महिलाओं में कई कारणों से मासिक धर्म संबंधी समस्याएँ उत्पन्न हो जाती है उन्हीं में से एक समस्या है मासिक स्राव या पीरियड्स का अल्प मात्रा में होना। मासिक धर्म होने के दौराम कम रक्तस्राव या ब्लीडिंग होने के कई कारण हो सकते है जैसे, खान-पान में पोषक तत्वों की कमी होना, अनुचित जीवनशैली या अधिक तनावयुक्त जीवन-यापन करना। मासिक धर्म में आई गड़बड़ी के कारण महिलाओं में बहुत सारी समस्याएँ होने लगती हैं, जैसे- प्रजनन क्षमता का घटना या गर्भवती होने में समस्या, वजन बढ़ना, अण्डाशय में ग्रंथियों का बनना, भूख न लगना, चेहरे पर बाल निकलना इस तरह हार्मोनल असंतुलन के यह सारे लक्षण इस समस्या में पाए जाते है।
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आयुर्वेद में सभी रोग वात, पित्त, कफ के असंतुलन के कारण होते हैं। इसी प्रकार महिलाओं में होने वाली मासिक धर्म से संबंधित समस्याएं भी दोषों के असंतुलन का ही परिणाम होता है। यह आहार में पोषक तत्वों की कमी, और अनुचित जीवन शैली, या अन्य कारणों से होता है।
महिलाओं में मासिक धर्म शुरू होने पर प्रारंभिक 1–2 वर्षों में मासिक स्राव कम होना, या मासिक धर्म के अंतराल में अंतर होना सामान्य बात है, लेकिन यदि इसके बाद भी और लम्बे समय तक ऐसा हो तो यह बीमारी मानी जाती है। यह किसी गर्भाशय संबंधी विकार, हार्मोनल असंतुलन, आहार में पोषक तत्वों की कमी और अत्यधिक तनाव या श्रम के कारण हो सकता है। अधिकतर मामलें में यह गर्भाशय संबंधी विकार, या फिर अण्डाशय (ओवरी) में ग्रंथियाँ बनने के कारण होता है। इस अवस्था को सामान्य नहीं समझना चाहिए। मासिक धर्म में कम रक्तस्राव के ये लक्षण दिखने पर घरेलू उपचार करना चाहिए।
माहवारी या मासिक धर्म के कम होने के पीछे कई कारण होते हैं जिनमें से ये प्रमुख हैं-
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आम तौर पर माहवारी में कम ब्लीडिंग से राहत पाने के लिए लोग पहले घरेलू नुस्खें आजमाते हैं। चलिये जानते हैं कि ऐसे कौन-कौन-से घरेलू उपाय हैं जो माहवारी में कम ब्लीडिंग दूर करने में सहायता करते हैं-
गरम पानी में एक चुटकी हल्दी डालकर मासिक धर्म की निर्धारित तिथि से पाँच दिन पहले सुबह-शाम पीना शुरू करें। यह उपाय मासिक धर्म में कम रक्तस्राव की समस्या को ठीक करता है।
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गाजर में कैरोटीन (Carotene) होता है, जिससे शरीर में एस्ट्रोजेन (Estrogen) का स्तर बढ़ जाता है। इससे मासिक स्राव खुलकर तथा समय पर होता है। दिन में दो से तीन गाजर खाएँ।
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तिल गुण का तासिर गर्म होता है, इसलिए मासिक धर्म शुरू होने के दस दिन पहले से ही एक चम्मच तिल में गुड़ मिलाकर खाएँ। यह माहवारी में कम रक्तस्राव की समस्या को ठीक करता है।
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एक चम्मच अदरक के रस में एक चम्मच गुड़ मिलाकर खाएँ। यह उपाय मासिक धर्म में बहुत लाभदायक है। बेहतर उपाय के लिए किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक से परामर्श लें।
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पपीते का फल खाएं। इसमें मौजूद कैरोटीन (Carotene) एस्ट्रोजन हार्मोन को उत्तेजित करता है। इसके सेवन से मासिक स्राव समय पर एवं खुलकर होता है।
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धनिया और सौंफ के बीज का काढ़ा रोज दिन में एक बार पिएँ। यह उपाय भी माहवारी में कम रक्तस्राव होने पर लाभ दिलाता है। आप इनके उपयोग की जानकारी किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक से जरूर लें।
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मेथी में कई उपयोगी गुण होते हैं। सुबह खाली पेट एक चम्मच मेथी को गरम पानी के साथ लें। यह उपाय मासिक धर्म में कम रक्तस्राव होने पर लाभ देता है।
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गाजर और चुकंदर एक नहीं, बल्कि अनेक रोगों के लिए लाभदायक होता है। प्रतिदिन एक गिलास गाजर और चुकन्दर का रस पीने से माहवारी की अनियमितता दूर हो जाती है।
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और पढ़ें – ब्लीडिंग रोकने में दूर्वा घास के फायदेआमतौर पर आहार और जीवनशैली के कारण भी माहवारी में कम ब्लीडिंग होती है। इसके लिए आहार और जीवनशैली में थोड़ा बदलाव लाने की जरूरत है। यदि किसी विकार या हार्मोनल असंतुलन के कारण यह समस्या नहीं है, तो उचित आहार और बेहतर जीवनशैली अपनाकर इस समस्या को ठीक किया जा सकता है। आप ये उपाय कर सकती हैंः-
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मासिक धर्म में कम ब्लीडिंग होने पर डॉक्टर से कब सम्पर्क करना चाहिए?
यदि महावारी शुरू होने के एक, या दो वर्ष के बाद भी रक्तस्राव में कमी दिखाई दे, तो यह शरीर में चल रहे किसी विकार या हार्मोनल असंतुलन के कारण हो सकता है। इसके साथ ही वजन बढ़ना, थायरॉइड की समस्या, अवसाद आदि लक्षण भी हो सकते हैं। ऐसी स्थिति में डॉक्टर से सलाह लेकर उचित उपचार करना चाहिए।
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