अस्थमा के लक्षणों से राहत के लिए अपनाएं ये आयुर्वेदिक उपाय  

Asthma Treatment in Hindi

अस्थमा सांस से जुड़ी एक गंभीर बीमारी है जिसमें सांस की नली में सूजन हो जाती है. सर्दियों का मौसम आते ही बड़ों के साथ-साथ छोटे बच्चे भी इस बीमारी की चपेट में आने लगते हैं. सांस फूलना, सांस लेने में कठिनाई, खांसी और खाँसते समय सीने में दर्द होना अस्थमा के मुख्य लक्षण हैं. अस्थमा के लक्षणों को अनदेखा ना करें बल्कि सही समय पर अस्थमा का इलाज (Asthma Treatment in Hindi) कराएं.

अस्थमा का अगर सही तरीके से इलाज ना किया जाए तो इसके लक्षण और बढ़ने लगते हैं. आयुर्वेदिक एक्सपर्ट के अनुसार, कुछ आसान आयुर्वेदिक उपायों को अपनाकर अस्थमा के लक्षणों को नियंत्रित किया जा सकता है. इस लेख में हम आपको ऐसे ही कुछ आयुर्वेदिक उपाय के बारे में बता रहे हैं जो अस्थमा के इलाज में सहायक हैं. 

1- तुलसी (Tulsi) 

आयुर्वेद में तुलसी के औषधीय गुणों के बारे में विस्तार से बताया गया है. तुलसी में कफ को दूर करने वाले गुण पाए जाते हैं. इसके सेवन से रेस्पिरेटरी ट्रैक में जमा कफ दूर होता है साथ ही सांस की नली की सूजन भी कम होती है.  

अस्थमा के इलाज में तुलसी के फायदे (How to use Tulsi for Asthma Treatment in Hindi)

तुलसी की चाय: 5-10 तुलसी की पत्तियां पानी में डालकर उबालें और जब हल्का गुनगुना होने पर इसमें शहद मिलाकर पिएं. दिन में एक से दो बार इसे पीने से खांसी से आराम मिलता है और गले में जमा कफ दूर होता है. 

तुलसी का अर्क: आजकल बाजार में तुलसी का अर्क आसानी से उपलब्ध है. अस्थमा के लक्षणों से राहत के लिए तुलसी के अर्क की 2-3 बूंदें एक कप पानी में मिलाकर पिएं. 

तुलसी की पत्तियां: तुलसी से मिलने वाले फ़ायदों को पाने के लिए आप सीधे तुलसी की पत्तियों का सेवन भी कर सकते हैं. तुलसी की 5-6 पत्तियां रोजाना चबाकर या सलाद में डालकर खाएं. 

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2- मुलेठी या यष्टिमधु (Licorice Root)

यष्टिमधु को मुलेठी भी कहते है. आयुर्वेद के अनुसार यह कफ की एक उत्तम औषधि है जो कफ को गले में जमने से रोकतीं है. मुलेठी में कफ को शांत करने वाले गुण होते हैं. अस्थमा के मरीजों के लिए यह काफी उपयोगी है. इससे गले में कम नहीं जमता है और खांसी से जल्दी राहत मिलती है. 

अस्थमा में मुलेठी के सेवन का तरीका (How to use Mulethi for Asthma Treatment in Hindi)

मुलेठी चूर्ण: मुलेठी के चूर्ण को शहद या गुनगुने पानी के साथ मिलाकर पीने से फेफड़ों से जुड़ी समस्याओं में लाभ मिलता है. 

मुलेठी की चाय: मुलेठी का उपयोग चाय के रूप में भी कर सकते है. जब भी आप चाय बनाएं तो उसमें आधा चम्मच मुलेठी चूर्ण मिला दें और चाय को 5-10 मिनट तक उबालें. दिन में एक से दो बार इस चाय का सेवन करें. 

3- अदरक (Ginger)

अदरक का उपयोग आमतौर पर हर घर में किया जाता है. कुछ लोग चाय में इसका उपयोग करते हैं तो वहीं कुछ लोग सब्जियों का स्वाद बढ़ाने के लिए इसका उपयोग करते हैं. आयुर्वेद के अनुसार यह कफ को कम करने की अचूक दवा है और अस्थमा के मरीजों के लिए बेहद फायदेमंद है. अदरक श्वासनली को फैलाने में भी मदद करता है  जिससे सांस लेने की समस्या में आराम मिलता है. 

अस्थमा से राहत के लिए ऐसे करें अदरक का सेवन (How to use Ginger for Asthma Treatment in Hindi)

अदरक की चाय: अदरक की चाय बनाने के लिए, एक छोटी सी कटी हुई अदरक को पानी में डालकर उबालें. इसमें थोड़ा शहद और नींबू का रस भी मिलाकर पिएं. इस चाय को दिन में एक से दो बार पी सकते हैं. अदरक की चाय फेफड़ों की समस्याओं से आराम दिलाती है. 

अदरक का रस: अस्थमा के लक्षणों से राहत के लिए अदरक का ताजा रस निकालकर पिएं. अदरक के रस में शहद मिलाकर पीना ज्यादा जल्दी असर करता है. 

इसके अलावा आप सब्जियों में या कोई भी डिश बनाते समय उसमें कटी हुई अदरक डालकर इसका सेवन कर सकते हैं. इस बात का ध्यान रखें कि जल्दी फायदे के लिए अधिक मात्रा में अदरक का सेवन ना करें. 

4- अडूसा(Adusa) 

अडूसा एक औषधीय पौधा है जिसकी पत्तियां अस्थमा के इलाज में बेहद फायदेमंद हैं. आयुर्वेदिक चिकित्सक अड़ूसा की पत्तियां का प्रयोग अस्थमा के लक्षणों को कम करने में प्रमुखता से करते है. अडूसा की पत्तियों में श्वासनली को फैलाने का गुण पाया जाता है और इसके सेवन से सांस लेने में कठिनाई की समस्या से आराम मिलता है.  

अस्थमा के इलाज में ऐसे करें अडूसा का उपयोग (How to use Adusa for Asthma Treatment in Hindi)

अडूसा पत्ती का काढ़ा:  अडूसे की पत्तियों को सूखा लें और पाउडर बना लें. इस पाउडर को एक कप गर्म पानी में डालकर उबालें और जब एक चौथाई बचे तब छानकर चाय की तरह पिएं. 

अडूसा पत्ती चूर्ण: अडूसा पत्ती चूर्ण का इस्तेमाल शहद के साथ करने से अस्थमा के लक्षणों में कमी आती है. अडूसा पत्ती का चूर्ण बाजार में आसानी से मिल जाता है. 

5- अस्थमा के लिए प्राणायाम और योग (Yoga for Asthma Treatment in Hindi)

आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों के अलावा योग और प्राणायाम की मदद से भी आप अस्थमा के लक्षणों से राहत पा सकते हैं. अगर आप अस्थमा से पीड़ित हैं तो अनुलोम विलोम, भ्रामरी, और कपालभाति योगासन करें. अगर आप पहली बार ये योगसान करने जा रहे हैं तो किसी योग एक्सपर्ट की देखरेख में ही करें. 

अस्थमा के लक्षण दिखने पर घबराएं नहीं क्योंकि लाइफस्टाइल से जुड़ी कुछ बातों का ध्यान रखकर और आयुर्वेदिक उपायों की मदद से आप अस्थमा के लक्षणों को आसानी से नियंत्रित कर सकते हैं. यहां बताई गई जड़ी-बूटियां अस्थमा के इलाज (Asthma Treatment in Hindi) में बेहद असरदार हैं फिर भी अगर आप अस्थमा से गंभीर रूप से पीड़ित हैं तो ये घरेलू उपाय अपनाने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें.

 

(इस लेख की समीक्षा डॉ. स्वाति मिश्रा, मेडिकल एडिटर और डॉ. दीपक सोनी, आयुर्वेदिक विशेषज्ञ ने की है.)

Image Source: Shutterstock

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