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इमली के फायदे और उपयोग (Imli ke Fayde aur Upyog: Tamarind Benefits in Hindi)

इमली (Imli) के स्वाद से सभी परिचित होंगे। खाने में इमली भले ही खट्टी लगती हो, लेकिन सबको बहुत अच्छी लगती है। आमतौर पर लोग इमली की चटनी बनाते हैं, और बहुत पसंद से खाते हैं, लेकिन क्या आपको पता है कि इमली के सेवन से शरीर को अनेक फायदे होते हैं? क्या आप जानते हैं कि इमली के प्रयोग से कई रोगों की रोकथाम की जा सकती है? इस article में आप Imli ke Fayde विस्तार से पढ़ सकते हैं।

आयुर्वेद में इमली के फायदेएक-दो नहीं बल्कि बहुत सारे बताए गए हैं, और सबसे अच्छी बात यह है कि इस लेख में इमली के फायदे बहुत ही आसान तरीके से आपकी भाषा (tamarind in hindi) में समझाए गए हैं। अगर आपको इमली (emli) के गुण की पूरी जानकारी नहीं है तो आइए जानते हैं।

Contents

इमली क्या है? (What is Tamarind or Imli?)

इमली एक आहार है, लेकिन इसका इस्तेमाल एक औषधि के रूप में भी किया जाता है। कच्ची इमली एसिडिटी, वात-पित्त रोग और खून से संबंधित विकार में फायदेमंद होती है तो पकी इमली पाचनतंत्र, कफवात विकार में लाभ पहुंचाती है। इमली के फूल से भी अनेक रोगों का उपचार किया जा सकता है। इमली के वृक्ष (imli tree) बड़े-बड़े और छायादार होते हैं। इसके साथ ही Imli ke Fayde अनेक हैं।

अन्य भाषाओं में इमली के नाम (What is Tamarind Called in Different languages?)

इमली (tamarind benefits in hindi) का वानस्पतिक नाम टैमैरिन्डस इन्डिका (Tamarindus indica L, Syn-Tamarindus officinalis Hook) है, और यह सेजैलपिनिएसी (Caesalpiniaceae) कुल का है, लेकिन इमली को देश-विदेश में अनेक नामों से भी जाना जाता है, जो ये हैंः-

Imli in-

  • Name of Tamarind in Hindi (chintapandu in hindi) – इमली, अमली, अम्बली
  • Name of Tamarind in Urdu – इमली (Imli)
  • Name of Tamarind in Sanskrit – तिन्तिडी, चिञ्चा, चिञ्चिका, अम्लिका, अम्ली, अम्ला, चुक्रा, दन्तशठा
  • Name of Tamarind in English – इण्डियन डेट (Indian date), टैमैरिंड ट्री (Tamarind Tree )
  • Name of Tamarind in Asamiya – तेतैली (Teteli)
  • Name of Tamarind in Oriya – तेतुंली (Tentuli)
  • Name of Tamarind in Kannada – हुनसे (Hunse), अम्लिके (Amlike)
  • Name of Tamarind in Gujarati – आंबली (Ambali);
  • Name of Tamarind in Tamil – आम्लकम (Amalkam), पुलि (Puli);
  • Name of Tamarind in Telugu – चिंता (Chinta), अम्लिका (Aamlika);
  • Name of Tamarind in Bengali – तेंतुल (Tentul), नुली (Nuli);
  • Name of Tamarind in Punjabi – इमली (Imli);
  • Name of Tamarind in Marathi – चिञ्च (Chinch), अम्बाली (Ambali);
  • Name of Tamarind in Malayam – वालनपुली (Valanpuli), वालमपुल्ली (Valampulli), आम्लम (Amlam)
  • Name of Tamarind in Arabic – तमारे हिन्दी (Tamare-hindi), हुमार (Humar), साबारा (Sabara)
  • Name of Tamarind in Persian – तमार-ए-हिन्दी(Tamar-e-hindi)

इमली के फायदे (Imli benefits in Hindi)

इमली (Imli ke Fayde) के औषधीय प्रयोग, इस्तेमाल की मात्रा एवं विधियां ये हैंः-

इमली के फायदे से सिर दर्द का इलाज (Imli ke Fayde for headache in Hindi)

सिर दर्द से आराम पाने के लिए 10 ग्राम इमली को एक गिलास पानी में भिगो दें। इसे मसलकर छान लें। इसमें चीनी मिलाकर पीने से पित्तज विकार के कारण होने वाला सिर दर्द ठीक हो जाता है। [Go to: Benefits of Tamarind]

और पढ़े: सिर दर्द में लवंगादि वटी के फायदे

गुहेरी में इमली के फायदे (Imli Benefits in Hindi for stye)

आंखों के नीचे या ऊपर की पुतली के लाल हो जाने को गुहेरी कहते हैं। इसमें इमली (emli) के बीज को पानी के साथ घिसकर, चंदन की तरह लगाना चाहिए। इससे आंखों की पलकों पर होने वाली पैंसी या गुहेरी (बिलनी) में तुरंत लाभ होता है। [Go to: Benefits of Tamarind]

इमली के फायदे आंखों की सूजन में (Imli ke Fayde for eye disease in hindi)

  • इमली के फूलों को पीसकर थोड़ा गाढ़ा घोल बना लें। इसे आंखों पर बांधने से आँखों की सूजन ठीक होती है।
  • इमली के पत्तों का रस और दूध को कांसे के बर्तन में अच्छे से मिलाकर आंखों के आस-पास लेप करें। इससे आँख लाल होने वाली बीमारी, आंखों से पानी बहना और आंखों की जलन ठीक होती है।
  • इमली के पत्तों के रस के साथ कालीमिर्च के दानों को घिस लें। इसमें थोड़ा घी मिलाकर आँखों में काजल की तरह लगाएं। इससे खुपानी, आंखों की जलन और तिमिर आदि नेत्र रोग ठीक होते हैं। [Go to: Benefits of Tamarind]

इमली के फायदे कान के रोग में (Imli ke Fayde for ear disease in Hindi)

इमली के फल के रस अथवा जम्बीरी नीबू के रस से पकाए हुए तेल को 1-2 बूँद कान में डालने से कान का दर्द ठीक हो जाता है। [Go to: Benefits of Tamarind]

और पढ़े: कान दर्द में साारिवादि वटी के फायदे

Imli ke Fayde: मुंह के छाले ठीक करने में (Tamarind health benefits for mouth ulcers in Hindi)

इमली को पानी में डालकर, अच्छी तरह मसल कर छान लें। इससे कुल्ला करने से मुंह के रोग जैसे छालों की समस्या में लाभ होता है। [Go to: Benefits of Tamarind]

और पढ़ें: मुँह के छाले में लीची के फायदे

साइनस में Imli ke Fayde (Benefits of tamarind for sinus in Hindi)

इमली के पत्ते के जूस का सेवन करने से साइनस की शुरुआती अवस्था में लाभ होता है। [Go to: Benefits of Tamarind]

और पढ़ेंः साइनस में फायदेमंद कर्चूर

कंठ के रोग (गले की सूजन) में Imli ke Fayde (Tamarind benefits for throat problem in Hindi)

10 ग्राम इमली (imly) को 1 लीटर पानी में उबाल लें। जब यह आधा रह जाए तो उसमें 10 मिली गुलाब पानी मिलाकर छान लें। इससे कुल्ला करने से गले की सूजन ठीक होती है। [Go to: Benefits of Tamarind]

और पढ़े: गले के दर्द को दूर करे सेम की फली

खांसी में Imli ke Fayde (Benefits of tamarind for cough in Hindi)

इमली (tamarid) के फल की त्वचा 1 भाग, हल्दी 2 भाग, सर्जरस 3 भाग एवं पुनर्नवा 1 भाग तथा नौ भाग जाति  के पत्ते को पीसकर बत्ती बना लें। इसका धूमपान करने से खांसी में लाभ होता है। [Go to: Benefits of Tamarind]

छाती की जलन इमली के औषधीय गुण से लाभ (Tamarind health benefits for chest burn in hindi)

सीने की जलन होने पर मिश्री के साथ इमली का शर्बत बनाकर पीने से लाभ होता है। बेहतर उपाय के लिए किसी आयुर्वेदि चिकित्सक से जरूर परमार्श लें।

इमली के औषधीय गुण से दस्त पर रोक (Tamarind fruit benefits for diarrhea in hindi)

  • इमली के बीज के फायदे से दस्त पर रोक भी लगती है। इमली के 10-15 ग्राम पत्तों को 400 मिली पानी में पकाएं। जब काढ़ा एक चौथाई रह जाए तो इसे पिएं। इससे दस्त में लाभ होता है।
  • इमली (imly) के पत्तों के 5-10 मिली रस को थोड़ा गर्म करके पिलाने से भी दस्त पर रोक लगती है।
  • इमली के 15 ग्राम बीज के छिल्के, 6 ग्राम जीरा और मीठा हो जाने लायक ताड़ की चीनी लें। इन तीनों को महीन पीसकर तीन-तीन, चार-चार घण्टे के अंतर पर सेवन करें। इससे दस्त की गंभीर समस्या भी ठीक हो जाती है।
  • इसी तरह 3-6 ग्राम इमली बीज मज्जा चूर्ण को पानी के साथ सुबह और शाम सेवन करें। इससे दस्त में लाभ होता है।
  • इमली के पुराने वृक्ष (imli tree) के जड़ की छाल और काली मिर्च को आधी मात्रा में लें। इसे छाछ के साथ पीसकर, मटर के आकार की गोलियां बना लें। एक से दो गोली को दिन में तीन बार देने से दस्त पर रोक लगती है। [Go to: Benefits of Tamarind]

Imli ke Fayde पेचिश में (Uses of imli for dysentery in Hindi)

इमली की पत्तियों के रस में, लाल किए हुए लोहे को बुझा लें। इसे छानकर 5-10 मिली की मात्रा में दिन में 3-4 बार लें। इसे कुछ दिनों तक सेवन करने से पेचिश में लाभ होता है।

इमली के औषधीय गुण से पेट के दर्द में लाभ (Benefits of Tamarind in abdominal pain in Hindi)

इमली की छाल को सेंधा नमक के साथ एक मिट्टी के बरतन में रखे। इसमें पानी मिलाकर भस्म बना लें। 125 मिग्रा भस्म में शहद मिलाकर सेवन करने से पाचनतंत्र की बीमारी और पेट दर्द ठीक होते हैं। [Go to: Benefits of Tamarind]

Imli ke Fayde: वात विकार (Tamarind fruit benefits for vata disease in Hindi)

25 ग्राम इमली (imly) को 500 मिली पानी में मसलकर छान लें। इसमें 50 ग्राम मिश्री, 4 ग्राम दालचीनी, 4 ग्राम लौंग और 4 ग्राम इलायची मिलाकर 4 मिली की मात्रा में पिलाएं। इसके प्रयोग से वात विकारों का शमन होता है। [Go to: Benefits of Tamarind]

इमली के औषधीय गुण से सुजाक में लाभ (Uses of imli in gonorrhea in Hindi)

आप सुजाक में भी इमली के बीज के फायदे ले सकते हैं। 125 ग्राम इमली के बीजों को 250 मिली दूध में भिगो दें। तीन दिन के बाद छिलके उतारकर, दूध के साथ पीस लें। सुबह-शाम 6 मिली की मात्रा में गाय के दूध या पानी के साथ सेवन करने से सुजाक में लाभ होता है। [Go to: Benefits of Tamarind]

इमली के औषधीय गुण से खूनी बवासीर में फायदा  (Imli benefits in piles in Hindi)

  • बवासीर में 5-10 मिली इमली के फूल के रस को दिन में तीन बार पिएं।
  • 125-500 मिग्रा इमली (tamarid) के बीज के भस्म को दही के साथ चटाने से खूनी बवासीर में लाभ होता है। [Go to: Benefits of Tamarind]

और पढ़े: बवासीर में अभयारिष्ट के फायदे

मूत्र रोग में Imli ke Fayde (Tamarind fruit benefits in urinary disease in Hindi)

10 ग्राम इमली के बीजों को सुबह पानी में भिगो दें। रात में छिलका उतारकर भीतरी सफेद मींगी को पीसकर गाय के दूध के साथ पिएं। इससे बार-बार पेशाब आने की परेशानी में फायदा होगा। [Go to: Benefits of Tamarind]

और पढ़ें : मूत्र रोग में मरिच फायदेमंद

मोच आने पर इमली का इस्तेमाल (Benefits of imli in sprain in Hindi)

मोच होने पर इमली की पत्तियों को पीसकर गुनगुना कर लेप के रूप में लगाएं। इससे मोच में लाभ होता है। [Go to: Benefits of Tamarind]

इमली के फायदे से सफेद दाग का इलाज (Imli Benefits in Hindi for leucoderma)

सफेद दाग जैसी बीमारी में भी इमली के बीज के फायदे मिलते हैैं। इमली के बीजों की मींगी और बावची को बराबर मात्रा में मिलाकर पीस लें। इसे लगाने से सफेद दाग में लाभ होता है।

दाद या फोड़ा में इमली के इस्तेमाल से लाभ (Imli benefits for ringworm in Hindi)

  • इमली के बीज को नींबू के रस में पीसकर लगाने से फोड़ा ठीक होता है।
  • इमली के पत्तों को पीसकर गर्मकर थोड़ा गाढ़ा काढ़ा बना लें। इसे फोड़ा पर बांधने से फोड़ा पककर शीघ्र फूट जाता है।

और पढ़ें: फोड़ा सुखाने के लिए शकरकंद के फायदे

Imli ke Fayde: घाव को ठीक करने में  (Benefits of imli for wound healing in Hindi)

इमली के पत्ते का काढ़ा बनाकर घावों को धोने से घाव ठीक होता है। बेहतर उपाय के लिए किसी आयुर्वेद चिकित्सक से जरूर सलाह लें।

सूजन की समस्या में इमली से लाभ (Imli benefits for inflammation in Hindi)

इमली के पत्तों का थोड़ा गाढ़ा काढ़ा बनाकर सूजन पर बांधें। इससे सूजन और दर्द ठीक होते हैं। [Go to: Benefits of Tamarind]

इमली के फायदे बेहोशी या लू लगने पर (Uses of tamarind in syncope and sunstroke in Hindi)

  • बेहोशी की बीमारी या लू लगने पर इमली फल के गूदे को ठंडे पानी में पीसकर सिर पर लगाएं।
  • पकी हुई इमली (puliyamaram) को पानी में पीस लें। इस पानी में कपड़ा भिगोकर शरीर को कुछ देर तक पोछें। इससे लू का असर मिटता है। [Go to: Benefits of Tamarind]

Imli ke Fayde: इमली के फायदे कफज-विकारों में  (Benefits of Tamarind for kafaja disease in Hindi)

  • पुरानी इमली (imlee) के एक किग्रा गूदे को दो-गुने पानी में भिगो लें। दूसरे दिन सुबह आग पर दो तीन बार उबालने के बाद मसलकर छान लें। इसमें दो किलो खांड मिलाकर चाशनी बना लें। इस गर्म चाशनी को छानकर ठंडा होने दें। इसे बोतल में भर लें। इसे तीन-तीन घण्टे के अंतर से 10 से 20 मिली तक की मात्रा में सेवन करें। इससे उल्टी, अधिक प्यास लगने की परेशानी, हैजा, खाना न पचना, शराब का नशा का न उतरना (हैंगओवर) दूर होता है।
  • इसके साथ ही यह कफज विकारों में भी लाभदायक होता है। [Go to: Benefits of Tamarind]

और पढ़ेहैजा में सर्पगंधा के फायदे

Imli ke Fayde: इमली से वीर्य रोग का इलाज (Benefits of Tamarind for semen disease in Hindi)

  • इमली की बीजों को पानी में कुछ दिन भिगोकर छिलका उतार दें। छिलके निकले सफेद बीजों को सुखाकर बारीक चूर्ण बनाकर रख लें। इसे एक चम्मच की मात्रा में दिन में तीन बार दूध के साथ सेवन करने से वीर्य का पतलापन दूर होता है।
  • इमली (emli) के बीजों को भूनकर, छिलका उतार लें। इनका चूर्ण बना लें। बराबर मात्रा में मिश्री मिलाकर लगातार 15 दिन तक सुबह-शाम सेवन करने से वीर्य का पतलापन, मूत्र रोग जैसे- पेशाब में जलन होना, पेशाब का रुक-रुक कर होने जैसी परेशानी में लाभ होता है।
  • 10 ग्राम इमली के बीजों को पानी में चार दिन तक भिगोकर छील लें। इसमें दो भाग गुड़ मिलाकर चने के समान गोलियां बनाकर रख लें। रात में सोते समय एक-दो गोली सेवन करने से वीर्य रोग ठीक होता है। [Go to: Benefits of Tamarind]

और पढ़े: वीर्य रोग में गुलब्बास के फायदे

इमली के फायदे बुखार में (Tamarind benefits in fever in Hindi)

  • 25 ग्राम इमली को रात भर एक गिलास पानी में भिगोकर सुबह छान लें। पानी में बूरा मिलाकर ईसबगोल के साथ पिलाने से पित्तज्वर ठीक होता है।
  • इमली (imlee) के कोमल पत्तों और फूलों की सब्जी बनाकर सेवन करें। इससे जलन और पित्तज विकारों का शमन होता है।
  • 10 ग्राम इमली और 25 ग्राम छुहारों को 1 लीटर दूध में उबाल लें। इसे छानकर पिलाने से बुखार में होने वाली जलन और घबराहट ठीक होती है।
  • इमली का शर्बत बनाकर पिलाने से पित्तज उल्टी और बुखार ठीक होते हैं। [Go to: Benefits of Tamarind]

इमली के उपयोगी भाग (How to eat Imli?)

इमली का सेवन इस तरह से किया जा सकता हैः-

  • छाल
  • पत्ते
  • फूल
  • फल
  • बीज

इमली का सेवन कैसे करें? (How to Use Imli?)

इमली (tamarid) से सेवन की मात्रा ये होनी चाहिएः-

  • फल- 4-30 ग्राम
  • बीज का चूर्ण- 1-3

यहां इमली से होने वाले सभी लाभ को आसान और आपके समझने वाली भाषा (tamarind in hindi) में लिखा गया है। इसलिए आप इमली का उपयोग कर पूरा फायदा ले सकते हैं, लेकिन किसी रोग का इलाज करने के लिए इमली का उपयोग की जानकारी किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक से जरूर लें।

इमली कहां पाई या उगाई जाती है? (Where is Imli Found or Grown?)

आपने इमली के पेड़ (Imli tree) को सड़कों के किनारे देखा होगा। यह पूरे देश में मिलता है। वैसे इमली मूलतः उष्णकटिबंधीय प्रांत जैसे अफ्रिका तथा मेडागास्कर से भारत में आया। भारत से ईरान तथा सउदी अरब पहुंचा, जहां इसे तमार-ए-हिन्द या भारत का खजूर कहते हैं।

और पढ़ेंः बिवाई के इलाज के लिए घरेलू उपाय

आचार्य श्री बालकृष्ण

आचार्य बालकृष्ण, आयुर्वेदिक विशेषज्ञ और पतंजलि योगपीठ के संस्थापक स्तंभ हैं। चार्य बालकृष्ण जी एक प्रसिद्ध विद्वान और एक महान गुरु है, जिनके मार्गदर्शन और नेतृत्व में आयुर्वेदिक उपचार और अनुसंधान ने नए आयामों को छूआ है।

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आचार्य श्री बालकृष्ण

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