मोबाइल की रेडिएशन से हो सकता है दिल में ट्यूमर : रिसर्च

मोबाइल की रेडिएशन से हो सकता है दिल में ट्यूमर

मोबाइल का इस्तेमाल हमारे रोजमर्रा के जीवन में इतना ज़रूरी हो गया है कि अब कोई बिना मोबाइल के रहने की कल्पना भी नहीं कर सकता है। बहुत कम लोगों को यह पता है कि मोबाइल से निकलने वाला रेडिएशन हमारे शरीर के लिए नुकसानदायक है। हाल ही में चूहों पर लम्बे समय तक किये एक रिसर्च में यह खुलासा हुआ है कि इस रेडिएशन से दिल के आस पास के ऊतकों में भी ट्यूमर पनप सकता है।
इस शोध में बहुत लम्बे समय तक चूहों को रेडिएशन के संपर्क में रखा गया और उनका नियमित अंतराल पर निरीक्षण किया गया। अमेरिका के नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ एनवायरनमेंटल हेल्थ साइंस की रिपोर्ट के अनुसार यह ट्यूमर सिर्फ नर चूहों में ही विकसित हुआ है जबकि मादा चूहों में रेडिएशन की वजह से कोई भी ट्यूमर नहीं विकसित हुआ। अमेरिकी रिसर्च टीम ने लगभग 20 सालों तक चूहों पर इन किरणों के प्रभाव का अध्ययन किया है और उसके बाद जाकर यह विस्तृत रिपोर्ट तैयार की गयी है।

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शोध के मुताबिक जब चूहों के पूरे शरीर को सेलफोन के अधिकतम तीव्रता वाले रेडिएशन के संपर्क में रखा गया तो उनमें से लगभग 6% चूहों में स्किवोनोमा (schwannomas ) नामक ट्यूमर विकसित हो गया। यह एक ख़ास तरह का ट्यूमर होता है जो ह्रदय की आस पास के ऊतकों में पनपता है। हालांकि वे चूहे जो इन अधिकतम तीव्रता वाले रेडिएशन के संपर्क में नहीं थे उन्हें किसी भी तरह की समस्या नहीं हुई।
नेशनल टॉक्सिकोलॉजी प्रोग्राम के वैज्ञानिक जॉन बुचर ने अपने इंटरव्यू में बताया कि, “ मोबाइल के रेडिएशन की वजह से कान और मस्तिष्क के नर्व में ट्यूमर होना आम बात है लेकिन पहली बार यह पता चला कि इस रेडिएशन की वजह से ह्रदय के आस पास भी ट्यूमर पनप सकता है।
जॉन बुचर का कहना है कि ‘यह शोध अभी तक सिर्फ चूहों पर किया गया है तो यह ज़रूरी नहीं कि बिल्कुल ऐसे ही परिणाम इंसानों में भी देखने को मिलेंगे। दूसरी बात शोध में रेडिएशन की तीव्रता बहुत ज्यादा थी जबकि आज के समय में इस्तेमाल हो रहे मोबाइल की रेडिएशन इतनी तीव्र नहीं होती है। फिर भी यह चिंता का विषय है और भविष्य में हमें इस खतरे के प्रति सचेत रहने की ज़रूरत है।’
साभार : Deccan Chronicle

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