सोते वक्त सांसों के साथ तेज आवाज और वाइब्रेशन आना खर्राटा (snoring Problem) कहलाता है। खर्राटा नींद से संबंधित एक समस्या है। खर्राटों की आवाज नाक या मुंह, किसी से भी आ सकती है। यह आवाज सोने के बाद किसी भी समय शुरू और बंद हो सकती है। खर्राटे सांस अंदर लेते समय आते हैं। खर्राटे मारने वाले लोगों को नींद से जागने के बाद गले में जलन महसूस हो सकता है। अधिकांश लोगों सोचते है कि खर्राटा का कोई इलाज नहीं है, लेकिन यह सोचना गलत है। आप खर्राटों की समस्या को घरेलू इलाज से दूर (home remedies for snoring treatment) कर सकते हैं।
जी हां, आयुर्वेद में खर्राटे की परेशानी से छुटकारा पाने के अनेक उपाय बताए गए हैं। उपाय की जानकारी यहां बताई जा रही है।
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खर्राटा एक तरह की ध्वनि होती है। यह ध्वनि तब पैदा होती है, जब व्यक्ति नींद के दौरान अपनी नाक और गले के माध्यम से स्वतंत्र रूप से हवा नहीं ले पाता है। जब हवा का बहाव गले की त्वचा में स्थित ऊतकों में कंपन पैदा कर देता है। जो लोग अक्सर बहुत ज्यादा खर्राटे लेते हैं उनके गले और नाक के ऊतक में बहुत ज्यादा कंपन होता है। इसके अलावा व्यक्ति की जीभ की स्थिति भी सांस लेने के रास्ते में आती है जिसके कारण खर्राटों की समस्या होती है।
खर्राटे की समस्या में ये लक्षण देते हैंः-
खर्राटे आने के अनेक कारण होते हैं, जिनमें मुख्य कारण ये होते हैंः-
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बच्चों को खर्राटे आने के ये कारण हो सकते हैंः-
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आप खर्राटों के इलाज के लिए ये घरेलू उपाय कर सकते हैंः-
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खर्राटे की समस्या से निजात पाने के लिए एक ग्लास गुनगुने पानी में तीन चम्मच दालचीनी का पाउडर मिलाकर पिएं। इसके लगातार सेवन से आपको काफी फायदे नजर आएंगे।
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लहसुन, नासिका मार्ग में बलगम के निर्माण और श्वसन प्रणाली की सूजन को कम करने में मदद करता है। अगर आप साइनस के कारण खर्राटे लेते हैं, तो लहसुन आपको राहत प्रदान करेगा। लहसुन में घाव को भरने का गुण होता है। लहसुन ब्लॉकेज को साफ करने के साथ ही श्वसन-तंत्र को भी बेहतर बनाने में मदद करता है।
अच्छी और चैन की नींद के लिए लहसुन का इस्तेमाल बहुत फायदेमंद है। एक या दो लहसुन की कली को पानी के साथ लें। इस उपाय को सोने से पहले करने से आप खर्राटों से राहत पा सकते हैं, साथ ही चैन की नींद ले सकते हैं।
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हल्दी में एंटी-सेप्टिक और एंटी-बायोटिक गुण होते हैं। इसके इस्तेमाल से नाक साफ हो जाता है। इससे सांस लेना आसान हो जाता है। रोज रात को सोने से पहले दूध में हल्दी पकाकर (हल्दी वाला दूध) पीने से फायदा होगा।
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ऑलिव ऑयल एक बहुत ही कारगर घरेलू उपाय है। इसमें भरपूर मात्रा में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होता है। यह श्वसन-तंत्र की प्रक्रिया को सुचारू बनाए रखने में बहुत फायदेमंद होता है। यह दर्द को कम करने में मदद करता है। एक छोटी चम्मच ऑलिव ऑयल में सामान मात्रा में शहद मिलाकर, सोने से पहले नियमित रूप से लें। गले में कंपन को कम करने और खर्राटों को रोकने के लिए इस उपाय का प्रयोग करें।
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इलायची सर्दी-खांसी की दवा के रूप में काम करती है। यह श्वसन-तंत्र खोलने का काम करती है। इससे सांस लेने की प्रक्रिया आसान होती है। रात को सोने से पहले इलायची के कुछ दानों को गुनगुने पानी के साथ मिलाकर पिएं। इससे समस्या से राहत मिलती है। सोने से कम से कम 30 मिनट पहले इस उपाय को करें।
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दूध कई बीमारियों के लिए फायदेमंद है। रात को सोने से पहले कम से कम एक कप दूध अवश्य पिएं। इससे खर्राटे आने बंद हो जाते हैं।
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एक ग्लास गर्म पानी में दो चम्मच शहद मिलाकर सोने से आधा घंटे पहले पिएं। शहद में एंटी-इन्फ्लेमेट्री गुण होते हैं, जो गले और नाक में सूजन होने से रोकते हैं। इससे सांस लेने में आसानी रहती है।
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नाक बदं होने से खर्राटों की समस्या होने लगती है। इसका सबसे अच्छा समाधान स्टीम थेरेपी है। इससे बंद नाक खुल जाता है, और खर्राटों से राहत मिलती है।
खर्राटे की समस्या से बचने के लिए आपका आहार ऐसा होना चाहिएः-
भूख से कम भोजन करें
रात को सोने से पहले भोजन ज्यादा मात्रा में ना करें।
खर्राटे की समस्या से बचने के लिए आपकी जीवनशैली ऐसी होनी चाहिएः-
एक्सरसाइज करें
शरीर के हर भाग जैसे, हाथ, पैर और एब्स की एक्सरसाइज करने से सारी मांसपेशियां टोन हो जाती हैं। गले की मांसपेशियों की एक्सर्साइज होती है। इससे खर्राटे कम आते हैं।
अपना वजन कम करें
आपने कभी गौर किया हो तो खर्राटे लेने वाले लोग अधिकतर मोटापे से ग्रस्त होते हैं। मोटे लोगों के गले के आस-पास बहुत अधिक वसा युक्त कोशिकाएं जमा हो जाती हैं, जिनसे गले में सिकुड़न होती है। इससे ही खर्राटे की ध्वनि (home remedies for snoring treatment) निकलती है। यह हवा के रास्ते को भी रोकता है, जिससे भी सोते वक्त खर्राटे अधिक होते हैं। अगर आप खर्राटे से छुटकारा चाहते हैं तो वजन जरूर घटाएं।
सोने के लिए उचित तकिया रखें
अगर आप अपनी तकिया के खोल को समय-समय पर बदलते या साफ नहीं करते हैं, तो हो सकता है कि आप के खर्राटों की वजह यह भी हो। कई बार सिर की रूसी, या बाल तकिया पर गिरे होते हैं। यह कई सूक्ष्म जीवों के लिए जमीन तैयार कर देते हैं।
जब आप सांस लेते हैं, तो ये एलर्जी शरीर की श्वास संबंधी क्षमता को खत्म कर देती है। इससे निद्रा अश्वसन (नींद में सांस लेने की दिक्कत) या स्लीप एपनिया की समस्या होती है, और खर्राटे तेज हो जाते हैं।
सोने के लिए अलग-अलग पोजिशन अपनाएं
वैसे तो पीठ के बल सोना ही आदर्श तरीका है, लेकिन कई बार इस मुद्रा में सोने से खर्राटे की आशंका बढ़ जाती है। इस मुद्रा में तालु व जीभ गले के ऊपरी भाग पर होते हैं। इससे ऊँची पिच में ध्वनि उत्पन्न होती है, और यह खर्राटों में तब्दील हो जाती है। आप अगर करवट के बल सोएंगे तो खर्राटों की आशंका कम होगी।
रात को नहीं जागें
अधिक देर तक नहीं जागें। इसके कारण भी खर्टाटे आने लगते हैं।
नींद की गोलियां का सेवन ना करें
सोने के लिए अगर आप नींद की गोलियों या फिर शराब आदि का प्रयोग करते हैं तो बंद कर देना चाहिए, क्योंकि इससे भी खर्राटे आते हैं।
धूम्रपान या नशीले पदार्थ का सेवन ना करें
धूम्रपान छोड़ दें। यदि आप धूम्रपान करते हैं तो आपके खर्राटों की संभावना अधिक (home remedies for snoring treatment) है। स्मोकिंग वायुमार्ग की झिल्ली में परेशानी पैदा करता है। इससे नाक और गले में हवा पास होना रूक जाती है।
धूम्रपान का फेफड़े पर सीधा प्रभाव पड़ता है। इससे फेफड़े की क्षमता पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। कभी-कभी धूम्रपान करने वाले व्यक्ति को सोते वक्त ऑक्सीजन की कमी लगती है। इस स्थिति को स्लीप एपनिया यानी निद्रा अश्वसन (नींद में सांस लेने की समस्या) कहते हैं। इस स्थित में कई बार ऑक्सीजन प्राप्त करने के लिए भी शरीर खर्राटे लेता है।
खर्राटा को रोकने के लिए आप व्यायाम और योग की सहायता ले सकते हैंः-
साइनस वाले मरीज को खर्राटों की परेशानी के लिए क्या करना चाहिए?
अगर आप साइनस के मरीज हैं तो हमेशा सावधानियां बरतें। यदि आपको जुकाम है, या साइनस बढ़ने से परेशान हैं तो सोने के पहले भाप जरूर लें। इससे सारी गंदगी बाहर आ जाएगी और सांस लेने में आसानी होगी।
खर्राटों की परेशानी में डॉक्टर से कब सम्पर्क करना चाहिए?
जब आप खर्राटे के कारण निम्न परेशानी से पीड़ित हों तो डॉक्टर से सम्पर्क कर सकते हैंः-
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