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हल्दी के फायदे, उपयोग और औषधीय गुण : Haldi Benefits in Hindi

भारतीय मसालों में हल्दी (Haldi) का एक अलग ही महत्व है। यही कारण है कि आपको हर घर की रसोई में हल्दी ज़रूर मिलेगी। हल्दी खाने का स्वाद और रंग रूप तो बढ़ाती ही है साथ ही यह कई तरह के रोगों से भी रक्षा करती है। प्राचीन काल से ही हल्दी को जड़ी बूटी के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है। आयुर्वेद में हल्दी के फायदे के बारे में विस्तृत उल्लेख है। इस लेख में हम आपको हल्दी के फायदे – नुकसान और खाने के तरीके के बारे में विस्तार से बता रहे हैं।

हल्दी के फायदे | Benefits of Turmeric

Contents

हल्दी क्या है? (What is Haldi in Hindi?) :

हल्दी एक जड़ी-बूटी है। इसका इस्तेमाल मसालों के रुप में प्रमुखता से किया जाता है। हिंदू धर्म में पूजा में या कोई भी शुभ काम करते समय हल्दी का उपयोग किया जाता है। खाने के अलावा कई तरह की बीमारियों से बचाव में भी हल्दी का उपयोग होता है। इस समय पूरी दुनिया में हल्दी के गुणों पर रिसर्च चल रहे हैं और कई रिसर्च आयुर्वेद में बताए गुणों कि पुष्टि करते हैं।

हल्दी की कई प्रजातियाँ पाई जाती हैं, जिनमें मुख्य रूप से निम्नलिखित चार प्रजातियों का प्रयोग चिकित्सा में किया जाता है।

  • Curcuma longa : हल्दी की इस प्रजाति का उपयोग मुख्य रुप से मसालों और औषधियों के रूप में किया जाता है। इसके पौधे 60-90 सेमी तक ऊँचें होते हैं। इस हल्दी का रंग अंदर से लाल या पीला होता है। यही वह हल्दी है जिसका उपयोग हम अपने घरों में सब्जी बनाने में करते हैं।
  • Curcuma aromatica:  इसे जंगली हल्दी कहते हैं।
  • Curcuma amada: इस हल्दी के कन्द और पत्तों में कपूर और आम जैसी महक होती है। इसी वजह से इसे आमाहल्दी (Mango ginger) कहा जाता है।
  • Curcuma caesia: -इसे काली हल्दी कहते हैं। मान्यताओं के अनुसार इस हल्दी में चमत्कारिक गुण होते हैं। इस हल्दी का उपयोग ज्योतिष और तंत्र विद्या में ज्यादा होता है।

अन्य भाषाओं में हल्दी के नाम  (Name of Haldi in Different languages) :

  • हल्दी का वानस्पतिक नाम Curcuma longa Linn. (कुरकुमा लौंगा) Syn-Curcuma domesticaValeton
  • कुल का नाम Zingiberaceae (जिन्जिबेरेसी) है

अन्य भाषाओं में इसे निम्न नामों से पुकारा जाता है।

Names of Turmeric in different languages:

  • Name of Haldi in English : Turmeric (टर्मेरिक्)
  • Name of Haldi in Sanskrit : हरिद्रा, काञ्चनी, पीता, निशाख्या, वरवर्णिनी, रजनी, रंजनी, कृमिघ्नी, योषित्प्रिया, हट्टविलासिनी, हलदी, गौरी, अनेष्टा, हरती
  • Name of Haldi in Hindi : हलदी, हर्दी, हल्दी;
  • Name of Haldi in Urdu : हलदी (Haladi)
  • Name of Haldi in Asam : हलादी (haladhi);
  • Name of Haldi in Konkani : हलद (Halad);
  • Name of Haldi in Kannada : अरसिन (Arsina), अरिसिन (Arisin)
  • Name of Haldi in Gujrati : हलदा (Halada);
  • Name of Haldi in Tamil : मंजल (Manjal)
  • Name of Haldi in Telgu : पसुपु (Pasupu), पाम्पी (Pampi)
  • Name of Haldi in Bengali : हलुद (Halud), पितरस (Pitras);
  • Name of Haldi in Punjabi : हलदी (Haldi), हलदर (Haldar);
  • Name of Haldi in Marathi : हलद (Halade), हलदर (Haldar);
  • Name of Haldi in Malyalam : मन्जल (Manjal), मन्नाल (Mannal), पच्चामन्नाल ( pacchamannal)
  • Name of Haldi in English : कॉमन टर्मेरिक (Commonturmeric), इण्डियन सैफरन (Indian saffron),
  • Name of Haldi in Arabi : उरुकेस्सुफ (Urukessuf), कुरकुम (Kurkum);
  • Name of Haldi in Persian : जर्द चोब (Zard chob), दारजरदी (Darjardi)

हल्दी के फायदे और सेवन का तरीका (Haldi benefits in Hindi and uses)

हल्दी हमारे शरीर की इम्युनिटी को बढ़ाती है जिस वजह से तमाम तरह की संक्रामक बीमारियों से बचाव होता है। हल्दी में वात कफ दोषों को कम करने वाले गुण होते हैं और यह शरीर में खून बढ़ाने में मदद करती है। डायबिटीज में हल्दी का सेवन बहुत ही उपयोगी (haldi uses in hindi) माना जाता है।

आइये जानते हैं कि हल्दी के सेवन से किन रोगों में आराम मिलता है और इसका सेवन किस तरह करना चाहिए।

जुकाम में हल्दी के फायदे ( Haldi benefits in Hindi for cold) :

हल्दी की तासीर गर्म होने की वजह से जुकाम में इसका सेवन करना फायदेमंद रहता है। हल्दी के धुंए को रात के समय सूंघने से जुकाम जल्दी ठीक होता है। हल्दी सूंघने के कुछ देर बाद तक पानी नहीं पीना चाहिए।

सिर की फुंसियों से आराम दिलाती है हल्दी (Haldi Benefits in Hindi for Seborrheic Dermatitis) :

गर्मी के मौसम में सिर में फुंसियां निकलना एक आम समस्या है। हल्दी के लाभ सिर में तेज खुजली होती है और खुजलाने पर दर्द और जलन होने पर मिलता है। इस समस्या से आराम पाने के लिए हल्दी और दारूहरिद्रा, भूनिम्ब, त्रिफला, नीम और चन्दन को पीसकर रोजाना सिर पर मालिश करें।

हल्दी के फायदे – आंखों के दर्द से आराम दिलाती है हल्दी ( Haldi helps to reduce Eye pain in Hindi) :

आंखों में दर्द होने पर या किसी तरह का संक्रमण होने पर हल्दी (turmeric in Hindi) का प्रयोग करना फायदेमंद रहता है। 1 ग्राम हल्दी को 25 मिली पानी में उबालकर छान लें। छानने के बाद इसे आंखों में बार बार डालने से आंखों के दर्द से आराम मिलता है। कंजक्टीवाइटिस होने पर भी आप इसी घरेलू उपाय की मदद से आराम (haldi ke fayde)पा सकते हैं। हल्दी का गुण आँखों के लिए बहुत ही उपयोगी (haldi uses in hindi) होता है।

और पढ़ें: आंखों के रोग में धातकी का प्रयोग

हल्दी के फायदे – कान बहने की समस्या से आराम (Benefits of Haldi in ear discharge in Hindi)

कान से गाढ़ा तरल निकलना एक समस्या है जिसे आम भाषा में लोग कान बहना कहते हैं। इससे आराम  पाने के लिए हल्दी को पानी में उबालकर, छान लें और उसे कान में डालें।

और पढ़ें: अरबी के फायदे कान के रोग में

पायरिया में हल्दी के फायदे (Haldi Beneficial in Pyorrhea in Hindi):

सरसों का तेल, हल्दी मिलाकर सुबह-शाम मसूड़ों पर लगाकर अच्छी प्रकार मालिश करने तथा बाद में गर्म पानी से कुल्ले करने पर मसूड़ों  के सब प्रकार के रोग दूर (haldi ke fayde) हो जाते हैं। हल्दी का गुण पायरिया के लिए फायदेमंद होता है।

और पढ़े मसूड़ों के दर्द में कासनी के फायदे

हल्दी के फायदे: गले की खराश से आराम (Haldi benefits for throat irritation in Hindi) :

गले की खराश होने पर अजमोदा, हल्दी, यवक्षार और चित्रक इन सबके 2-5 ग्राम चूर्ण को एक चम्मच शहद के साथ सेवन करने से गले की खराश दूर होती है।

और पढ़े: गले के दर्द को दूर करे सेम की फली

हल्दी के फायदे – खांसी से आराम (Haldi Helps in reducing cough)

हल्दी (haldi in hindi) को भूनकर चूर्ण बना लें। 1-2 ग्राम हल्दी चूर्ण (Turmeric powder in Hindi) के शहद या घी के साथ मिलाकर खाने से खांसी में आराम मिलता है।

और पढ़ेंईएसआर रेट लो करने में हल्दी फायदेमंद

हल्दी के फायदे – पेट दर्द से आराम (Haldi beneficial in Stomach pain in Hindi) :

पेट दर्द होने पर भी हल्दी का सेवन करने से दर्द से जल्दी आराम मिलता है। 10 ग्राम हल्दी (haldi in hindi)को 250 ml पानी में उबाल लें। पेट दर्द होने पर इसमें गुड़ मिलाकर थोड़ा-थोड़ा पियें।

बवासीर में हल्दी के फायदे (Turmeric benefits for Piles in Hindi) :

खराब जीवनशैली और खराब खानपान की वजह से अधिकांश लोग कब्ज़ के मरीज हो जाते हैं। कब्ज़ के कारण ही आगे चलकर बवासीर की समस्या होने लगती है। बवासीर से आराम पाने के लिए सेहुंड के दूध में 10 ग्राम हल्दी मिलाकर मस्सों में लगाएं। । इसके अलावा सरसों के तेल में हल्दी चूर्ण (Turmeric powder in Hindi) को मिलाकर मस्सों पर लगाने से बवासीर में आराम मिलता है।

और पढ़े: बवासीर में अभयारिष्ट के फायदे

पीलिया से आराम दिलाती है हल्दी (Turmeric benefits for Jaundice in Hindi) :

पीलिया एक ऐसी समस्या है जिसका सही इलाज ना करवाने पर आगे चलकर यह बहुत गंभीर समस्या में बदल जाती है। छोटे बच्चों में यह समस्या ज्यादा होती है। पीलिया होने पर 6 ग्राम हल्दी चूर्ण को मठ्ठे में मिलाकर दिन में दो बार सेवन करने पर 4-5 दिन में ही पीलिया से आराम मिल जाता है। इसके अलावा 5-10 ग्राम हल्दी चूर्ण में 50 ग्राम दही मिलाकर खाने से भी पीलिया में फायदा (haldi ke fayde) होता है।

लौह भस्म, हरड़ और हल्दी इन तीनों को एक बराबर मात्रा में मिलाकर इसकी 375mg मात्रा में घी और शहद मिलाकर सेवन करने से पीलिया में लाभ होता है।

और पढ़े: पीलिया रोग में सत्यानाशी के फायदे

डायबिटीज में हल्दी के फायदे (Benefits of Turmeric in Diabetets in Hindi) :

2 से 5 ग्राम हल्दी चूर्ण में आंवला रस और शहद मिलाकर सुबह और शाम को खाना, डायबिटीज के मरीजों के लिए फायदेमंद होता है। इसके अलावा हल्दी, दारुहल्दी, तगर और वायविडंग का क्वाथ बनाकर उसकी 20-40 ml की मात्रा में 5-10 ग्राम शहद मिलाकर सुबह- शाम सेवन करने से डायबिटीज में फायदा (haldi ke fayde) होता है।

और पढ़ें: आंवला के फायदे

स्तन संबंधी रोगों से आराम: हल्दी के फायदे (Haldi beneficial in Breast diseases in Hindi)  :

स्तन से जुड़ी समस्याओं में भी हल्दी का उपयोग करना फायदेमंद रहता है।  हल्दी और लोध्र को पानी में घिसकर स्तनों पर लेप करने से स्तन से जुड़े रोगों में लाभ (haldi ke fayde) होता है।

प्रदर या ल्यूकोरिया में हल्दी के फायदे (Benefits of Haldi for Leukorrhea in Hindi)  :

हल्दी चूर्ण (Turmeric powder in Hindi) और गुग्गुल चूर्ण को एक बराबर मात्रा में मिलाकर इसकी 2-5 ग्राम मात्रा का सुबह-शाम सेवन करने ल्यूकोरिया में फायदा मिलता है। इसके अलावा 1-2 ग्राम हल्दी चूर्ण को 100 ml दूध में उबालकर उसमें गुड़ मिलाकर खाने से भी ल्यूकोरिया में फायदा पहुँचता है।

और पढ़ें: गुग्गुल के लाभ

कुष्ठ रोग में हल्दी के फायदे (Benefits of Turmeric in Leprosy in hindi)

हल्दी के प्रयोग से कुष्ठ रोग के प्रभाव को भी कुछ हद तक कम किया जा सकता है। इसके लिए 1-2 ग्राम हल्दी चूर्ण में गोमूत्र मिलाकर पिएं। इसके अलावा हरिद्राचूर्ण में बराबर मात्रा में गुड़ मिलाकर गोमूत्र के साथ सेवन करने से दाद और कुष्ठ रोग में फायदा होता है।

दाद खुजली में हल्दी के फायदे (Haldi helps to reduce Itching in Hindi)

अगर आपकी त्वचा पर कहीं दाद खुजली हो गयी है तो हल्दी के इस्तेमाल से आप इन समस्याओं को जल्दी ठीक कर सकते हैं। इसके लिए खुजली (seborrheic dermatitis in hindi) वाली जगह पर हल्दी का लेप या हल्दी के साथ नीम की पत्तियों का लेप लगाएं।

और पढ़ें: दाद के इलाज में बुरांश के फायदे

चर्म रोग में हल्दी के फायदे (Turmeric benefits for skin diseases in Hindi) :

खुजली, दाद के अलावा चर्म रोग में भी हल्दी का प्रयोग करने से फायदा होता है। इसके लिए 2-5 ग्राम हल्दी चूर्ण (Turmeric powder in Hindi) को गोमूत्र में मिलाकर दिन में दो तीन बार सेवन करें। इसके अलावा हल्दी के चूर्ण में मक्खन मिलाकर चर्म रोग (seborrheic dermatitis in hindi) वाली जगह पर लगाने से भी फायदा होता है।

सूजन से आराम दिलाती है हल्दी (Haldi helps to reduce swelling in Hindi) :

शरीर के किसी हिस्से में अगर सूजन हो रही है तो हल्दी के उपयोग से आप सूजन कम कर सकते हैं। इसके लिए हल्दी, पिप्पली, पाठा, छोटी कटेरी, चित्रकमूल, सोंठ, पिप्पली, जीरा और मोथा को बराबर मात्रा में मिलाकर चूर्ण बना लें। इसे कपड़े से छान कर अलग रख लें। इस चूर्ण का 2-2 ग्राम की मात्रा गुनगुने जल के साथ मिलाकर खाने से सूजन में कमी आती है।

और पढ़ें: सूजन कम करने में फायदेमंद कटहल

Summary of Haldi ke fayde by Acharya Balkrishna Ji (Patanjali):

हल्दी की सामान्य ख़ुराक (Dosages of Haldi in Hindi):

आमतौर पर 1-2 ग्राम हल्दी का रोजाना सेवन करना सेहत के लिए उपयुक्त है। अगर आप किसी ख़ास बीमारी के लिए हल्दी का उपयोग करना चाहते हैं तो आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह के अनुसार करें।

और पढ़े:

आचार्य श्री बालकृष्ण

आचार्य बालकृष्ण, आयुर्वेदिक विशेषज्ञ और पतंजलि योगपीठ के संस्थापक स्तंभ हैं। चार्य बालकृष्ण जी एक प्रसिद्ध विद्वान और एक महान गुरु है, जिनके मार्गदर्शन और नेतृत्व में आयुर्वेदिक उपचार और अनुसंधान ने नए आयामों को छूआ है।

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आचार्य श्री बालकृष्ण

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