सर्दियों में अस्थमा से बचाव के लिए अपनाये कुछ ख़ास टिप्स

सर्दियों में अस्थमा से बचाव के लिए अपनाये कुछ ख़ास टिप्स

सर्दियों का मौसम आते ही अस्थमा के कुछ मरीजों की हालात काफी बिगड़ने लगती है। इसलिए अधिकतर मरीजों को यह सलाह दी जाती है कि वे इस मौसम में अपना विशेष ध्यान रखें।

सर्दियों में किन कारणों की वजह से अस्थमा के मरीजों को होती है दिक्कत ?

1- सर्दियों के मौसम में आमतौर पर श्वसन तंत्र में वायरल इन्फेक्शन ज्यादा होते हैं। अस्थमा के मरीजों के एयर ट्यूब पहले से ही बहुत संवेदनशील होते हैं और ऐसे में वायरल इन्फेक्शन होने के कारण उनमें कंजेशन या जकड़न और बढ़ जाती है। एलर्जी से तेज सांसे चलने की बजाय जब वायरल इन्फेक्शन के कारण तेज सांसे चलती हैं तो इन पर दवाइयों का असर कम होता है।

टिप्स : वायरल इन्फेक्शन को पूरी तरह रोक पाना तो असम्भव है लेकिन कुछ उपायों को अपनाकर आप इसे काफी हद तक कम कर सकते हैं। खाने से पहले हाथ धोना, ज्यादा भीड़भाड़ वाली जगहों पर ना जाना, जुकाम से पीड़ित मरीज के आस पास सावधानीपूर्वक रहना, पर्याप्त मात्रा में गर्म पेय जैसे कि चिकन सूप या अदरक-शहद के जूस पीने इत्यादि जैसे उपायों को अपनाकर आप वायरल इन्फेक्शन के खतरे को काफी हद तक कम कर सकते हैं।

2- कई बार जब आप बक्से में से गर्म कपड़े और रजाई कम्बल बाहर निकालते हैं तो उससे निकलने वाली धूल के कारण भी अस्थमा बढ़ जाता है।

टिप्स : अगर आप अस्थमा से पीड़ित हैं तो ये सब काम करने के लिए घर के किसी अन्य सदस्य को कहें। ऊनी कपड़ों और कम्बल को इस्तेमाल करने से पहले 2-3 दिन उन्हें तेज धूप में सुखाएं।

3- इस मौसम में बहने वाली ठंडी हवा भी अस्थमा के मरीजों के लिए ट्रिगर का काम करती है। ठंडी हवा खुद ही बहुत शुष्क होती है और फेफड़ों में पहुंचकर यह समस्या को और बढ़ा देती है। खासतौर पर उन मरीजों को जो खेलकूद में भाग लेते हैं उन्हें विशेष ध्यान देना चाहिए।  

टिप्स : बाहर ठंड में निकलने से पहले शरीर को अच्छी तरह से गर्म कपड़ों से ढंक लें, खासतौर पर चेहरे और नाक वाले हिस्से को ज़रूर ढंकें। इससे बचने का सबसे सही तरीका है कि आप मफलर का इस्तेमाल करें और उससे नाक और मुंह को ढंक लें।  नाक को गर्म रखने से अस्थमा के लक्षणों में काफी कमी आती है। नाक से सांस लेने की वजह से अंदर जाने वाली हवा भी गर्म हो जाती है। जब ठंडी हवाएं बहुत ज्यादा चल रही हों तो घर के अंदर ही एक्सरसाइज करें। एक्सरसाइज करने से पहले इनहेलर का इस्तेमाल ज़रूर करें।

4- इस मौसम में दरवाजे खिडकियां बंद होने की वजह से घर के अंदर हवा का प्रवाह सीमित होता है जिससे घर में एलर्जी उत्पन्न वाले कारक बढ़ जाते हैं। यहां तक की इस मौसम में बाहर ठंड होने की वजह से लोग अपना ज्यादा से ज्यादा समय घर के अंदर ही बिताते हैं जिस वजह से अस्थमा की समस्या और बढ़ जाती है।

यह सच है कि सर्दियों में परिस्थितियां कुछ ऐसी हो जाती हैं कि वे अस्थमा के मरीजों के लिए दिक्कतें पैदा करती हैं लेकिन सही जानकारी और कुछ उपाय अपनाकर आप अपनी परेशानियों को काफी हद तक कम कर सकते हैं। इसलिए ऊपर बताये गये उपायों को अपनाएं और खुश रहें।

 

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