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Parijat: पारिजात के हैं बहुत अनोखे फायदे- Acharya Balkrishan Ji (Patanjali)

पारिजात को हरसिंगार भी कहते हैं। आपने पारिजात (parijat) के फूल का प्रयोग जरूर किया होगा, लेकिन शायद परिजात के गुण के बारे में नहीं जानते होंगे। पारिजात का पेड़ बाग-बगीचों में पाया जाता है। इसके फूल बहुत ही मनमोहक और आकर्षक होते हैं। आमतौर पर लोग हरसिंगार के फूल को केवल पूजा-पाठ के लिए इस्तेमाल करते हैं। लोगों को यह जानकारी ही नहीं है कि पारिजात या हरसिंगार के फायदे एक-दो नहीं बल्कि बहुत सारे हैं।

क्या आप जानते हैं कि हरसिंगार का वृक्ष कई रोगों का इलाज भी कर सकता है। आयुर्वेद में इसके बारे में बताया गया है कि हरसिंगार का पौधा एक बहुत ही उत्तम औषधि है। हरसिंगार (पारिजात) के इस्तेमाल से आप पाचनतंत्र, पेट के कीड़े की बीमारी, मूत्र रोग, बुखार, लिवर विकार सहित अन्य कई रोगों में लाभ पा सकते हैं।

Contents

पारिजात क्या है? (What is Parijat in Hindi?)

पारिजात का दूसरा नाम हरसिंगार है। हरसिंगार का जिक्र कई प्राचीन ग्रन्थों में मिलता है। इसके फूल अत्यधिक सुगन्धित, छोटे पखुड़ियों वाले और सफेद रंग के होते हैं। फूल के बीच में चमकीला नारंगी रंग होता है। हरसिंगार का पौधा झाड़ीदार होता है।

अन्य भाषाओं में पारिजात के नाम (Parijat Called in Different Languages)

पारिजात का वानस्पतिक नाम निक्टैन्थिस् आर्बोर-ट्रिस्टिस् (Nyctanthes arbor-tristis Linn., Syn-Nyctanthes dentata Blume) है और यह ओलिएसी (Oleaceae) कुल से है। पारिजात का पेड़ इन नामों से भी जाना जाता हैः-

Parijat in-

  • Hindi – हरसिंगार, पारिजात, कूरी, सिहारु, सेओली
  • English – ट्री ऑफ सैडनेस (Tree of sadness), मस्क फ्लॉवर (Musk flower), कोरल जैसमिन (Coral jasmine), नाईट जैसमिन (Night jasmine)
  • Sanskrit – पारिजात, पुष्पक, प्राजक्त, रागपुष्पी, खरपत्रक
  • Uttrakhand – कुरी (Kuri), हरसिंगार (Harsingar)
  • Oriya – गोडोकोडीको (Godokodiko), गंगा सेयोली (Ganga seyoli)
  • Urdu – गुलेजाफारी (Gulejafari), हरसिंगार (Harsingar)
  • Assemia – सेवाली (Sewali)
  • Konkani – पारिजातक (Parizatak), पारडिक (Pardic)
  • Kannada – गोली (Goli), पारिजात (Parijata)
  • Gujarati  -हारशणगार (Harshangar), जयापार्वती (Jayaparvati)
  • Tamil – मंझाटपू (Manjatpu), पवलमल्लिकै (Pavalmallikae)
  • Telugu – सेपाली (Sepali), पगडमल्ले (Pagadamallae), कपिलानागदुस्तु (Kapilanagadustu)
  • Bengali – हरसिंघार (Harsinghar), सेफालिका (Sephalika), शेउली (Seuli)
  • Nepali – पारिजात (Parijat)
  • Punjabi – हरसिंघार (Harsinghar), कूरी (Kuri), पकुरा (Pakura)
  • Marathi – पारिजातक (Parijatak), खुरस्ली (Khursali)
  • Malayalam – पविलामल्लि (Pavilamalli), परिजातकम (Parijatakam)

पारिजात के फायदे (Parijat Benefits and Uses in Hindi)

अब तक आपने जाना कि हरसिंगार क्या है, और हरसिंगार का पेड़ कितने नामों से देश या विदेशों में जाना जाता है। आइए जानते हैं कि हरसिंगार का पौधा औषधीय रूप से किस-किस रोग के लिए काम में लाया जा सकता है, औषधीय प्रयोग की मात्रा क्या होनी चाहिए, और इसकी विधियां क्या हैंः-

रूसी (डैंड्रफ हटाने) की समस्या में पारिजात के फायदे (Benefits of Parijat Vriksha in Dandruff Problem in Hindi)

अनेकों लोग बालों में रूसी की समस्या से परेशान रहते हैं। डैंड्रफ को हटाने के लिए अनेक उपाय भी करते हैं, लेकिन कई बार उचित उपाय नहीं कर पाने के कारण रूसी से निजात नहीं मिलता है। आप हरसिंगार के फायदे से रूसी को ठीक कर सकते हैं। आप पारिजात का बीज लें। इसका पेस्ट बनाएं। इसे सिर पर लगाएं। इससे डैंड्रफ की परेशानी खत्म होती है।

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गले के रोग में पारिजात के फायदे (Benefits of Parijat in Oral Disease Treatment in Hindi)

जीभ के पास एक घंटी जैसा छोटा-सा मांस का टुकड़ा होता है, उसे गलशुण्डी बोलते हैं। इससे जुड़ी बीमारी हो तो हरसिंगार का पौधा लें। इसकी जड़ को चबाएं। इससे गलशुण्डी से जुड़े विकार ठीक होते हैं।

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हरसिंगार का पेड़ करता है खांसी का इलाज (Uses of Parijat in Fighting with Cough in Hindi)

खांसी के लिए आयुर्वेदिक दवा के रूप में आप पारिजात का पेड़ इस्तेमाल में लाएंगे तो बहुत लाभ मिलेगा। 500 मिग्रा पारिजात की छाल का चूर्ण बनाएं। इसका सेवन करने से खांसी ठीक होती है।

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रक्तस्राव (नाक-कान से खून बहना) में हरसिंगार के फायदे (Parijat Vriksha Uses to Stop Bleeding in Hindi)

कुछ लोगों को बराबर नाक-कान आदि से खून बहता रहता है। ऐसे लोग पारिजात का पेड़ उपयोग में ला सकते हैं। हरसिंगार का पौधा लें। इसकी जड़ को मुंह में रखकर चबाएं। इससे नाक, कान, कंठ आदि से निकलने वाला खून बंद हो जाता है।

पेट के कीड़े की समस्या में हरसिंगार के फायदे (Parijat Benefits to Kill Abdominal Bugs in Hindi)

बच्चे हों या वयस्क, सभी को कई बार पेट में कीड़े की समस्या हो जाती है। हरसिंगार के फायदे इस रोग में मिलते हैं। हरसिंगार के पेड़ से ताजे पत्ते तोड़ लें। चीनी के साथ पारिजात के ताजे पत्ते का रस (5 मिली) सेवन करें। इससे पेट और आंतों में रहने वाले हानिकारक कीड़े खत्म हो जाते हैं।

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बार-बार पेशाब करने की समस्या में पारिजात से लाभ (Parijat Uses in Urinary Problems in Hindi)

अगर आप बार-बार पेशाब करने की परेशानी से ग्रस्त हैं तो पारिजात का पेड़ लाभ दिलाएगा। पारिजात के पेड़ के तने के पत्ते, जड़, और फूल का काढ़ा बनाएं। इसे 10-30 मिली मात्रा में सेवन करें। इससे बार-बार पेशाब करने की परेशानी खत्म होती है।

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पारिजात का पेड़ सुखाता है घाव (Parijat Vriksha Uses in Healing Chronic Wounds in Hindi)

हरसिंगार के फायदे से घाव ठीक हो सकता है। पारिजात के बीज का पेस्ट बनाएं। इसे सिर की त्वचा पर होने वाली फोड़े-फुन्सी या अन्य सामान्य घाव पर लगाएँ। इससे घाव ठीक हो जाता है।

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हरसिंगार का पेड़ डायबिटीज में फायदेमंद (Benefits of Parijat in Controlling Diabetes in Hindi)

पारिजात का पेड़ डायबिटीज में बहुत लाभदायक होता है। 10-30 मिली पारिजात (parijatha) के पत्ते का काढ़ा बना लें। इसका सेवन करें। इससे डायबिटीज रोग में लाभ होता है।

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पारिजात का पेड़ देता है तिल्ली रोग में लाभ (Parijat Benefits in Spleen Disorder in Hindi)

पारिजात (parijatha), अपामार्ग तथा तालमखाना के क्षार (125-250 मिग्रा) को तेल में मिलाएं। इसका सेवन करने से तिल्ली रोग में लाभ होता है।

और पढ़ें: तालमखाना के फायदे

हरसिंगार का पेड़ पहुंचाता है गठिया में लाभ (Parijat Benefits in Arthritis in Hindi)

  • पारिजात के गुण से गठिया की बीमारी में भी लाभ ले सकते हैं। पारिजात की जड़ का काढ़ा बनाएं। इसकी 10-30 मिली की मात्रा सेवन करें। इससे गठिया में फायदा होता है।
  • हरसिंगार के पत्ते को पीसकर, गुनगुना करके लेप बना लें। इससे जोड़ों के दर्द पर लेप करने से बहुत फायदा होता है।
  • पारिजात (parijatha) के पत्तों का काढ़ा बनाएं। इससे सेकने से भी जोड़ों का दर्द और गठिया आदि में लाभ होता है।

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दाद की समस्या में हरसिंगार से लाभ (Benefits of Parijat in Ringworm in Hindi)

दाद में भी पारिजात के गुण से लाभ लिया जा सकता है। पारिजात के पत्तों को घिसकर रस निकाल लें। इसको दाद वाले अंग पर लगाएं। इससे दाद ठीक होता है।

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त्वचा रोग में हरसिंगार से लाभ (Uses of Parijat in Skin Problems in Hindi)

पारिजात के पत्ते का काढ़ा एवं पेस्ट बना लें। इसका प्रयोग करने से दाद, खुजली, घाव, तथा कुष्ठ रोग आदि त्वचा विकारों में लाभ होता है।

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गंजेपन की समस्या में हरसिंगार से लाभ (Uses of Parijat in Baldness Problem in Hindi)

आज गंजापन एक आम समस्या बन चुकी है। पुरुष और महिलाएं, दोनों गंजेपन की समस्या से परेशान हैं। हरसिंगार (parijatham) के बीजों का पेस्ट बनाएं। इसे सिर पर लगाएं। इससे गंजेपन की परेशानी में लाभ मिलता है।

और पढ़ेगंजेपन में सारिवा के फायदे

तंत्रिका-तंत्र विकार में हरसिंगार का पेड़ फायदेमंद (Benefits of Parijat for Nervous System Disorder in Hindi)

तंत्रिका-तंत्र विकार में भी पारिजात के गुण से फायदा मिलता है। पारिजात और निर्गुण्डी के पत्ते लें। पत्तों की मात्रा बराबर होनी चाहिए। इससे काढ़ा बना लें। इस काढ़ा को 15-30 मिली मात्रा में पीने से तंत्रिका-तंत्र से संबंधित दर्द ठीक होता है।

आंखों के रोग में पारिजात के वृक्ष से लाभ (Parijat Uses inEye Disease in Hindi)

पारिजात का पेड़ आंखों की बीमारी में भी लाभ देता है। पारिजात के वृक्ष की छाल को कांजी से पीसकर तेल बना लें। इसे आंखों पर लगाने से आंखों के दर्द में लाभ होता है। बेहतर उपाय के लिए किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक से जरूर परामर्श लें।

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बुखार उतारने के लिए पारिजात के पेड़ का प्रयोग (Uses of Parijat in Fighting with Fever in Hindi)

  • पारिजात का पेड़ बुखार ठीक करने के लिए प्रयोग में लाया जाता है। पारिजात के पेड़ के पत्ते का काढ़ा बना लें। 10-30 मिली काढ़ा में अदरक का चूर्ण तथा मधु मिलाकर सेवन करें। इससे साधारण बुखार सहित बुखार की गंभीर स्थिति में भी लाभ होता है।
  • 5-10 मिली हरसिंगार (parijatham) के पत्ते के रस में 1-2 ग्राम त्रिकटु चूर्ण मिलाकर सेवन करें। इससे भी गंभीर बुखार उतर जाता है।

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पारिजात के उपयोगी भाग (Useful Parts of Parijat)

पारिजात (parijat) का इस्तेमाल निम्न तरह से किया जा सकता हैः-

  • पारिजात वृक्ष के पत्ते
  • पारिजात वृक्ष की जड़
  • पारिजात वृक्ष के तने की छाल
  • पारिजात वृक्ष के फूल
  • पारिजात वृक्ष की बीज

पारिजात का इस्तेमाल कैसे करें? (How to Use Parijat?)

पारिजात (parijatham) के इस्तेमाल की मात्रा ये होनी चाहिएः-

  • पारिजात का काढ़ा- 15-30 मिली
  • पारिजात का रस- 5 मिली

एक औषधि के रूप में पारिजात (हरसिंगार) से अधिक लाभ लेने के लिए चिकित्सक के परामर्शानुसार उपयोग करें।

पारिजात कहां पाया या जाता है? (Where is Parijat Found or Grown?)

पारिजात का पौधा (parijat)  असम, बंगाल, मध्य प्रदेश, राजस्थान एवं गुजरात आदि राज्यों में पाया जाता है। यह 1500 मीटर की ऊंचाई तक की जाता है। भारत के उपहिमालयी क्षेत्रों में 300-1000 मीटर की ऊंचाई पर पारिजात का पौधा मिलता है।

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आचार्य श्री बालकृष्ण

आचार्य बालकृष्ण, आयुर्वेदिक विशेषज्ञ और पतंजलि योगपीठ के संस्थापक स्तंभ हैं। चार्य बालकृष्ण जी एक प्रसिद्ध विद्वान और एक महान गुरु है, जिनके मार्गदर्शन और नेतृत्व में आयुर्वेदिक उपचार और अनुसंधान ने नए आयामों को छूआ है।

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