सिर दर्द आम रोगों में से एक है। यह रोग किसी भी प्रकृति के व्यक्ति को किसी भी कारण से हो सकता है। लेकिन क्या आपने कभी ये सोचा है कि बार-बार सिरदर्द होने के पीछे कारण क्या है? क्या सिर दर्द से छुटकारा पाया जा सकता है? जीवनशैली और खान-पान सिर दर्द होने का सबसे बड़ा कारण बन चुका है, कम समय में ज्यादा पाने की इच्छा, खराब लाइफस्टाइल और टेक्नोलॉजी का ज्यादा इस्तेमाल सिरदर्द को जन्म दे रहा है। आम तौर पर लोग सिर दर्द से राहत पाने के लिए सबसे पहले घरेलू नुस्ख़ों (Home remedies for headache) को ही अपनाते हैं जिससे जल्दी और आसानी से आराम मिल जाये।
सिर दर्द के घरेलू नुस्ख़े असरदार भी होते है और इनका सेवन अगर सही तरीके से और संतुलित मात्रा में किया जाय तो इनका साइड इफेक्ट भी कम होता है और सिर दर्द से छुटकारा पाने में आसानी होती है। इसलिए लोग डॉक्टर के पास जाने से पहले सिर दर्द से छुटकारा या आराम पाने के लिए घरेलू नुस्ख़े या आयुर्वेदिक उपचारों का सहारा लेते हैं।
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सिर में किसी कारणवश दर्द होना सिर दर्द कहलाता है। सिर में दर्द जब हल्का-हल्का शुरु होता है और धीरे-धीरे बढ़कर जब असहनीय अवस्था में पहुँच जाता है तब उस दर्द को सिर दर्द समझना चाहिए। सिर दर्द सिर के किसी भी हिस्से में होने वाला दर्द है। सिर दर्द सिर के एक या दोनों तरफ हो सकते हैं। यह सिर में एक बिन्दु से शुरु होकर पूरे सिर में फैल जाता है या किसी एक निश्चित स्थान पर होने लगता है। यह दर्द सिर में सनसनी पैदा करने वाले तेज दर्द या हल्के दर्द के रुप में दिखाई दे सकता है, सिर दर्द धीरे-धीरे या अचानक उत्पन्न हो सकते हैं और एक घण्टे से लेकर कई दिनों तक रह सकता है। सिर दर्द से छुटकारा पाने के लिए घरेलू नुस्खों को अपना सकते हैं।
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सिर दर्द आम बीमारी तो है लेकिन इसके होने के पीछे बहुत सारे कारण होते हैं। तो सिर दर्द होने के कारण को सरल तरीके से समझने के लिए चलिये इसको दो भागों में विभाजित करते हैं, एक आम कारण और दूसरा किसी बीमारी के होने के कारण।
सिर दर्द होने के आम कारणों में है-
हमारी अस्वस्थ आदतें और खान-पान में अनियमितता ही सिरदर्द होने के प्रमुख कारण होते हैं-
1- आहार के कारण
बहुत मिर्च और मसालेदार खाना खाने से, नाश्ता, लंच या डिनर में से कुछ खा न पाना यानि अत्यधिक देर तक भूखे रहने से या जंक फूड खाने से पेट में जलन व गैस बनने की समस्या होती है। ज्यादा देर तक खाली पेट रहने से अधिक गैस बनती है उन्हें सिर दर्द की परेशानी बढ़ाता है, ऐसे खाने से बचना चाहिए जो एसिड बनाते हो, खाना खाने के बाद तुरन्त लेट जाने से गैस्टिक समस्या होती है। सिर दर्द से छुटकारा पाने के लिए डायट पर ध्यान रखना जरूरी होता है।
2- खुशबू (Perfume) के कारण
तेज महक या किसी भी खुशबु से एलर्जी हो सकती है, जिस प्रकार के खुशबू से परेशानी हो उससे दूर रहने की कोशिश करनी चाहिए। सिर दर्द से छुटकारा पाने के लिए खुशबू पर भी ध्यान रखना जरूरी होता है।
3- कैफीन का ओवरडोज
कुछ खाद्द पदार्थों के सेवन करने से शरीर में कैफीन की मात्रा बढ़ जाती है जो सिर दर्द का कारण बन जाता है, जैसे-कोलड्रिंक, कॉफी, लिकर आदि। इसके अलावा जिन द्रव्यों में मोनो सोडियम ग्ल्यूमेट हो, जैसे प्रोसेस्ड मीट, फर्मेन्टड फूड, रेड वाईन, सिट्रस फ्रूट आदि का सेवन ज्यादा करने से सिर दर्द बढ़ जाता है। सिर दर्द से छुटकारा पाने के लिए कैफीन के मात्रा पर ध्यान रखना जरूरी होता है।
4- ज्यादा ठण्डे आहार का सेवन
ज्यादा ठण्डे पदार्थों के सेवन से भी सिर दर्द की उत्पत्ति हो सकती है। ज्यादा ठण्डे पदार्थों के सेवन से शरीर में रक्त का प्रवाह ठीक प्रकार से नहीं हो पाता है। ठण्ड के कारण सिर की नसें सिकुड़ जाती हैं जो सिर दर्द होने का कारण बन जाता है। सिर दर्द से छुटकारा पाने के लिए ज्यादा ठंडा खाना खाना नहीं चाहिए।
5- कम मात्रा में पानी का सेवन
जब शरीर में पानी की मात्रा कम हो जाती है तो शरीर के अन्दर के विषाक्त तत्व शरीर से बाहर नहीं निकल पाते हैं जिसके कारण सिर दर्द होना शुरू होता है। सिर दर्द से छुटकारा पाने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी पीनी चाहिए।
6- गर्भनिरोधक गोली लेने से
गर्भनिरोधक गोली लेने से शरीर के अन्तर्गत हारर्मोन्स में बदलाव आने से सिर पर दर्द होता है। सिर दर्द से छुटकारा पाने के लिए इन गोलियों के कारण हुए साइड इफेक्ट पर ध्यान देनी चाहिए।
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सिर दर्द की समस्या कुछ लोगों को बार-बार तंग करती है। आमतौर पर सिरदर्द दो तरह का होता है, प्राइमरी और सेकेंडरी। प्राइमरी में सिर दर्द की असल वजह पता नहीं चलती। वही सेकेंडरी में दर्द किसी शारीरिक समस्या की वजह से होता है। अगर इस तरह के दर्द को नजर अंदाज कर दिया जाएं तो इससे कोई बड़ी बीमारी हो सकती है। इसलिए बेहतर होगा कि इसके संकेतो को अच्छे से पहचान लिया जाएं। आज हम आपको कुछ ऐसे ही संकेतों के बारे में बताएंगे, जिनकी वजह से सिर दर्द हो सकता है।
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आयुर्वेद के अनुसार शरीर में वात, पित्त और कफ के मिश्रित असंतुलन या प्रधानता या एकल के प्रधानता के कारण सिर में दर्द होता है। तीनों ही दोषों के कारणों से शिर में पीड़ा होती है। परन्तु हर एक दोष की प्रधानता के कारण सिर में दर्द होगा।
वात के कारण होने वाले सिरदर्द के लक्षण
बिना किसी कारण सिर में दर्द होता है।
रात के समय में यह पीड़ा विशेष रुप से होती है।
सिर को बांधने से शान्ति मिलती है।
पित्त के कारण होने वाले सिरदर्द के लक्षण
सिर में जलन और दर्द होती है।
आँखों में जलन होती है।
ठंडा उपचार या ठंडे पानी से नहाने से शांति मिलती है।
कफ के कारण होने वाले सिरदर्द के लक्षण
सिर एवं गला कफ से भरा हुआ महसूस होता है।
आँख और चेहरा सूजा हुआ होता है।
आम तौर पर सिर दर्द कई प्रकार के होते हैं, जैसे-
यह एक स्वयं होने वाली बीमारी है जो सिर के अन्दर-संवेदी संरचनाओं की अतिक्रियशिलता या उसमें उत्पन्न समस्याओं के कारण होते हैं, इनमें रक्त वाहिकाएँ माँसपेशियाँ, सिर और गर्दन की नसें शामिल हैं, ये मस्तिष्क की रसायनिक गतिविधि में होने वाले बदलाव का परिणाम भी हो सकता है।
माइग्रेन :
इसे सामान्य भाषा में अर्धकपारी या अर्धाशिश भी कहते हैं, एक प्रकार का सिरदर्द का रोग है, इस रोग में सिर के एक भाग में जबरदस्त दर्द होता है। आमतौर पर सिरदर्द एक हिस्से को प्रभावित करता है और इसकी प्रकृति धुकधुकी जैसी होती है जो 2 से लेकर 72 घंटों तक बना रहता है। संबंधित लक्षणों में मितली, उल्टी, फोटोफोबिया (प्रकाश के प्रति अतिरिक्त संवदेनशीलता), फोनोफोबिया (ध्वनि के प्रति अतिरिक्त संवेदनशीलता) शामिल हैं और दर्द सामान्य तौर पर शारीरिक गतिविधियें से बढ़ता है।
माइग्रेन सिरदर्द से पीड़ित एक तिहाई लोगें को ऑरा के माध्यम इसका पूर्वाभास हो जाता है, जो कि क्षणिक दृष्य, संवेदन, भाषा या मोटर (गति पैदा करने वाली नसें) अवरोध होता है और यह संकेत देता है कि शीघ्र ही सिरदर्द होने वाला है। माना जाता है कि माइग्रेन पर्यावरणीय और आनुवांशिकीय कारकों के मिश्रण से होते हैं। लगभग दो तिहाई मामले पारिवारिक ही होते हैं। अस्थिर हार्मोन स्तर भी एक भूमिका निभा सकते हैं। माइगेन यौवन पूर्व की उम्र वाली लड़कियों को लड़कों की अपेक्षा थोड़ा अधिक प्रभावित करता है लेकिन पुरुषों की तुलना में महिलाओं को दो से तीन गुना अधिक प्रभावित करता है। आम तौर पर गर्भावस्था के दौरान माइग्रेन की प्रवृत्ति कम होती है।
माइग्रेन की सटीक क्रियाविधि की जानकारी नहीं है। हालांकि इसको न्यूरोवेस्कुलर विकार माना जाता है। प्राथमिक सिद्धांत सेरेब्रल कॉर्टेक्स (प्रमस्तिष्की आवरण) की बढ़ी हुई उत्तेजना तथा ब्रेनस्टेम (रीढ़ के पास का मस्तिष्क का हिस्सा) के ट्राइगेमिनल न्यूक्लियस (त्रिपृष्ठी नाभिक) में न्यूरॉन्स दर्द के असामान्य नियंत्रण से संबंधित है।
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आरंभिक अनुशंसित प्रबंधन में, सिरदर्द के लिये सामान्य दर्दनाशक दवाएं जैसे आइब्युप्रोफेन और एसिटामिनोफेन, मितली और शुरुआती समस्याओं के लिये मितलीरोधी दवायें दी जाती है। जहां पर सामान्य दर्दनाशक दवाएं प्रभावी नहीं होती हैं वहां पर विशिष्ट एजेन्ट जैसे ट्रिप्टन्स या एरगोटामाइन्स का उपयोग किया जा सकता है। आयुर्वेद में इसे अर्धावभेदक कहा गया है।
माइग्रेन का वैज्ञानिक कारण मरीज के सिर की ब्लड वेसल्स यानी खून की नलियों का फैल जाना और उसके बाद उसमें कुछ खास तरह के केमिकल्स का स्राव होना है। ये केमिकल्स नर्व फाइबर्स यानी तंत्रिका रेशों द्वारा पड़ने वाले दबाव की वजह से निकलते हैं। दरअसल, जब सिरदर्द के दौरान कोई आर्टरी या ब्लड वेसल फैल जाती है तो वह नर्व फाइबर्स पर दबाव डालती है। इस दबाव की वजह से केमिकल रिलीज होते हैं, जिससे ब्लड वेसल्स में सूजन, दर्द और फैलाव होने लगता है। इस स्थिति में मरीज को बहुत तेज सिरदर्द होता है।
एलर्जी, टेंशन, तेज रोशनी, तेज सुगंध, तेज आवाज, धुआं, सोने का तय वक्त न होना, व्रत, ऐल्कोहल, अनियमित पीरियड्स, बर्थ कंट्रोल पिल्स, हॉर्मोनल चेंज, इसके अलावा मछली, मूंगफली, खट्टे फल और अचार के सेवन से भी यह दर्द हो सकता है।
लक्षण :
क्लस्टर सिर दर्द :
यह रेयर प्रकार का प्राथमिक सिर दर्द है यह दर्द बहुत बार पुरुषों को प्रभावित करते हैं, यह दर्द कभी भी और किसी कारण से होता है।
लक्षण-
इस दर्द में पीड़ा के साथ जलन भी होती है।
इस रोग में दर्द सिर के किसी भी भाग में हो सकता है, चेहरे, सिर और गर्दन आदि।
जिस आँख में दर्द है उसी आँख से पानी भी निकलने लगता है।
जिस आँख में प्रभावित है उसी आँख की पलक गिर जाती है।
एक नाक से कफ निकला रहता है।
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तनाव सिर दर्द (Tension type)
सिर दर्द का सबसे आम कारण लम्बे समय तक तनाव या परेशानी है। यह सिर, गर्दन और आँखों के पीछे हल्के, मध्य या तीव्र दर्द का कारण बन सकता है।
लक्षण-
माध्यमिक सिर दर्द के लक्षण तब दिखाई देते हैं जब सिर की संवेदनशील नसों को कोई अन्य कारक उत्तेजित करता है दूसरे शब्दों में किसी अन्य वजह से सिर दर्द होता है।
इनमें शराब से होने वाला हैंगओवर, बेन ट्यूमर, रक्त का थक्का, काला मोतिया, रात में दाँत कटकटाना आदि। इनसे होने पर इलाज (sir dard ka ilaj) जरूरी होता है।
अब तक आपने सिर दर्द या माइग्रेन होने के लक्षण और कारणों के बारे में जाना। लेकिन अपने रोजर्मरा के जीवन में कुछ बदलाव लाने पर आम समस्याओं के कारण जो सिर दर्द और माइग्रेन (how to overcome migraine) होता है उसको होने से रोक सकते हैं, जैसे समय पर सोना या खाना आदि। चलिये ऐसे ही कुछ आसान उपायों के बारे में जानते हैं-
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आम तौर पर सिर दर्द से राहत पाने के लिए घरेलू नुस्ख़ों को ही अपनाया जाता है। इनमें वह चीजें होती हैं जो आसानी से घर में मिला जायें या उसको इस्तेमाल करने का तरीका (sir dard ka ilaj) आसान हो। चलिये इनके बारे में विस्तृत से जानते हैं।
पैर को गर्म पानी में डुबोकर रखने से भी सिर दर्द से राहत मिलती है। पैर को गर्म पानी में डुबोने से सिर की रक्त वाहिनियों में दबाव कम होता है। अगर दर्द ज्यादा हो तो आप पानी में सरसों का तेल भी मिला सकते है (sir dard ka ilaj)।
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बर्फ की ठण्डक सूजन को दूर करती है और सिर के दर्द के इलाज (sar dard ki dawa in hindi) के लिए दवा की तरह काम करता है और कष्ट से आराम दिलाता है।
तनाव (tension headache home remedies) के कारण होने वाले सिर दर्द में सिर के तैल से मालिश करें। ये सिरदर्द का इलाज (sir dard ka ilaj)होता है।
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अदरक के अन्दर ए, सी और बी काम्प्लैक्स, विटामिन्स, मैग्नीशियम, फास्फोरस, पोटेशियम, सिलिकॉन, सोडियम, लौह, जस्ता, कैल्शियम और वीटा- कैरोटीन आदि का अच्छा स्रोत है। रिसर्च में देखा गया है कि अदरक की प्रोस्टाग्लैडीन को रक्त वाहिनियों में दर्द और सूजन पैदा करने से रोकने की क्षमता की वजह से यह माइग्रेन-पीड़ित व्यक्ति को माइग्रेन के दर्द से राहत (sir dard ka ilaj) दिलाने में सहायक है।
इस्तेमाल करने का तरीका
पुदीने में मैगनीज तांबा और विटामिन सी का एक अच्छा स्रोत है। इसके अलावा यह एंटी ऑक्सीडेंट, जीवाणुरोधी, एंटी वायरल आदि गुणों की वजह से भी जाना जाता है। इसमें एनलजेसिक प्रभाव होते है जो दर्द कम करने में सक्षम होते है यह रक्त प्रवाह में भी सुधार लाता है और तनाव ग्रस्त मांसपेशियों को शान्त करता है। मेथोल और मेंथोन पुदीने के सबसे मुख्य घटको में से एक है जो सिर दर्द (sar dard ki dawa in hindi) के लिए बेहद प्रभावशाली है।
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इस्तेमाल करने का तरीका
पुदीने की मुट्ठीभर पत्तियों के जूस को माथे पर कुछ देर लगाकर रखें, इस तरह आपके सिर के दर्द का इलाज (sar dard ki dawa in hindi) बहुत ठीक होगा।
तुलसी मांसपेशियों को आराम देने की तरह काम करती है। थकी हुई मांसपेशियों के कारण होने वाले सिर के दर्द का इलाज (sar dard ki dawa in hindi) करने में तुलसी बेहद लाभदायक होती है। इसके साथ ही इसमें आराम देने और एनाल्जेसिक के प्रभाव भी मौजूद होते हैं।
इस्तेमाल करने का तरीका
सिर दर्द से छुटकारा पाने के लिए एक कप पानी में सबसे पहले तीन या चार तुलसी की पत्तियों को कुछ मिनट तक उबालने के लिए रख दें। इसमें कुछ मात्रा में शहद भी मिलाकर चाय को पी सकते हैं। एक कटोरे के पानी में एक चम्मच तुलसी की पत्तियां या कुछ बूँदें तुलसी के तेल की डाल लें और फिर उस पानी से भाप लेने की कोशिश (sir dard ka ilaj) करें। ये घरेलू नुस्खा दवा (sar dard ki dawa in hindi) की तरह काम करता है।
सिर दर्द से छुटकारा पाने के लिए कुछ तुलसी की पत्तियों को चबाएं या तुलसी के तेल को किसी आवश्यक तेल के साथ मिलाकर माथे पर मसाज करें। इससे दवा (sar dard ki dawa in hindi) की तरह तुरन्त आराम मिलता है।
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सिर दर्द से छुटकारा पाने के लिए लैवेंडर के तेल को सूंघने से आपको सिर दर्द की समस्या से बेहद आराम (sir dard ka ilaj) मिलता है। एक रिसर्च के अनुसार लैवेंडर का तेल माइग्रेन के लक्षणों को भी ठीक करने में मदद करता है।
इस्तेमाल करने का तरीका
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नींबू के छिलके को पीसकर सिर पर लेप करने से सिर दर्द की दवा (sar dard ki dawa in hindi)की तरह आराम देता है।
सिर दर्द से छुटकारा पाने के लिए बादाम तैल में केसर मिलाकर दिन में 3 बार सूँघने से दर्द (sir dard ka ilaj) कम हो जायेगा। यह कई वैद्यों द्वारा प्रयोग किया गया उत्तम नुस्खा (sar dard ki dawa in hindi) दवा की तरह काम करता है।
सिर दर्द से छुटकारा पाने के लिए लौंग पीसकर, हल्का गर्म करके, जिस भाग में दर्द (sir dard ka ilaj) हो उसमें लगाएँँ। सिर दर्द की ये दवा (sar dard ki dawa in hindi) लेने से जल्दी आराम मिलता है।
सिर दर्द से छुटकारा पाने के लिए राई को पीसकर माथे पर लगाने से सिरदर्द में लाभ(sir dard ka ilaj) मिलता है।
सिर दर्द से छुटकारा पाने के लिए नारियल की सूखी गिरी 25 ग्रा., मिश्री 25 ग्रा., को सूर्य उगने से पहले खाने से सिरदर्द बन्द (sir dard ka ilaj)हो जाता है। ये घरेलू नुस्खा दवा (sar dard ki dawa in hindi) की तरह काम करता है।
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आम तौर पर सिर दर्द को आम बीमारी माना जाता है लेकिन जब इसके लक्षण जटिल हो जाये और एक हफ़्ते से ज्यादा दिनों तक सिर दर्द कम नहीं हो रहा है तो डॉक्टर से सलाह लेकर सिरदर्द की दवा (sar dard ki dawa in hindi) लेनी चाहिए। सिर दर्द से छुटकारा पाने के लिए डॉक्टर से बात करना जरूरी होता है।
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