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Chukandar or Beetroot benefits in Hindi: चुकन्दर के फायदे

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चुकंदर का परिचाय (Introduction of Beetroot)

चुकंदर (Chukandar) एक ऐसा मूसला जड़ वाला वनस्पति है जो लगभग पूरे साल पाया जाता है। इसको सलाद, सब्जी और जूस के रुप में सेवन करते हैं। चुकंदर न सिर्फ सौन्दर्य दृष्टि से फायदेमंद है बल्कि ये स्वास्थ्यवर्द्धक भी है। चुकंदर देखने में छोटा होता है लेकिन चुकंदर के फायदे अनगिनत होते हैं। चलिये इस रंगीन वनस्पति के बारे में विस्तार से जानते हैं-

चुकन्दर के फायदे | Beetroot benefits

चुकन्दर क्या है? (What is Beetroot in Hindi?)

चुकंदर 30-90 सेमी ऊँचा, मांसल, कंद (bulb), मोटा तना वाला, शाकीय पौधा होता है। इसके पत्ते मूली या शलगम के पत्ते जैसे होते हैं। चुकंदर के फूल 2-3 के गुच्छों में या एकल, लम्बे बेलनाकार स्पाइक जैसे होते हैं। इसकी जड़ बैंगनी लाल रंग की होती है। चुकंदर सितम्बर से फरवरी महीने में फलता-फूलता है।

चुकंदर एक ऐसा सब्जी है जो शरीर के लिए बहुत लाभकारी होता है लेकिन इसके साथ-साथ चुकंदर के औषधीय गुण भी बहुत है। चुकन्दर आँखों के लिए अच्छा, चर्बी कम करने वाला तथा कृमिनाशक होता है। चुकंदर के फायदे अनेक हैं।

  • चुकन्दर तीखा, पित्त बढ़ाने वाला तथा अर्श या पाइल्स में फायदेमंद होता है।
  • लाल चुकन्दर पुष्टिकारक होता है।
  • सफेद चुकन्दर मूत्र रोग में फायदेमंद होता है।

इसकी जड़ मीठी और ठंडे तासीर की होती है। चुकंदर की जड़ कफ निकालने वाली, कमजोरी दूर करने वाली, हिमोग्लोबीन की संख्या बढ़ाने वाली होती है। इसके पत्ते के सेवन से मूत्र संबंधी परेशानी, कब्ज , सूजन, सिरदर्द, लकवा तथा कानदर्द से राहत मिलती है। इसके बीज सेक्स की इच्छा बढ़ाने में मदद करते हैं।

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अन्य भाषाओं में चुकन्दर के नाम (Name of Beetroot in different languages in Hindi)

  • चुकंदर का वानस्पतिक नाम : Beta vulgaris Linn. (बीटा वल्गेरिस) Syn-Beta alba DC.
  • Chenopodiaceae (कीनोपोडिएसी) कुल का है।
  • चुकंदर का अंग्रेज़ी नाम : Beet root  (बीट रूट) है।

लेकिन अन्य भाषाओं में इसको अलग-अलग नामों से पुकारा जाता है।जैसे-

Beetroot in-

  • Name of Beetroot in Sanskrit रक्तगृंजनम्, पालंकी;
  • Name of Beetroot in Hindi चुंदर, पालक, रक्तगृञ्जन;
  • Name of Beetroot in Urdu चकुन्दर (Chakunder);
  • Name of Beetroot in Kannada सेनसीरा (Sensira), नेयसीसा (neysisa);
  • Name of Beetroot in Tamil सेनसीरई (Sensirayi);
  • Name of Beetroot in Bengali बिटपलङ्ग (Bitpalang), पालक (Palak);
  • Name of Beetroot in Nepali – शखरकन्द (Shakharkand);
  • Name of Beetroot in Marathi बिपफ्रैट (Bipfruit)।
  • Name of Beetroot in English गार्डेन बीट (Garden beet), रेड बीट (Red beet), व्हाईट शुगर बीट (White sugar beet), फोलिजवीट (Foliagebeet), लीफ बीट (Leaf beet), स्पाईनेच बीट (Spinach beet);
  • Name of Beetroot in Arbi – सलाख (Salaq), सिलीख (Silikh);
  • Name of Beetroot in Persian –चकुंदर (Chakundar)।

चुकन्दर के फायदे (Benefits and Uses of Chukandar or Beetroot in Hindi)

आम तौर पर लोग चुकंदर खाने से कतराते है लेकिन क्या आप जानते है कि चुकंदर कितने तरह के बीमारियों के लिए फायदेमंद है। तो चलिये आगे जानते हैं कि चुकंदर या बीटरूट किन-किन बीमारियों में कैसे काम करता है।

सिरदर्द में चुकन्दर के फायदे (Benefit of Beetroot to Get relief from Headache in Hindi)

अक्सर ठंड लग जाने पर या काम के तनाव के कारण सिर में दर्द होने लगता है। चुकंदर का इस्तेमाल इस तरह से करने पर लाभ मिलता है।   चुकन्दर के जड़ के रस का 1-2 बूंद नाक में डालने से आधा कपाल में जो दर्द होता है उससे राहत मिलती है। [Go to: Beetroot Benefits]

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गंजेपन में चुकंदर के फायदे (Beetroot benefits in Hair loss or Baldness in Hindi)

चुकन्दर के पत्ते के रस को कुछ दिनों तक लगातार सिर में लगाने से सिर का गंजापन कम होता है या चुकन्दर पत्ते में हल्दी मिलाकर पीसकर सिर में लगाने से भी बालों का झड़ना कम होता है। होता है। [Go to: Beetroot Benefits]

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रूसी कम करने में चुकन्दर के फायदे (Chukandar for Dandruff in Hindi )

कभी-कभी बालों का सही तरह से देखभाल न करने के कारण बालों में रूसी हो जाती है। चुकन्दर के तने के काढ़े से सिर को धोने से सिर की रूसी तथा जुएं दूर होती हैं। [Go to: Beetroot Benefits]

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आँख आने में दर्द से दिलाये राहत चुकंदर ( Beetroot to Treat Conjunctivitis in Hindi)

यह तो सही को पता है कि आँख आने पर कितना दर्द होता है। तब  चुकन्दर के कन्द के रस को कनपटी पर लगाने  से नेत्राभिष्यंद या आँख आने पर उसके कष्ट से आराम मिलता है। [Go to: Beetroot Benefits]

मुख के छाले/ दांत के दर्द में चुकन्दर के फायदे (Benefits of Beetroot in Mouth ulcer and Tooth ache in Hindi)

यह तो पहले की बताया गया है कि चुकंदर बहुत सारे बीमारियों से राहत दिलाने में फायदेमंद है। चुकन्दर के पत्तों का काढ़ा बनाकर गरारा करने से दांतों का दर्द तथा मुंह के छाले मिटते हैं। [Go to: Beetroot Benefits]

और पढ़ें: मुँह के छाले में लीची के फायदे

खाँसी से दिलाये राहत चुकंदर (Benefit of Chukander for Cough in Hindi)

अगर खाँसी कम नहीं हो रही है तो चुकंदर के जड़ तथा बीज का प्रयोग करने पर खाँसी, सांस की तकलीफ तथा दमा-रोग से राहत मिलती है। [Go to: Beetroot Benefits]

कान दर्द में चुकन्दर के फायदे (Benefit of Beetroot to Get Relief from Ear Pain in Hindi)

अक्सर ठंड लग जाने पर या किसी दूसरे बीमारी के लक्षण के प्रभाव के कारण कान में दर्द होता है।  चुकंदर के पत्ते के रस को गुनगुना करके 2-2 बूंद कान में डालने से कान की सूजन तथा दर्द में लाभ होता है। [Go to: Beetroot Benefits]

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पेट की गड़बड़ी में चुकन्दर के फायदे (Beetroot to Treat Abdominal Disease in Hindi)

खाने-पीने में गड़बड़ी हुई कि नहीं पेट में गड़बड़ी होना लाजमी हो जाता है। चुकन्दर के 1-2 ग्राम बीज चूर्ण का सेवन करने से आध्मान (पेट फूलना) तथा विबन्ध (कब्ज) में लाभ होता है। [Go to: Beetroot Benefits]

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अर्श या बवासीर में चुकन्दर के फायदे (Chukandar Beneficial in Piles in Hindi)

चुकन्दर के जड़ के चूर्ण को घी के साथ 21 दिनों तक सेवन करने से बवासीर में लाभ होता है। इसके अलावा चुकन्दर का काढ़ा बनाकर 10-30 मिली काढ़ा को सुबह भोजन के 1 घंटा पहले तथा रात में सोते समय पीने से कब्ज तथा रक्तार्श (खूनी बवासीर)  में लाभ होता है। [Go to: Beetroot Benefits]

और पढ़े: बवासीर मे जामुन के फायदे

मोच का दर्द और सूजन कम करे चुकंदर ( Beetroot Heals Sprain in Hindi)

चुकन्दर के ताजे पत्तों को पीसकर मोच पर लगाने से दर्द और सूजन कम होती है तथा अल्सर के घाव में लगाने से जल्दी ठीक होता है। [Go to: Beetroot Benefits]

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चुकन्दर के फायदे : जल जाने पर दर्द और जलन से दिलाये राहत (Beetroot Heals Burn in Hindi)

अगर खाना बनाते हुए जल जाये तो  चुकन्दर के पत्तों का काढ़ा बनाकर ठंडा करके जले हुए जगह पर लगाने से जल्द आराम मिलता  है। [Go to: Beetroot Benefits]

झांईयां हटायें चुकन्दर (Chukander Benefits in Pigmentation in Hindi)

अगर धूप में ज्यादा देर रहने के कारण या प्रदूषण के कारण चेहरे पर झाइंया पड़ने लगी हैं तो चुकन्दर के पत्ते के रस में शहद मिलाकर चेहरे पर लगाने से दाग धब्बे या झांईयां मिटती है। [Go to: Beetroot Benefits]

और पढ़ेंः पिगमेंटेशन का घरेलू इलाज

मिर्गी में चुकन्दर के फायदे (Benefits of Beetroot for Epilepsy in Hindi)

1-2 बूंद चुकंदर के पत्ते के रस को नाक में डालने से मिर्गी में लाभ होता है। इसके अलावा चुकन्दर के कंद (bulb) के रस को नाक से लेने से अपस्मार या मिर्गी, आधासीसी (आधे कपाल में दर्द) तथा अन्य मानसिक विकारों में लाभ होता है। [Go to: Beetroot Benefits]

और पढ़े: मिर्गी में तालीशपत्र के फायदे

दर्द और सूजन से दिलाये राहत चुकंदर (Beetroot Benefits in Pain and Inflammation in Hindi)

चुकन्दर के तेल की मालिश करने से दर्द से आराम मिलता है। चुकन्दर के पत्तों के रस में शहद मिलाकर सूजन पर लगाने से जल्द राहत मिलती है। [Go to: Beetroot Benefits]

चुकंदर का उपयोगी भाग (Useful Parts of Beetroot)

आयुर्वेद में चुकंदर के कंद,पत्ता और बीज का औषधि के रुप में ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है।

चुकंदर या बीटरूट का इस्तेमाल कैसे करना चाहिए? (How to Use Beetroot in Hindi?)

बीमारी के लिए चुकंदर के सेवन और इस्तेमाल का तरीका पहले ही बताया गया है। अगर आप किसी ख़ास बीमारी के इलाज के लिए बीटरूट का उपयोग कर रहे हैं तो आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह ज़रूर लें।

चिकित्सक के परामर्शानुसार-

-1-2 ग्राम बीज चूर्ण

-10-30 मिली काढ़े का सेवन कर सकते हैं। [Go to: Beetroot Benefits]

चुकंदर का सेवन ज्यादा करने के साइड इफेक्ट (Side effects of the Karakkay)

उचित औषधिय मात्रा में प्रयोग करने से शरीर पर कोई दुष्प्रभाव नहीं पड़ता है। अति मात्रा में सेवन करने से रक्त में कैल्शियम की कमी हो जाती है तथा वृक्क (किडनी) में परेशानी होती हैं। मधुमेह के रोगी का लेना हानिकारक होता है। इसका अत्यधिक मात्रा में सेवन करने से पेट में मरोड़ जैसा अनुभव होने लगता है। [Go to: Beetroot Benefits]

चुकंदर कहां पाया और उगाया जाता है? (Where is Beetroot or Chukandar Found or Grown in Hindi?)

चुकन्दर का प्रयोग सभी जगह शाक तथा सलाद के रूप में किया जाता है। इसकी भारत के विभिन्न भागों में खेती की जाती है।

और पढ़ें :

आचार्य श्री बालकृष्ण

आचार्य बालकृष्ण, आयुर्वेदिक विशेषज्ञ और पतंजलि योगपीठ के संस्थापक स्तंभ हैं। चार्य बालकृष्ण जी एक प्रसिद्ध विद्वान और एक महान गुरु है, जिनके मार्गदर्शन और नेतृत्व में आयुर्वेदिक उपचार और अनुसंधान ने नए आयामों को छूआ है।

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आचार्य श्री बालकृष्ण

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