सफेद बाल रोकने के उपाय और उससे जुड़े मिथक

gray hair myths

सफेद बालों को देखकर सबसे पहले दिमाग में ये आता है कि क्या सफेद बालों का इलाज हो सकता है? या सफेद बालों को काला करने का कोई उपाय है?

क्योंकि आज कल हर इंसान अपने बालों को लेकर परेशान है क्योंकि काले घने बाल सबका सपना होता है। हर किसी के सौन्दर्य का आधार उसके काले बाल ही होते हैं। इसलिए जब बाल सफेद होने लगते हैं तो लोगों की नींद उड़ जाती है। और इस समस्या से निजात पाने के लिए अजीब-अजीब से मिथकों का सहारा लेने लगते हैं। जिसका फल ये होता है कि अगर उसका असर सही नहीं हुआ तो लोग परेशानी में पड़ जाते हैं। इसलिए ऐसे ही कुछ मिथकों के बारे में हम बात करेंगे कि जो आम तौर पर लोग मानते हैं कि इनके इस्तेमाल से असमय बालों का सफेद होना रोका जा सकता है या बाल सफेद नहीं होंगे।

असमय बालों के सफेद होने से रोकने के मिथकों के बारे में चर्चा करने से पहले ये जानना जरूरी है कि,  बाल सफेद क्यों जाते हैं। इस प्रक्रिया में सबसे अहम् भूमिका मेलानीन नामक पिग्मेंट सेल्स की होती है। असल में हेयर फॉलिकल्स या केश कूप में जो पिग्मेंट सेल्स होते हैं वह मेलानीन बनाते हैं और इस मेलानीन के ऊपर ही बालों का रंग निर्भर करता है। जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है ये सेल्स नष्ट होने लगते है या इनके बनने की प्रक्रिया धीमी पड़ जाती है । तो फिर पिग्मेंट के अभाव में बाल अपने नैचुरल कलर खोने लगते हैं और बाद में वह सफेद रंग  में परिवर्तित हो जाते हैं। भारत में या एशियन लोगों में तीस के बाद बालों का सफेद होना नॉर्मल होता है लेकिन उसके पहले कम उम्र में बाल अगर सफेद होने लग रहे हैं तो इस समस्या की जड़ तक जाने की जरूरत होती है[1]।

चलिये अब मिथकों के बारे में जानते हैं कि क्या ये सचमुच काम करते हैं?

क्या सफेद बालों को एक-एक करके निकाल देने से बालों का पकना कम हो जाता है?

ये जाना माना नुस्ख़ा है, जो लोग आम तौर पर आजमाते हैं। शायद आपको याद होगा कि दादी-नानी अपने बालों से सफेद बालों को चुनकर निकालने के लिए कहती थी। इसके पीछे यही कारण था कि वह मानती थी कि उन पके हुए बालों को निकाल देने से दूसरे बाल नहीं पकेंगे। लेकिन ऐसा कुछ नहीं होता है क्योंकि बाल सफेद होने या पकने पर इससे दूसरे बालों को कोई नुकसान नहीं पहुँचता है। बल्कि बालों को ट्वीजर से निकालने पर हेयर फॉलीकल्स को नुकसान पहुँचता है। हां, जो नए बाल आते हैं वह पहले से और भी पतले हो जाते हैं। जिससे लोगों को ये भ्रांति होती है कि शायद बालों का सफेद होना कम हो गया है[2]।

क्या धूप में निकलने से बाल ज्यादा सफेद होते हैं?

ये सच है कि धूप का सबसे ज्यादा प्रभाव त्वचा को भुगतना पड़ता है जिसे कारण उसपर दाग-धब्बे, झुर्रियां आदि आने लगती है लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि धूप का सीधा असर बालों पर नहीं पड़ता है। वैसे तो ये सभी को पता है कि बालों का सफेद होना मेलानीन पर निर्भर करता है और अगर इस पर असर हुआ तो बाल सफेद होने लगते हैं। कुछ अध्ययनों से पता चला है कि बाल खुद हाइड्रोजन परॉक्साइड बनाते हैं। जब इसकी मात्रा हद से ज्यादा हो जाती है तो उसका असर बालों पर पड़ता है क्योंकि कोशिकाएं इस केमिकल को तोड़ नहीं पाती हैं, जिसके कारण असमय बाल सफेद होने लगते हैं। हाइड्रोजन पराक्साइड में सघन ऑक्सिजन होता है। वैसे तो हमें धूप और ऑक्सिजन दोनों की ज़रूरत होती है लेकिन संतुलित मात्रा में, नहीं तो वह ब्लीचिंग की भूमिका निभाते हैं[3]।

नोट: इसलिए जब भी आप धूप में बाहर निकले अपने बालों को कपड़े या टोपी से ढक ले तो बेहतर होगा।  

हेयर डाई करने से बालों का सफेद होना कम हो जाता है?

आजकल यंग लड़के-लड़कियां फैशन के चक्कर में अपने बालों को हरा, नीला, बैंगनी तरह तरह के कलर करते हैं। लेकिन हाल के एक अध्ययन से ये साबित हुआ है कि इसका बालों के सफेद होने या कम होने से कोई संबंध नहीं होता है[4]।

सिगरेट पीने से बालों पर क्या कोई प्रभाव नहीं पड़ता है?

आम तौर पर लोग ये सोचते हैं कि सिगरेट पीने से सिर्फ लंग्स कैंसर या दिल की बीमारी होती है। लेकिन ये मान्यता बिल्कुल गलत है। इसका असर सिर्फ दिल पर नहीं बालों पर भी पड़ता है[5]। सिगरेट में जो निकोटीन होता है वह हेयर फॉलीकल को नुकसान पहुँचाते हैं और वह मेलानीन को प्रभावित करता है जिसके कारण लंबे समय सिगरेट का सेवन करने पर बाल सफेद होने लगते हैं[6]|

कौन-से डायट या फूड्स से बालों को सफेद होने से रोका जा सकता है?

वैसे तो ये सारे मिथक बालों की सफेदी को रोक नहीं सकते हैं बस दावा करते हैं। लेकिन जिनके कमी से बाल सफेद होते हैं उनका सेवन करने से कुछ हद तक बालों को सफेद होने से रोका जा सकता है। यानि जिंक, कॉपर, कैल्शियम, विटामिन बी12, विटामिन डी की कमी से बाल सफेद होने लगते हैं। यानि डायट में ऐसे फूड होने चाहिए जिनमें ये सारे विटामिन और मिनरल होने चाहिए, तभी बालों को सफेद होने से रोका जा सकता है, जैसे- अखरोट, मछली, पत्तेदार सब्जियां आदि।

अगर आप अपने  डायट में अखरोट या वालनट शामिल करते हैं तो  कॉपर की कमी होने से बचा जा सकता है। अखरोट बालों में पिग्मेंट देने में सहायता करता है। यहां तक कि डायट में मछली, बीज और पत्तेदार सब्जियां, ब्रोक्ली आदि का सेवन करने से ओमेगा-3 फैटी और जिंक की कमी भी पूरी हो जाती है। जो बाल के नैचुरल कलर को बनाये रखने में सहायता करता है।

शायद आपको पता नहीं है कि विटामिन डी3 और विटामिन बी कॉम्प्लेक्स बालों के प्राकृतिक रंगत को बनाये रखने में कितना मदद करते हैं। कई अध्ययनों से ये पता चला है कि विटामिन बी12 की कमी से पिग्मेंट में भी कमी आती है। जिसके कमी के असर के कारण बाल सफेद हो जाते हैं। विटामिन बी12 और बी6 बालों के नैचुरल कलर को बनाये रखने में सहायता करते हैं। इसके लिए आपको अपने डायट में फाइबर युक्त खाना, हरी पत्तेदार सब्जियां बहुतायत मात्रा में शामिल करना चाहिए[7]।

क्या आयुर्वेद में ऐसे हर्ब हैं जो बालों को सफेद होने से बचा जा सकते हैं?

वैसे तो आम तौर पर लोग घर में कई घरेलू नुस्ख़े आजमाते हैं, बालों को नैचुरल कलर करने के लिए, जैसे- मेंहदी, आंवला, रीठा, शिकाकाई, चाय की पत्ती आदि। इसके अतिरिक्त और भी हर्ब इस्तेमाल किये जा सकते हैं, जैसे-

नीम:

क्या आपको पता है कि नीम की पत्ती में भी नैचुरल कलर करने की क्षमता होती है?

आचार्य बालकृष्ण के सिक्रेट ऑफ इंडियन हर्ब फॉर गुड हेल्थ के अनुसार नीम एक ऐसा हर्ब है जिसको आप खा भी सकते हैं या किसी तेल में मिलाकर या हेयर  पैक में मिलाकर भी बाल में लगा सकते हैं इससे बालों का सफेद होना कम हो जाता है[8]।

जटामांसी:

शायद ये नाम बहुत कम लोगों ने सुना होगा। लेकिन जटामांसी एक ऐसा हर्ब है जो बालों को प्राकृतिक तरीके से कलर करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है[9]।

अंतत: यही कह सकते हैं कि आजकल बाल कम उम्र में ही सफेद हो जाते हैं। इसके लिए बालों को कलर करने या उसको रोकने का उपाय खोजने के जगह पर अपने डायट का सही तरह से ख्याल रखने पर असमय बालों को सफेद होने से बचाया जा सकता है।

डॉ. ललित कनोडिया, कंसल्टेंट फार्माकॉलोजिस्ट ने इस लेख की समीक्षा की है।)

संदर्भ-
1. Pandhi D, Khanna D. Premature graying of hair. Indian J Dermatol Venereol Leprol 2013;79:641-53.
2.Nagpal R, Mahajan R, Chojer P, et al. Premature Greying of Hair and Role of Oiling in Indian Perspective. J Dermatol & Ther.  2017; 2:108.
3.Trüeb RM. Pharmacologic interventions in aging hair. Clin Interv Aging.
2006;1(2):121-9. 4.Jo SJ, Shin H, Paik SH, et al. The pattern of hair dyeing in koreans with gray hair. Ann Dermatol. 2013 Nov;25(4):401-4.
5.Zayed AA, Shahait AD, Ayoub MN, et al. Smokers’ hair: Does smoking cause
premature hair graying? Indian Dermatol Online J. 2013 Apr;4(2):90-2.
6.Aggarwal A, Srivastava S, Agarwal MP, et al. Premature Graying of Hair: An
Independent Risk Marker for Coronary Artery Disease in Smokers – A Retrospective Case Control Study. Ethiop J Health Sci. 2015 Apr;25(2):123-8.

7. Chakrabarty S, Krishnappa PG, Gowda DG, et al. Factors Associated with Premature Hair Graying in a Young Indian Population. Int J Trichology. 2016 Jan-Mar;8(1):11-4.
8.Acharya Balkrishna Ed. Secrets Of Indian Herbs For Good Health. “Azadirachta indica (L) A. Juss” (1st ed.). Divya Prakshan; 2008: 305.
9. Singh V, Ali M, Upadhyay S. Study of colouring effect of herbal hair
formulations on graying hair. Pharmacognosy Res. 2015 Jul-Sep;7(3):259-62.

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