आँखों का सूखापन (Dry Eye Syndrome) एक ऐसी बीमारी है जिसमें आँसू उचित मात्रा में आँख में नहीं पहुँच पाते और आँखों में नमी कम हो जाती है। यह आँखों की बहुत ही कष्टकारक समस्या है, आँखों के सूखेपन में जलन, खुजली, किरकिरापन, आँखों को हमेशा मलते रहने की जरुरत महसूस होना, आँखों से पानी निकलना, आँखों का सिकुड़ कर छोटा हो जाना ये सब लक्षण पाए जाते है।
शुरूआत में आँखों का सूखापन सोने या घरेलू उपायों से ठीक हो जाते हैं लेकिन बार-बार ये समस्या होने पर नजरअंदाज करना आँखों के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है।
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आयुर्वेद में ड्राई आई सिंड्रोम को शुष्क अक्षि कहा गया है। आहार में पोषक तत्वों की कमी और अनुचित जीवन-शैली के कारण शुष्क अक्षि की समस्या हो जाती है, इसमें नेत्र रुक्ष, लाल एवं देखने में कठिनाई होती है। शुष्काक्षि रोग यह वात, पित्त एवं रक्त के असंतुलन के कारण होता है जिसमें मुख्यत वात एवं रक्त की वृद्धि देखी जाती है।
आँखों में सूखापन या आँखों में नमी की कमी होने के पीछे बहुत सारे कारण होते हैं। जैसे-
आँखों में पलकों के अंदरूनी कोनें में जब निकासी नलिकाओं में प्रवाह होता है, जो नाक के पिछले हिस्से से निकलता है। ड्राई आईस तब होती है जब आँसू का बनना और उसकी बाहर निकलने में संतुलन नहीं हो पाता है। सूखी आँखों वाले लोग या तो पर्याप्त आँसू पैदा नहीं करते या फिर उनके आँसू खराब गुणवत्ता के होते है।
ड्राई आई सिंड्रोम में आँखों के सूखेपन के अलावा भी बहुत सारे आम लक्षण होते हैं। चलिये इनके बारे में विस्तार से जानते हैं-
आँखें प्रकृति का श्रेष्ठतम उपहार हैं अतः आँखों की देखभाल करनी चाहिये। आँखों को शुष्कता से बचाने के लिये अधिक देर तक कम्प्यूटर के सामने नहीं बैठना चाहिये या स्मार्ट फोन का अधिक प्रयोग, अधिक टी.वी. देखना, इन सबसे बचना चाहिये साथ ही आँखों में सीधी हवा न लगने दें, प्रदूषण एवं धूप में आँखों पर चश्मा लगाये। आहार में सभी पोषक तत्वों को शामिल करें मुख्यत विटामिन ए जो कि आँखों के लिये बेहद जरूरी है। यदि कम्प्यूटर में अधिक देर तक काम करना भी पड़े तो कुछ समय के अन्तराल में आँखों को कुछ देर के लिये बन्द करके आराम दें और आँखों में गुलाब जल डालें और ठंडे पानी से आँखों को धोएं। इसके अलावा जीवनशैली और आहार मे भी कुछ बदलाव लाने पर ड्राई आई सिंड्रोम को होने से रोका जा सकता है-
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गुलाब जल आँखों को ठण्डक पहुँचाता है और आँखों में नमी बनाए रखता है। दिन में 3-4 बार आँखों में गुलाब जल डालें।
आलू के दो टुकड़े काटकर इन्हें फ्रिज में रख दें। ठंडे हो जाने पर निकाल लें और अपनी आँखों पर 15-20 मिनट के लिए रखें। इससे आँखों को नमी मिलती है।
एलोवेरा जेल को पानी में मिलाकर इससे आँखों को धोए।
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आयुर्वेद में वर्णित महात्रिफलादि घृत का दूध के साथ सेवन करें।
एक चम्मच शहद में आँवले का रस मिलाए और इसको पिए, इसे पीने से नेत्रों का सूखापन दूर होता है तथा नेत्र को अन्य संक्रामक रोगों से भी बचाता है।
खीरे के दो छोटे टुक़ड़ों को आँखों पर 10-15 मिनट के लिए रखें, इससे आँखों कें ठण्ड़क मिलती है।
आँखों में हल्का गर्म सेंक करने से भी आँखों के सूखेपन में राहत मिलती है।
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आँखों के सूखेपन की वजह से जलन, खुजली और धुंधला दिखाई दे सकता है जिससे किसी भी कार्य को करने में परेशानी होती है। प्रकाश के प्रति असहनीयता एवं आँखों में किरकिरापन व्यक्ति की सामान्य दिनचर्या में बाधा पहुँचाता है। यदि घरेलू उपचार करने से 4-5 दिन के भीतर आराम नहीं मिलता तो तुरन्त ही चिकित्सक की सलाह लेनी चाहिये।
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