गेंदा (Marigold or genga) के फूल के कई नाम हैं। देश भर में लोग गेंदा को गुल्तोरा, कलग, लालमुरुगा, हजारा, मखमली आदि नामों से भी जानते हैं। गेंदा के पीले-पीले फूल लगभग हर घर में पाए जाते हैं। यह जितना खूबसूरत होता है उतना ही यह आपके शरीर के लिए फायदेमंद भी होता है। आयुर्वेद के अनुसार, गेंदा के कई सारे औषधीय गुण हैं, और यह एक जड़ी-बूटी भी है। आप मोच आने पर, सूजन की समस्या और घाव में गेंदा के इस्तेमाल से फायदे (Marigold or genda benefits and uses) मिलते हैं। इसके अलावा आप, डायबिटीज, सुजाक और मूत्र रोग में भी गेंदा के औषधीय गुण से लाभ मिलता है।
इतना ही नहीं आंखों की बीमारी, नाक से खून बहने पर और कान दर्द सहित सांसों से संबंधित बीमारियों में गेंदा के औषधीय गुण के फायदा मिलता है। खांसी, हाथों-पैरों की त्वचा का फटने और चोट आने पर भी गेंदा से लाभ ले सकते हैं। आइए यहां गेंदा से होने वाले सभी फायदे और नुकसान (Marigold or genda side effects) के बारे में जानते हैं।
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गेंदे का पौधा अपने सुन्दर आकर्षक फूलों और पत्तियों के कारण जाना जाता है। इसके फूल से तेज खुशबू निकलती है, जिसकी वजह से घरों और बगानों में गेंदा के फूलों को लगाया जाता है। फूलों के रंगों में भिन्नता के अनुसार, गेंदा की कई प्रजातियां होती हैं, लेकिन इनमें जो मुख्य रूप से पाया जाता है, वे निम्न हैंः-
(1) हजारा (इसका फूल बड़ा होता है)
(2) सुरनाई
(3) कौकहान (लाल और पीले रंग के दलचक्र वाला)
यहां गेंदा के फायदे और नुकसान की जानकारी बहुत ही आसान भाषा (Marigold or genda benefits and side effects in Hindi) में लिखी गई है ताकि आप गेंदा के औषधीय गुण से पूरा-पूरा लाभ ले पाएं।
गेंदा का वानस्पतिक नाम Tagetes erecta Linn. (टैगेटीज इरेक्टा) Syn-Tagetes excelsa Soule है, और यह Asteraceae (ऐस्टरेसी) कुल का है, गेंदा के अन्य ये भी नाम हैंः-
Marigold in –
गेंदा के आयुर्वेदीय गुण-कर्म एवं प्रभाव ये हैंः-
गेंदा कटु, कषाय, तिक्त, शीत, लघु, रूक्ष और कफपित्तशामक होता है।
गेंदा के औषधीय गुण, प्रयोग की मात्रा एवं विधियां ये हैंः-
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नाक से खून बहने पर भी गेंदा के पौधे के औषधीय गुण से फायदा मिलता है। इसके लिए 1 से 2 बूंद गेंदा के पत्ते के रस को नाक में डालें। इससे नाक से खून बहना बंद हो जाता है।
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सांसों की नलि में सूजन होने पर आप गेंदा से लाभ ले सकते हैं। गेंदा के पौधे से बने 15-20 मिली शीत-कषाय (ठंडे पानी में रात भर रखा गया रस) का सेवन करने से श्वसन नलि में सूजन होने में लाभ होता है।
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कान में दर्द हो तो गेंदा का औषधीय गुण फायदेमंद होता है। 2-2 बूंद गेंदा के पत्ते के रस को कान में डालने से कान का दर्द ठीक होता है।
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खांसी के इलाज के लिए गेंदा के फूल का इस्तेमाल कर सकते हैं। गेंदे के फूल के बीजों की घुंडी (पुष्पधार Receptacle) का चूर्ण बना लें। 2-5 ग्राम चूर्ण में, 10 ग्राम शक्कर और एक चम्मच दही मिलाकर दिन में 3 बार सेवन करें। इससे खांसी और सांसों के रोग में लाभ होता है।
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महिलाएं स्तनों की सूजन की समस्या में गेंदा का उपयोग कर सकते हैं। गेंदे के पत्तों को पीसकर स्तनों पर लगाएं। इसके साथ ही इससे सिकाई करने से स्तनों की सूजन कम होती है।
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सुजाक के उपचार के लिए 10 ग्राम गेंदे के पत्ते और 2 ग्राम काली मिर्च लें। दोनों को एक साथ पीसकर पिएं। इससे सूजाक में लाभ होता है।
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जब हाथ या पैर की त्वचा या एड़ी फट (बिवाई होना) जाए तो गेंदा से फायदा मिलता है। गेंदे के पत्तों का रस वैसलीन में मिलाकर हाथों-पैरों पर मलें। इससे बिवाई और हाथों-पैरों की खुश्की दूर होती है।
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गेंदे के 10 ग्राम पत्तों के रस में मिश्री मिलाकर दिन में तीन बार पिएँ। ने से रुका हुआ पेशाब खुलकर आ जाता है। उपाय करने से पहले किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक से जरूर परामर्श लें।
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5-10 ग्राम गेंदा के फूल को घी में भूनकर दिन में तीन बार दें। इससे मासिक धर्म में अधिक रक्तस्राव या बवासीर के दौरान रक्तस्राव की समस्या में फायदा होता है।
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ततैया ने काट लिया हो तो उसके डंक के असर को कम करने के लिए गेंदा का उपयोग लाभ दिलाता है। गेंदा के पत्ते को पीसकर डंक वाले स्थान पर लगाएं। इससे डंक के कारण होने वाला दर्द आदि दुष्प्रभाव कम हो जाता है।
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20-30 मिली गेंदा के पत्ते के काढ़ा को दिन में दो बार कुछ दिनों तक सेवन करें। इससे पथरी गलकर निकल जाती है। इस काढ़ा से कुल्ला करने से दांतों के दर्द में तुरंत आराम मिलता है।
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गेंदा के इन भागों का इस्तेमाल किया जाता हैः-
गेंदा को इतनी मात्रा में इस्तेमाल करना चाहिएः-
गेंदा के सेवन से ये नुकसान हो सकते हैंः-
इसका अत्यधिक प्रयोग हानिकारक है। यह कामशक्ति को घटाता है।
यहां गेंदा के फायदे और नुकसान की जानकारी बहुत ही आसान भाषा (Marigold benefits and side effects in Hindi) में लिखी गई है ताकि आप गेंदा के औषधीय गुण से पूरा-पूरा लाभ ले पाएं, लेकिन किसी बीमारी के लिए गेंदा का सेवन करने या गेंदा का उपयोग करने से पहले किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक से जरूर सलाह लें।
गेंदा के पौधे पूरे भारत में पाए जाते हैं। इसे घरों के बाहर या बाग-बगीजों में लगाया जाता है। इसकी खेती भी की जाती है।
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