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मुँह के छाले दूर करने के उपाय: Home Remedies Of Mouth Ulcers

मुँह के छाले (mouth ulcer) एक सामान्य समस्या है जो लगभग सभी लोगों को कभी न कभी होती है। यह छाले गालों के अन्दर, जीभ पर और होंठो के अन्दर की तरफ होते हैं। यह सफेद या लाल घाव की तरह दिखाई देते हैं। यह ऐसे तो कोई बड़ी समस्या नहीं है पर यह बहुत ही कष्टदायक होती है, छालों की वजह से मुँह में जलन तथा कुछ भी खाने में परेशानी होती है तथा कईं बार मुँह से खून भी निकलता है। समय पर इसका इलाज न कराने से यह कभी-कभी कैंसर का कारण भी बन जाता है।

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मुँह का छाला क्या होता है (What is Mouth Ulcer?)

आयुर्वेद में मुँह के छालों की समस्या को मुखपाक कहा गया है। अधिक तीखा, पेट की खराबी या कब्ज होने पर यह स्थिति देखी जाती है इसमें जलन तथा कुछ भी खाने में बहुत कठिनाई होती है। मुँह में छाले पित्त दोष होने के कारण होता है। आयुर्वेदिक उपचार के द्वारा पित्त दोष को संतुलित करके छालों का आना कम किया जाता है।

मुँह के छाले छोटे और बड़े दोनों प्रकार के होते हैं। कारण के आधार पर इसे दो प्रकार के होते हैं।

एप्थस छाले- यह पेट की खराबी, तीखा भोजन या अन्य उपरोक्त कारणों से होने वाले छाले हैं। यह किसी बीमारी के कारण और दूसरों के कारण फैलते नहीं हैं। यह NonContagious होते हैं।

बुखार के छाले (Fever blisters)- यह होठों के आस-पास हर्पिज सिम्प्लेक्स वायरस (Herpes simplex virus) के कारण होते हैं।

मुँह के छाले क्यों होते हैं? (Causes of Mouth Ulcer)

जैसा कि पहले बताया गया कि पित्त दोष के असंतुलन के कारण मुँह में छाले पड़ते हैं। इसके अलावा मुँह के छाले पड़ने के और भी कारण होते हैं-

  • पेट की खराबी या कब्ज रहना।
  • दाँतों को कड़क बालों वाले ब्रश से साफ करना या चबाते समय गलती से गाल का कट जाना।
  • हेलिकोबैक्टर पाइलोरी नामक बैक्टीरिया की मौजूदगी की वजह।
  • विटामिन बी-12, जिंक, फोलिक एसिड और आयरन की शरीर में कमी होना।
  • अत्यधिक तला-भुना एवं मिर्च-मसाले वाला भोजन करना।
  • महिलाओं में मासिक धर्म के समय होने वाले हार्मोन्स में बदलाव के कारण।
  • टूथपेस्ट या माउथवॉश का प्रयोग करना जिसमें सोडियम लॉयरल सल्फेट (Sodium Lauryl Sulfate) मौजूद हो।
  • कुछ लोगों में किसी विशेष खाद्य सामग्री के प्रति संवेदनशीलता या एलर्जी देखी जाती है जैसे अण्डा, स्ट्रॉबेरी, नट्स या तीखा भोजन।
  • ऐस्पिरिन या एल्कोहल जैसे रसायन हमारे मुँह की श्लेष्मा झिल्ली के सम्पर्क में आने से उसको परिगलित करते हैं जिससे यहाँ छाले बन सकते हैं।
  • इसके अलावा कुछ बीमारियों के कारण भी मुँह में छाले पड़ते हैं-
  • लम्बे समय से कब्ज की समस्या रहने वालों में बार-बार मुँह के छाले हो जाते हैं।
  • आंत्र के रोग जैसे क्रोन रोग (Crohns disease) और अल्सरेटिव कोलाइटिस  (Ulcerative colitis)होने पर।
  • सीलिएक रोग (Celiac disease) नामक आंत्र विकार, इसमें व्यक्ति को ग्लूटेन के प्रति संवेदनशीलता होती है, ग्लूटेन अनाज में पाया जाने वाला एक प्रोटीन है।
  • रोग प्रतिरोधक क्षमता (इम्युनिटी पावर) का कमजोर होना।
  • एच.आई.वी. होना, जिससे रोग से लड़ने की क्षमता कम हो जाती है।

और पढ़े: पेट दर्द के घरेलू इलाज

मुँह के छालों से बचने के उपाय (Prevention from Mouth Ulcer)

मुँह के छालों से बचने के लिए आहार और जीवनशैली में बदलाव लाने की ज़रूरत होती है-

  • मिर्च एवं अधिक मसाले युक्त खाने से परहेज करें।
  • बहुत ज्यादा च्युइंगम चबाने की आादत के कारण भी मुँह में छाले होते हैं। अत: इससे बचे।
  • विटामिन-सी से युक्त फलों एवं सब्जियों का सेवन करें।
  • दूध से बने खाद्य पदार्थ जैसे दही, मक्खन, पनीर और दूध का अधिक सेवन करें ताकि शरीर में विटामिन-बी की कमी न हो जो कि छाले होने का एक कारण है।
  • भोजन के साथ सलाद के रूप में कच्चे प्याज का इस्तेमाल करें।
  • पोषक तत्वों से युक्त आहार करें क्योंकि विटामिन-बी6, फोलिक एसिड, जिंक, आयरन की कमी की वजह से भी छाले होते हैं।
  • प्रतिदिन 7-8 गिलास पानी पिएँ।
  • कब्ज की समस्या से बचाव करें इसलिए भोजन में रेशेदार सब्जियों एवं फलों का सेवन करें।
  • ग्रीन-टी का सेवन करें।
  • मुँह की सफाई का विशेष ध्यान रखें।
  • दाँतों की सफाई नरम वालों वाले टूथब्रश से करें।

और पढ़ेमुँह के छालों में कदम्ब के फायदे

मुँह के छालों के लिए घरेलू उपचार (Home Remedies for Mouth Ulcer)

आम तौर पर मुँह के छालों के कष्ट से राहत पाने के लिए लोग घरेलू उपचारों का ही पहले सहारा लेते हैं। अगर ठीक नहीं हुआ तो ही डॉक्टर से पास जाते है। चलिये इन घरेलू उपचारों के बारे में सही जानकारी लेते हैं।

शहद और मुलेठी के पेस्ट का प्रयोग मुँह के छालों में फायदेमंद (Honey and Mulethi Paste Beneficial for Mouth Ulcer)

शहद में मुलेठी का चूर्ण मिलाकर इस लेप को मुँह के छालों पर लगाएँ और लार को मुँह से बाहर टपकने दें।

कत्था मुँह के छालों में फायदेमंद (Black catechu Beneficial for Mouth Ulcer)

कत्था मुँह के छालों के लिए बहुत लाभकारी है। कत्था, मुलेहठी का चूर्ण और शहद मिलाकर मुँह के छालों पर लगाएँ। इसके अलावा अमरूद के मुलायम पत्तों में कत्था मिलाकर उसे पान की तरह चबाएँ।

और पढ़ें: मुँह के छाले में लीची के फायदे

कुल्ला मुँह के छालों में फायदेमंद (Gargle Beneficial for Mouth Ulcer)

कुल्ला मुँह के छालों को ठीक करने में बहुत लाभकारी होता है। बस कौन-सा सामग्री किसके लिए फायदेमंद साबित होगा यह इंसान के प्रकृति पर निर्भर करता है।

  • नींबू पानी में शहद मिलाकर इससे कुल्ला करें।
  • एक कप पानी में एक चम्मच धनिया पाउडर मिलाकर उबालें। पानी ठण्डा होने पर इससे दिन में 3-4 बार कुल्ला करें।
  • छालों में होने वाली जलन को कम करने के लिए ग्लिसरीन में हल्दी का पाउडर मिलाकर छालों पर लगाएँ और 20-25 मिनट बाद कुल्ला कर लें।
  • जामुन की छाल का काढ़ा बनाकर गरारा करें। (जामुन के फायदे)
  • जायफल का काढ़ा बनाकर इससे दिन में 5-6 बार कुल्ला करें।
  • 30 ग्रा. बरगद की छाल को 1 ली. पानी में उबालकर गरारे करने से मुँह के छाले ठीक हो जाते है।

और पढ़े: मुँह के छालों में आलू के फायदे

तुलसी मुँह के छालों में फायदेमंद (Tulsi Beneficial for Mouth Ulcer)

दिन में दो बार तुलसी के 4-5 पत्ते चबाकर खाएँ।

और पढ़े: तुलसी के औषधीय गुण

शहद और इलायची मुँह के छालों में फायदेमंद (Honey and Cardamom Beneficial for Mouth Ulcer)

शहद और इलायची का पाउडर मिलाकर छालों पर लगाएँ।

चमेली मुँह के छालों में फायदेमंद (Jasmine Beneficial for Mouth Ulcer)

चमेली के पत्तों को पीस कर उसके रस को छालों पर लगाने से छालें कम हो जाते है।

आंवला, इलायची, सौंफ, मिश्री का चूर्ण मुँह के छालों में फायदेमंद  (Amla Churna Beneficial for Mouth Ulcer)

  • 25 ग्रा. आँवला, 10 ग्रा. सौंफ, 5 ग्रा. सफेद इलायची और 25 ग्रा. मिश्री को कूटकर चूर्ण बना लें। इसे आधे ग्रा. की मात्रा में दिन में दो बार पानी के साथ लें।
  • 10 ग्रा. हल्के गर्म दूध में 21/2 ग्रा. कपूर का चूरा मिलाकर छालों पर लगाने से मुँह के छाले नष्ट हो जाते है।

डॉक्टर के पास कब जाना चाहिए ? (When to See a Doctor?)

अगर बार-बार मुँह में छाले आ रहे हैं या घाव ठीक न होकर अवस्था बद से बदतर होता जा रहा है तो डॉक्टर के पास जाने में देर नहीं करना चाहिए।

आचार्य श्री बालकृष्ण

आचार्य बालकृष्ण, आयुर्वेदिक विशेषज्ञ और पतंजलि योगपीठ के संस्थापक स्तंभ हैं। चार्य बालकृष्ण जी एक प्रसिद्ध विद्वान और एक महान गुरु है, जिनके मार्गदर्शन और नेतृत्व में आयुर्वेदिक उपचार और अनुसंधान ने नए आयामों को छूआ है।

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