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Cashew: काजू में हैं अनेक बेहतरीन गुण – Acharya Balkrishan Ji (Patanjali)

काजू (kaju) एक प्रकार का फल होता है जो सूखे मेवे में शामिल होता है। इसके पौष्टिक गुण इतने है कि आयुर्वेद में काजू को कई तरह के बीमारियों के लिए प्रयोग में लाया जाता है। काजू दांत दर्द से लेकर दस्त,कमजोरी जैसे अनेक रोगों से राहत दिलाने में मदद करता है।

काजू को यूं ही खाने से भी न सिर्फ इसके स्वास्थ्यवर्द्धक गुणों का लाभ मिलता है बल्कि काजू को व्यंजन में  डालने से   व्यंजन का जायका बदलता है। इसके साथ ही काजू खाने से सेहत और सौन्दर्य (kaju khane ke fayde in hindi) में भी निखार आता है।

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काजू क्या है? (What is Kaju in hindi?)

काजू छोटा, लगभग 12 मी ऊँचा, मध्यम आकार का आम के वृक्ष के जैसा सदा हरा-भरा रहने वाला वृक्ष होता है। इसकी शाखाएं मुलायम होती है। काजू के वृक्ष की छाल से पीले रंग का निचोड़ या रस निकलता है। काजू का पत्ता कटहल के पत्ता जैसा होता है,किन्तु सुगन्धित होता है। इसके फूल छोटे, गुलाबी धारियों से युक्त, पीले रंग के  होते हैं, जिनमें सफेद गिरी होती है, इसे ही काजू कहते हैं। इसके ताजे फलों के रस से एक प्रकार का मद्य तथा फलों के छिलकों से काला व कड़वा रस युक्त तेल निकाला जाता है। यह तेल त्वचा में लगने से त्वचा पर फफोले पड़ जाते हैं।

काजू के बारे में जितना बनायेंगे वह कम ही होगा। क्योंकि काजू पौष्टिकता से भरपूर होता है, और थोड़ा कड़वा, गर्म तथा वात-पित्त और कफ को करनेवाला होता है। इसके अलावा काजू  पेट के रोग, बुखार, कृमि, घाव, सफेद कुष्ठ, संग्रहणी (इरिटेबल बॉवल सिंड्रोम), पाइल्स तथा भूख न लगने जैसे बीमारियों में लाभप्रद होता है। इसका जड़ तीव्र विरेचक (शरीर से अवांछित पदार्थ निकलना) तथा  कमजोरी दूर करने में सहायक होता है। काजू की बीजमज्जा पोषक, मृदुकारी तथा विष को कम करने में मदद करती है।

अन्य भाषाओं में काजू के नाम (Name of Cashew Nuts in Different Languages)

काजू का वानास्पतिक नाम Anacardium occidentale L. (एनाकार्डियम ऑक्सीडेन्टेल) होता है। काजू Anacardiaceae (ऐनाकार्डिएसी) कुल का होता है और अंग्रेजी में इसको Cashew nut (कैश्यू नट) कहते हैं। लेकिन काजू भारत के अन्य प्रांतों में विभिन्न नामों से जाना जाता है, जैसे-

Kaju in-

  • Sanskrit-वृक्कुल, वृत्तारुष्कर, वृत्तपत्र, गुच्छपुष्प, स्निग्धपीतफल;
  • Hindi-काजू;
  • Odia-भालीया (Bhaliya), लंकाभालीया (Lankabhaliya);
  • Kannada-गेरा-बीजा (Gera-bija), गोदम्बे (Godambe);
  • Gujrati-काजू (Kaju);
  • Tamil-कालामावु (Kalamawu), मुन्धारी (Mundhari);
  • Telugu-जिदियान्ती (Jidiyanti), जिदिमामीदीवित्तू (Jidimamidivittu);
  • Bengali-हिजली (Hijali);
  • Nepali-काजु (Kaju);
  • Marathi-काजू (Kaju)।

काजू के फायदे (Benefits Of Kaju in Hindi)

काजू  प्रोटीन और ऊर्जा का स्रोत होने के साथ-साथ याद्दाशत बढ़ाने, सूजन कम करने और अर्थराइटिस का दर्द कम करने में मदद करता है। इसके अलावा भी काजू के बहुत सारे फायदे है चलिये जिनके बारे में आगे विस्तार से चर्चा करते हैं-

दांत दर्द से राहत दिलाये काजू (Benefit of Kaju to Get Relief from Toothache in Hindi)

अगर दांत दर्द से परेशान रहते हैं तो काजू का इस्तेमाल इस तरह से करने पर लाभ मिलता है। काजू का पत्ता एवं छिलके का काढ़ा बनाकर गरारा करने से दांत का दर्द कम होता है तथा दांत के जड़ में जो घाव होता है उससे भी राहत मिलती है।

और पढ़े: दांत दर्द के लिए घरेलू इलाज

दस्त रोके काजू (Cashew to Fight Diarrhoea in Hindi)

अगर असंतुलित खान-पान के कारण दस्त हो रहा है तो काजू का इस्तेमाल ऐसे करें। 10 मिली काजू के फल के रस में मधु मिलाकर, दिन में एक बार सेवन करने से दस्त (अतिसार) में लाभ होता है

उदकमेह (Diabetes insipedus) में लाभकारी काजू (Benefits of Kaju for Diabetes insipedus in Hindi)

काजू उदकमेह में बहुत गुणकारी होता है। काजू का इस तरह से सेवन बहुत लाभप्रद होता है। 5-10 मिली काजू के छिलके का काढ़ा या 1-2 ग्राम छिलके के चूर्ण का सेवन करने से उदकमेह में लाभ होता है।

मूत्र संबंधी बीमारियों से दिलाये निजात काजू (Kaju benefits to get relieve from Dysuria in Hindi)

मूत्र संबंधी बीमारी मतलब मूत्र करते समय दर्द या जलन होना, रुक-रुक कर पेशाब आने जैसी समस्याओं में काजू काम आता है। 10-15 मिली काजू फल के रस में मधु मिलाकर, दिन में एक बार सेवन करने से मूत्र संबंधी रोग, मूत्राशय में सूजन आदि में लाभ होता है।

और पढ़े: मूत्र की समस्या के घरेलू इलाज

माहवारी के दर्द से राहत दिलाये काजू (Benefits of Kaju to Get Relief from Dysmenorrhoea in Hindi)

मासिक धर्म के दौरान दर्द की समस्या से अगर पीड़ित हैं तो 10-15 मिली काजू फल के रस में मधु मिलाकर सेवन करने से कष्ट से आराम मिलता है।

और पढ़ेंमाहवारी में कम ब्लीडिंग होने पर घरेलू उपचार

आमवात या अर्थराइटिस का दर्द करे कम काजू (Kaju Fruit Benefits in Arthritis in Hindi)

उम्र के बढ़ते ही अर्थराइटिस की समस्या से सब ग्रस्त हो जाते हैं। काजू फल के रस को जोड़ों में लेप करने से आमवात जन्य दर्द में लाभ होता है।

त्वचा संबंधी रोगों से दिलाये राहत काजू (Kaju to Treat Skin disease in Hindi)

प्रदूषण के कारण त्वचा संबंधी बहुत तरह की बीमारियां होने लगी है। काजू के शाखा को पीसकर लगाने से त्वचा संबंधी का समस्याओं से राहत मिलती है।

मस्सों का आना कम करने में करे मदद काजू (Kaju to Treat Warts in Hindi)

आजकल के प्रदुषण भरे वातावरण के कारण मस्सा आदि की समस्या भी होने लगी है। काजू के छिलके का तेल लगाने से शरीर के छोटे-छोटे काले मस्से नष्ट हो जाते हैं।

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कुष्ठ संबंधी लक्षणों से दिलाये राहत काजू (Benefits of Kaju in Leprosy Symptoms in Hindi)

कुष्ठ के लक्षणों से राहत दिलाने में काजू काम आता है। कुष्ठ के कारण त्वचा में जो शून्यता आती है इस तेल को लगाने से वह मिटती है।

कमजोरी दूर करे काजू (Kaju Benefits in Weakness in Hindi)

अगर लंबे समय तक बीमार रहने के कारण कमजोर हो गए हैं तो 2-4 काजू को 100 मिली दूध में मिलाकर खाने से कमजोरी दूर होती है तथा शरीर पुष्ट होता है।

और पढ़े: कमजोरी को दूर करने में ज्वार के फायदे

पैरों की बिवाई ठीक करे काजू (Kaju to Heal Crack Heels in Hindi)

अक्सर ठंडे के मौसम में पैर फट कर उसमें से बिवाई निकलने लगती है। काजू के छिलके का तेल लगाने से पैरों की बिवाई ठीक हो जाती है।

सूजन कम करने में सहायक है काजू (Kaju  Beneficial in Inflammation in Hindi)

अगर किसी बीमारी के लक्षण के स्वरुप सूजन की परेशानी है तो फल के रस को सूजन वाले जगह पर लगाने से लाभ मिलता है।

और पढ़ें: त्वचा में निखार लाने के लिए मटर के फायदे

काजू का उपयोगी भाग (Useful Parts of Kaju)

काजू के फल, त्वचा, जड़, बीजपत्र तथा पत्ते के तेल का इस्तेमाल औषधि के रूप में  किया जाता है।

काजू का सेवन कैसे करना चाहिए (How to consume Kaju in Hindi)

बीमारी के लिए काजू के सेवन और इस्तेमाल का तरीका पहले ही बताया गया है। अगर आप किसी ख़ास बीमारी के इलाज के लिए काजू का उपयोग कर रहे हैं तो आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह ज़रूर लें।

चिकित्सक के परामर्श के अनुसार

-10-20 ग्राम बीजफल का सेवन कर सकते हैं।

काजू के सेवन से दुष्प्रभाव (Side effects of Kaju)

काजू के सेवन के फायदे जितने है उतने ही इसके साइड इफेक्ट्स भी है। काजू के छिलकों का तेल बहुत जलन पैदा करने वाला तथा फफोला उत्पन्न करने वाला होता है। अत: इसका प्रयोग सावधानीपूर्वक करना चाहिए। इसके अलावा  पित्त-प्रकृति वाले व्यक्तियों को इसका सेवन अत्यधिक मात्रा में नहीं करना चाहिए।

काजू कहां पाया और उगाया जाता है (Where is Kaju Found or Grown in Hindi)

मूलत दक्षिण (उष्णकटिबंधीय) अमेरिका एवं उत्तर-पूर्वी ब्राजील में प्राप्त होता है। भारत में प्रथम बार 16 वीं सदी में गोवा में पुर्तगाली व्यापारी इसको लेकर आए। भारत के पश्चिमी तट पर विशेषत गोवा, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडू, केरल, आंध्रप्रदेश, उड़ीसा, पश्चिम-बंगाल एवं अन्य क्षेत्रों में इसकी खेती की जाती है।

और पढ़े

आचार्य श्री बालकृष्ण

आचार्य बालकृष्ण, आयुर्वेदिक विशेषज्ञ और पतंजलि योगपीठ के संस्थापक स्तंभ हैं। चार्य बालकृष्ण जी एक प्रसिद्ध विद्वान और एक महान गुरु है, जिनके मार्गदर्शन और नेतृत्व में आयुर्वेदिक उपचार और अनुसंधान ने नए आयामों को छूआ है।

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आचार्य श्री बालकृष्ण

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