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बच्चों को खांसी होने पर अपनाएं ये घरेलू इलाज (Home Remedies for Cough in Kids)

बच्चों को खाँसी होना बहुत ही आम बात है। प्रायः यह देखा जाता है कि जब भी बच्चे को खांसी होती है तो माता-पिता बहुत घबरा जाते हैं और तुरंत डॉक्टर से सम्पर्क करते हैं। आपको घबराने की जरूरत नहीं है, क्योंकि खाँसी कोई बीमारी नहीं है। यह शरीर में हो रही किसी और परेशानी का संकेत होती है। क्या आपको पता है कि आप आयुर्वेदिक तरीके से भी बच्चों की खांसी का इलाज (Home Remedies for Cough in Kids) कर सकते हैं। एक-दो नहीं बल्कि अनेक आयुर्वेदिक उपाय हैं जिसकी सहायता से आप बच्चों की खांसी का उपचार कर सकते हैं।

छोटे बच्चों को सर्दी और खांसी बार-बार होती है, और इसके लिए बार-बार डॉक्टर से परामर्श लेने जाना पड़ता है। ऐलोपैथिक दवाओं का अधिक सेवन करने से बच्चों के शरीर पर बुरा असर भी पड़ता है। इसलिए आप आयुर्वेदिक तरीकों का प्रयोग कर सकते हैं।

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बच्चों की खांसी (Cough in Children)

बच्चों को सर्दी-जुकाम और खाँसी अधिक हो जाती हैं। खांसी रोगों के बारे में चेताने के लिए शरीर द्वारा की गई एक प्रतिक्रिया है। शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने के कारण, तथा वायरल इन्फेक्शन (Viral infection) के कारण श्वास नलिका में सूजन आ जाती है। इससे बच्चों को खाँसी हो जाती है।

बच्चों की खाँसी के प्रकार (Types of Cough in Kids)

आयुर्वेद के अनुसार, खांसी पाँच तरह की होती है, जिनका नाम वातज, पित्तज, कफज और क्षतज और क्षयज खांसी है। वातज, पित्तज और कफज त्रिदोष से संबंधित हैं, लेकिन क्षतज और क्षयज किसी दूसरे कारणों से होती है। यह खांसी ज्यादा खतरनाक होती हैं। इनकी पहचान ऐसे की जा सकती हैंः-

वातज खांसी

वातज खाँसी में कफ बेहद कम निकल पाता है, या बिल्कुल नहीं निकलता। कफ निकालने की कोशिश में खाँसी लगातार परेशान करती है। पसलियों, पेट, छाती वगैरह में दर्द होने लगता है।

पित्तज खांसी

पित्तज खाँसी में कफ का स्वाद कड़वा होता है। खाँसते-खाँसते उल्टी हो जाए, तो पीला, कड़वा पित्त निकलता है। प्यास लगती है। शरीर में जलन होती है।

कफज खांसी

कफज खाँसी में कफ ढीला होकर आसानी से निकलता रहता है। कफ का स्वाद मीठा और मुँह का स्वाद फीका हो जाता है। भोजन के प्रति अरुचि हो जाती है। आलस्य छाया रहता है।

क्षतज खांसी

क्षतज खाँसी अलग कारणों से पैदा होती है। यह भारी बोझ उठाने, शरीर द्वारा अधिक ताकत लगाने, ज्यादा क्रोध करने आदि के कारण होती है।

क्षयज खांसी

क्षयज खाँसी सबसे ज्यादा घातक होती है। यह संक्रामक होती है। इसमें शरीर को नुकसान होने लगता है। यह टीबी रोग का शुरुआती संकेत होती है। इसमें शरीर में बुखार और दर्द रहने लगता है। शारीरिक कमजोरी बढ़ जाती है। इसके इलाज में देरी ठीक नहीं होती।

और पढ़ें: खांसी में हल्दी के फायदे

बच्चों को खाँसी होने के कारण (Causes of Cough in Kids)

बच्चों को खाँसी होने के अनेक कारण हो सकते हैं, लेकिन मुख्य रूप से दो कारण होते हैं-

  • बच्चों का शरीर वयस्क लोगों की तरह आसानी से शारीरिक तापमान को नियंत्रित नहीं कर पाता है। ठण्ड के दिनों में शरीर को गर्म रख सके तथा गर्म के दिनों में ठण्डा नहीं रख पाता। इससे बच्चों को खांसी हो जाती है।
  • बच्चे की रोगप्रतिरोधक क्षमता पूरी तरह विकसित नहीं होती है। इस वजह से शिशु का शरीर संक्रमण से लड़ने में सक्षम नहीं होता।

बच्चों को खाँसी होने के अन्य कारण

बच्चों में खांसी होने के ये अन्य कारण हो सकते हैंः-

सर्दी-जुकाम (Cold and Cough)

अगर आपके शिशु को सर्दी-जुकाम की वजह से खाँसी हो रही हो, तो बच्चे को बन्द नाक, बहती नाक, गले में खराश, आँखों में पानी और बुखार जैसे लक्षण भी हो सकते हैं। जुकाम की वजह से बनने वाले अतिरिक्त श्लेम को निकालने के लिए शिशु खाँसता है।

फ्लू (Flue)

फ्लू के लक्षण सर्दी-जुकाम की तरह ही लग सकते हैं। अगर आपके शिशु को फ्लू हो तो उसे बुखार, नाक बहने और दस्त (डायरिया) या उल्टी जैसी परेशानियां भी हो सकती हैं। फ्लू की वजह से होने वाली खाँसी, जुकाम वाली खाँसी से अलग होती है। यह बलगम वाली खाँसी की बजाय सूखी खाँसी होती है। खाँसी के साथ काफी कम बलगम निकल रहा होगा।

और पढ़ेंसूखी खांसी में बांस के फायदे

क्रूप (Croup)

अगर शिशु को क्रूप हो तो उसे वायु मार्ग में सूजन होने की वजह से खाँसी होती है। शिशुओं का वायु मार्ग वयस्क की तुलना में काफी संकरा होता है। इसलिए इसमें सूजन होने पर शिशु के लिए सांस लेना मुश्किल हो जाता है। छह माह और तीन साल के बीच के बच्चों को क्रूप होने की संभावना ज्यादा होती है। क्रूप खाँसी में भौंकने जैसी आवाज निकलती है। यह अक्सर रात में शुरू होती है।

काली खाँसी (Whooping Cough)

काली खाँसी को कुछ स्थानों पर कुक्कर खाँसी भी कहते हैं। काली खाँसी(कुक्कर खाँसी) एक जीवाण्विक इनफेक्शन (बैक्टिरियल इंफेक्शन) है। यह काफी संक्रामक होती है। काली खाँसी में खांसी बहुत अधिक और सूखी होती है। इसमें बहुत सारा श्लेम निकलता है। खाँसते समय सांस लेते हुए उच्च स्वर या ध्वनि (Whoop Sound) निकलती है। वास्तव में यह गम्भीर बीमारी है, इसलिए इससे बचाव का टीका भी बच्चों को जन्म के बाद लगा दिया जाता है। इसके बाद भी अक्सर बच्चे इसकी चपेट में आ जाते हैं।

और पढ़ेकाली खांसी में सर्पगंधा के फायदे

दमा (Asthma)

शिशु को दमा की वजह से भी खाँसी हो सकती है। अस्थमा से ग्रस्त शिशु की सांस लेते व छोड़ते समय सांसें फूलती हैं। उनकी छाती भी कस जाती है, और सांस की कमी होने लगती है।

तपेदिक (Tuberculosis)

लगातार रहने वाली खांसी टी.बी. का लक्षण हो सकती है। टी.बी. की खांसी दो सप्ताह से ज्यादा रहती है। टी.बी. से ग्रस्त शिशु की खाँसी में खून आ सकता है। सांस लेने में कठिनाई हो सकती है। भूख कम लगती है। शिशु को बुखार भी हो सकता है।

प्रदूषण (Pollution)

कई बार हवा में फैले हुए धुएँ, केमिकल्स या पेंट इतना अधिक प्रदूषण कर देते हैं कि इससे छोटे बच्चों के गले में परेशानी शुरू हो जाती है।

बच्चों की खाँसी के लक्षण (Symptoms of Children’s Cough)

ये बच्चों की खांसी के लक्षण होते हैंः-

  • सर्दी-जुकाम के चलते खाँसी और बलगम हो सकता है। इस अवस्था में बच्चे को रात में अधिक परेशानी होती है।
  • अस्थमा के कारण होने वाली खाँसी में बच्चे को घरघराहट और साँस लेने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।
  • बच्चे को खराश युक्त खाँसी होती है तो यह लक्षण क्रूप खाँसी की हो सकती है।
  • कई बार बच्चे को खाँसते-खाँसते ऑक्सीजन की कमी हो जाती है।
  • यदि खाँसी और सांस दोनों की परेशानी हो रही है तो ये ब्रोंकोलाइटिस  (Broncholithiasis) के लक्षण हो सकते हैं।
  • अगर बच्चे को खाँसी दो तीन हफ्तों से ज्यादा रहती है तो यह स्थिति गम्भीर हो सकती है।

और पढ़ेंलोकाट से खाँसी का इलाज

बच्चों की खाँसी के लिए घरेलू इलाज (Home Remedies for Cough in Kids in Hindi)

बच्चों को खांसी हो तो आप इन उपायों से ठीक कर सकते हैंः-

अंगूर के सेवन से बच्चों की खांसी का उपचार (Grapes: Home Remedy for Cough in Children’s in Hindi)

अंगूर प्राकृतिक रूप से कफ को बाहर निकालने वाला फल है। ये फेफड़ों से कफ निकाल देता है। इसके रस में शहद मिलाएं। इस रस को बच्चे को सोने से पहले थोड़ा-सा पिलाएँ।

और पढ़ेंः अंगूर के सेवन से कई रोगों में लाभ

शहद और नीम्बू से बच्चों की खांसी का इलाज (Honey and Lemon: Home Remedies for Cough in Kids in Hindi)

  • शहद बच्चों की सर्दी का देसी इलाज है। इसमें बहुत सारे गुण होते हैं। 1 चम्मच नींबू के रस में 2 से 3 चम्मच शहद मिलाएं। हर 2 घण्टे के बाद बच्चे को यह मिश्रण पिलाते रहें।
  • इसके साथ ही एक गिलास, या एक कप गर्म दूध में 1 से 2 चम्मच शहद मिलाकर भी बच्चे को दे सकते हैं। दोनों ही उपाय रामबाण उपचार करते हैं। यह छोटा सा प्रयोग सर्दी और खाँसी दोनों में लाभदायक (Home Remedies for Cough in Kids) होता है।

और पढ़ेंः शहद के औषधीय गुण

बच्चों की खांसी की दवा नींबू (Lemon: Home Remedy for Cough in Kids in Hindi)

विटामिन-सी से भरपूर होने के कारण नीम्बू शरीर की इम्यूनिटी बढ़ाने में भी सहायक है। नीम्बू के रस में थोड़ा-सा शहद और बहुत सारा पानी मिला लें। अगर एक वर्ष से ऊपर के बच्चों को पिलाया जाये तो उससे छोटे बच्चों को सर्दी- खाँसी में बहुत आराम मिलता है।

और पढ़ेंः नींबू के अनेक फायदे

बच्चों की खांसी और बुखार का उपचार सेब के सिरके से (Apple Vinegar: Home Remedy for Cough and Fever in Kids in Hindi)

एक हिस्सा कच्चा, बिना छाना हुआ सेब का सिरका, और दो हिस्से ठण्डा पानी मिलाकर दो पट्टियाँ भिगोयें। इन्हें निचोड़कर एक को माथे पर और एक को पेट पर रखें। दस-दस मिनट के बाद पट्टियां बदलते रहें। इस प्रक्रिया को बुखार कम होने तक दोहरायें।

और पढ़ेंः सेब के फायदे और उपयोग

लहसुन और शहद के मिश्रण से बच्चों की खांसी का उपचार (Garlic and Honey: Home Remedies for Cough in Kids in Hindi)

छोटे बच्चों की सर्दी होने पर एक लहसुन की छोटी कली को बारीक पीस लें। इसमें हल्का-सा शहद मिलाकर बच्चे को चटवायें। यह दिन में 2-3 बार करें। यह प्रयोग सुबह उठने के बाद, दोपहर तथा रात को सोने से पहले करें।

और पढ़ें खाँसी में लाजवंती के फायदे

और पढ़ेंः लहसुन के फायदे और नुकसान

बच्चों की खांसी का घरेलू इलाज अदरक से (Ginger: Home Remedy for Cough in Kids in Hindi)

  • एक कप पानी में अदरक के टुकड़ों को डालकर उबालें। आधा पानी होने के बाद उबालकर छान लें। इसमें एक चम्मच शहद डालकर बच्चे को पिलाएँ।

और पढ़ेंः अदरक के फायदे और नुकसान

तुलसी के सेवन से बच्चों की खांसी का इलाज (Tulsi: Home Remedy for Cough in Kids in Hindi)

तुलसी के पत्तों का रस निकाल कर बच्चे को पिलाएँ। इससे बच्चों की खांसी ठीक होती है। यह बहुत कारगर उपाय है।

और पढ़ेंः तुलसी के अनेक फायदे

एलोवेरा का उपयोग कर बच्चों की खांसी का उपचार (Aloe Vera: Home Remedies for Cough in Children’s in Hindi)

बड़ों की खाँसी हो या बच्चे की खाँसी। सभी में एलोवेरा का रस और शहद का मिश्रण काफी असरदार का करता है।

और पढ़ें: एलोवेरा के लाभ

बच्चों की खांसी के लिए अन्य घरेलू उपचार (Other Home Remedies for Cough and Cold in Children in Hindi)

  • आँवले के चूर्ण को गुड़ में मिलाकर खाएँ।
  • गाजर के रस में पालक रस मिलाकर सेवन करेंं। इससे खून में लालिमा आती है, और अन्य दूषित पदार्थ प्रभावहीन (Home Remedies for Cough in Kids) हो जाते हैं।
  • मूली और गन्ने का रस मिलाकर पिएं। इससे पीलिया नष्ट हो जाएगा।
  • बादाम-6, छोटी इलायची-3, छुआरा-2 लें। इन द्रव्यों को रात में मिट्टी के कुल्हड़ में भिगो दें। इसे पीस कर मिश्री और मक्खन के साथ चाटें।

बच्चों में खाँसी होने पर खान-पान (Children’s Diet in Cough and Cold Disease)

जब बच्चों में खांसी हो तो उनका खान-पान (Home Remedies for Cough in Kids) ऐसा होना चाहिएः-

  • शिशु को पर्याप्त तरल पदार्थ दें।
  • अगर आपका शिशु छह माह से छोटा है, तो उसे पर्याप्त स्तनपान कराएं। इससे खाँसी ठीक होगी। इससे शिशु को गले की खराश से भी राहत मिलेगी।
  • अगर शिशु की उम्र छह महीने से ज्यादा है, तो उसे पर्याप्त मात्रा में पानी और अन्य पेय दें।
  • एक साल से अधिक उम्र के बच्चे को शहद दें।
  • बच्चे की उम्र एक और पाँच साल के बीच है, तो उसे रोजाना आधी छोटी चम्मच शहद दें।
  • यदि आपका बच्चा 6 से 11 साल की उम्र का है, तो उसे एक छोटी चम्मच शहद दें।
  • यह सुनिश्चित करें कि शहद के सेवन के बाद बच्चे अपने दाँत जरूर साफ कर लें।

और पढ़ेखाँसी में जटामांसी के फायदे

बच्चों में खाँसी होने पर जीवनशैली (Children’s Lifestyle in Cold and Cough Disease)

बच्चों की खांसी के दौरान उनकी जीवनशैली ऐसी होनी चाहिएः-

  • शिशु को भापयुक्त कमरे में रखें।
  • गद्दे का सिराहना ऊँचा उठा दें। कई बार खांसी की वजह से शिशु को रात भर नींद नहीं आती। गद्दे का सिराहना ऊँचा उठा देने से शिशु को सांस लेने में आसानी रहेगी। सिराहने की तरफ गद्दे के नीचे कुछ तौलिये या तकिया रख दें। इससे थोड़ी ढलान-सी बन जाएगी।
  • बच्चे को मौसम के अनुसार कपड़े पहनाएँ। उसे गर्म रखने के लिए एक के ऊपर एक कपड़े पहनाएँ। बच्चों का शरीर बड़ों की तुलना में अपना तापमान नियंत्रित करने में सक्षम नहीं होता है। इसलिए बच्चों को बड़ों की तुलना में एक लेयर एक्स्ट्रा कपड़े पहनने की आवश्यकता होती है। इससे बच्चे ठण्ड से बचे रहेंगे।
  • बच्चे को ऐसी टोपी पहना कर रखें, जिससे उसके कानों में ठण्डी हवा ना घुसे। ध्यान रखने वाली बात यह है कि बच्चे नहीं बता पाते हैं कि ठण्ड की वजह से उनके कानों में बहुत दर्द होता है।
  • बच्चे को संक्रमण से बचाने के लिये अपना और बच्चों का हाथ साफ रखें।
  • बच्चे को कुछ खिलाने से पहले हैण्ड वॉश करें।

और पढ़ेखांसी में कचनार के फायदे

बच्चे में खाँसी होने पर डॉक्टर से कब सम्पर्क करे? (When to Contact Doctor in Children’s Cough and Cold Disease)

यदि आप ऊपर दिए गए सुझावों को अपनाएँ तो खांसी में जरूर आराम मिलता है। अगर आपके शिशु को जुकाम व फ्लू की वजह से खाँसी हो रही है, तो शिशु को केवल आपकी देखभाल की जरूरत है। इसके अलावा अगर बच्चों में खांसी के दौरान ये लक्षण बने रहें तो डॉक्टर से सम्पर्क करना चाहिएः-

  • आपके शिशु की खाँसी दो हफ्ते से ज्यादा रहे।
  • शिशु की खाँसी में हरा, पीला, भूरा या खून की धब्बे वाला श्लेम (बलगम) आए।
  • आपका शिशु बहुत तेजी से या छोटी-छोटी सांसे ले रहा है, और उसका सांस भी फूल रहा है।
  • आपके शिशु की अत्यन्त तेज, सूखी खाँसी हो रहा हो, या खाँसते समय सांस लेने के प्रयास में उच्च ध्वनि निकलती हो।
  • शिशु का वजन घट रहा हो, और भूख कम हो गई हो।
  • होठों और नाखूनों का रंग नीला पड़ चुका है।

ऐसी स्थिति में बिना देर किए डॉक्टर से सम्पर्क करें।

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आचार्य श्री बालकृष्ण

आचार्य बालकृष्ण, आयुर्वेदिक विशेषज्ञ और पतंजलि योगपीठ के संस्थापक स्तंभ हैं। चार्य बालकृष्ण जी एक प्रसिद्ध विद्वान और एक महान गुरु है, जिनके मार्गदर्शन और नेतृत्व में आयुर्वेदिक उपचार और अनुसंधान ने नए आयामों को छूआ है।

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आचार्य श्री बालकृष्ण

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