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कदम्ब

कदम्ब का परिचय (Introduction of Kadamb)

कदम्ब या कदम का पेड़ को देव का वृक्ष माना जाता है। कदम्ब आयुर्वेद में अपने औषधीय गुणों के लिए बहुत ही मशहूर है। कदम्ब का स्वास्थ्यवर्द्धक गुण (Kadamba tree uses) बहुत सारे रोगों के उपचार के लिए उपयोग किया जाता है।

कदम्ब की एक विशेष बात ये है कि इसके पत्ते बहुत बड़े होते है और इसमें से गोंद निकलता है। इसके फल नींबू की तरह होते हैं। कदम के फूलों (Kadamba Pushpam) का अपना अलग ही महत्व है। प्राचीन वेदों और रचनाओं में इन सुगन्धित फूलों (kadamba flower) का उल्लेख मिलता है।

कदम्ब की एक विशेष बात ये है कि इसके पत्ते बहुत बड़े होते है और इसमें से गोंद निकलता है। इसके फल नींबू की तरह होते हैं। चलिये इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।

कदम्ब क्या है? ( What is Kadam Tree in Hindi)

भारत में सुगन्धित पुष्पों में कदम्ब (Kadamba Pushpam) का बहुत महत्व है। इसके फूल भगवान् कृष्ण को अत्यन्त प्रिय थे। आयुर्वेद में कदम्ब की कई जातियों यानि राजकदम्ब, धारा कदम्ब, धूलिकदम्ब तथा भूमिकदम्ब आदि उल्लेख प्राप्त होता है। चरक, सुश्रुत आदि प्राचीन ग्रन्थों में कई स्थानों पर कदम्ब का वर्णन मिलता है।

इसके अतिरिक्त इसकी एक और प्रजाति पाई जाती है जिसे भूमि कदम्ब (Mitragyna parvifolia (Roxb.) Korth.) कहते हैं।

  1. Anthocephalus cadamba (Roxb.) Miq. (कदम्ब)-
  2. Mitragyna parvifolia (Roxb.) Korth. (भूमि कदम्ब)- भूमिकदम्ब का 10-20 मी ऊँचा पेड़ भारत के शुष्क वनों में पाया जाता है। इसके फूल (Kadamba Pushpam) मुण्डक कदम्ब के पुष्पमुण्डकों के समान परन्तु आकार में छोटे सफेद रंगों के होते हैं। जो सूखने पर भूरे-काले रंग के हो जाते हैं तथा पूरे साल वृक्ष पर लगे रहते हैं।

कदम्ब कड़वा होता है। यह तीन दोषों को हरने वाला, दर्दनिवारक, स्पर्म काउन्ट बढ़ाने के साथ ब्रेस्ट का साइज बढ़ाने में भी मदद करता है।

कदम्ब का फल खांसी, जलन, योनिरोग (वैजाइना संबंधित रोग), मूत्रकृच्छ्र (मूत्र संबंधी रोग), रक्तपित्त (नाक-कान से खून निकलना), अतिसार (दस्त), प्रमेह (डायबिटीज), मेदोरोग (मोटापा) तथा कृमिरोग नाशक होते हैं। कदम्ब के पत्ते कड़वे, छोटे, भूख बढ़ाने में सहायक तथा अतिसार या दस्त में फायदेमंद होते  हैं।

और पढ़ेरक्तपित्त में सिंगाड़े के फायदे

इसके कच्चे फल एसिडिक, गर्म, भारी, कफ को बढ़ाने वाला तथा रुचिकारक होते हैं। इसका पका फल थोड़ा एसिडिक होता है और वात को कम करने वाला तथा कफपित्त को उत्पन्न करने वाला होता है। इसका अंकुर कड़वा, ठंडे तासीर का होने के साथ खाने की इच्छा बढ़ाता है, रक्तपित्त (नाक-कान से खून बहना) तथा दस्त में फायदेमंद होता है।

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अन्य भाषाओं में कदम्ब के नाम (Name of Kadamba Tree in Different Languages in Hindi)

कदम्ब का वानस्पतिक नाम : Anthocephalus cadamba (Roxb.) Miq. (एंथोसिफेलस कदंब)

Syn-Nauclea cadamba Roxb., Neolamarckia cadamba (Roxb.) Bosser  है। यह  Rubiaceae (रूबिएसी) कुल का है। इसको अंग्रेजी में Wild Cinchona (वाइल्ड सिन्कोना) कहते हैं।

भारत के अन्य प्रांतों में कदम्ब को भिन्न भिन्न नामों से पुकारा जाता है।

Kadamb in-

  • Sanskrit-नीप, प्रियक, कदम्ब, वृत्तपुष्प, हलिप्रिय;
  • Hindi-कदम, कदम्ब;
  • Odia-कदम्बो (Kadambo), नीपो (Nipo);
  • Kannadaकडुवे (Kaduwe), कदावली (Kadawali);
  • Gujrati –कदम्ब (Kadamb), कदम्बा (Kadamba);
  • Teluguकदंबमु (Kadambamu), तुद्रा (Tudra);
  • Tamil-वेल्लाकदम्ब (Vellakadamb);
  • Bengali-कदम (Kadam), कलम्ब (Kalamb), बोलकदम (Bolkadam);
  • Nepali-कदम (Kadam);
  • Marathi-कदम्ब (Kadamb), कलम्ब (Kalamb);
  • Malayalamअट्टुट्टेक्का (Attuttekka), कटम्पु (Katampu)।
  • English-कदम (Kadam), चायनीज एंथोसिफेलस (Chinese anthocephalus), कॉमन बर-फ्लावर ट्री (Common bur-flower tree)

कदम्ब के फायदे (Benefits and Uses of Kadamb Tree in Hindi)

कदम्ब के अनगिनत गुणों के आधार पर इसके फायदे भी अनगिनत हैं। चलिये अब जानते हैं कि कदम्ब (kadamba flower)अपने गुणों के आधार पर किन-किन बीमारियों में कैसे काम आता है-

आंखों के बीमारी के लिए कदम्ब के फायदे (Uses of Kadamba Tree to Treat  Eye Disease in Hindi)

अक्सर दिन भर काम करने के बाद आँखों में दर्द होने की शिकायत होती है। कदम्ब के तने के छाल को पीस-छानकर, उससे प्राप्त रस को आँखों के बाहर चारों तरफ लगाने से आँखों का दर्द कम होता है।

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पूयदंत में फायदेमंद कदम्ब (Kadam Fruit for Pyrrohoea in Hindi)

कदम्ब के पत्तों का काढ़ा बनाकर गरारा करने से मुँह की बदबू तथा पूयदंत (पाइरिया)आदि बीमारियों में फायदा पहुँचता है।

मुँह के छालों से दिलाये राहत कदम्ब  (Benefits of Kadamba Plant to Get Relieve from Mouth Ulcer in Hindi)

अक्सर शरीर में पोषण की कमी या असंतुलित खान-पान के कारण मुँह में छाले पड़ जाते हैं। कदम्ब के पत्तों का काढ़ा बनाकर गरारा करने से मुंह के छालों से राहत मिलती है।

और पढ़े: मुँह के छालों में आलू के फायदे

मूत्र संबंधी बीमारी में फायदेमंद कदम्ब (Kadambu Benefits in Dysuria in Hindi)

मूत्र संबंधी बीमारी में मूत्र करते वक्त दर्द होना, जलन होना या रुक-रुक कर पेशाब आने जैसी समस्या होती है तो कदम्ब का सेवन बहुत काम आता है।

विदारीकंद, कदंब छाल तथा ताड़ फल के पेस्ट एवं काढ़े में पकाए हुए दूध एवं घी को 5-10 मिली की मात्रा में  सेवन करने से  मूत्रकृच्छ्र (दर्द सहित मूत्र त्याग) में लाभ होता है।

खाँसी से दिलाये राहत कदम्ब (Kadam Beneficial in Cough in Hindi)

अगर खाँसी से राहत नहीं मिल रहा है तो कदम्ब का इस तरह से सेवन बहुत लाभप्रद होता है। 5-10 मिली कदम्ब के तने के छाल का काढ़ा पीने से कास या खाँसी में लाभ होता है।

और पढ़े: लोकाट से खाँसी का इलाज

कदम्ब का उपयोगी भाग (Useful Part of Kadam in Hindi)

आयुर्वेद में कदम्ब के पत्ते ,फूल , जड़ और तने के छाल के काढ़े का ज्यादा प्रयोग किया जाता है।

कदम्ब का सेवन कैसे करना चाहिए (How to Use Kadam Fruit in Hindi)

बीमारी के लिए कदम्ब के सेवन और इस्तेमाल का तरीका पहले ही बताया गया है। अगर आप किसी ख़ास बीमारी के इलाज के लिए कदम्ब का उपयोग कर रहे हैं तो आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह ज़रूर लें।

कदम्ब कहां पाया या उगाया जाता है ?(Where is Kadamb Tree is Found or Grown in hindi?)

भारत में कदम्ब हिमालय के निचले भागों में तथा दक्षिण में उत्तरी-पश्चिमी घाट में पाया जाता है। सड़क के किनारे तथा बाग-बगीचों में सजाने वाले पेड़ के रुप में प्राय: इसको लगाया जाता है।

आचार्य श्री बालकृष्ण

आचार्य बालकृष्ण, आयुर्वेदिक विशेषज्ञ और पतंजलि योगपीठ के संस्थापक स्तंभ हैं। चार्य बालकृष्ण जी एक प्रसिद्ध विद्वान और एक महान गुरु है, जिनके मार्गदर्शन और नेतृत्व में आयुर्वेदिक उपचार और अनुसंधान ने नए आयामों को छूआ है।

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