहद के साथ में खाने से मना किया गया है।
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