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एसिडिटी का इलाज करने के लिए डाइट प्लान (Diet Plan for Acidity Treatment)

जब भी किसी व्यक्ति को एसिडिटी की शिकायत होती है तो उसे अनेक तरह की परेशानियां होने लगती है। रोगी सही से भोजन नहीं कर सकता, साथ ही पेट के दर्द से भी परेशान रहता है। प्रायः देखा जाता है कि एसिडिटी से पीड़ित होने पर रोगी आस-पास की दुकानों से दवा खरीदकर खा लेता है, लेकिन इसके बाद भी मरीज को एसिडिटी से आराम नहीं मिलता। वास्तव में मरीज को दवा के साथ-साथ उचित खान-पान रखने की भी जरूरत होती है। इसलिए यहां एसिडिटी के लिए डाइट प्लान की जानकारी दी जा रही है।

इस डाइट प्लान को अपनाकर आप ना सिर्फ एसिडिटी से आराम पा सकते हैं, बल्कि बार-बार होने वाली एसिडिटी की परेशानी से भी मुक्ति पा सकते हैं।

Contents

एसिडिटी होने पर क्या खाएं (Your Diet During Acidity)

एसिडिटी में इन आहार का सेवन करना चाहिएः-

एसिडिटी में क्या ना खाएं (Food to Avoid in Acidity)

एसिडिटी होने पर इन आहार का सेवन ना करेंः-

  • अनाज: नया धान, बेसन
  • दाल: कुलथ और उड़द
  • फल एवं सब्जियां: आलू तथा अन्य कन्द मूल, लीसोरा, बैंगन, खट्टे फलनारंगी, अंगूर, नीम्बू
  • अन्य: तीखा भोजन, खट्टा सिरका, साधरण नमक, चाय, कॉफी, धूम्रपान, फ़ास्ट फ़ूड, आचार, मक्खन, कोल्ड ड्रिंक्स, डब्बे में बंद भोजन, जंक फ़ूड, अनुपयुक्त समय में भोजन, मांसहार, शराब, पनीर।

और पढ़ेंः हैंगओवर उतारने के लिए घरेलू उपाय

एसिडिटी के इलाज के लिए आपका डाइट प्लान (Diet Plan for Acidity Treatment)

रोज सुबह उठकर दांत साफ करने (बिना कुल्ला किये) से पहले खाली पेट 1-2 गिलास गुनगुना पानी एवं नाश्ते से पहले पतंजलि आवंला व एलोवेरा रस पिएं। इसके साथ ही इनका पालन करें।

समय आहार योजना ( शाकाहार )
नाश्ता (8 :30 AM) पतंजलि दिव्य पेय , पतंजलि आरोग्य दलिया (नमकीन) / पोहा /उपमा (सूजी) + 1-2 रोटी (मिश्रित अनाज आटा, पतंजलि) + 1 कटोरी हरी सब्जियां (उबली हुई ) + फलों का सलाद (केला, सेब, पपीता)
दिन का भोजन (12:30-01:30 PM 1-2 पतली रोटियां (पतंजलि मिश्रित अनाज आटा ) + 1 कटोरी हरी सब्जियां (उबली हुई ) + 1 कटोरी दाल मूंग (पतली ) + 1/2 कटोरी चावल (मांड रहित)।
शाम का नाश्ता  (3:30 PM) 1 कप दिव्य पेय (पतंजलि) + 2-3 आरोग्य बिस्कुट (पतंजलि)   /सब्जियों का सूप /सलाद /मूंग दाल
रात का भोजन (7:00-8:00PM) 1-2 पतली रोटियां (पतंजलि  मिश्रित अनाज आटा ) + 1 कटोरी हरी सब्जियां (उबली हुई ) + 1 कटोरी दाल मूंग (पतली )

अन्य: ठंडा पानी, मेथी, जीरा, अजवाइन, धनिया, हर्बल टी, आंवला पाउडर, ठंडा दूध

सलाह: यदि मरीज को चाय की आदत है तो इसके स्थान पर 1 कप पतंजलि दिव्य पेय दे सकते हैं |

एसिडिटी के दौरान आपकी जीवनशैली (Your Lifestyle in Acidity Problem)

एसिडिटी के दौरान  आपकी जीवनशैली ऐसी होनी चाहिएः-

  • नमक का सेवन कम करें।
  • अत्यधिक मिर्च-मसालेदार और तैलीय भोजन ना करें।
  • पहले खाए हुए भोजन के बिना पचे भोजन ना करें।
  • पर्याप्त नींद लें।
  • बहुत देर तक भूखे ना रहें।
  • लम्बे समय तक पेनकिलर जैसी दवाओं का सेवन ना करें।
  • शराब और कैफीन युक्त पदार्थ का अधिक सेवन ना करें।
  • अधिक भोजन ना करें।
  • भोजन करते ही ना सोएं।
  • तनावमुक्त जीवन जिएं।
  • गुस्सा ना करें।
  • रात में ना जागें।

और पढ़ेंएसिडिटी में नीम के फायदे

एसिडिटी में ध्यान रखने योग्य बातें (Points to be Remember)

एसिडिटी में आपको इन बातों का ध्यान रखना हैः-

(1) ध्यान एवं योग का अभ्यास रोज करें।

(2) ताजा एवं हल्का गर्म भोजन अवश्य करें।

(3) भोजन धीरे धीरे शांत स्थान में शांतिपूर्वक, सकारात्मक एवं खुश मन से करें।

(4) तीन से चार बार भोजन अवश्य करें।

(5) किसी भी समय का भोजन नहीं त्यागें एवं अत्यधिक भोजन से परहेज करें।

(6) हफ्ते में एक बार उपवास करें।

(7) अमाशय का 1/3rd / 1/4th भाग रिक्त छोड़ें।

(8) भोजन को अच्छी प्रकार से चबाकर एवं धीरेधीरे खाएं।

(9) भोजन लेने के बाद 3-5 मिनट टहलें।  

(10) सूर्यादय से पहले [5:30 – 6:30 am] जाग जाएं।

(11) रोज दो बार दांत साफ करें।

(12) रोज जिव्हा करें।

(13) भोजन लेने के बाद थोड़ा टहलें।

(14) रात में सही समय [9-10 PM] पर नींद लें।

एसिडिटी होने पर योग और आसन (Yoga and Asana in Acidity)

एसिडिटी होने पर आपको ये योग और आसन करना हैः-

  • योग प्राणायाम एवं ध्यान: भस्त्रिका, कपालभांति, बाह्यप्राणायाम, अनुलोम विलोम, भ्रामरी, उदगीथ, उज्जायी, प्रनव जप
  • आसन: पश्चिमोत्तानासन, गोमुखासन, सर्वांगासन, कन्धरासन, पवनमुक्तासन

और पढ़ेंः एसिडिटी के लक्षण, कारण और घरेलू उपाय 

आचार्य श्री बालकृष्ण

आचार्य बालकृष्ण, आयुर्वेदिक विशेषज्ञ और पतंजलि योगपीठ के संस्थापक स्तंभ हैं। चार्य बालकृष्ण जी एक प्रसिद्ध विद्वान और एक महान गुरु है, जिनके मार्गदर्शन और नेतृत्व में आयुर्वेदिक उपचार और अनुसंधान ने नए आयामों को छूआ है।

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आचार्य श्री बालकृष्ण

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