डिप्रेशन के कारण कमजोर हो सकती है आपकी याददाश्त : रिसर्च

डिप्रेशन के कारण कमजोर हो सकती है आपकी याददाश्त

जिंदगी में समय समय पर निराशा महसूस करना बहुत स्वाभाविक है लेकिन कुछ लोगों में यह निराशा या तनाव का दौर बहुत लम्बा खिंच जाता है। कई बार व्यक्ति नकारात्मक विचारों से इतना घिर जाता है कि उसे सफलता या ख़ुशी की कोई उम्मीद ही नज़र नहीं आती है और इन्हीं तनावों की वजह की वजह से वो धीरे धीरे डिप्रेशन की चपेट में आने लगता है। इस समय अपने देश में डिप्रेशन के मरीजों की संख्या काफी तेजी से बढ़ रही है और इसके लिए पारिवारिक जीवन में कलह, ऑफिस की टेंशन, रिश्तों में दरार इत्यादि कारण मुख्य रुप से ज़िम्मेदार हैं।

हाल ही में हुए एक रिसर्च में उटा यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों की टीम ने इस बात का खुलासा हुआ है कि डिप्रेशन और याददास्त का आपस में संबंध है और इस वजह से डिप्रेशन के कारण मरीजों की याददाश्त कमजोर हो सकती है। डिप्रेशन के कुछ मरीज अपने बीते हुए पुराने ख्यालों और दुःख भरे विचारों में इतने खोए रहते हैं कि वे किसी भी तरह की नयी जानकारी को समझ नहीं पाते हैं या याद नहीं रख पाते हैं।

ब्रिघम यंग यूनिवर्सिटी के मनोविज्ञान विभाग के प्रोफेसरों ने इस शोध में 98 वयस्कों को एक पैटर्न सेपरेशन टेस्ट में शामिल किया गया। इस टेस्ट में लोगों को सवालों की एक सूची दी गयी जिसमें उन्हें अपने डिप्रेशन या चिंता का स्तर और जीवनशैली से जुड़े कुछ अन्य सवाल जैसे कि नींद का समय, कितने समय व्यायाम करना आदि, के बारे में पूछा गया। शोध के अंत में वैज्ञानिकों ने यह निष्कर्ष निकाला कि जिन लोगों का डिप्रेशन लेवल ज्यादा था उनका इस पैटर्न टेस्ट में स्कोर काफी कम था।

इस पैटर्न टेस्ट में प्रतिभागियों को उनकी कंप्यूटर स्क्रीन पर कुछ चीजों की श्रृंखला दिखाई गयी जिनमें से कुछ चीजों से वे पहले से परिचित थे और बाकी से नहीं थे। शोध में यह पाया गया कि जिन लोगों का डिप्रेशन लेवल ज्यादा था उन्हें एक जैसी चीजों में अंतर करने में भी बहुत कठिनाई हो रही थी। हालांकि इसका मतलब यह बिल्कुल नहीं है कि वे लोग भूलने की बीमारी (amnesia) से पीड़ित है बल्कि दिमागी स्वास्थ्य ठीक ना होने के कारण वे कुछ चीजें भूल जा रहे हैं।

एक अन्य शोध में यह भी पता चला है कि जो लोग अपने नकारात्मक भावों को दबाने का प्रयास करते हैं वे नकारात्मक यादों के असर को कम करने की क्षमता रखते हैं। इसलिए बेहतर होगा कि आप ध्यान, योगा या थेरेपी की मदद से अपने तनाव को दूरे करें और डिप्रेशन की बीमारी से खुद को मुक्त करें।

साभार : ANI

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