Categories: जड़ी बूटी

गुड़हल के फायदे, नुकसान और औषधीय गुण (Gudhal ke Fayde, Nuksan aur Aushadhiya Gun)

गुड़हल (Gudhal) के फूल को आपने देखा होगा। गुुड़हल के फूल को अड़हुल का फूल भी बोलते हैं। अधिकांशतः गुड़हल के फूल का इस्तेमाल पूजा-पाठ आदि कामों के लिए किया जाता है, लेकिन क्या आप यह जानते हैं कि गुड़हल के फूल का सेवन भी किया जाता है, और रोगों के इलाज में भी गुड़हल के फूल के फायदे (gudhal ke fayde) मिलते हैं।

आयुर्वेद में गुड़हल के फूल (gudhal ke phool) को एक बहुत ही उत्तम औषधि बताया गया है। पतंजलि के अनुसार, गंजेपन की समस्या, बालों को बढ़ाने में अड़हुल से फायदे मिलते हैं। इतना ही नहीं कई गंभीर बीमारियों के उपचार के लिए अड़हुल का उपयोग किया जाता है। आइए जानते हैं।

Contents

गुड़हल क्या है ?(What is Gudhal in Hindi?)

गुड़हल के फूल (gudhal ka phool) घंटाकार होते हैं। इसे बाग-बगीचे, घर और मंदिरों में लगाया जाता है। गुड़हल का फूल इकहरा, दोहरा, तिहरा, लाल, सफेद या सफेद लाल, बैंगनी, पीला, नारंगी इत्यादि कई रंगों का होता है। इसकी केसर बाहर निकली हुई होती है। सफेद, और सफेद तथा लाल रंग वाला गुड़हल फूल विशेष गुणकारी होता है।

गुड़हल की मुख्यतया दो प्रजातियां होती हैं।

  • जपा बड़ी (Hibiscus rosa-sinensis Linn.)
  • जपा छोटी (Malvaviscus arboreus Cav.)।

अन्य भाषाओं में गुड़हल के नाम (Gudhal Called in Different Languages)

गुड़हल का वानस्पतिक नाम हिबिस्कस रोजा-सायनेन्सिस (Hibiscus rosa-sinensis Linn., Syn-Hibiscus festalis Salisb. है, और यह मालवेसी (Malvaceae) कुल से है। अड़हुल के अन्य नाम ये भी हैंः-

Gudhal in –

  • Hindi – जवा, ओड्रहुल, अढ़ौल, गुड़हल, जवाकुसुम, अड़हुल
  • English – शू फ्लावर (Shoe Flower), रोज मैलो (Rose mallow), रोज आफ चाइना (Rose of china), गार्डन हिबिस्कस (Garden hibiscus), चाइना रोज (China rose)
  • Sanskrit – औड्रफूल, जपा, अरुण, प्रतिका, अर्कप्रिया, हरिवल्लभ, त्रिसन्ध्या
  • Oriya – मोनदरो (Mondaro), ओडोफूलो (Odophulo)
  • Kannada – दासणिगे (Dasnigae), दसवला (Dasavala)
  • Gujarati – जासुद (Jasud), जासूवा (Jasuva)
  • Telugu – दासनी (Dasani), दासनमु (Dasanamu)
  • Tamil – सेम्बारुट्टी (Sembarattai), सेवारट्टी (Sevarattai)
  • Bengali – ओरु (Oru), जुबा (Joba)
  • Nepali – जपा कुसुम (Japa kusum), गुड़हल (Gudahal)
  • Marathi – जास्वन्द (Jasavanda), जासवन्दी (Jassvandi)
  • Malayalam – चेम्पारट्टी (Chemparatti), शेम्पारट्टी (Shemparatti)
  • Arabic – अंघारे हिन्दी (AngharaeHindi)
  • Persian – अंगारेहिन्दी (AngaraeHindi)

गुड़हल के फायदे (Gudhal Benefits and Uses in Hindi)

गुड़हल के फूल के फायदे (gudhal ke fayde) बहुत सारे हैं। गुड़हल के औषधीय प्रयोग, इस्तेमाल की मात्रा एवं विधियां ये हैंः-

नींद न आने की परेशानी में गुड़हल से लाभ (Hibiscus Flower Benefits in Fighting with Insomnia in Hindi)

गुड़हल के 100 फूल लें। हरे डंठल को तोड़कर पंखुड़ियों को नींबू के रस में भिगो लें। इसे कांच के बर्तन में रात किसी खुले स्थान पर रख दें। सुबह इसे मसलकर छान लें। इसमें 650 ग्राम मिश्री या चीनी, तथा 1 बोतल उत्तम गुलाब जल मिला लें। इसे दो बोतलों में बंद कर धूप में दो दिन तक रखें। इस दौरान बोतल को हिलाते रहें। मिश्री अच्छी तरह घुल जाने पर शरबत बन जाता है। इसे 15 से 40 मिली की मात्रा में पीते रहने से नींद न आने की परेशानी में लाभ होता है।

बालों को बढ़ाने में गुड़हल के फायदे (Hibiscus leaves Uses in Hair Fall Problem in Hindi)

  • गुड़हल के पत्तों को पीसकर लुग्दी बना लें। इसे बालों में लगाएं। दो घंटे बाद बालों को धोकर साफ कर लें। इस प्रयोग को नियमित रूप से करने से बालों को पोषण मिलता है, और सिर भी ठंडा रहता है।
  • गुड़हल के ताजे फूलों (gudhal ke phool) के रस में बराबर मात्रा में जैतून का तेल मिलाकर आग में पका लें। जब तेल केवल रह जाए तो शीशी में भरकर रख लें। रोजाना बालों में मल कर जड़ों तक लगाने से बाल चमकीले और लम्बे होते हैं।
  • अड़हुल के फूल और भृंगराज के फूल को भेड़ के दूध में पीसकर लोहे के बर्तन में रखें। सात दिन बाद निकालकर भृंगराज के पंचांग के रस में मिलाएं। इससे बाल धोने से बाल काले हो जाते हैं।
  • लौह भस्म, आंवला चूर्ण तथा जपा के फूल (jaba phool) से बने पेस्ट से सिर में लेप करने से बाल लम्बे समय तक काले रहते हैं।
और पढ़ें: बालों की समस्या में आंवले के फायदे

रूसी (डैंड्रफ) की समस्या में गुड़हल के फायदे (Hibiscus Flower Benefits in Dandruff Treatment in Hindi)

आप रूसी की समस्या से छुटकारा पाने के लिए भी गुड़हल के फायदे ले सकते हैं। गुड़हल के फूल के रस में बराबर मात्रा में तिल का तेल मिला लें। इसे उबालें। तेल बाकी रहने पर उतारकर छान लें। इसे शीशी में भर लें। इस तेल को लगाने से रूसी (डैंड्रफ) खत्म हो जाता है।

और पढ़ेंखादिर के प्रयोग से रुसी का इलाज

गंजेपन की समस्या में गुड़हल के फायदे (Uses of Arhul to Cure Baldness in Hindi)

गाय के मूत्र में गुड़हल के फूलों को पीसकर सिर में लगाने से बाल बढ़ते हैं। इससे गंजापन दूर होता है।

और पढ़ेगंजेपन में सारिवा के फायदे

याददाश्त बढ़ाने के लिए गुड़हल का उपयोग (Hibiscus Leaves Benefits in Increasing Memory power in Hindi)

गुड़हल के फूलों और पत्तों को बराबर मात्रा में लेकर सुखाएं। इसे पीसकर पाउडर बना लें और शीशी में भर लें। एक चम्मच की मात्रा में सुबह-शाम पिएं। इसे आपको एक कप मीठे दूध के साथ पीना है। इससे याददाश्त (स्मरण-शक्ति) बढ़ती है।

एनीमिया (खून की कमी) रोग में गुड़हल से लाभ (Hibiscus Powder Uses to Treat Anemia in Hindi)

  • एक चम्मच गुड़हल के फूल के चूर्ण (gudhal powder) को एक कप दूध के साथ सुबह शाम नियमित रूप से सेवन करें। इससे कुछ ही माह में खून की कमी दूर होती है। शरीर में शक्ति मिलती है।
  • गुड़हल (gudhal) की जड़ और फूलों का काढ़ा बना लें। इसे 20-40 मिली की मात्रा में सुबह पीने से गर्भ में पल रहे शिशु का शरीर स्वस्थ रहता है।

और पढ़ेंएनीमिया कम करने के घरेलू उपचार

गर्भधारण रोकने के लिए गुड़हल का गुण लाभदायक (Arhul is Beneficial in Contraceptive in Hindi)

अड़हुल के फूलों के कांजी में पीस लें। इसमें 50 ग्राम तक पुराना गुड़ मिला लें। मासिक धर्म के समय तीन दिन तक खाने से स्त्री गर्भधारण नहीं करती। इसका सेवन चिकित्सक के परामर्श अनुसार ही करें।

और पढ़ेगर्भधारण विकार में शिवलिंगी से लाभ

ल्यूकोरिया के इलाज में गुड़हल से लाभ (Arhul Benefits in Leucorrhoea Treatment in Hindi)

  • दस से बारह जपा फूल (jaba phool) की कलियों को दूध में पीसकर स्त्री को पिलाएं। इसके साथ ही भोजन में दूध का प्रयोग करें। इससे ल्यूकोरिया ठीक होता है।
  • अड़हुल की 4-5 कलियों को घी में तलें। सुबह सात दिन तक मिश्री के साथ खाएं, तथा गाय का दूध पिएं। इससे ल्यूकोरिया में लाभ होता है।
  • अड़हुल (gudhal) पंचांग को रात भर पानी में भिगोकर रख दें। सुबह मसल कर छान लें। इसमें मिश्री मिलाकर पीने से ल्यूकोरिया में लाभ होता है।

मासिक धर्म विकार में गुड़हल से लाभ (Hibiscus Flower Uses to Treat Menstrual Disorder in Hindi)

  • गुड़हल के 100 फूल की पंखुड़ियां लें। इसे नींबू के रस में भिगोकर कांच के बरतन में रात भर के लिए किसी खुले स्थान पर रख दें। सुबह मसलकर छान लें। इसमें 650 ग्राम मिश्री या चीनी तथा 1 बोतल उत्तम गुलाब जल मिलाएं। इसे दो बोतलों में बंद कर धूप में दो दिन तक रखें। इस दौरान बोतल को हिलाते रहें। मिश्री अच्छी तरह घुल जाने पर शरबत बन जाता है। इसके सेवन से अत्यधिक मासिकस्राव में फायदा होता है।
  • गुड़हल (gudhal) के फूलों को घी में तलें। इसे बूरा के साथ मिलाकर खिलाने से भी मासिक धर्म विकारों में लाभ होता है।

सेक्सुअल स्टेमिना बढ़ाने में गुड़हल का फूल फायदेमंद (Benefits of Hibiscus Leaves in Increasing Sexual Stamina in Hindi)

गुड़हल के फूल को छाया में सुखा लें। इसके पत्तों के चूर्ण में बराबर मात्रा में खांड़ मिला लें। इसे 40 दिन तक 6 ग्राम की मात्रा में सेवन करेंं। इससे पुरुषत्व (सेक्सुअल स्टेमना) बढ़ता है।

गुड़हल के औषधीय गुण से मुंह के छाले की बीमारी का इलाज (Arhul Benefits to Treat Mouth Ulcers in Hindi)

गुड़हल की जड़ को साफ करके धो लें। इसे एक-एक इंच के टुकड़ों में काटकर रख लें। दिन में 3-4 बार, एक-एक टुकड़ा चबाकर थूकते जाएं। एक दो दिन में ही मुंह के छाले ठीक हो जाएंगे।

और पढ़ें: मुँह के छाले में लीची के फायदे

गुड़हल के औषधीय गुण से पेट दर्द से आराम (Hibiscus Plant Benefits in Relief from Abdominal Pain in Hindi)

पेट के दर्द को ठीक करने के लिए 5-10 मिली गुड़हल के पत्तों के रस का सेवन करें। इससे पेट के दर्द से आराम मिलता है।

और पढ़ें: पेट की बीमारी में करें एलोवेरा का इस्‍तेमाल

सिर दर्द से आराम पाने के लिए गुड़हल का सेवन (Gudhal Flower Benefits in Relief from Headache in Hindi)

  • गुड़हल के 100 फूल की पंखुड़ियां लें। इसे नींबू के रस में भिगोकर कांच के बरतन में रात भर के लिए किसी खुले स्थान पर रख दें। सुबह मसलकर छान लें। इसमें 650 ग्राम मिश्री या चीनी तथा 1 बोतल उत्तम गुलाब जल मिलाएं। इसे दो बोतलों में बंद कर धूप में दो दिन तक रखें। इस दौरान बोतल को हिलाते रहें। मिश्री अच्छी तरह घुल जाने पर शरबत बन जाता है। इसे 15 से 40 मिली तक की मात्रा में पीते रहने से सिर दर्द से राहत मिलती है।
  • गुड़हल (gurhal) के पत्तों तथा फूलों को पानी में पीसकर सूजन और दर्द वाले स्थान पर लगाएं। इससे सूजन और दर्द से आराम मिलता है।

और पढ़ें: सिर के दर्द में एलोवेरा का प्रयोग फायदेमंद

बुखार में गुड़हल के सेवन से लाभ (Hibiscus Plant Benefits in Fighting with Fever in Hindi)

  • बुखार को ठीक करने के लिए 10-20 मिली गुड़हल की जड़ और पत्ते का काढ़ा सेवन करें। इससे बुखार ठीक होता है।
  • इसी तरह 5-10 ग्राम गुड़हल के फूल के पेस्ट में चीनी मिलाकर सेवन करने से बुखार उतर जाता है।

और पढ़ें: बुखार उतारने के लिए गिलोय से लाभ

खांसी और जुकाम में गुड़हल के सेवन से फायदा (Arhul Flower Benefits in Cough and Cold Problem in Hindi)

  • खांसी और जुकाम के इलाज के लिए 15 मिली गुड़हल की जड़ का रस निकाल लें। इसे दिन में 4 बार सेवन करें। इससे खांसी तथा जुकाम में लाभ मिलता है।
  • गुड़हल (gurhal) की जड़ का काढ़ा बनाएं। इसे 10-30 मिली की मात्रा में शहद मिलाकर पीने से खांसी में लाभ होता है।
  • गुड़हल के फूल के काढ़ा का सेवन करने से कफ निकलता है। इससे कफज-विकार ठीक होता है।

और पढ़ें: मुलेठी के फायदे खांसी या सूखी खांसी में

सांसों की नली की सूजन में गुड़हल का सेवन लाभदायक (Benefits of Gudhal Flower in Bronchitis in Hindi)

सांसों की नली में सूजन होने पर गुड़हल के फूल का काढ़ा बनाएं। इसे 15-30 मिली की मात्रा में सेवन करने से सांस की नली की सूजन ठीक हो जाती है।

आंखों की जलन में अड़हुल का औषधीय गुण लाभदायक (Benefits of Hibiscus Flower in Eye irritation in Hindi)

गुड़हल के 100 फूल की पंखुड़ियां लें। इसे नींबू के रस में भिगोकर कांच के बरतन में रात भर के लिए किसी खुले स्थान पर रख दें। सुबह मसलकर छान लें। इसमें 650 ग्राम मिश्री या चीनी तथा 1 बोतल उत्तम गुलाब जल मिलाएं। इसे दो बोतलों में बंद कर धूप में दो दिन तक रखें। इस दौरान बोतल को हिलाते रहें। मिश्री अच्छी तरह घुल जाने पर शरबत बन जाता है। इसे 15 से 40 मिली तक की मात्रा में पीने से आंखों की जलन में लाभ होता है।

दस्त रोकने के लिए गुड़हल का उपयोग (Benefits of Hibiscus Plant to Stop Diarrhea in Hindi)

दस्त को रोकने के लिए 5-10 मिली गुड़हल के पत्ते के रस का सेवन करें। इससे दस्त पर रोक लगती है।

और पढ़ें: अजवाइन के उपयोग से उल्टी-दस्त पर रोक

बवासीर का इलाज करने के लिए अड़हुल का उपयोग (Benefits of Gudhal in Piles Treatment in Hindi)

गुड़हल की कलियों को घी में तलें। इसमें मिश्री और नागकेशर मिलाएं। इसका सुबह-शाम सेवन करने से पेचिश और बवासीर में लाभ होता है।

और पढ़ें:- बवासीर में जामुन के फायदे

नाक से खून बहने पर अड़हुल से लाभ (Benefits of Hibiscus Flower to Stop Nasal Bleeding in Hindi)

गुड़हल के 100 फूल की पंखुड़ियां लें। इसे नींबू के रस में भिगोकर कांच के बरतन में रात भर के लिए किसी खुले स्थान पर रख दें। सुबह मसलकर छान लें। इसमें 650 ग्राम मिश्री या चीनी तथा 1 बोतल उत्तम गुलाब जल मिलाएं। इसे दो बोतलों में बंद कर धूप में दो दिन तक रखें। इस दौरान बोतल को हिलाते रहें। मिश्री अच्छी तरह घुल जाने पर शरबत बन जाता है। इसे 15 से 40 मिली तक की मात्रा में पीने से नाक से खून बहना रुक जाता है।

सुजाक रोग में गुड़हल का औषधीय गुण फायदेमंद (Gudhal Flower Uses in Gonorrhea Treatment in Hindi)

  • गुड़हल (gurhal) की 11 पत्तियों को साफ जल में पीसकर छान लें। इसमें यवक्षार 8 ग्राम व मिश्री 25 ग्राम मिलाएं। इसकी थोड़ी-थोड़ी मात्रा को सुबह-शाम दो बार पीने से सुजाक में लाभ होता है। पहले दिन 1 फूल, दूसरे दिन दो फूल खाएं। ऐसा दस दिनों तक करें। फूल को बतासे या मिश्री के साथ खाएं। इसी तरह 1-1 फूल घटाते हुए दसवें दिन 1 फूल खाएं। इस दौरान स्वस्थ भोजन करें। नुकसान पहुंचाने वाली चीजों से परहेज करें। इससे सुजाक में लाभ होता है।

सफेद दाग में अड़हुल के औषधीय गुण से लाभ (Benefits of Gudhal Flower in Leucoderma Treatment in Hindi)

  • सफेद दाग के इलाज के लिए अड़हुल के चार फूलों को सुबह शाम 2 वर्ष तक सेवन करें। इससे सफेद दाग में लाभ होता है।
  • जपा फूल (jaba phool) की जड़ के चूर्ण में बराबर-बराबर मात्रा में कमल के फूल की जड़ का चूर्ण मिलाएं। इसमें सफेद सेमल की छाल का चूर्ण मिलाएं। इसे 2-3 ग्राम की मात्रा में जल के साथ सेवन करें। इससे सफेद दाग का इलाज होता है।

ह्रदय संबंधित रोगों में अड़हुल के सेवन से लाभ (Gudhal Flower is Beneficial for Healthy Heart in Hindi)

ह्रदय रोगों को ठीक करने के लिए गुड़हल (arhul flower) के 100 फूल लें। इसे शीशे की बरनी में डाल लें। इसमें 20 नींबू निचोड़ कर रात भर रखें। सुबह मसलकर कपड़े से छानकर रस निकाल लें। रस में 800 ग्राम मिश्री, 200 ग्राम गुले गाजबान का अर्क, 200 मिली मीठे अनार का रस, तथा 200 मिली संतरे का रस मिलाकर धीमी आग पर पकाएं। जब चासनी गाढ़ा हो जाए तो उतार लें। इसमें 250 मिग्रा कस्तूरी, अम्बर 3 ग्राम, केसर, तथा गुलाब अर्क को अच्छी तरह मिलाएं। यह शरबत हृदय तथा मस्तिष्क को शांति देता है।

और पढ़ें: हार्ट ब्लॉकेज के घरेलू उपचार

पाचनतंत्र विकार में अड़हुल के सेवन से फायदा (Benefit of Arhul Flower in Indigestion in Hindi)

गुड़हल के 100 फूल की पंखुड़ियां लें। इसे नींबू के रस में भिगोकर कांच के बरतन में रात भर के लिए किसी खुले स्थान पर रख दें। सुबह मसलकर छान लें। इसमें 650 ग्राम मिश्री या चीनी तथा 1 बोतल उत्तम गुलाब जल मिलाएं। इसे दो बोतलों में बंद कर धूप में दो दिन तक रखें। इस दौरान बोतल को हिलाते रहें। मिश्री अच्छी तरह घुल जाने पर शरबत बन जाता है। इसे 15 से 40 मिली तक की मात्रा में पीने से नाक से खून बहना रुक जाता है।

और पढ़ें: हाजमा बढ़ाये गोखरू का काढ़ा

गुड़हल के उपयोगी भाग (Useful Parts of Gudhal)

गुड़हल (arhul flower) के इन भागों का उपयोग किया जा सकता हैः-

  • फूल
  • फूल की कलियां
  • पत्ते
  • जड़

गुड़हल का इस्तेमाल कैसे करें? (How to Use Gudhal?)

गुड़हल का इस्तेमाल इतनी मात्रा में करना चाहिएः-

  • गुड़हल का रस- 5-10 मिली
  • गुड़हल का पेस्ट- 5-10 ग्राम
  • गुड़हल का काढ़ा- 10-20 मिली

अधिक लाभ के लिए किसी आयुर्वेद चिकित्सक के परामर्शानुसार उपयोग करें।

और पढ़ेंबालों का रूखापन में गुड़हल का फूल फायदेमंद

गुड़हल के साइड इफेक्ट (Gudhal Side Effects)

गुड़हल का अधिक इस्तेमाल करने पर ये नुकसान हो सकता है-

  • अधिक मात्रा में सेवन करने से इससे आंखों में कीड़े होने की संभावना रहती है।
  • ठंडे शरीर (शीत प्रकृति) वाले लोगों वालों के लिए नुकसानदेह होता है।
  • हानि होने पर काली मिर्च व मिश्री का सेवन करना चाहिए।

गुड़हल कहां पाया या उगाया जाता है? (Where is Gudhal Found or Grown?)

गुड़हल (arhul flower) पूरे भारत में पाया जाने वाला एक फूल है। प्रायः यह घरों के आस-पास या बाग-बगीचे में पाया जाता है।

गुड़हल से बने पतंजलि उत्पाद कहां से खरीदें? (Where to Buy Patanjali Hibiscus Powder?)

पतंजलि के गुड़हल से बने सामान खरीदने के लिए यहां क्लिक करें।

और पढ़ें : गंजापन दूर करे जयंती

आचार्य श्री बालकृष्ण

आचार्य बालकृष्ण, आयुर्वेदिक विशेषज्ञ और पतंजलि योगपीठ के संस्थापक स्तंभ हैं। चार्य बालकृष्ण जी एक प्रसिद्ध विद्वान और एक महान गुरु है, जिनके मार्गदर्शन और नेतृत्व में आयुर्वेदिक उपचार और अनुसंधान ने नए आयामों को छूआ है।

Share
Published by
आचार्य श्री बालकृष्ण

Recent Posts

कब्ज से छुटकारा पाने के लिए अपनाएं पतंजलि दिव्य त्रिफला चूर्ण

आयुर्वेदिक ग्रंथों के अनुसार, त्रिफला चूर्ण पेट से जुड़ी समस्याओं के लिए बेहद फायदेमंद है. जिन लोगों को अपच, बदहजमी…

2 years ago

डायबिटीज को नियंत्रित रखने में सहायक है पतंजलि दिव्य मधुनाशिनी वटी एक्स्ट्रा पावर

डायबिटीज की बात की जाए तो भारत में इस बीमारी के मरीजों की संख्या साल दर साल बढ़ती जा रही…

2 years ago

त्वचा से जुड़ी समस्याओं के इलाज में उपयोगी है पतंजलि दिव्य कायाकल्प वटी

मौसम बदलने पर या मानसून सीजन में त्वचा से संबंधित बीमारियाँ काफी बढ़ जाती हैं. आमतौर पर बढ़ते प्रदूषण और…

2 years ago

युवाओं के लिए अमृत है पतंजलि दिव्य यौवनामृत वटी, जानिए अन्य फायदे

यौन संबंधी समस्याओं के मामले में अक्सर लोग डॉक्टर के पास जाने में हिचकिचाते हैं और खुद से ही जानकारियां…

2 years ago

मोटापे से छुटकारा पाने के लिए अपनाएं पतंजलि मेदोहर वटी

पिछले कुछ सालों से मोटापे की समस्या से परेशान लोगों की संख्या तेजी से बढ़ती जा रही है. डॉक्टरों के…

2 years ago

पेट से जुड़े रोगों को ठीक करती है पतंजलि दिव्य गोधन अर्क, जानिए सेवन का तरीका

अधिकांश लोगों का मानना है कि गौमूत्र के नियमित सेवन से शरीर निरोग रहता है. आयुर्वेदिक विशेषज्ञ भी इस बात…

2 years ago