परिवार नियोजन के घरेलू उपाय

parivar niyojan ke gharelu upay

अपने देश की जनसंख्या दिन प्रतिदिन बहुत तेजी से बढ़ती जा रही है और इसकी एक वजह लोगों में परिवार नियोजन से जुड़ी जागरूकता की कमी है। बड़े शहरों में तो काफी हद तक लोग परिवार नियोजन को लेकर गंभीर हैं लेकिन आज भी गाँवों और कस्बों में लोगों को परिवार नियोजन के तरीकों के बारे में पूरी जानकारी नहीं है। वे ना तो गर्भनिरोधकों का ठीक से इस्तेमाल करते हैं और ना ही गर्भधारण रोकने के प्राकृतिक उपाय ठीक से अपनाते हैं।

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि गर्भनिरोध के कुछ प्राकृतिक उपाय भी हैं जिनकी मदद से आप गर्भधारण होने से रोक सकते हैं। इस लेख में हम आपको परिवार नियोजन के कुछ प्राकृतिक तरीकों और उनकी सफलता दर के बारे में विस्तार से बता रहे हैं जिनकी मदद से आप सुरक्षित तरीके से सेक्स का आनंद ले सकते हैं।

मासिक चक्र के सुरक्षित दिन :

आमतौर पर महिलाओं का मासिक चक्र 28 या 30 दिन का होता है और इस दौरान कुछ ऐसे दिन होते हैं जिन दिनों सेक्स करना कुछ हद तक सुरक्षित होता है। वहीं कुछ दिन ऐसे भी होते हैं जिन दिनों सेक्स करने से गर्भधारण की संभावना काफी बढ़ जाती है।

अगर आपका मासिक चक्र 28 दिन का है तो अगला पीरियड शुरु होने के लगभग 14 दिन पहले ( एक या दो दिन आगे पीछे भी हो सकता है) ओव्यूलेशन की प्रक्रिया होती है। विशेषज्ञों के अनुसार ऐसे में मासिक चक्र के 10 वें दिन से 14वें दिन के बीच का समय गर्भधारण के लिए सबसे उपयुक्त होता है। हालांकि शुक्राणु चार से पांच दिनों तक जीवित और सक्रिय रहते हैं इसलिए बेहतर होगा कि आप अपने मासिक चक्र के 9 वें दिन से 19 वें दिन के बीच सेक्स से परहेज करें। विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के अनुसार सही ढंग से इस तरीके को अपनाने पर इसकी सफलता दर लगभग 88% होती है।

शरीर का तापमान :  

मासिक चक्र के सुरक्षित दिनों के अलावा आप शरीर का तापमान चेक करके भी ओव्यूलेशन पीरियड का पता कर सकती हैं। आमतौर पर ओव्यूलेशन होने पर शरीर का तापमान रोज के तापमान से लगभग आधा डिग्री तक बढ़ जाता है। इसे जानने के लिए एक पीरियड से अगले पीरियड के बीच रोजाना सुबह बिस्तर से उठने से पहले अपने शरीर का तापमान नोट करते रहें और जिस दिन तापमान बढ़ा हुए मिले समझ लें उन दिनों गर्भधारण की संभावना ज्यादा रहती है। ऐसे में उन दिनों सेक्स से परहेज करें। विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के अनुसार इस तरीके की सफलता दर सिर्फ 75% है जो कि बहुत कम है।

विड्राल मेथड :

सेक्स के दौरान वीर्यपात के समय लिंग को बाहर निकाल लेना भी परिवार नियोजन का घरेलू तरीका है। हालांकि बाकी अन्य प्राकृतिक तरीकों की तरह यह तरीका भी पूर्ण रुप से सुरक्षित नहीं है बल्कि कई विशेषज्ञों का मानना है कि इसकी सफलता दर काफी कम है क्योंकि सेक्स के दौरान वीर्य की एक बूँद से भी गर्भधारण हो सकता है।

कई बार स्खलन से पहले ही वीर्य की कुछ बूंदें लिंग से निकलकर योनि में चली जाती हैं। अगर आप इस विधि को अपनाना चाहते हैं तो सेक्स के दौरान जब आप स्खलित होने वाले हों उससे कुछ देर पहले ही अपने लिंग को महिला की योनि से बाहर निकाल लें जिससे वीर्य योनि में ना जा सके और गर्भधारण से बचा जा सके। इस बात का हमेशा ध्यान रखें कि विड्राल मेथड की सफलता इसे ठीक तरीके से करने पर निर्भर करती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के अनुसार सामान्य रुप से इस तरीके को आजमाने पर इसकी सफलता दर सिर्फ 73% ही है। आपकी छोटी सी गलती से यह तरीका पूरी तरह फेल हो सकता है इसलिए सावधानी बरतें।

स्तनपान के दौरान (लैक्टेशन एमेनोरिया) :

बच्चे को जन्म देने के कुछ महीनों बाद जो स्तनपान वाला दौर होता है उस दौरान लगभग 6 महीनों तक महिलाओं को पीरियड नहीं आते हैं। अगर शिशु पूरी तरह मां के दूध पर निर्भर है तो इस अवधि में गर्भधारण की संभावना एकदम नगण्य होती है। इस दौरान सेक्स करना काफी हद तक सुरक्षित है। इस तरीके को चिकित्सकीय भाषा में ‘लैक्टेशन एमेनोरिया मेथड’ (LAM) कहते हैं।

शिशु के जन्म के बाद महिला के शरीर में प्रोलैक्टिन हार्मोन की मात्रा बढ़ जाती है जो महिला के शरीर में दूध के निर्माण में मदद करती हैं साथ ही साथ ये ओवरी में अंडे बनने की प्रक्रिया को रोक देती हैं जिससे पीरियड रुक जाते हैं। इसी वजह से स्तनपान के दौरान (लैक्टेशन पीरियड) में गर्भधारण की संभावना बिल्कुल कम हो जाती है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक रिपोर्ट के अनुसार, जब शिशु सिर्फ मां के दूध पर आश्रित होता है उस दौरान इसकी सफलता दर लगभग 98% है। अगर स्तनपान के दौरान पीरियड आ जाता है या आप शिशु को मां के दूध के अलावा फार्मूला मिल्क या ठोस आहार देना शुरु कर देती हैं तब गर्भनिरोध का ये तरीका बेअसर हो जाता है।

यौनिक संभोग से परहेज करें :

 गर्भधारण से बचने के लिए सबसे असरदार तरीका है कि आप सेक्स ही ना करें। यह सुनकर आपको ताज्जुब होगा लेकिन असल में अगर आप सेक्स की बजाय सिर्फ फोरप्ले करते हैं तो इससे गर्भधारण की गुंजाइश ही नहीं बचती है। लेकिन फिर से यहां पर यह ध्यान रखना जरुरी है कि अगर आप सेक्स नहीं कर रहे हैं लेकिन फिर भी फोरप्ले के दौरान आपका वीर्य महिला के जांघों या पेट पर गिरकर किसी तरह योनि के संपर्क में आता है तो इससे भी गर्भधारण की थोड़ी संभावना रहती है। इसलिए इस तरीके की सफलता भी काफी हद तक आप दोनों के संयम पर निर्भर करती है।

अगर आप परिवार नियोजन के लिए ऊपर बताए गए किसी भी तरीके को अपनाना चाहते हैं तो एक बार पहले डॉक्टर से उस बारे में पूरी जानकारी ले लें। वैसे तो जन्म नियंत्रण का कोई भी तरीका 100% सुरक्षित नहीं है लेकिन अगर आप प्राकृतिक तरीके अपना रहे हैं तो इनकी सफलता दर और भी कम है। इसलिए इनके अलावा सही समय पर डॉक्टर से गर्भनिरोधकों के अन्य दूसरे विकल्पों के बारे में पूरी जानकारी लें और उनका प्रयोग करें।  

(इस लेख की समीक्षा डॉ. ललित कनोडिया, फिजिशियन ने की है।)

सन्दर्भ :

1- http://www.who.int/news-room/fact-sheets/detail/family-planning-contraception

2- Association of Reproductive Health Professionals. (2009). Breastfeeding (lactational amenorrhea method) [Fact sheet].

arhp.org/Publications-and-Resources/Patient-Resources/Fact-Sheets/Breastfeeding

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