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ब्लड प्रेशर (रक्तचाप) को नियंत्रित करने के लिए डाइट प्लान (Diet Plan for Blood Pressure Control)

हाई ब्लड प्रेशर (रक्तचाप) या लो ब्लड प्रेशर, आज घर-घर की बीमारी बन चुकी है। शायद ही ऐसा कोई परिवार होगा, जिसका कोई सदस्य रक्तचाप के बढ़ने या घटने से होने वाली परेशानियों से ग्रस्त नहीं हो। क्या आप जानते हैं कि ब्लड प्रेशर (रक्तचाप) का बढ़ना या घटना, दोनों नुकसानदायक होता है, और दोनों से अलग-अलग तरह की समस्याएं होने लगती हैं। कई लोग रक्तचाप को नियंत्रित करने की काफी कोशिश करते हैं, लेकिन उचित सफलता नहीं मिलती है, तो इसका कारण खराब डाइट है। इसलिए यहां ब्लड प्रेशर (रक्तचाप) को नियंत्रित करने के लिए डाइट प्लान की जानकारी दी जा रही है।

इस डाइट चार्ट को अपनाकर आप ना सिर्फ ब्लड प्रेशर (रक्तचाप) पर नियंत्रण पा सकेंगे बल्कि खुद को या परिवार को बीमारियों से भी बचा पाएंगे।

उच्च रक्तचाप (हाई ब्लड प्रेशर) के कारण (High Blood Pressure Causes)

अगर रक्तचाप 120/80 mmHg है तो यह बेहतर माना जाता है। यदि इससे ज्यादा हो तो सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है। यहां हाई ब्लड प्रेशर होने के कारण की जानकारी दी जा रही हैः-

  • धूम्रपान
  • डायबिटीज (मधुमेह)
  • किडनी से जुड़ी बीमारी
  • शारीरिक गतिविधियों की कमी के कारण
  • मोटापा के कारण
  • अनियमित जीवनशैली के कारण
  • जिनके परिवार में रक्तगतवात की समस्या हो (रक्त में वायु के बढ़ने से होने वाले दर्द)
  • पुरुषों में 45 वर्ष व महिलाओं में 55वर्ष बाद गर्भ निरोधक दवाओं को लेने पर
  • कोलेस्टॉल की मात्रा बढ़ने पर
  • मद (शराब) का लगातार प्रयोग करने से

हाई ब्लड प्रेशर की जांच के लिए डॉक्टर से जरूर मिलें।

और पढ़ेंः डायबिटीज कंट्रोल करने के लिए अपनाएं ये घरेलू उपाय

ब्लड प्रेशर (रक्तचाप) को नियंत्रित करने के लिए क्या खाएं (Your Diet to

Control Blood Pressure)

रक्तचाप को नियंत्रित करने के लिए आपका आहार में ये सब होना चाहिएः-

निम्न रक्तचाप (लो ब्लड प्रेशर) वाले लोगों को इन बातों का ध्यान रखना चाहिएः-

  • उपाय : भोजन करने के बाद, निम्न रक्तचाप रोकने के लिए दिन में थोड़े समय में थोड़ाथोड़ा खाना और ज्यादा कार्बोहइड्रेट वाले आहार जैसे-आलू ,चावल, पास्ता और ब्रेड को सीमित मात्रा से लें। डॉक्टर आपको रक्तचाप बढ़ाने के लिए चाय या कॉफी भोजन के साथ लेने की सलाह दे सकते हैं।
  • नमक ज़्यादा लें:सामान्यतः लोगों को भोजन में ज्यादा नमक नहीं लेने को कहा जा सकता है, लेकिन जो लोग निम्न रक्तचाप से पीड़ित होते हैं उनके लिए नमक फायदेमंद होता है। नमक वाले भोजन को लेने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह लें।
  • ज़यादा मात्रा में पानी ले, पानी शरीर के मूलभूत कारणों के लिए आवश्यक है l ये शरीर में शुष्कता को रोकता है।
  • बेहोशी आने पर पानी की मात्रा को बढ़ा दे |
  • घरेलू नुस्खा – दिन में दो बार 1 कप चुकंदर का जूस लें। यह निम्न रक्तचाप के लिए सबसे अच्छा नुस्खा है। रक्तचाप बढ़ाने के लिए चाय या कॉफी ले सकते हैं | बादाम के पेस्ट को गुनगुने दूध के साथ लें।पानी + नमक + चीनी का घोल बार-बार देते रहें।

और पढ़ें: मसूर की दाल के फायदे

ब्लड प्रेशर (रक्तचाप) के मरीज क्या ना खाएं (Food to Avoid Blood Pressure Patient)

रक्तचाप को नियंत्रित करने के दौरान इनका सेवन नहीं करना चाहिएः-

  • निषेधअचार, पेस्ट्री, नमकीन बिस्कुट, अंडा, अधिक मक्खन, नमक
  • सख्त मना : तैलीय मसालेदार भोजन, मांसहार, तेल, घी, बेकरी उत्पाद, जंक फ़ूड, डिब्बाबंद भोजन

और पढ़ेंः घी के फायदे और उपयोग

ब्लड प्रेशर (रक्तचाप) को नियंत्रित करने के लिए अपनाएं डाइट प्लान (Diet Plan to Control Blood Pressure)

ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने के दौरान सुबह 1-2 गिलास गुनगुना पानी (खाली पेट बिना कुल्ला किये) पिएं, और 2-3 लहसुन खाएं।

समय आहार योजना ( शाकाहार)
नाश्ता (8 :00 AM 1 कप दिव्य पेय + 2-3 बिस्कुट (आरोग्य, पतंजलि) /पोहा /उपमा (सूजी ) /इडली /दलिया + फलों का सलाद (चीकू /सेब /पपीता) +1 कप दूध
दिन का भोजन (12:30 – 01:30 PM) 1-2 रोटी (मिश्रित अनाज पतंजलि ) + 1 कप चावल + 1 कटोरी हरी सब्जियां (हरी पत्तेदार) + ½ कटोरी मूंग दाल (पतली ) + 1 कटोरी सलाद  
शाम का नाश्ता (5:00 PM) 1कप दिव्य पेय + 2-3 बिस्कुट (आरोग्य, पतंजलि)/ सब्जियां, फलों का सलाद
रात का भोजन (7: 00 – 8:00 PM) 1 कटोरी सब्जी/ मटर का सूप (कम नमक) + 1-2 रोटी (मिश्रित अनाज पतंजलि) / ½ कटोरी मूंग दाल (पतली)
सोते समय(10:00 PM) ½ कप  बिना मलाई का दूध + 2-3 लहसुन

सलाह: यदि मरीज को चाय की आदत है तो इसके स्थान पर 1 कप पतंजलि दिव्य पेय दे सकते हैं।

और पढ़ेंः मूंग दाल के फायदे और उपयोग

ब्लड प्रेशर (रक्तचाप) को नियंत्रित करने के लिए जीवनशैली (Lifestyle Changes for Controlling Blood Pressure)

रक्तचाप  की बीमारी में आपकी जीवनशैली ऐसी होनी चाहिएः-

लो बीपी वाले के लिएः-

  • झटके के साथ न उठें। इससे साथ चक्कर आने और गिरने का खतरा रहता है।
  • हमेशा धीरे-धीरे अपने पोस्चर में बदलाव लाएं।
  • असमय और हैवी डाइट लेने से बचें, इससे बीपी लो होता है।
  • आलू, चावल, पास्ता और ब्रेड आदि की मात्रा कम कर दें।
  • व्रत-उपवास से बचें।
  • ज्यादा देर तक खाली पेट न रहें।
  • हर घंटे थोड़ा-थोड़ा खाते रहें।
  • बहुत ज्यादा गर्म पानी से नहाने से बचें।
  • 68 घंटे की पर्याप्त नींद लें।

हाई बीपी के लिए ः-

  • दवा खाना बंद कर दें।
  • कम से कम आठ गिलास पानी और अन्य पेय रोज पिएं।
  • भोजन में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा कम कर दें।
  • खाने में नमक की मात्रा कम कर दें।

ब्लड प्रेशर (रक्तचाप) को नियंत्रित करने के दौरान ध्यान रखने वाली बातें (Points to be Remember for Controlling Blood Pressure)

रक्तचाप  से मुक्ति पाने के लिए आपको इन बातों का ध्यान रखना हैः-

(1) ध्यान एवं योग का अभ्यास रोज करें।

(2) ताजा एवं हल्का गर्म भोजन अवश्य करें।

(3) भोजन धीरे-धीरे शांत स्थान में शांतिपूर्वक, सकारात्मक एवं खुश मन से करें।

(4) तीन से चार बार भोजन अवश्य करें।

(5) किसी भी समय का भोजन नहीं त्यागें, एवं अत्यधिक भोजन से परहेज करें

(6) हफ्ते में एक बार उपवास करें।

(7) अमाशय का 1/3rd / 1/4th भाग रिक्त छोड़ें।

(8) भोजन को अच्छी प्रकार से चबाकर एवं धीरे-धीरे खायें।

(9) भोजन लेने के बाद 3-5 मिनट टहलें।

(10) सूर्यादय से पहले [5:30 – 6:30 am] जाग जायें।

(11) रोज दो बार दांतों को साफ करें।

(12) रोज जिव्हा करें।

(13) भोजन लेने के बाद थोड़ा टहलें।

(14)  रात में सही समय पर [9-10 PM] नींद लें।

योग और आसन से ब्लड प्रेशर (रक्तचाप) को करें नियंत्रित (Yoga and Asana to for Controlling Blood Pressure)

रक्तचाप  से छुटकारा पाने के लिए आप ये योग और आसन कर सकते हैंः-

योग और आसन जो करना हैः-

  • योग प्राणायाम जो करना हैअनुलोम विलोम, उदगीथ, उज्जायी।
  • आसन जो करना है- वज्रासन, शवासन।
  • आसन जो करना है- उत्तानपादासन, पवनमुक्तासन, बालासन, मतस्यासन, सर्वांगासन।
  • प्राणायाम जो बहुत ही आराम से करना चाहिए : भस्त्रिका, कपालभांति, बाह्यप्राणायाम।
  • अन्य क्रियाएँ जो सावधानी पूर्वक की जानी चाहिए – सूर्यनमस्कार, यौगिक जॉगिंग, तेज़ी से किये जाने वाले आसन (गत्यात्मक)।

योग और आसन जो नहीं करना हैः-

  • आसन जो नहीं करना है- चन्द्रभेदी प्राणायाम, शीतली प्राणायाम, शीतकारी प्राणायाम, गहरा ध्यान।
  • आसन जो नहीं करना है- उष्ट्रासन, अर्धचंद्रासन, मंडूकासन 1 और 2 (आगे की तरफ झुकना), पश्चिमोत्तनासन, चक्रासन, पूर्ण हलासन, धनुरासन, कंधरासन, द्विचक्रिकासन, द्विपादवृतासन।
  • प्राणायाम जो नहीं करना है- सूर्य भेदी, अग्निसार क्रिय।


और पढ़ेंः निम्न रक्तचाप के कारण, लक्षण और घरेलू नुस्ख़े

आचार्य श्री बालकृष्ण

आचार्य बालकृष्ण, आयुर्वेदिक विशेषज्ञ और पतंजलि योगपीठ के संस्थापक स्तंभ हैं। चार्य बालकृष्ण जी एक प्रसिद्ध विद्वान और एक महान गुरु है, जिनके मार्गदर्शन और नेतृत्व में आयुर्वेदिक उपचार और अनुसंधान ने नए आयामों को छूआ है।

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