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गले में संक्रमण के लक्षण, कारण, घरेलू उपचार और परहेज (Home Remedies for Throat Infection)

गले में संक्रमण होना एक आम बीमारी है। मौसम के बदलाव के कारण बराबर लोगों को सर्दी, जुकाम एवं गले में दर्द या संक्रमण हो जाता है। बदलते मौसम में उचित देखभाल ना करने पर व्यक्ति आसानी से इन रोगों की चपेट में आ जाता है। जब भी किसी व्यक्ति के गले में संक्रमण होता है तो गले में दर्द एवं खराश के कारण व्यक्ति को कुछ भी निगलने में कठिनाई होती है। क्या आप जानते हैं कि गले में संक्रमण का आप घरेलू  उपचार कर सकते हैं?

जी हां, आयुर्वेद में गले के संक्रमण को ठीक करने के लिए कई तरह के घरेलू नुस्खे बताए गए हैं। आइए आपको जानकारी देते हैं।

Contents

गले का संक्रमण क्या है? (What is Throat Infection in Hindi?)

गले में संक्रमण ऊपरी श्वसन तंत्र में होने वाली आम समस्या है। प्रदूषित एवं गन्दे जल या भोजन के सेवन से यह बीमारी हो सकती है। प्रदूषित वातावरण में साँस लेने से वायरस, और बैक्टेरिया के कारण भी गले में संक्रमण होता है। आयुर्वेद में रोग होने का कारण वात, पित्त कफ के असंतुलन को कहा गया है। जब शरीर में कफ और वात दूषित हो जाते हैं तब गले के संक्रमण की समस्या होती है।

गले के संक्रमण के लक्षण (Throat Infection Symptoms in Hindi)

गले के संक्रमण ये लक्षण होते हैंः-

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गले में संक्रमण होने के कारण (Throat Infection Causes in Hindi)

गले के संक्रमण के कई कारण होते हैं, जो ये हो सकते हैंः-

  • गले में संक्रमण के वायरल और बैक्टेरियल कारण हो सकते है।
  • किसी पदार्थ से एलर्जी या शुष्कता होने पर, या तंबाकू, धुआँ आदि के सम्पर्क में आने से भी गले में संक्रमण हो सकता है
  • वायरल संक्रमण के कारण सामान्य सर्दी-जुकाम के कारण गले में संक्रमण होता है।
  • फ्लू फैलाने वाले वायरस के कारण भी संक्रमण होता है।
  • रायनोवायरस भी इसका एक आम कारण है।
  • बैक्टेरियल संक्रमण में यह स्ट्रेपकोकस बैक्टीरिया के कारण होता है।
  • इसके अलावा काली खाँसी के कारण भी गंभीर संक्रमण होता है।
  • डिपथेरिया यह भी एक गंभीर बीमारी है, जो गले को संक्रमित करती है।

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गले के संक्रमण का घरेलू इलाज करने के उपाय (Home Remedies for Throat Infection in Hindi)

आप गले के संक्रमण की समस्या को इन उपायों द्वारा घर पर ही ठीक कर सकते हैंः-

मुलेठी से गले के संक्रमण का उपचार (Mulethi: Home Remedies for Throat Infection in Hindi)

मुलेठी गले की समस्याओं के लिए अमृत के समान है। मुलेठी की छोटी-सी गाँठ को कुछ देर मुंह में रखकर चबाएँ। इससे गले की खराश दूर होती है, और दर्द तथा सूजन से राहत मिलती है।

और पढ़ें: मुलेठी औषधीय गुण

मुनक्का से गले के संक्रमण का इलाज (Munakka: Home Remedy to Treat Throat Infection in Hindi)

मुनक्के का सेवन भी गले के संक्रमण से राहत दिलाता है। इसके लिए सुबह 4-5 मुनक्के चबाकर खाएं, और ऊपर से पानी ना पिएँ।

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गले के संक्रमण का घरेलू इलाज अदरक से (Ginger: Home Remedies for Throat Infection Treatment in Hindi)

  • अदरक और लौंग में एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं। एक लौंग को मुँह में रखकर चूसें।
  • एक कप पानी में अदरक उबालकर गुनगुना कर लें। उसमें शहद मिलाकर दिन में दो बार पिएँ।

और पढ़ेंः अदरक के फायदे और नुकसान

गले के संक्रमण का घरेलू उपचार सेब के सिरके से (Apple Vinegar: Home Remedy to Treat Throat Infection in Hindi)

  • गरम पानी में 2 चम्मच सेब के सिरके को डाल कर पिएँ। सेब के सिरके में मौजूद अम्लीय गुण गले में स्थित बैक्टेरिया को मार देते हैं।
  • एक कप गर्म पानी में एक चम्मच नमक और एक चम्मच सेब का सिरका मिलाकर गरारे करें।

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अंजीर के सेवन से गले के संक्रमण का उपचार (Anjeer: Home Remedies for Throat Infection in Hindi)

4-5 अंजीर को एक गिलास पानी में डालकर उबालें। पानी आधा रह जाए तो छानकर गर्म-गर्म ही पिएँ। यह प्रयोग दिन में दो बार करने से निश्चित ही आराम मिलता है।

और पढ़ेंः अंजीर के अनेक फायदे

तुलसी के सेवन से गले के संक्रमण का इलाज (Tulsi: Home Remedy to Cure Throat Infection in Hindi)

दो गिलास पानी में 5-7 तुलसी की पत्तियाँ, और 4-5 काली मिर्च मिलाकर काढ़ा बना लें। दिन में दो बार इस काढ़े का सेवन करें।

और पढ़ेंः तुलसी के अनेक फायदे

गले के संक्रमण से छुटकारा के लिए शहद का सेवन लाभदायक (Honey:Home Remedies to Cure Throat Infection in Hindi)

शहद का सेवन करें। इसमें गले की सूजन और जलन को कम करने वाले गुण पाए जाते हैं। यह उपाय लाभ पहुंचाता है।

गले के संक्रमण से मुक्ति के लिए लहसुन का सेवन फायदेमंद (Garlic: Home Remedy to Cure Throat Infection in Hindi)

लहसुन में एंटी-बैक्टीरियल तत्व पाए जाते हैं, इसलिए यह गले के संक्रमण को दूर करने में मदद करता है। लहसुन की कली को कुछ देर के लिए अपने दाँतों के बीच रखें। इसका रस चूसने से लाभ मिलता है।

और पढ़ेंः लहसुन के फायदे और नुकसान

गले के संक्रमण में हल्दी का प्रयोग (Turmeric: Home Remedies to Treat Throat Infection in Hindi)

गर्म दूध में एक चम्मच हल्दी डाल के सेवन करें। हल्दी में संक्रमण को दूर करने की क्षमता होती है। हल्दी का यह उपाय गले के संक्रमण को ठीक करने में मदद करता है।

और पढ़ेंः हल्दी के फायदे और नुकसान

गले के संक्रमण के लिए अन्य घरेलू उपचार (Other Home Remedies for Throat Infection Problem in Hindi)

  • गर्म पानी में नमक डालकर गरारे करने से गले के संक्रमण से आराम मिलता है।
  • आधा गिलास गर्म पानी में आधे नींबू का रस और एक चम्मच शहद डालकर पिएँ।
  • ग्रीन टी का सेवन करें। इससे गले के संक्रमण से लड़ने में राहत मिलती है।
  • लौंग, तुलसी, अदरक और काली मिर्च को पानी में डालकर उबालें। इसमें चायपत्ती डालकर चाय बना कर पिएँ। यह चाय गले में दर्द एवं खराश से जल्दी आराम पहुँचाती है।
  • गले में संक्रमण होने पर दिन में दो-तीन बार सौंफ को चबाकर खाएँ।
  • 4-5 काली मिर्च के साथ दो बादाम पीसकर खाने से आराम मिलता है।

गले के संक्रमण के दौरान आपका खान-पान (Your Diet in Throat Infection Disease)

गले की संक्रमण की परेशानी में आपका खान-पान ऐसा होना चाहिएः-

  • पीने में गर्म पानी का सेवन करें।
  • ग्रीन टी में अदरक डाल कर दिन में 2-3 बार पिएँ।
  • संक्रमण से बचने के लिए जरूरी है कि अपने खाद्य एवं पेय पदार्थ को किसी के साथ साझा ना करें।

गले के संक्रमण में आपकी जीवनशैली (Your Lifestyle in Throat Infection Disease)

गले की संक्रमण की परेशानी में आपकी जीवनशैली ऐसी होनी चाहिएः-

  • संक्रमण से बचने के लिए भोजन से पहले हाथों को अच्छी प्रकार धोएँ।
  • खाँसने और छींकने के बाद, या टॉयलेट से आने के बाद हाथों को अच्छी प्रकार धोएँ। इसके बाद सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें।

गले में संक्रमण होने पर परहेज (Avoid These in Throat Infection)

  • तैलीय एवं वसायुक्त भोजन का सेवन ना करें।
  • ठण्डी चीजे जैसे आइसक्रीम, दही, बर्फ के पानी का बिल्कुल उपयोग ना करें।
  • संक्रमित एवं प्रदूषित वातावरण में ना जाए, और ऐसी जगह के पानी एवं भोजन का सेवन ना करें।
  • प्रदूषण युक्त वातावरण में मास्क लगाकर जाएँ।

गले के संक्रमण से जुड़े सवाल-जवाब (FAQ Related Throat Infection Disease)

गले में संक्रमण क्यों होता है?

आयुर्वेद में रोग होने का कारण वात, पित्त कफ के असंतुलन को कहा गया है। यह तीनों दोषों यदि संतुलित अवस्था में रहकर अपना कार्य करते रहते है तो व्यक्ति रोगों से दूर रहता है, और उसके अन्दर रोगों से लड़ने की क्षमता होती है। अनुचित खान-पान, जीवनशैली का पालन करने के कारण व्यक्ति के दोष धीरे-धीरे असंतुलित हो जाते हैं। इससे व्यक्ति रोगों की चपेट में आ जाता है। जब शरीर में कफ और वात दोष हो जाते हैं, तब गले के संक्रमण की समस्या होती है।

गले के संक्रमण को कैसे ठीक किया जाता है?

गले का संक्रमण ऊपरी श्वसन तंत्र का रोग है, इसलिए इसमें कफ और वात की मुख्यतः दोष होता है। आयुर्वेदीय उपचार द्वारा इन दोषों के असंतुलन को लक्षणों को ठीक किया जाता है। इसके लिए व्यक्ति को खान-पान एवं परहेज का विशेष ध्यान रखना चाहिए। आयुर्वेद केवल लक्षणों को ही नहीं शरीर के दोषों को प्राकृतिक अवस्था में लाकर रोग को मूल रूप से समाप्त करता है।

गले का संक्रमण कितने दिनों में ठीक होता है?

गले का संक्रमण एक आम बीमारी है, जो बदलते मौसम में लगभग हर व्यक्ति को हो जाती है। यह बीमारी 3-4 दिन में उपचार करने पर ठीक हो जाता है।

गले में संंक्रमण होने पर डॉक्टर से कब सम्पर्क करना चाहिए?

यदि गले में दर्द एवं खराश अधिक हो, और घरेलू उपचार करने पर भी आराम नहीं मिलता हो। इसके साथ ही 4-5 दिन से ज्यादा हो जाए तो तुरंत डॉक्टर से सम्पर्क करना चाहिए, क्योंकि यह उग्र वायरल या बैक्टेरियल संक्रमण का संकेत हो सकता है। उचित उपचार ना लेने पर व्यक्ति गंभीर रूप से बीमार हो सकता है।

आचार्य श्री बालकृष्ण

आचार्य बालकृष्ण, आयुर्वेदिक विशेषज्ञ और पतंजलि योगपीठ के संस्थापक स्तंभ हैं। चार्य बालकृष्ण जी एक प्रसिद्ध विद्वान और एक महान गुरु है, जिनके मार्गदर्शन और नेतृत्व में आयुर्वेदिक उपचार और अनुसंधान ने नए आयामों को छूआ है।

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