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पेट में कीड़े होने पर अपनाएं ये घरेलू उपाय (Home Remedies for Pinworms Treatment in Hindi)

पिनवार्म वे परजीवी होते है जो आंतो को संक्रमित कर देते है। यह परजीवी छोटे और सफेद रंग के होते है जो मुख्यत कोलोन और रेक्टम को संक्रमित करते है।

पिनवार्म क्या होता है (What is Pinworm)

आयुर्वेद के अनुसार पिनवार्म डाइजेस्टिव अग्नि (Digestive Fire) कमजोर होने की वजह से वात और कफ दोष असंतुलित हो जाते है जिसके कारण पिनवार्म की समस्या हो जाती है।

अक्सर लोगों के लिए ये समस्या होती है कि बच्चों को पिनवार्म है कि नहीं समझ में नहीं आता, तो अगर आप यह जानना चाहते है कि आपके बच्चे के पेट में कीड़ा या पिनवार्म है तो इसका एक आसान तरीका है जब आपका बच्चा शौचालय से आये तो उसकी मल में छोटे-छोटे सफेद रंग के धागे के समान बड़े कीड़े दिखाई दे तो इस समस्या को पिनवार्म समझना चाहिये।

जब आपका बच्चा रात में सो जाये तो थोड़ी देर बाद टार्च की लाईट की सहायता से बच्चे की गुदा (Anus) में देखेंगे तो सफेद रंग के छोटे-छोटे धागे के समान कीड़े दिखाई देंगे।

वयस्कों में पिनवार्म होने की समस्या कम होती है। परन्तु यह समस्या माँ को हो सकती है अगर उनका बच्चा पिनवार्म से रोग ग्रस्त है।

पिनवार्म क्यों होता है (Causes of Pinworm)

पिनवार्म होने के बहुत सारे कारण है जिनके बारे में जानकारी रखना बहुत जरूरी होता है, जैसे-

दूषित पानी पीने से भी पिनवार्म की संभावना बढ़ जाती है क्योंकि पिनवार्म परजीवी (Parasitic) होते है और यह अधिकतर दूषित जगहों में ज्यादा पाये जाते हैं इसलिए दूषित पानी पीने से पिनवार्म आंतों में जाकर विकसित हो जाते हैं और आंतों को संक्रमित कर देते हैं जिसके कारण बच्चों के पेट में कभी-कभी दर्द होने लगता है और गुदा (Anus) में खुजली के साथ-साथ लाल चकत्ते भी पड़ने लगते है।

बच्चों में मिट्टी खाने की आदत बहुत होती है जिसके कारण उन्हें पेट से संबंधित समस्याएं होने लगती है उनमें से एक समस्या पिनवार्म की भी हो जाती है दूषित मिट्टी खाने से पिनवार्म बच्चों की आंतों में जाकर संक्रमण (Infection) कर देते है। जिसकी वजह से बच्चों के पेट में दर्द और उल्टी होने की शिकायत होने लगती है।

बच्चों के कपड़ों को अच्छी तरह से न धोना रोज-रोज उनको न नहलाने की वजह से भी पिनवार्म की समस्या हो सकती है।

पिनवार्म होने के लक्षण (Symptoms of Pinworm)

पिनवार्म होने से भी सबसे बड़ी समस्या होती है कि कैसे समझेंगे कि बच्चे को पिनवार्म हुआ है। इसके लिए आम तौर पर ये लक्षण समस्या को समझने में मदद कर सकते हैं-

-लगातार गुदा (Anus) में खुजली होना। मुख्यत खुजली बच्चों को रात में ज्यादा होती है।

-गुदा (Anus) में लाल चकत्ते पड़ना।

-पेट में अचानक या कभी-कभी दर्द होना।

-बच्चों में चिड़चिड़ापन होना।

-उल्टी होना।

पिनवार्म से बचने के उपाय (How to prevent Pinworm)

पिनवार्म होने से बचने के लिए आहार और जीवन शैली में बदलाव लाना बहुत जरुरी है। जैसे-

गोभी और गाजर का सेवनइस संक्रमण से बचने के लिए गोभी और गाजर को दैनिक आहार में शामिल करें क्योंकि इन सब्जियों में न सिर्फ स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण पोषक तत्व होते है बल्कि इसमें गंधक यौगिक (Sulfur Compounds) की उच्च मात्रा भी होती है जो कि पिनवार्म को खत्म करने में बहुत प्रभावी होता है।

एण्टीबायोटिक (Antibiotic) साबुन का इस्तेमाल- घर में एण्टी बायोटिक (Antibiotic) साबुन का इस्तेमाल करें ताकि संक्रमण (Infection) फैल न सके।

-फल सब्जियों को अच्छे से धोये।

-मांसाहारी भोजन न करें।

-भोजन खाने या बनाने से पहले हाथों को अच्छी तरह किसी एण्टी बायोटिक (Antibiotic) साबुन से धोये।

-बच्चों को जंकफूड जैसे पिज्जा, बर्गर, पेस्ट्री खासकर चॉकलेट या मीठा खाने को न दें।

-बच्चे के नाखूनों को हर हफ्ते काट देना चाहिए।

पिनवार्म से होने वाले परेशानी को कम करने के घरेलू उपाय (Home remedies for Pinworm)

आम तौर पर पिनवार्म के परेशानी से राहत पाने के लिए लोग पहले घरेलू नुस्खें आजमाते हैं। चलिये जानते हैं कि ऐसे कौन-कौन-से घरेलू उपाय हैं जो परेशानी को कम करने में सहायता करते हैं-

सिरका पिनवार्म की परेशानी कम करने में  सहायक (Vinegar helps to relieve from Pinworm)

सिरका असहज संक्रमण (Infection) पैदा करने वाले परजीवी को मारने में बहुत प्रभावी होता है इसलिए 3 कप पानी में आधा कप सिरका मिलाकर बच्चों के जननांगों को धो लें। बच्चा जितनी बार बाथरूम जाए उतनी बार उसके जननांगों को सिरके वाले पानी से अच्छी तरह धो लें और एक बात का अवश्य ध्यान रखें कि बिना पानी मिलाए हुए सिरके से बच्चे के जननांगों को न धोए वरना इससे बच्चों की कोमल त्वचा जल सकती है।

लहसुन पिनवार्म के खुजली से दिलाये राहत (Garlic helps to ease from the infection of Pinworm)

अपने शक्तिशाली जीवाणुरोधी और फंगसरोधी गुणों के चलते लहसुन पिनवार्म के लिए एक कारगर प्राकृतिक उपचार है। सबसे पहले लहसुन की 3-4 कलियां लेकर छील लें। अब हल्के से कुचलकर बच्चे के गुप्तांगों अथवा गुदा  (Anus) पर थोड़ी देर तक कम से कम 15 मिनट तक लगा कर रखें फिर गुप्तांगों को गुनगुने पानी से अच्छे तरह धो लें। ऐसा दिन में दो से तीन बार करना चाहिए।

अरंडी और नारियल तेल का इस्तेमाल पिनवार्म के परेशानी से दिलाये राहत (Use of Castor and Coconut oil help to get relief from Pinworm)

अरंडी और नारियल का तेल 1-1 चम्मच बराबर मात्रा में लेकर हल्का गुनगुना कर के बच्चे के जननांगों पर लगाएं। ऐसा करने से बच्चे के जननांगों की खुजली कम हो जाती है।नारियल और अरंडी के तेल को मिलाकर पिनवार्म में लगाने वाला घरेलू नुस्खा बहुत ही जाना-माना है।

लौंग और नारियल तेल का इस्तेमाल पिनवार्म के परेशानी से दिलाये राहत (Use of Clove and Coconut oil help to heal Pinworm issue)

एक से दो बूँद लौंग के तेल का एक छोटा चम्मच नारियल के साथ मिलाकर जननांगों में रातभर लगाकर छोड़ दें। लौंग के तेल में एण्टीसेप्टिक (Antiseptic) और एण्टी माइक्रो बैक्टीरियल (Anti Micro bacterial) गुण पाये जाते है जो पिनवार्म में रामबाण का काम करता है।

टी ट्री ऑयल और नारियल तेल का प्रयोग पिनवार्म के खुजली से दिलाये राहत (Use of Teatree and Coconut oil beneficial in Pinworm)

एक से दो बूँद टी ट्री ऑयल दो छोटा चम्मच नारियल तेल के साथ गुदा (Anus) पर लगाकर रातभर छोड़ दें। टी ट्री ऑयल में एण्टी बैक्टीरियल (Anti bacterial) और एण्टी फंगल (Anti Fungal) गुण पाये जाते है जो-जो परजीवी संक्रमण (Parasitic Infection) को कम करने में मदद करते है।

डॉक्टर के पास कब जाना चाहिए (When to see a Doctor)

अगर आपको नीचे लिखी हुई निम्न समस्याएं हो रही है तो डॉक्टर को दिखा लेना चाहिए-

-मल में कोई बड़ा कीड़ा (Warms) दिखना।

-जननांगों में लाल खुजलीदार चकत्ते दिखाई देना

-2 हफ्तो से ज्यादा पेट दर्द होना या दस्त होना।

-बिना किसी वजह से अचानक वजन घटना।

आचार्य श्री बालकृष्ण

आचार्य बालकृष्ण, स्वामी रामदेव जी के साथी और पतंजलि योगपीठ और दिव्य योग मंदिर (ट्रस्ट) के एक संस्थापक स्तंभ है। उन्होंने प्राचीन संतों की आध्यात्मिक परंपरा को ऊँचा किया है। आचार्य बालकृष्ण जी एक प्रसिद्ध विद्वान और एक महान गुरु है, जिनके मार्गदर्शन और नेतृत्व में आयुर्वेदिक उपचार और अनुसंधान ने नए आयामों को छूआ है।

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आचार्य श्री बालकृष्ण

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