जीभ के छाले कुछ हद मुँह के छालों की तरह ही होते हैं, लेकिन अक्सर जीभ के छाले खुले हुए घाव होते हैं जो जीभ की सतह कट जाने पर होते हैं। अक्सर मुँह में कई जगहों पर इस प्रकार के घाव हो सकते हैं। आमतौर पर जीभ के छाले पर जीभ के नीचे या किनारों पर विकसित होते हैं। मुँह के छालों की तरह ही जीभ के छाले के लक्षण और समस्याएं भी समान ही होते हैं।
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जीभ के छाले अक्सर चोट या किसी अंतर्निहित बीमारी के कारण होते हैं। ये पीड़ादायक होते हैं और इसलिए नजरअंदाज करना सेहत के नजरिये से सही नहीं होता है। जीभ पर होने वाले छाले को काफी हद तक माउथ अल्सर का ही एक रूप माना जाता है। इसमें भी उसी तरह के छाले होते हैं, वैसे ही जलन और परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इसके अलावा जीभ पर फोड़े हो जाते हैं।
ज्यादातर मामलों में जीभ के छाले गंभीर नहीं होते हैं और मुँह को स्वच्छ रखकर प्रथम अवस्था में ही उनको ठीक किया जा सकता है। इसके अलावा जीभ के छाले गंभीर बीमारियों के कारण भी हो सकते हैं, पर समय पर इलाज न करने के परिणामस्वरूप गंभीर जटिलताएं और स्थाई रूप से नुकसान पहुँच सकता है। जीभ के छाले के कारण कुछ समस्याएं हो सकती हैं।
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जीभ के छालों के लक्षण कारण पर निर्भर करते हैं, लेकिन इसमें निम्न शामिल हो सकते हैः-
जीभ पर छाले पड़ने के बहुत सारे कारण होते हैं, जैसे जीवनशैली और आहार, बीमारी, पौष्टिकता की कमी, संक्रमण आदि। जीभ के छाले पड़ने के कारणों का सही तरह से ज्ञान होने पर उससे बचना भी आसान हो जाता है।
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जीभ के छाले होने के पीछे आहार और जीवनशैली की महत्वपूर्ण भूमिका होती है।
जीभ के छाले के कष्ट से बचने के लिए समय रहते सावधानियों को अपनाना बेहतर होता है। इसके लिए जीवनशैली और आहार में बदलाव लाना बहुत ज़रूरी होता है।
जीवनशैली में बदलाव-
आहार में बदलाव-
जीभ के छाले की समस्या से निजात पाने के लिए सबसे पहले घरेलू नुस्ख़ों को ही अपनाया जाता है। यहां हम पतंजली के विशेषज्ञों द्वारा पारित कुछ ऐसे घरेलू उपायों के बारे में बात करेंगे जिनके सेवन से जीभ के छाले की समस्या से जल्द आराम मिल सकता है।
एक गिलास गुनगुने पानी में आधा चम्मच नमक मिलाएं और इसे धीरे-धीरे मुँह में घुमायें। इस प्रक्रिया को दिन में चार से पांच बार दोहराएं। इससे थोड़ी जलन और दर्द तो जरूर हो सकता है लेकिन छाले जल्द ठीक हो जाते हैं।
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जीभ के छाले के दर्द और जलन से राहत पाने से फिटकरी को पानी में डालकर उस पानी से कुल्ला करने पर दर्द से जल्दी आराम मिलने में मदद मिलती है। इसके अलावा मेंहदी और फिटकरी का चूर्ण बनाकर छालों में राहत मिलती है।
अमलतास की फली मज्जा को धनिये के साथ पीसकर थोड़ा कत्था मिलाकर मुँह के छालों में रखिए या केवल अमलतास के गूदे को मुँह में रखने से जीभ के छाले दूर हो जाते हैं।
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अमरूद के मुलायम पत्तों में कत्था मिलाकर पान की तरह चबाने से मुँह के छाले से राहत मिलती है और छाले ठीक हो जाते हैं।
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शायद यह घरेलू नुस्ख़ा पढ़कर आपको आश्चर्य लगेगा कि शहद और नींबू जीभ के छाले के उपचार में भी काम आता है, लेकिन शहद और नींबू का सेवन नहीं करना है। नींबू के रस में शहद मिलाकर इसके कुल्ले करने से जीभ के छाले दूर होते हैं।
मशरूम को सुखाकर बारीक चूर्ण तैयार कर लीजिए, इस चूर्ण को छालों पर लगा दीजिए। मुँह के छाले ठीक हो जाएंगे।
आम तौर पर गुड़ खाना संतुलित आहार के तालिका में शामिल होता है, लेकिन यहां जीभ के छालों से राहत पाने के लिए खाना खाने के बाद गुड़ चूसने की बता कही जा रही है।
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जीवाणुरोधी गुणों से युक्त शहद मुँह में होने वाले छालों में एक बहुत ही प्रभावी दवा के रूप में कार्य करता है। यह मुँह को नमी प्रदान करता है और शुष्क होने से रोकता है। अंगुली से थोड़ा शहद लेकर छाले पर लगाएं।
नारियल के तेल का औषधीय गुण जीभ के छाले के उपचार में बहुत सहायक होता है और ये सबसे आसानी से घर में पाया जाता है। रुई की सहायता से नारियल के तेल को अल्सर पर लगाएं।
लहसुन की एक कली को छाले पर रगड़ें। तीस मिनट बाद पानी से कुल्ला कर लें। अल्सर गायब होने तक इस प्रक्रिया को दोहरायें।
यदि आपको बार-बार जीभ में छाले हो रहे हैं और घरेलू उपचार करने पर भी लाभ नहीं हो रहा है तो तुरन्त डॉक्टर से सम्पर्क करें।
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