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यूरिक एसिड बढ़ने के लक्षण, कारण और घरेलू उपाय : Home Remedies for High Uric Acid

जब किसी वजह से किडनी अपना काम सही तरह से नहीं कर पाती है। यानि किडनी के अवांछित पदार्थों को छान कर निकाल देने की क्षमता कम हो जाती है तो यूरिया यूरिक एसिड में परिवर्तित हो जाता है जिसके परिणामस्वरूप हड्डियों के बीच में जमा हो जाता है।

असल में यूरिक एसिड उन सब चीजों से बनता है जो हम खाते हैं। इसमें से यूरिक एसिड का ज्यादातर हिस्सा किडनियों के जरिए फिल्टर हो जाता है और मूत्र मार्ग से मूत्र के जरिए शरीर से बाहर निकल जाता है। लेकिन अगर यूरिक एसिड शरीर में ज्यादा बन रहा हो या किडनी फिल्टर नहीं कर पाती तो खून में यूरिक एसिड का लेवल बढ़ जाता है। कुछ समय बाद वह यूरिक एसिड हड्डियों में एकत्रित होकर अपनी जगह बना लेता है और इससे गाउट की समस्या हो जाती है।

यूरिक एसिड क्या होता है (What is Uric Acid)

यूरिक एसिड में वात एवं रक्त एक साथ प्रकुपित होते हैं। बढ़े हुए दूषित रक्त के द्वारा वायु का मार्ग अवरुद्ध हो जाता है। रुकी हुई वायु फिर से पूरी रक्त को दूषित कर देती है। यह दूषित रक्त धीरे-धीरे नीचे पैरों में इकट्ठा हो जाता है एवं वायु के साथ मिलकर वातरक्त रोग उत्पन्न होता है। सामान्य तौर पर यूरिक एसिड महिलाओं में 2.6-6.0 mg/dl एवं पुरुषों में 3.4-7.0 mg/dl होना चाहिए। अगर डॉक्टर आपमें कोई ऐसी स्थिति देखते हैं जो यूरिक एसिड के बढ़ने का कारण बन सकती है तो डॉक्टर तुरन्त यूरिक एसिड यूरिन टेस्ट करवाने का आदेश दे सकते हैं। मूत्र में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ना अक्सर गाउट का संकेत देती है। गाउट में जोड़ों में पीड़ा व हाथ लगाने पर दर्द होने लगता है। इसमें पैरों की बड़ी अंगुलियों में सूजन व दर्द होने लगता है।

यूरिक एसिड क्यों होता है (Causes of Uric Acid)

वैसे तो लोग ये मानते हैं  कि आहार के कारण यूरिक एसिड बढ़ता है लेकिन इसके अलावा भी और भी कारण है, चलिये इनके बारे में जानते हैं-

-जब किसी कारणवश किडनी या गुर्दे खराब होने की वजह से फिल्ट्रेशन (Filteration) की क्षमता कम हो जाती है तो यूरिया, यूरिक एसिड में परिवर्तित हो जाता है जो परिणाम स्वरूप हड्डियों के बीच जमा हो जाता है।

-आहार में प्यूरिन ज्यादा होने की वजह से भी यूरिक एसिड ज्यादा बनता है।

-जो व्यक्ति अधिक मात्रा में शराब पीते हैं उनका यूरिक एसिड भी बढ़ जाता है।

-शरीर में आयरन की मात्रा ज्यादा होने से भी यूरिक एसिड बढ़ जाता है।

-जिन व्यक्तियों को उच्च रक्तचाप की शिकायत रहती है, उनका यूरिक एसिड भी बढ़ जाता है।

-थायराइड की मात्रा जिन व्यक्तियों में ज्यादा या कम होती है उनका यूरिक एसिड बढ़ जाता है।

-यूरिक एसिड बढ़ने का कारण मोटापा भी माना जाता है।

यूरिक एसिड के लक्षण (Symptoms of Uric Acid)

यूरिक एसिड बढ़ने के लक्षण निम्नलिखित प्रकार से दर्शाये गये हैं जो निम्न हैं-

पैरों के जोड़ों में दर्द होना।

-पैर की एडियों में दर्द की अनुभूति होना।

-गांठों में सूजन

-जोड़ों में सुबह-शाम तेज दर्द कम या फिर ज्यादा होना।

-एक स्थान पर देर तक बैठने पर उठने में पैरों की एड़ियों में सहन न होने वाले दर्द की अनुभूति होना। फिर कुछ समय बाद दर्द सामान्य हो जाता है।

-पैरों, जोड़ों, अंगुलियों, गांठों में सूजन होना।

-शर्करा का लेवल बढ़ना।

-यह रोग संधियों, विशेषत छोटी संधियों से प्रारम्भ होता है। हाथ और पैर की अंगुलियों में या अंगूठे में तीव्र वेदना के साथ रोग का प्रारम्भ होता है।

-यह दर्द प्राय रात के समय प्रारम्भ होती है, रोगी को नींद नहीं आती है।

-बुखार

-अत्यधिक प्यास लगना।

-शरीर में कम्पन

-जोड़ों में लालिमा व सूजन उत्पन्न होना।

यूरिक एसिड कम करने के उपाय (Home remedies for Uric Acid)

आम तौर पर बीमारी के अलावा असंतुलित भोजन और जीवनशैली के कारण भी यूरिक एसिड बढ़ने की समस्या होती है। इसके लिए अपने जीवनशैली और आहार में कुछ बदलाव लाने पर यूरिक एसिड के लेवल को कुछ हद तक नियंत्रण में लाया जा सकता है।

जिस व्यक्ति के यूरिक एसिड का स्तर ज्यादा होता है, वो अधिक प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थों को न खाएँ।

-तीतर और हिरन के मांस का सेवन न करें, साथ ही कुछ आंतरिक अंग जैसे कलेजी, गुर्दा आदि का सेवन न करें।

-ट्राउट, टूना आदि मछलियों का सेवन न करें।

-केकड़ा, झींगा जैसे समुद्री जीवों को भी नहीं खाना चाहिए।

-शुगर युक्त पेय पदार्थ जिन में शुगर की मात्रा अधिक होती है, उन फलों का जूस न पीएँ।

-शहद और ऐसे पदार्थ जिनमें हाई फ्रक्टोस (High Fructose) हो, उन पदार्थों का सेवन न करें।

सभी प्रकार के फल यूरिक एसिड की समस्या में फायदेमंद होते हैं। चेरी नामक फ्रूट यूरिक एसिड के स्तर को कम करता है। यह फ्रूट सूजन के साथ-साथ दर्द कम करने में भी मदद करता है।

-यूरिक एसिड की समस्या में सभी प्रकार की सब्जियाँ खा सकते हैं।

-यूरिक एसिड से ग्रसित को सभी प्रकार के सूखे मेवे खिलाने चाहिए।

-साबुत अनाज में ओट्स, ब्राउन राइस और जौ खाएँ।

-कम वसा वाले सभी डेयरी प्रोडक्ट्स यूरिक एसिड के रोगियों के लिए फायदेमंद होते हैं।

-यूरिक एसिड के मरीजों को अण्डा खिलाना चाहिए।

-कॉफी, चाय और ग्रीन-टी का सेवन करें।

यूरिक एसिड को कंट्रोल करने के घरेलू उपाय (Home remedies for Uric Acid)

आम तौर पर यूरिक एसिड को नियंत्रित करने के लिए लोग पहले घरेलू नुस्खों (home remedies for acidity) पर ही ऐतबार करते हैं। चलिये ऐसे कौन-कौन-से घरेलू उपाय हैं जो यूरिक एसिड के लेवल को कंट्रोल में कर सकते हैं जानने के लिए आगे बढ़ते हैं-

नींबू यूरिक एसिड को करें कंट्रोल (Lemon helps to reduce level of Uric Acid)

नींबू पानी का सेवन बहुत ही फायदेमंद होता है। जिनका यूरिक एसिड बढ़ गया हो उनके लिए यह रामबाण है। नींबू में विटामिन-सी काफी मात्रा में पाया जाता है। यह एसिडिक प्रभाव पैदा करता है जिसके कारण यूरिक एसिड का स्तर कम हो जाता है। सुबह उठकर गुनगुने पानी के एक गिलास में नींबू निचोड़कर इसका सेवन करें।

बेकिंग सोडा यूरिक एसिड का लेवल करे कम (Baking soda helps to reduce level of Uric Acid)

एक गिलास पानी में आधा चम्मच बेकिंग सोड़ा घोलकर दो सप्ताह तक सेवन करने से यूरिक एसिड का स्तर कम हो जाता है।

अजवाइन यूरिक एसिड को कम करने में करे मदद (Ajwain help to reduce level of Uric Acid from body)

अजवायन का सेवन करने से यूरिक एसिड का स्तर धीरे-धीरे कम होने लगता है। इसका प्रयोग खाना पकाते वक्त भी किया जा सकता है।

और पढ़ें: अजवाइन के औषधीय गुण

एप्पल सिडार यूरिक एसिड को करें कंट्रोल (Apple Cider help to reduce level of Uric Acid)

सेब ही नहीं बल्कि सेब का सिरका भी कईं बिमारियों को दूर करने में प्रयुक्त होता है। एक गिलास पानी में दो चम्मच सेब का सिरका मिलाकर दिन में दो बार सेवन करें। दो सप्ताह तक इसका निरन्तर सेवन करें। ऐसा करने से यूरिक एसिड का स्तर कम हो जाता है।

बथुआ साग यूरिक एसिड का लेवल करे कम (Bathua helps to reduce level Uric Acid)

बथुआ के पत्तों का जूस निकालकर सुबह खाली पेट इसका सेवन करें। इस जूस को पीने के बाद दो घण्टे तक कुछ भी न खाएँ। एक सप्ताह तक इस जूस का सेवन करने से यूरिक एसिड का सामान्य हो जाता है।

पर्याप्त मात्रा में पानी यूरिक एसिड के लेवल को करता है कम (Sufficient water intake help to low level of Uric Acid)

शरीर को हाइड्रेट रखकर आप यूरिक एसिड के स्तर को कम कर सकते हैं। शरीर में पानी का उचित स्तर यूरिक एसिड को बाहर निकालने के लिए जरूरी होता है। इसलिए थोड़ी-थोड़ी देर में पानी पीते रहना चाहिए।

ऑलिव ऑयल यूरिक एसिड का करे इलाज (Oilve oil helps to treat high level of Uric Acid)

जैतून के तेल या ऑलिव ऑयल में बना आहार, शरीर के लिए लाभदायक होता है। इसमें विटामिन-ई आदि पोषक तत्व होते हैं जो यूरिक एसिड को कम करते हैं।

अश्वगंधा यूरिक एसिड के लेवल को सामान्य करने में करे मदद (Ashwaganda help to normalize Uric Acid)

एक चम्मच अश्वगन्धा पाउडर को एक चम्मच शहद में मिलाकर एक गिलास हल्के गरम या गुनगुने दूध के साथ पिए। एक बात का ध्यान रखें, गर्मियों में अश्वगन्धा कम मात्रा में ले।

अलसी का बीज यूरिक एसिड के लेवल को करे कम (Amla mixture help to reduce increase amount of Uric Acid)

भोजन के आधे घण्टे बाद अलसी के बीज को चबाकर खाने से आराम मिलता है।

आंवला का मिश्रण यूरिक एसिड को करे कम (Amla mixture help to reduce increase amount of Uric Acid)

आंवले का रस एलोवेरा जूस में मिलाकर पीने से भी फायदा होता है।

और पढ़ें: एलोवेरा के औषधीय गुण

नारियल पानी यूरिक एसिड को करे कंट्रोल (Coconut water help to reduce level of Uric Acid)

नारियल पानी का प्रतिदिन सेवन करने से यूरिक एसिड घटाने में मदद मिलती है।

इलायची यूरिक एसिड कम करने में फायदेमंद (Cardamom help to fight with Uric Acid increase level)

दो से तीन छोटी इलायची लें और उसको पानी के साथ मिलाकर खाएँ। एसा करने से यूरिक एसिड की मात्रा कम हो जाती है।

प्याज करे कम यूरिक एसिड (Onion help to control level of Uric Acid)

यूरिक एसिड को कंट्रोल में रखने और कम करने के लिए प्याज का सेवन करें।

कच्चा पपीता यूरिक एसिड कम करने में लाभकारी (Raw papaya help to reduce level of Uric Acid)

एक कच्चा पपीता लेकर उसको बीच से काटकर बीजों को अलग कर लें। अब इसको 2 लीटर पानी में 5 मिनट के लिए उबाल लें। इस पानी को ठण्डा करके छान लें और फिर दिन में 2 से 3 बार पिएँ।

डॉक्टर के पास कब जाना चाहिए (When to see a Doctor)

आजकल की जीवनशैली में यूरिक एसिड की मात्रा का शरीर में बढ़ना एक गम्भीर रोग बन गया है। वैसे तो यूरिक एसिड यूरीन के रूप में बाहर निकल जाता है लेकिन कई बार यह शरीर में ही जमा होने लगता है। जिसके कारण यह शरीर में बढ़ता रहता है। जब पैरों के जोड़ों में दर्द, लालिमा एवं सूजन उत्पन्न हो जाए, अंगूठे एवं अंगुलियों में तीव्र वेदना की अनुभूति हो एवं वेदना के कारण रोगी को रात में नींद न आए तो जल्द से जल्द डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए। नहीं तो यह एक गम्भीर रोग के रूप में परिवर्तित हो सकती है।

आचार्य श्री बालकृष्ण

आचार्य बालकृष्ण, स्वामी रामदेव जी के साथी और पतंजलि योगपीठ और दिव्य योग मंदिर (ट्रस्ट) के एक संस्थापक स्तंभ है। उन्होंने प्राचीन संतों की आध्यात्मिक परंपरा को ऊँचा किया है। आचार्य बालकृष्ण जी एक प्रसिद्ध विद्वान और एक महान गुरु है, जिनके मार्गदर्शन और नेतृत्व में आयुर्वेदिक उपचार और अनुसंधान ने नए आयामों को छूआ है।

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