Categories: घरेलू नुस्खे

सर्दी-जुखाम और बुखार के घरेलू नुस्ख़े : Home Remedies for Cold & Fever

सामान्य जुकाम को नैसोफेरिंगजाइटिस, राइनोफेरिंजाइटिस, अत्यधिक नजला या जुकाम के नाम से भी जाना जाता है। यह ऊपरी श्वसन तंत्र का आसानी से फैलने वाला संक्रामक रोग है जो ज्यादातर नाक को प्रभावित करता है। इसके लक्षणों में खांसी, गले में खराश, नाक से स्राव (राइनोरिया) और बुखार आते हैं। लक्षण आमतौर पर सात से दस दिन के भीतर समाप्त हो जाते हैं। हालांकि कुछ लक्षण तीन सप्ताह तक भी रह सकते हैं। ऐसे दो सौ से अधिक वायरस होते हैं जो सामान्य जुकाम का कारण बन सकते हैं। राइनोवायरस इसका सबसे आम कारण है।

बैक्टीरिया, वायरस, कवक और अन्य प्रकार के रोगाणुओं जैसे कई सूक्ष्म जीव मानव शरीर में प्रवेश करते हैं। आमतौर पर प्रतिरक्षा प्रणाली इन सूक्ष्म जीवों से लड़ती है, जो शरीर के भीतर किसी बीमारी का कारण बनती हैं। लेकिन कभी-कभी ऐसा भी होता है कि प्रतिरक्षा प्रणली उन सभी से लड़ नहीं सकती और उन्हें शरीर से खत्म नहीं कर पाती है। जब एक व्यक्ति की प्रतिरक्षा प्रणाली इन हानिकारक वायरस को रोकने में विफल हो जाती है, तो वे आमतौर पर शरीर में संक्रमण का कारण बनती है। यह बाद में शरीर में बुखार के रूप में बाहर आती हैं।

Contents

जुकाम और बुखार क्या होता है? (What is Cold and Fever?)

बुखार एवं जुकाम वात, पित्त, कफ इन तीनों दोषों के दूषित होने से होता है परन्तु मुख्य रूप से पित्त एवं कफ के कारण यह प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर पड़ जाती है और वह शरीर के भीतर के वायरस से लड़ने में विफल हो जाती है जो बुखार और जुकाम के रूप में बाहर आती है।

बुखार वास्तव में कोई बीमारी नहीं है, बल्कि एक लक्षण है जिससे ये पता चलता है, कि हमारे शरीर में किसी तरह का संक्रमण हो गया है। बुखार कई कारणों से हो सकता है, जैसे ज्यादा शारीरिक मेहनत करने से, ज्यादा गर्म वातावरण में, पीरियड्स के समय, लू लगने से, बैक्टीरियल, वायरल फंगल इंफेक्शन के कारण या किसी रोग के प्रभाव से।

सामान्य बुखार (सिंपल फीवर) बुखार का एक प्रकार है और ऐसा बुखार होने पर कई घरेलू उपचार किये जा सकते हैं, ऐसा बुखार अक्सर बारिश में भींग जाने से, पानी के सम्पर्क में ज्यादा देर रहने से, गीले कपड़े पहनने से, जुकाम होने पर, कब्ज होने पर, लूज मोशन होने पर, पेट दर्द या पेट में कोई भी समस्या होने से, रात को जागने से, अनियमित दिनचर्या के कारण, मानसिक तनाव के कारण, मौसम में बदलाव के कारण, धूप में ज्यादा समय घूमने से और ज्यादा शारीरिक श्रम करने से हो जाता है।

बुखार अगर बार-बार हो रहा है या लगातार बना ही हुआ है तो यह किसी गंभीर बीमारी का संकेत हो सकता है, ऐसी बीमारियों में टायफाइड, हेपेटाइटिस-बी, जॉन्डिस, मलेरिया, डेंगू, लीवर की खराबी, चिकनगुनिया और कई अन्य बीमारियाँ आती हैं। अगर आप बार-बार होने वाले बुखार को अनदेखा कर रहे हैं तो आपको इसके घातक परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं।

और पढ़ेंः डेंगू बुखार के लिए घरेलू उपचार

खाँसी, जुकाम, गला खराब होना और नाक बहना बच्चों के जीवन की आम घटनाएँ होती हैं। फिर भी कुछ मामलों में, खाँसी और जुकाम न्युमोनिया या तपेदिक (टी0बी0) जैसी गंभीर बीमारियों के लक्षण होते हैं।

कभी-कभार, खाँसी और सर्दी-जुकाम किसी गंभीर रोग के लक्षण होते हैं। जिस बच्चे को ऐसे में साँस लेने में कठिनाई हो रही हो या वह जल्दी-जल्दी साँस ले रहा हो तो उसे न्युमोनिया हो सकता है, जो फेफड़ा का एक संक्रमण या इंफेक्शन होता है। यह एक प्राणघातक बीमारी है और उस बच्चे को तुरन्त किसी स्वास्थ्य सुविधा केन्द्र से उपचार की आवश्यकता है।

खाँसी और सर्दी-जुकाम, गला खराब होना और बहती नाक के अधिकतर दौर दवा की आवश्यकता के बिना ही ठीक हो जाते हैं। लेकिन कभी-कभार ये बीमारियाँ न्युमोनिया के लक्षण होते हैं, जो फेफड़ा का संक्रामक रोग है।

जुकाम या बुखार क्यों होता है? (Causes of Cold and Fever)

बदलते मौसम में जुकाम-बुखार एक आम समस्या है। मानसून में अक्सर बारीश के बाद तापमान में अचानक परिवर्तन होने से वायरल बुखार और संक्रमण फैलने का खतरा ज्यादा होता है। आमतौर पर इस मौसम में होने वाला सर्दी-जुकाम 5 से 7 दिन में ठीक हो जाता है मगर कुछ लोगों में ये लम्बे समय तक चलता रहता है। अगर आपको भी बदलते मौसम के कारण जुकाम-बुखार की समस्या है और ये ठीक नहीं हो रहा है, तो इसका कारण आपकी ही कुछ गलतियां हो सकती हैं, जिसको आप अनजाने में नजरअंदाज कर रहे हैं।

और पढ़ें: वायरल बुखार के घरेलू इलाज

जुकाम और बुखार होने के लक्षण (Symptoms of Cold and Flu)

जुकाम और बुखार वैसे तो प्रतिरक्षा प्रणाली या इम्युनिटी पावर के कम होने पर शरीर पर जुकाम और बुखार जैसे बीमारियां हावी होने लगती हैं, लेकिन इसके साथ और भी लक्षण नजर आते हैं-

पेट में दर्द

-गले में खराश और दर्द।

-नाक बहना या नाक बंद होना।

-आँखों में जलन, लाली और खुजली।

-सिर दर्द।

-तेज बुखार।

-ठण्ड लगना या कांपना।

-थकान।

-मिचली।

उल्टी।

-दस्त (डायरिया)

-शरीर की गर्मी बढ़ना।

-शरीर टूटना।

-खाने की इच्छा न होना।

-चलने पर चक्कर आना।

-नींद -मुँह का स्वाद बिगड़ना।

-हृदय की धड़कन बढ़ना।

-नींद में बड़बड़ाना आदि लक्षण।

और पढ़े: गले में संक्रमण के घरेलू उपचार

जुकाम और बुखार से बचने के उपाय (Prevention Tips for Cold and Fever)

जुकाम और बुखार होने पर कम से कम जीवनशैली और आहार में बदलाव लाना बहुत ज़रूरी होता है जिससे आप बेहतर महसूस कर सकते हैं और बीमार पड़ने की संभावना भी कम हो जाती है।

पर्याप्त मात्रा में पेय-सर्दी जैसी समस्या होने पर, पानी पीना थोड़ा मुश्किल होता है, लेकिन पर्याप्त मात्रा में पानी पीने की कोशिश करें। विशेषज्ञों का ऐसा मानना है कि पानी से हमारे शरीर में मौजूद टॉक्सिन निकल जाते हैं। चाय, कॉफी और सूप जैसे गरम आहार लेने से भी कोल्ड जैसी बीमारी से राहत मिलती है। ज्यादातर फलों में एंटी-ऑक्सीडेंट्स पाये जाते हैं जिनका सेवन करने से आपके शरीर की प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है और शरीर से विषैले पदार्थ बाहर निकलते हैं। अगर आपको डायरिया या उल्टी की शिकायत है तो इलेक्ट्रॉल का सेवन आपके लिए फायदेमंद होगा। इसके अलावा, नींबू, लैमनग्रास, पुदीना, साग, शहद आदि भी आपके लिए फायदेमंद हो सकते हैं।

साफ और ताजा वायु लें- कॉमन कोल्ड से ग्रसित व्यक्ति के लिए घर की भीतर रहना ज्यादा पसंद करते हैं, लेकिन ऐसे में लोग यह भूल जाते हैं कि इस तरीके से कमरे के अंदर का नम माहौल कीटाणुओं के लिए स्टोरहाउस जैसा काम करता है। प्रतिदिन कुछ देर ताजी हवा में रहना भी ज़रूरी होता है।

चेहरे को हाथ न लगायें- कोल्ड होने पर अपने चेहरे, नाक और मुंह को बार-बार न छूएं क्योंकि ऐसे में अगर आपके आस-पास किसी को कोल्ड हुआ हो तो आपको भी कोल्ड होने की सम्भावना बढ़ जाती है।

इंफेक्शन से बचें-् जब मौसम में बदलाव होता है तो वायरल इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है। इसके कारण कॉमन कोल्ड या जुकाम हो जाता है और नाक बंद हो जाती है। इसके अलावा छींकें आने लगती हैं और खांसी भी हो सकती है। कई बार कुछ लोगों में गला खराब होने की समस्या भी हो जाती है। ऐसे में मौसम के बदलाव के समय आपको इन इंफेक्शन से बचना चाहिए और साफ-सफाई का विशेष ख्याल रखना चाहिए।

बेमौसम की चीजों का सेवन- कई बार जब हम बेमौसम की चीजों का सेवन करते हैं, जैसे गर्मियों की शुरुआत में ही खूब ठण्डा पानी पीना, आइसक्रीम-कुल्फी खाना या बेमौसम के फल और सब्जियों का सेवन करना आदि, तो भी वायरल रोगों का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए हर मौसम में आपको मौसमी चीजों का ही सेवन करना चाहिए। मौसमी फलों और सब्जियों के सेवन से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और इस तरह के वायरल इंफेक्शन का खतरा कम हो जाता है।

खांसते-छींकते समय रूमाल का प्रयोग- मौसम के बदलाव के समय वायरल इंफेक्शन के जीवाणु ज्यादा एक्टिव हो जाते हैं। इसलिए इस मौसम में पब्लिक प्लेस पर छींकते या खांसते समय आपको हमेशा रूमाल का प्रयोग करना चाहिए। छींकते समय मुंह पर रूमाल रखने से आप तो आपके साथ-साथ अन्य लोगों को भी वायरल इंफेक्शन से खतरा कम हो जाता है। इस मौसम में वातावरण में मौजूद वायरस एक-दूसरे में सांस के जरिये, छींकने से या खांसने पर ड्रॉप्लेट्स द्वारा फैलता है। इसे रेस्पिरिटरी इंफेक्शन का वायरस कहते हैं।

साफ-सफाई का विशेष ध्यान- वायरल बीमारियों का सबसे ज्यादा खतरा उन लोगों को होता है जो अपने शरीर और अपने आस-पास की सफाई का ध्यान नहीं रखते हैं। चूंकि मौसम के बदलाव के समय बीमारी के जीवाणु ज्यादा एक्टिव होते हैं इसलिए इस समय साफ-सफाई का विशेष खयाल रखना चाहिए। रोजाना साबुन से नहाना, कपड़े धूप में सुखाना, बाथरूम और टॉयलेट की अच्छी तरह सफाई करना, खांसते और छींकते समय मुंह पर रूमाल रखना आदि बातों का ध्यान रखना जरूरी है। इसके अलावा सब्जियों को धोकर पकाना और खाने से पहले हाथ धोना भी बहुत जरूरी होता है।

एयर कंडीशनर में सोना- आमतौर पर मौसम बदलने पर भी लोग एयर कंडीशनर का प्रयोग करते हैं। चूंकि मौसम बदलने के दौरान दिन और रात के तापमान में भारी अंतर  आ जाता है। ऐसे में एयरकंडीशनर में सोने से शरीर का तापमान काफी कम हो जाता है, जिसका नाक और गले पर बुरा प्रभाव पड़ता है। कई बार लम्बे समय तक ठण्ड में सोने पर आपको बुखार की समस्या भी हो सकती है। इसके अलावा एक शोध में पाया गया है कि एयरकंडीशनर में सोने से आपके इम्यून सिस्टम पर बुरा प्रभाव पड़ता है।

साफ-सफाई का ध्यान न रखना- वायरल बीमारियों का सबसे ज्यादा खतरा उन लोगों को होता है जो अपने शरीर और अपने आस-पास की सफाई का ध्यान नहीं रखते हैं। चूंकि मौसम के बदलाव के समय बीमारी के जीवाणु ज्यादा एक्टिव होते हैं इसलिए इस समय साफ-सफाई का विशेष ख्याल रखना चाहिए। रोजाना साबुन से नहाना, कपड़े धूप में सुखाना, बाथरूम और टॉयलेट की अच्छी तरह सफाई करना, खांसते और छींकते समय मुंह पर रूमाल रखना आदि बातों का ध्यान रखना जरूरी है।

खांसने-छींकने के बाद कपड़ों से पोंछ लेना- मौसम के बदलाव के समय वायरल इंफेक्शन के जीवाणु ज्यादा एक्टिव हो जाते हैं। इसलिए इस मौसम में पब्लिक प्लेस पर छींकते या खांसते समय आपको हमेशा रूमाल का प्रयोग करना चाहिए। छींकते समय मुंह पर रूमाल रखने से आप तो आपके साथ-साथ अन्य लोगों को भी वायरल इंफेक्शन से खतरा कम हो जाता है। इस मौसम में वातावरण में मौजूद वायरस एक-दूसरे में सांस के जरिये, छींकने से या खांसने पर ड्रॉप्लेट्स द्वारा फैलता है। इसे रेस्पिरिटरी इंफेक्शन का वायरस कहते हैं।

अधिक तनाव- तनाव आपके शरीर के इम्यूनिटी सिस्टम को नुकसान पहुंचाता है। हम रोज किसी न किसी वजह से तनाव का सामना करते ही हैं। हमें कोशिश करनी चाहिए कि तनाव को किसी भी तरह नियंत्रण में रखें। इसके कारण आप बीमार भी हो सकते हैं। एक स्टडी के मुताबिक, अधिक तनाव आपको बीमारियों के लिए अधिक संवेदनशील बना देता है। अगर आपको जुकाम हुए काफी दिन हो गए और आप ठीक नहीं हो पा रहे तो जांच लें, कहीं आपका अधिक तनाव तो इसकी वजह नहीं है।

एक्सरसाइज- कई लोगों की एक्सरसाइज की आदत इतनी नियमित होती है कि वो बीमार होने पर भी इसे टालते नहीं हैं। ऐसे लोग सोचते हैं, थोड़ी सी बीमारी में एक्सरसाइज क्या छोड़ना और उनकी इसी सोच की वजह से सामान्य-सा जुकाम काफी दिनों तक के लिए टिक सकता है। अगर आप जुकाम के दौरान एक्सरसाइज करना भी चाहते हैं तो हल्के स्तर पर करें।

खान-पान- जैसे ही आपको बीमारी महसूस होने लगता है, या तो आप खना-पीना छोड़ देते हैं या फिर ऐसी चीजें खाने लगते हैं जो आपको फायदा नहीं पहुंचाती। जब आपको सर्दी-जुकाम होता है तो आपके पूरे शरीर को पोषण की जरूरत होती है, ताकि वो बीमारी से बच सके। कोशिश करें कि जब आप बीमार हो तब भी आपका खान-पान सम्पूर्ण पोषण-युक्त हो।

जुकाम और बुखार में क्या नहीं खाना चाहिए-

-बुखार में भारी, गरिष्ठ, तले हुए, मिर्च-मसालेदार भोजन से परहेज करें।

-बुखार में दूध से बनी मिठाइयाँ और रेशायुकत आहार न खाएं। खट्टे फलों का सेवन भी बुखार में न करें।

डेंगू बुखार लक्षण, बचाव, खानपान और उपचार के उपाय बुखार में जल्दी ताकत लाने के चक्कर में अधिक घी, मक्खन, मांस, आदि गरिष्ठ पदार्थ न खाएं और न ही पिएं। चाय, कॉफी, शराब, कोल्ड ड्रिंक्स आदि से परहेज रखें। रेड मीट या अन्य मीट बिल्कुल न लें। इसे आपका पेट हजम नहीं कर पाएगा। बुखार में जंक फूड (फास्ट फूड, डिब्बाबंद फूड) का सेवन भी कतई न करें। उच्च फैट वाले और तैलीय भोजन से भी पूरी तरह परहेज करें।

-बुखार में आइसक्रीम, कोल्ड ड्रिंक जैसी ठण्डी चीजों और सोडा ड्रिंक से भी दूर रहें।

-बुखार में शराब और धूम्रपान का सेवन भी बिल्कुल नहीं करना चाहिए।

प्रोसेस्ड फूड- खांसी के दौरान प्रोसेस्ड फूड के सेवन से बचना जरूरी है। इसमें वाइट ब्रे, वाइट पास्ता, बेक्ड फूड, चिप्स वगैरह आते हैं। इनकी जगह हरी पत्तेदार सब्जी खानी चाहिए।

फ्राइड फूड- फ्राइड फूडस खांसी में काफी नुकसान पहुंचाते हैं लिहाजा फ्रेंच फ्राइज और जंक फूड खांसी में नहीं खाने चाहिए।

खट्टे फल- साइट्रिक एसिड वाले फल भी खांसी को बढ़ा सकते हैं। ऐसे फलों से परहेज करना चाहिए। इनके बजाय पाइनएप्पल, आडू या तरबूज लेना चाहिए।

दूधखांसी में दूध और दूध से बने उत्पाद खाने से श्वसन तंंत्र, फेफड़ों और गले में बलगम इकट्ठा हो जाता है इसलिए जब तक खांसी ठीक न हो जाए दूध से दूर ही रहें।

कुकीज और बिस्किट-सर्दी-जुकाम हो तो कुकीज, बिस्किट और बाजार की बेकरी से परहेज करना चाहिए। ये कफ बनाते हैं जिससे समस्या बढ़ जाती है। कोशिश होनी चाहिए कि घर पर बनने वाला गरम भोजन का ही सेवन किया जाय।

जुकाम और बुखार में क्या खाना चाहिए-

-बुखार में जहां तक हो सके तरल भोज्य पदार्थ ही सेवन करें और कच्ची चीजों की तुलना में पके हुए भोजन को खाएं। भाप में पकाई हुई सब्जियों, सूप और फलों के पतले रस को अपने भोजन में शामिल करें। बुखार में साधारण, हल्का, आसानी से पचने वाला, कम मिर्च मसालेदार व कम मात्रा में भोजन करें।

-ताजा उबली हुई सब्जियां, सब्जियों का सूप, सलाद भी बुखार की स्थिति में सही भोजन होता है।

-बाजार में आसानी से मिलने वाला इलेक्ट्रोलाइट शरीर को तरल पदार्थ देने का अच्छा विकल्प है। यह शरीर की जरूरी पोषण और रोग से लड़ने की ताकत देता है।

-आलू बुखारा, चीकू, चकोतरा, अंगूर, पपीता, अनार, सेब, संतरा आदि का सेवन करें। कच्चे नारियल का पानी भी बुखार में लाभकारी होता है। (बुखार में चीकू के फायदे)

-उबला हुआ ठण्डा किया पानी बार-बार पीते रहें। बुखार में ठण्ड लगे तो गर्म पानी में और गर्मी या जलन महसूस हो तो गर्म किए ठण्डे पानी में नींबू का रस और थोड़ा सेंधा नमक मिलाकर बार-बार पिएं। बुखार की कमजोरी में पानी में शहद मिलाकर पिएं।

-गर्मी, थकान या मेहनत के कारण हुए बुखार में अनानास के रस में शहद डालकर पीने से काफी फायदा होगा। पपीते के पत्तों का काढ़ा भी बुखार को उतार देता है। यदि बुखार गर्मी में लू लगने से हुआ है और कफ खांसी नहीं है तो दही का प्रयोग भी लाभकारी होता है।

और पढ़ें: अनानास के फायदे

-शहद और नींबू की चाय बुखार में यह पेय बहुत काम का है। हर्बल चाय का इस्तेमाल भी किया जा सकता है। चाय में अदरक डालने से इसका लाभ और बढ़ जाएगा। बुखार में पानी के साथ-साथ अन्य स्वास्थ्यवर्धक पेय पदार्थों का ज्यादा-से-ज्यादा सेवन करना चाहिए।

-एक चम्मच जीरा के दाने लें। चार-पांच तुलसी की पत्तियां लें। इन दोनों को एक गिलास पानी में मिला लें। इसके बाद पानी को कुछ मिनट के लिए उबलने दें। इसके बाद इस मिश्रण की एक चम्मच मात्रा दिन में दो-तीन बार लें।

-बुखार में ताजा फलों का रस भी बहुत फायदा देगा। ऐसी स्थिति में फलों का डिब्बाबंद जूस नहीं पीना चाहिए। हर हाल में ताजा फलों का रस ही लेना चाहिए। फलों का रस शरीर के रोग प्रतिरोधी तंत्र को मजबूत करने का काम करेगा।

और पढ़ेबुखार में शिवलिंगी से लाभ

-एक गिलास दूध में एक चम्मच शहद या थोड़ा-सा केसर पाउडर मिलाना भी बुखार में लाभकारी रहेगा। फलों का रस, गन्ने का रस, मकई का रस थोड़ा-थोड़ा करके बार-बार पीना चाहिए।

-तुलसी के छह-सात पत्ते लें और करीब इतने ही दाने काली मिर्च के तथा दो पत्ते पीपल के लें और एक छोटी गांठ सोंठ की, सभी को एक कप पानी में डालकर उबालें। पानी जब आधा रह जाए तो उसमें मिश्री मिलाएं और सुबह के समय खाली पेट लें। कई दिन तक ऐसा करें, बुखार में बहुत फायदा होगा। 100 ग्राम नीम की छाल को कूटकर बारीक कर लें। इसमें आधा लीटर पानी डालकर उबालें। पानी के 100 ग्राम रहने तक उबालें। इसके बाद इस पानी को सुबह-शाम पिलाएं, बुखार से जल्दी ही छुटकारा मिलेगा। बुखार में नीम की पत्तियों को सुखाकर और पीसकर उनका चूर्ण बना लें। अब चूर्ण की एक चम्मच मात्रा का गर्म पानी के साथ सेवन करें।

इसके अलावा बुखार होने पर इन बातों का ध्यान रखना भी ज़रूरी होता है-

-पूरा विश्राम कर सुबह-शाम 30 मिनट का शवासन करें।

-तेज बुखार होने पर माथे पर ठण्डे पानी की पट्टी रखें।

-पैर के तलवों पर लौकी के रस या लौकी के तेल की मालिश अवश्य करें।

-रोगी का कमरा स्वच्छ, हवादार रखें और साफ-सुथरे कपड़े पहने और पहनायें।

-व्यक्तिगत स्वच्छता पर पूरा ध्यान दें। सुबह और शाम को लंबी और गहरी सांस लेने का अभ्यास करें।

-बुखार में हमेशा कंबल, गर्म कपड़े में शरीर को लपेट कर न रखें।

और पढ़े: जानें रोज तुलसी खाना क्यों है फायदेमंद

जुकाम और बुखार के घरेलू नुस्ख़े ( Home Remedies for Cold and Fever)

आम तौर पर जुकाम और बुखार की समस्या से निजात पाने के लिए सबसे पहले घरेलू नुस्ख़ों को ही अपनाया जाता है। यहां हम पतंजली के विशेषज्ञों द्वारा पारित कुछ ऐसे घरेलू उपायों के बारे में बात करेंगे जिनके सेवन से जुकाम और बुखार की समस्या से जल्द आराम मिल सकता है।

हल्दी जुकाम और बुखार में लाभकारी (Turmeric Beneficial in Cold and Fever in Hindi)

जुकाम और खांसी से बचाव के लिए हल्दी बहुत ही अच्छा उपाय है। हल्दी एंटी वायरल और एंटी बैक्टिरीयल होता है जो सर्दी-जुकाम से लड़ने में काफी मददगार होता है। यह बंद नाक और गले की खराश की समस्या को भी दूर करता है। जुकाम और खांसी होने पर दो चम्मच हल्दी पाउडर को एक गिलास दूध में मिलाकर सेवन करने से फायदा होता है। दूध में मिलाने से पहले दूध को गर्म कर लें। इससे बंद नाक और गले की खराश दूर होगी। सीने में होने वाली जलन से भी यह बचाता है। बहती नाक के इलाज के लिए हल्दी को जलाकर इसका धुंआं लें, इससे नाक से पानी बहना तेज हो जाएगा व तत्काल आराम मिलेगा।

और पढ़े-हल्दी के फायदे

गेहूं की भूसी जुकाम और बुखार में फायदेमंद (Wheat Bran Beneficial in Cold and Fever in Hindi)

जुकाम और खांसी के उपचार के लिए आप गेहूं की भूसी का भी प्रयोग कर सकते हैं। 10 ग्राम गेहूं की भूसी, पांच लौंग और कुछ नमक लेकर पानी में मिलाकर इसे उबाल लें और इसका काढ़ा बनाएं। इसका एक कप काढ़ा पीने से आपको तुरन्त आराम मिलेगा। आमतौर पर जुकाम हल्का-फुल्का ही होता है जिसके लक्षण एक हफ्ते या इससे कम समय के लिए रहते हैं।

और पढ़े बुखार में अमरूद के फायदे

तुलसी जुकाम और बुखार में फायदेमंद (Tulsi Beneficial in Cold and Fever in Hindi)

सामान्य जुकाम और खांसी के उपचार के लिए बहुत ही कारगर घरेलू उपाय है तुलसी, तुलसी में काफी उपचारी गुण समाए होते हैं, जो जुकाम और फ्लू आदि से बचाव में कारगर हैं। तुलसी की पत्तियां चबाने से कोल्ड और फ्लू दूर रहता है। खांसी और जुकाम होने पर इसकी पत्तियां (प्रत्येक 5 ग्राम) पीसकर पानी में मिलाएं और काढ़ा तैयार कर लें। इसे पीने से आराम मिलता है।

इसके अलावा तुलसी और अदरक को सर्दी-जुकाम के लिए रामबाण माना जाता है। इसके सेवन से इसमें तुरन्त राहत मिलती है। एक कप गर्म पानी में तुलसी की पांच-सात पत्तियां लें। उसमें अदरक के एक टुकड़े को भी डाल दे। उसे कुछ देर तक उबलने दे और उसका काढ़ा बना लें। जब पानी बिल्कुल आधा रह जाए तो इसे आप धीरे-धीरे पी लें। यह नुस्खा बच्चों के साथ बड़ों को भी सर्दी-जुकाम में राहत दिलाने के लिए असरदार होता है।

और पढ़ेबुखार उतारने के लिए अपामार्ग के फायदे

अदरक जुकाम और बुखार में फायदेमंद (Ginger Beneficial in Cold and Fever in Hindi)

सर्दी और जुकाम में अदरक बहुत फायदेमंद होता है। अदरक को महाऔषधि कहा जाता है, इसमें विटामिन, प्रोटीन आदि मौजूद होते हैं। अगर किसी व्यक्ति को कफ वाली खांसी हो तो उसे रात को सोते समय दूध में अदरक उबालकर पिलाएं। अदरक की चाय पीने से जुकाम में फायदा होता है। इसके अलावा अदरक के रस को शहद के साथ मिलाकर पीने से आराम मिलता है।

और पढ़े- सर्दी में अदरक का सेवन कितना है फायदेमंद

काली मिर्च का पाउडर जुकाम और बुखार में फायदेमंद (Black Pepper Beneficial in Cold and Fever in Hindi)

जुकाम और खांसी के इलाज के लिए यह बहुत अच्छा देसी ईलाज है। दो चुटकी हल्दी पाउडर , दो चुटकी सोंठ पाउडर, एक चुटकी लौंग का पाउडर और बड़ी इलायची आधी चुटकी, लेकर इन सबको एक गिलास दूध में डालकर उबाल लें। इस दूध में मिश्री मिलाकर पीने से जुकाम ठीक हो जाता है। कालीमिर्च को शहद में मिलाकर चाटने से सर्दी और खांसी ठीक हो जाती है।

और पढ़ेंबुखार में कॉफ़ी के फायदे

इलायची जुकाम और बुखार में फायदेमंद (Cardamom Beneficial in Cold and Fever in Hindi)

इलायची न केवल बहुत अच्छा मसाला है बल्कि यह सर्दी और जुकाम से भी बचाव करती है। जुकाम होने पर इलायची को पीसकर रुमाल पर लगाकर सूंघने से सर्दी-जुकाम और खांसी ठीक हो जाती है। इसके अलावा चाय में इलायची डालकर पीने से आराम मिलता है।

हर्बल टी जुकाम और बुखार में फायदेमंद (Herbal Tea Beneficial in Cold and Fever in Hindi)

सर्दी और जुकाम में औषधीय चाय पीना बहुत फायदेमंद होता है। सर्दी के कारण जुकाम, सिरदर्द, बुखार और खांसी होना सामान्य है, ऐसे में हर्बल टी पीना आपके लिए फायदेमंद है। इससे ठण्ड दूर होती है और पसीना निकलता है और आराम मिलता है। यदि जुकाम खुश्क हो जाये, कफ गाढ़ा, पीला और बदबूदार हो और सिर में दर्द हो तो इसे दूर करने के लिए हर्बल टी का सेवन करना अच्छा होता है।

और पढ़ेंसिर दर्द में चाय के फायदे

कपूर जुकाम और बुखार में फायदेमंद (Camphor Beneficial in Cold and Fever in Hindi)

सर्दी से बचाव के लिए कपूर का प्रयोग भी फायदेमंद है। कपूर की एक टिकिया को रुमाल में लपेटकर बार-बार सूंघने से आराम मिलता है और बंद नाक खुल जाती है। इसके अलावा कपूर सूंघने से ठण्ड भी दूर होती है। कपूर की टिकिया का प्रयोग करके आप सर्दी और जुकाम से बचाव कर सकते हैं।

नींबू जुकाम और बुखार में फायदेमंद (Lemon Beneficial in Cold and Fever in Hindi)

गुनगुने पानी में नींबू को निचोड़कर पीने से सर्दी और खांसी में आराम मिलता है। एक गिलास उबलते हुए पानी में एक नींबू और शहद मिलाकर रात को सोते समय पीने से जुकाम में लाभ होता है। पका हुआ नींबू लेकर उसका रस निकाल लीजिए, इसमें शुगर डालकर इसे गाढ़ा बना लें। इसमें इलायची का पाउडर मिलाकर इसका सेवन करने से आराम मिलता है।

लहसुन जुकाम और बुखार में फायदेमंद (Garlic Beneficial in Cold and Fever in Hindi)

लहसुन सर्दी-जुकाम से लड़ने में काफी मददगार होता है। लहसुन में एलिसिन नामक एक रसायन होता है जो एंटी-बैक्टिरीयल, एंटी-वायरल और एंटी-फंगल होता है। लहसुन की पांच कलियों को घी में भुनकर खाएं। ऐसा एक-दो बार करने से जुकाम में आराम मिल जाता है। सर्दी जुकाम के संक्रमण को लहसुन तेजी से दूर करता है।

और पढ़े-जानें सिरदर्द होने पर लहसुन कैसे लेना चाहिए?

डॉक्टर के पास कब जाना चाहिए ? (When to See a Doctor?)

आम तौर जुकाम और बुखार होने पर लोग डॉक्टर के पास तब तक नहीं जाते जब तक अवस्था कुछ गंभीर प्रतीत न हो, लेकिन निम्न अवस्था हो तो तुरन्त डॉक्टर से परामर्श लें-

-अगर आपका बुखार 101.3 फारेनहाइट से ज्यादा है।

-अगर आपको लगातार चार-पांच तक बुखार आता है, अगर आपको सांस लेने में परेशानी, उलझन और शरीर में तेज दर्द है।

-कम बुखार में भी उल्टी, दस्त, चक्कर, सिर, आंखों, बदन या जोड़ों में दर्द जैसे लक्षणों में से कोई भी लक्षण है, तो फौरन डॉक्टर से परामर्श लें।

और पढ़ें:

आचार्य श्री बालकृष्ण

आचार्य बालकृष्ण, स्वामी रामदेव जी के साथी और पतंजलि योगपीठ और दिव्य योग मंदिर (ट्रस्ट) के एक संस्थापक स्तंभ है। उन्होंने प्राचीन संतों की आध्यात्मिक परंपरा को ऊँचा किया है। आचार्य बालकृष्ण जी एक प्रसिद्ध विद्वान और एक महान गुरु है, जिनके मार्गदर्शन और नेतृत्व में आयुर्वेदिक उपचार और अनुसंधान ने नए आयामों को छूआ है।

Share
Published by
आचार्य श्री बालकृष्ण

Recent Posts

कब्ज से छुटकारा पाने के लिए अपनाएं पतंजलि दिव्य त्रिफला चूर्ण

आयुर्वेदिक ग्रंथों के अनुसार, त्रिफला चूर्ण पेट से जुड़ी समस्याओं के लिए बेहद फायदेमंद है. जिन लोगों को अपच, बदहजमी…

11 months ago

डायबिटीज को नियंत्रित रखने में सहायक है पतंजलि दिव्य मधुनाशिनी वटी एक्स्ट्रा पावर

डायबिटीज की बात की जाए तो भारत में इस बीमारी के मरीजों की संख्या साल दर साल बढ़ती जा रही…

11 months ago

त्वचा से जुड़ी समस्याओं के इलाज में उपयोगी है पतंजलि दिव्य कायाकल्प वटी

मौसम बदलने पर या मानसून सीजन में त्वचा से संबंधित बीमारियाँ काफी बढ़ जाती हैं. आमतौर पर बढ़ते प्रदूषण और…

12 months ago

युवाओं के लिए अमृत है पतंजलि दिव्य यौवनामृत वटी, जानिए अन्य फायदे

यौन संबंधी समस्याओं के मामले में अक्सर लोग डॉक्टर के पास जाने में हिचकिचाते हैं और खुद से ही जानकारियां…

12 months ago

मोटापे से छुटकारा पाने के लिए अपनाएं पतंजलि मेदोहर वटी

पिछले कुछ सालों से मोटापे की समस्या से परेशान लोगों की संख्या तेजी से बढ़ती जा रही है. डॉक्टरों के…

12 months ago

पेट से जुड़े रोगों को ठीक करती है पतंजलि दिव्य गोधन अर्क, जानिए सेवन का तरीका

अधिकांश लोगों का मानना है कि गौमूत्र के नियमित सेवन से शरीर निरोग रहता है. आयुर्वेदिक विशेषज्ञ भी इस बात…

12 months ago