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क्या आपको पता है कि अजमोदादि चूर्ण (ajmoda in hindi) क्या है? यह एक औषधि है जिसका प्रयोग अनेक रोगों को ठीक करने के लिए किया जाता है। आयुर्वेद में यह बताया गया है कि अजमोदादि चूर्ण को सबसे अच्छी पाचक दवा माना गया है। अजमोदादि चूर्ण भूख को बढ़ाता है, पाचनतंत्र को ठीक करता है और पेट की गैस की समस्या से आराम दिलाता है।
सदियों से आयुर्वेदाचार्य अजमोदादि चूर्ण (ajmoda in hindi) के इस्तेमाल से रोगों को ठीक करने का काम कर रहे हैं। आप भी अजमोदादि चूर्ण का इस्तेमाल कर रोगों में लाभ पा सकते है। आइए जानते हैं कि अजमोदादि चूर्ण का प्रयोग किन-किन बीमारियों में किया जा सकता है।
अजमोदादि चूर्ण (ajmoda in hindi) एक आयुर्वेदिक औषधि है जिसे विभिन्न पादपों के जड़, तने, फूल, पत्तों आदि के मिश्रण से तैयार किया जाता है। अजमोदादि चूर्ण सभी प्रकार के दर्द ख़त्म करता है तथा वायु को शान्त करता है। यह कफ दोष को भी नष्ट करता है। दर्दों से मुक्ति के लिए यह पतंजलि द्वारा दी जाने वाली यह एक प्रमुख औषधि (Patanjali Medicine For Pain) है।
आप अजमोदादि चूर्ण का प्रयोग कई रोगों को ठीक करने के लिए कर सकते हैं, जो ये हैंः-
जोड़ों का दर्द एक ऐसी बीमारी है जिससे हजारों लोग पीड़ित हैं। इस बीमारी के कारण लोगों को जोड़ों में बहुत तकलीफ झेलनी पड़ती है। जोड़ों के दर्द से राहत पाने (pain nivaran churna) के लिए आप अजमोदादि चूर्ण का उपयोग कर सकते हैं। यह आपको जोड़ों के दर्द से राहत दिलाता है।
शरीर के किसी अंग में सूजन की समस्या हो गई हो तो अजमोदादि चूर्ण के प्रयोग से लाभ (Ajmodadi Churna Benefits) मिलता है। इसके लिए आप किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक से यह सलाह जरूर लें कि सूजन के लिए अजमोदादि चूर्ण का कैसे इस्तेमाल करना है।
अजमोदादि चूर्ण दर्द के लिए रामबाण औषधि (pain nivaran churna) है। आप सायटिका में भी अजमोदादि चूर्ण का प्रयोग कर सकते हैं। इससे फायदा होता है।
आज खान-पान में असंतुलन होने और फास्ट फूड खाने के कारण पाचनतंत्र विकार होना आम समस्या हो गयी है। हजारों लोग पाचनतंत्र की समस्या से ग्रस्त हैं और बीमारी से छुटकारा पाने (Ajmodadi Churna Benefits) के लिए अनेक उपाय आजमाते हैं। आप अजमोदादि चूर्ण का इस्तेमाल करेंगे तो पाचनतंत्र की बीमारी में फायदा मिलेगा।
कफ दोष के कारण शरीर में कई तरह की परेशानी होने लगती है। आप कफ दोष को ठीक (Ajmodadi Churna Benefits) करने के लिए भी अजमोदादि चूर्ण का उपयोग कर सकते हैं।
यह पाचनतंत्र में सुधार लाता है और पेट की गैस की समस्या को ठीक करता है।
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अगर रोगी पहले से ही बढ़े हुए पित्त यानी एसिडिटी से पीड़ित हो तो यह निम्नलिखित दुष्प्रभाव पैदा कर सकता है:-
अजमोदादि चूर्ण से ये नुकसान भी हो सकते हैंः-
गर्भावस्था के दौरान अजमोदादि चूर्ण का उपयोग नहीं करना चाहिए क्योंकि इसमें गर्म तासीर का होता है। इसके कारण रक्तस्राव हो सकता है।
स्तनपान कराने वाली महिलाओं को भी चिकित्सक से परामर्श के बाद ही इसका उपयोग करना चाहिए।
अजमोदादि चूर्ण का इस्तेमाल इतनी मात्रा में करना चाहिएः-
3 से 6 ग्राम
अनुपान- हल्का गर्म पानी व गुड़
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अजमोदादि चूर्ण के बारे में आयुर्वेदिक ग्रंथों में कहा गया है –
अजमोदादि चूर्ण
अजमोदा विडंगानि सैंन्धवं देवदारु च।।
चित्रक पिप्पलीमूलं शतपुष्पा च पिप्पली।
मरिचं चेति कर्षांशं प्रत्येकं कारयेद्बुध।।
कर्षास्तु पञ्च पथ्याया दश स्युर्वृद्धदारुकात्।। शारंगधर संहिता (म.ख. 6/113-115)
आप इन घटकों से अजमोदादि चूर्ण बना सकते हैंः-
क्र.सं. | घटक द्रव्य | उपयोगी हिस्सा | अनुपात |
1. | अजमोदा (CarumRoxburghianum (DC) Craib.) | फल | 12 ग्राम |
2. | विडंग (Embeliaribes Burm. f.) | फल | 12 ग्राम |
3. | सैंधवलवण (Rock Salt) | 12 ग्राम | |
4. | देवदारु (Cedrusdeodara (Roxb.) Loud.) | सार | 12 ग्राम |
5. | चित्रक (Plumbagozeylanica Linn.) | जड़ | 12 ग्राम |
6. | पीपल की जड़ (Piperlongum Linn.) | जड़ | 12 ग्राम |
7. | शतपुष्पा (Anethumsowa Kurz.) | फूल | 12 ग्राम |
8. | पीपल (Piperlongum Linn.) | फल | 12 ग्राम |
9. | मरिच (Pipernigrum Linn.) | फल | 12 ग्राम |
10. | पथ्या (हरीतकी)(Terminaliachebula Retz.) | फल | 12 ग्राम |
11. | वृद्धदारुक (Argyreiaspeciosa Sweet.) | पत्ते | 12 ग्राम |
12. | नागर (शुण्ठी) (Zingiberofficinale rosc.) | कन्द | 12 ग्राम |
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