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गर्भपात के लक्षण, कारण और घरेलू उपचार : Symptoms, Causes and Home remedies for Miscarriage

प्रसव का समय से पहले गर्भ से बाहर आ जाना गर्भपात या गर्भस्राव कहलाता है। गर्भपात को अंग्रेजी में मिसकैरेज (Miscarriage) कहते हैं। चार महीने तक के गर्भ में मांस नहीं होता है, अत: इस अवधि में गिरने वाले गर्भपात होने पर पीरियड की तरह ही योनि से सिर्फ खून निकलता है। जिसे गर्भपात या गर्भस्राव कहते हैं।

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गर्भपात क्या है? (What is Miscarriage?)

आयुर्वेद के अनुसार हमारे शरीर में तीन तरह के दोष वात, पित्त, कफ होते हैं। जिनके असंतुलित होने के कारण शरीर में विभिन्न प्रकार के विकार पैदा होते हैं, इसी तरह गर्भपात में वात दोष का असंतुलन हो जाने से गर्भवती महिला का गर्भपात या गर्भस्राव होने की आशंका बढ़ जाती है।

80 प्रतिशत गर्भपात 0-13 सप्ताह में हो जाता है। अगर अनुवांशिक अनियमितता है तो गर्भपात 0-13 सप्ताह के बीच में हो जाता है।

0-6 सप्ताह में ज्यादा खतरा होता है, इन दिनों में गर्भपात होने की आशंका बहुत ज्यादा होती है जिसमें महिलाओं को पता नहीं चलता है कि वो प्रेग्नेंट है या मासिक धर्म की अनियमितता है।

गर्भपात होने के कारण (Causes of Miscarriage)

कभी-कभी गर्भपात, गर्भाशय (Uterus) की कमजोरी के कारण भी होता है। जिसे गर्भाशय ग्रीवा की क्षमता में कमी (Cervical Incompetence) कहा जाता है। जिसकी वजह से भ्रूण गर्भ में नहीं रुक पाता है। सर्विकल अपर्याप्तता की वजह से गर्भपात आमतौर पर दूसरी तिमाही में हो जाता है। इसके अलावा कुछ अन्य कारण ये हैं :

  • संक्रमण (Infection)
  • हार्मोन की समस्याएं जैसे प्रोजेस्ट्रान की कमी या एस्ट्रोजन की अधिकता
  • ब्लड शुगर और थायरायड जैसी बीमारियां

अब सवाल ये आता है आखिर बार-बार गर्भपात क्यों होता है। महिलाओं का इम्यून सिस्टम का कम होना गर्भपात होने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इम्यून सिस्टम कम होने की वजह से गर्भवती महिलाएं संक्रमण रोग (Infecious disease) का शिकार हो जाती हैं। जिसके कारण गर्भपात हो सकता है।

हार्मोन्स-महिलाओं में कुछ हार्मोन्स जैसे; प्रोजेस्ट्रान, एस्ट्रोजन हार्मोन्स पाये जाते हैं जो गर्भ की रक्षा करते हैं। अगर गर्भिणी महिलाओं में ये हार्मोन्स असमान या असंतुलित हो जायें तो गर्भपात होने की आशंका बढ़ जाती है।

अधिक उम्र-महिलाओं की अधिक उम्र होने पर भी गर्भपात का जोखिम हो सकता है क्योंकि अंडाणु की खराब गुणक्ता का होना मुख्य कारण होता है। कभी-कभी माता-पिता के जीन (Genes) में अनियमितता हो जाती है। जिसके कारण गर्भाशय में बच्चा अधिक गंभीर हो जाता है और गर्भपात हो जाता है।

अनुवांशिक अनियमितता-क्रोमोसोम (Chromosoms) का अनियमित होना बार-बार गर्भपात होने का मुख्य कारण होता है।

ब्लड-ग्रुप– अगर गर्भवती महिला का ब्लड ग्रुप आर.एच निगेटिव (Rh(-)) है और बच्चे का ब्लड ग्रुप आर.एच पोजिटिव (Rh(+)) है तो गर्भपात की समस्या आ सकती है क्योंकि बच्चे की रक्त कोशिका (Blood Cells) माँ के खून से नहीं मिल पाती है जिसके कारण गर्भपात होने की आशंका बढ़ जाती है। कुछ महिलाएं गर्भावस्था में खून की कमी का शिकार हो जाती हैं जिसकी वजह से गर्भपात हो जाता है।

इनके अलावा ये भी कारण होते हैं-

  • ज्यादा एंटीबायोटिक (Antibiotics) लेना
  • धूम्रपान
  • ज्यादा मात्रा में कैफीन युक्त पदार्थ लेना
  • एल्कोहल पीना आदि।

गर्भपात होने के लक्षण (Symptoms of Miscarriage)

गर्भाशय ग्रीवा की कमजोरी के कारण होने वाले गर्भपात के लक्षण हैं-

महिला को अचानक गर्भाशय में दबाव महसूस होने लगता है जिसके कारण बच्चेदानी फट जाती है और पानी निकलने लगता है। जिस दौरान भ्रूण दर्द के बिना गर्भ से बाहर निकल जाता है।

गर्भपात होने से बचने के उपाय (How to Prevent Miscarriage)

गर्भपात होने के संभावना को कम करने के लिए आहार और जीवनशैली पर ध्यान देने की जरूरत होती है। चलिये इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।

आहार और जीवनशैली में बदलाव :

विटामिन सी- विटामिन सी किसी भी इन्सान के लिए काफी अहम होता है, क्योंकि यह विटामिन आपके शरीर की इम्यूनिटी सिस्टम को मजबूत बनाता है, लेकिन अक्सर नेचुरली एबार्शन (गर्भपात) करने के लिए विटामिन-सी का इस्तेमाल करने के लिए सलाह दी जाती है। ऐसा माना जाता है कि अगर गर्भिणी को बहुत ज्यादा मात्रा में विटामिन-सी का सेवन कराया जाय तो खुद ब खुद गर्भपात हो जाता है। अगर किसी गर्भिणी को विटामिन-सी वाले फल खासकर आँवला का सेवन अधिक मात्रा में करें तो गर्भपात होने की पूरी संभावना हो जाती है। इसलिए विटामिन सी युक्त आहार का बहुत अधिक मात्रा में सेवन ना करें।

पुदीना– पुदीने का तेल या पुदीने की चाय का रोज सेवन करने से गर्भपात हो सकता है। इसलिए गर्भावस्था में इनके सेवन से परहेज करें।

और पढ़े: पुदीना चाय के फायदे

पपीता और अनानास- गर्भपात के लिए पपीते के बारे में आप सभी ने सुना होगा क्योंकि हर गर्भवती स्त्री को ये सलाह दी जाती है कि वो पपीते से दूर रहे वरना उन्हें भी गर्भ से जुड़ी समस्या हो सकती है क्योंकि पपीते और अनानास में पपेन नाम का रसायन पाया जाता है जो गर्भपात को बढ़ावा देता है। इसलिए प्रेग्नेन्सी के समय पपीता व अनानास नहीं खाना चाहिए।

और पढ़े: पपीता के फायदे

ग्रीन टी- ग्रीन-टी का इस्तेमाल तो आजकल हर घर में होता है क्योंकि ग्रीन टी या हरी चाय से शरीर में कई फायदे होते हैं जैसे कि वजन कम करना, शरीर को चुस्त रखना हृदय को स्वस्थ रखना आदि। लेकिन अगर इसका इस्तेमाल गर्भवती स्त्रियाँ करती हैं तो गर्भपात होने की संभावना हो जाती है।

कम फाइबर स्टार्च- इंस्टेट चावल,अण्डा, नूडल्स खाने से परहेज करें।

वसायुक्त पदार्थ – मक्खन और पनीर खाने से बचें।

जंकफूड- जंकफूड जैसे; पिज्जा, बर्गर, कोल्ड्रिंक्स, पेस्ट्री आदि हो सके तो बिल्कुल न खाए।

मिठाई-उच्च ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले मीठे खाद्य पदार्थों से बचे क्योंकि वे रक्त में शर्करा या ग्लूकोज के स्तर को कम कर सकते हैं।

गर्भपात की संभावना को कम करने के लिए स्वयं को गर्भावस्था के लिए समय पहले तैयार करना बहुत महत्वपूर्ण हैं।

  • गर्भधारण के लिए शरीर को तैयार करें।
  • प्रजनन क्षमता बढ़ाने वाले पौष्टिक आहार अधिक मात्रा में खाना चाहिए।
  • अपने पेट की मालिश हल्के हाथ से रोज करें।
  • दिमाग को तनाव से दूर रखें और शरीर को पूरी तरह से आराम दें।
  • रोज 600 आई.यू विटामिन-ई युक्त पदार्थ को ज्यादा खाए, यदि आपको हाई बी.पी., हृदय रोग या शुगर है तो केवल 50 आई.यू विटामिन-ई ले।
  • ज्यादा भारी समान को न उठाएं।
  • जंकफूड, तेल, मिर्च मसाला वाला खाना बिल्कुल न खाएं।
  • नियमित रूप से चेकअप करायें।
  • स्वस्थ भोजन करें।

और पढ़ेंगर्भधारण में अपराजिता के फायदे

गर्भपात रोकने के घरेलू उपाय (Home Remedies to Prevent Miscarriage)

गर्भपात को रोकने के लिए कुछ घरेलू उपाय कभी-कभी मदद करते हैं। चलिये कुछ प्रमुख घरेलू उपायों के बारे में जानते हैं।

हींग गर्भपात रोकने में फायदेमंद (Asafoetida Helps to Prevent Miscarriage in Hindi)

प्रेग्नेंसी में महिलाओं को अपने खाने में हींग का प्रयोग करना चाहिए। जिससे महिलाओं में गर्भपात की समस्या कम हो जाती है इसलिए शुरुआती महीनों में महिलाओं को गर्भपात के खतरे से बचने के लिए हींग को अपने खाने में शामिल करना चाहिए।

और पढ़ें : हींग के फायदे और नुकसान

अनार का पत्ता गर्भपात रोकने में करे मदद (Pomegranate Leaves Beneficial to Prevent Miscarriage in Hindi)

अगर अचानक से महिला को रक्तस्राव (खून) बहने लगा हो तो अनार के ताजा पत्ते (100 ग्राम) लेकर पानी मिलाकर अच्छी तरह से पीसकर छान लें। छने हुए पानी या जूस को गर्भवती महिला को पिला दीजिए। छने हुए पानी के बाद बचे हुए लेप को पेट के नीचे भाग यानि पेडू पर लगा दे। ऐसा करने से रक्तस्राव या खून बहना रुक जायेगा।

और पढ़ें : अनार के फायदे और औषधीय गुण

संतुलित मात्रा में करें विटामिन सी का सेवन (Balanced Vitamin C Intake Beneficial to Prevent Miscarriage in Hindi)

प्रेंग्नेंसी के समय महिलाओं को विटामिन-सी की बहुत जरूरत होती है। क्योंकि ये आयरन की कमी को पूरा करता है और भ्रूण का विकास होने में मदद करता है। शिशु की इम्यूनिटी सिस्टम को मजबूत बनाता है। जैसे; पत्ता गोभी, टमाटर, स्ट्रॉबेरी, संतरा आदि खाना चाहिए लेकिन इस बात का हमेशा ध्यान में रखें कि विटामिन-सी का इस्तेमाल बहुत अधिक मात्रा में ना करें।

लौकी का जूस गर्भपात रोकने में लाभकारी (Bottel gourd Helps to Prevent Miscarriage in Hindi)

जिन महिलाओं को बार-बार गर्भपात की समस्या होती है उन महिलाओं को नियमित तौर पर लौकी का जूस या सब्जी खिलानी चाहिए।

और पढ़ें : लौकी खाने के फायदे और नुकसान

फिटकरी गर्भपात रोकने में करे मदद (Alum Beneficial to Prevent Miscarriage in Hindi)

जिन महिलाओं को गर्भावस्था के कुछ समय बाद खून आने लगता है। जिनके कारण गर्भपात होने का अंदेशा लगता है तो उस समय एक चम्मच पिसी हुई फिटकरी को कच्चे दूध के साथ पानी मिलाकर लेने से गर्भपात रुक जाता है।

जौ का सेवन गर्भपात रोकने में फायदेमंद (Barley helps to Prevent Miscarriage in Hindi)

12 ग्राम जौ के आटे को 12 ग्राम पिसे काले तिल और 12 ग्राम पिसी मिश्री मिलाकर आधा-आधा चम्मच रोज शहद के साथ चाटने को दें। इससे बार-बार होने वाला गर्भपात रुक जाता है।

और पढ़ें : जौ के आटे के फायदे और नुकसान

गाजर गर्भपात रोकने में फायदेमंद (Carrot Juice Beneficial to Prevent Miscarriage in Hindi)

गर्भावस्था में एक गिलास दूध में एक गाजर का रस मिलाकर उबालें, जब आधा रह जाए तो इसे गर्भवती महिला को पीने के लिए देना चाहिए। इसका प्रयोग प्रतिदिन करना फायदेमंद होता है। जिन महिलाओं का गर्भ नहीं ठहर रहा हो वह इस नुस्खे को आजमा सकते हैं,इससे अवश्य फायदा मिलेगा। यह नुस्खा बहुत-सी महिलाओं के लिए कारगर साबित हुआ है।

और पढ़ें : गाजर के औषधीय गुण

काला चना गर्भपात रोकने में फायदेमंद (Gram Beneficial to Prevent Miscarriage in Hindi)

गर्भपात का भय अगर लगातार बना रहता है तो ऐसे हालात में काले चने का काढ़ा बहुत लाभप्रद होता है। यह भी गर्भपात की संभावनाओं को टालता है।

सोंठ गर्भपात रोकने में लाभकारी (Dry Ginger Mixture Helps to Prevent Miscarriage in Hindi)

गर्भधारण करते ही महिलाओं को रोजाना 250 ग्राम दूध में आधी चम्मच सौंठ, चौथाई चम्मच मुलहठी मिलाकर पीने से भी गर्भपात का खतरा नहीं रहता है।

और पढ़े गर्भधारण विकार में शिवलिंगी से लाभ

गर्भपात रोकने में सहायक है धतूरा (Datura Beneficial to Prevent Miscarriage in Hindi)

गर्भवती स्त्रियों में धतूरे के जड़ की माला बनाकर पेट के नीचे बाँध देना चाहिए। ऐसा करने से बार-बार हो रहे गर्भपात की समस्या कम हो जाती है।

और पढ़ें : जानिये धतूरा के फायदे, नुकसान व उपयोग विधि

पलाश के पत्तों से रोकें गर्भपात (Palas helps to Prevent Miscarriage in Hindi)

गर्भधारण के लिए पलाश के पत्ते वरदान से कम नहीं है। गर्भधारण के पहले महीने में एक पत्ता, दूसरे महीने में दो पत्ते इसी तरह हर महीने के हिसाब से उतने पत्ते दूध में मिलाकर गर्भवती स्त्री को दिया जाए तो गर्भ सुरक्षित रहता है।

और पढ़ें : किन बीमारियों के इलाज में सहायक हैं पलाश के पत्ते

डॉक्टर के पास कब जाना चाहिए (When to see a Doctor)

महिलाओं को जब गर्भवती होने की जानकारी मिलती है उसी समय डॉक्टर से सम्पर्क कर लेना चाहिए क्योंकि गर्भपात 80 प्रतिशत महीने के शुरुआती दिनों में ज्यादा होता है इसलिए गर्भवती महिलाओं को महीने की शुरुआती दिनों में डॉक्टर से सम्पर्क कर लेना चाहिए, जिससे पता चल सके कि आप और आपका बच्चा स्वस्थ है या नहीं।

आचार्य श्री बालकृष्ण

आचार्य बालकृष्ण, स्वामी रामदेव जी के साथी और पतंजलि योगपीठ और दिव्य योग मंदिर (ट्रस्ट) के एक संस्थापक स्तंभ है। उन्होंने प्राचीन संतों की आध्यात्मिक परंपरा को ऊँचा किया है। आचार्य बालकृष्ण जी एक प्रसिद्ध विद्वान और एक महान गुरु है, जिनके मार्गदर्शन और नेतृत्व में आयुर्वेदिक उपचार और अनुसंधान ने नए आयामों को छूआ है।

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