बला का परिचय (Introduction of Bala)
बरियार, खरेठी आदि नामों से प्रचलित बला (sida cordifolia in hindi) का पौधा अत्यंत गुणकारी है। क्या आप जानते हैं कि बला क्या है? बला के औषधीय गुण क्या-क्या हैं? यह कहां उगाया या पाया जाता है? आयुर्वेद में इस पौधे (bala plant) के अनेक औषधीय गुण बताए गए हैं। आयुर्वेद के ग्रंथों में बताया गया है कि बला का प्रयोग महिला और पुरुष से संबंधी बीमारियों में बहुत फायदेमंद बताया गया है। इसके अलावा बला के इस्तेमाल से और भी लाभ मिलते हैं।
What is Bala Plant?
Bala Herb Called in Different Languages
Bala Plant Benefits and Uses
How to Use Bala?
How Much to Consume Bala Herb?
Where is Bala Herb Found or Grown?
वैदिक-काल में बला का प्रयोग शरीर से विष को दूर करने वाला, बल प्रदान करने वाला और मधुमेह से छुटकारा दिलाने वाले औषधि (sida cordifolia medicinal uses) के रूप में मिलता है। भाव-प्रकाश के मुताबिक चारों प्रकार की बला, शीतल, मधुर, बल प्रदान करने वाला, चमक प्रदान करने वाला बताया गया है। यह वातपित्त, खूनी पित्त और खून में पाई जाने वाले रोगों में लाभकारी (kurunthotti uses) है। इसे टीबी के उपचार के लिए भी उपयोगी बताया गया है। चरक ने बला को मधुर, और सुश्रुत ने बला-अतिबला दोनों को मधुर बताया है, तो आइए विस्तार से जानते हैं बला के औषधीय प्रयोगों के बारे में।
बला क्या है (What is Bala Plant?)
बला (sida cordifolia in hindi) के पत्ते हृदय के आकार के होते हैं और इसके प्रत्येक गांठ पर एक पत्ता पाया जाता है। इसके फूल पीले रंग के होते हैं। यह पौधा पूरी तरह से हरा भरा और पत्तों से लदा होता है।
बला की कई जातियां पाई जाती हैं। इनमें बला, राजबला (Sida humilis Cav.), भूमिबला (Sida spinosa Linn.), अतिबला (Abutilon indicum (Linn.) Sw.), महाबला (Sida rhombifolia Linn.) और नागबला (Grewia hirsuta Vahl) मुख्य हैं।
अनेक भाषाओं में बला के नाम (Bala Herb Called in Different Languages)
बला को मूलतः खरेठी या खरैठी और बीजबंद आदि नामों से ही लोग जानते हैं लेकिन इसके अलावा भी देश-विदेश में बला को कई नाम से जाना जाता है। बला का वानस्पतिक नाम Sida cordifolia Linn. (साइडा कॉर्डिफोलिआ) Syn-Sida altheifolia Sw.
है और इसके अन्य नाम ये हैंः-
Bala Plant in:-
बला के औषधीय प्रयोग के फायदे (Bala Plant Benefits and Uses)
बला (sida cordifolia in hindi) का औषधीय इस्तेमाल इस प्रकार से किया जाना चाहिए:–
सिर के रोग में बला से लाभ (Bala Uses in Getting Relief from Head Disease in Hindi)
बला पौधे (bala plant) जड़ तथा बेल में पाई जाने वाले द्रव्य से तैयार काढ़े में दूध एवं घी मिला कर पका लें। इसे ठंडा करने के बाद इसकी बूंदें नाक में डालें। इससे सिर में होने वाले वात रोगों का उपचार होता है।
आंखों की बीमारी में बला से फायदा (Bala Benefits in Cure Eye Disease in Hindi)
बला तथा बबूल के पत्तों को पीसकर आंख के बाहर लगाने से आंख आने पर लगाएं। उसमें लाभ होता है।
इसके अलावा बला के पत्तों के साथ बबूल के पत्तों को पीसकर इनकी टिकियां बना लें। इसे आंख के ऊपर रखें और ऊपर से साफ कपड़े से लपेट देने से लाभ होता है।
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उरोग्रह (छाती में एक प्रकार का सूजन) में बला का उपयोग लाभदायक (Benefits of Bala Root in Reducing Chest Swelling in Hindi)
बला की जड़ (bala root) का रस 10-15 मिलीग्राम लें और उसमें 60 मिलीग्राम हींग मिलाकर पीने से उरोग्रह में लाभ होता है।
बला के प्रयोग से खांसी का इलाज (Uses of Bala in Fighting with Cough in Hindi)
बराबर भाग में बला, छोटी कटेरी, बड़ी कटेरी, अडूसा तथा अंगूर को मिलाकर काढ़ा तैयार करें। इसकी 10-30 मिलीग्राम की मात्रा में शहद मिलाकर पीने से पित्त के कारण होने वाली खांसी ठीक होती है।
आवाज बैठने या गला बैठने पर करें बाला की जड़ का उपयोग (Bala Benefits in Throat Disorder in Hindi)
1-2 ग्राम बला की जड़ का चूर्ण लें। इसमें मिश्री, शहद तथा घी मिलाकर सेवन करने से आवाज में हो रही समस्या ठीक हो जाती है।
बला, शालपर्णी, विदारी तथा मधूक को घी में पका लें। इसमें नमक मिलाकर प्रयोग करने से यह आवाज बैठने या गला बैठने की दिक्कत ठीक होती है।
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घेंघा के उपचार के लिए करें बला का उपयोग (Bala Plant Uses in Goiter in Hindi)
गिलोय, नीम, हंसपदी, कुटज, पिप्पली, बला, अतिबला तथा देवदारु को तेल में पका लें। इसे नियमित पीने से घेंघा में लाभ (sida cordifolia medicinal uses) होता है।
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बला के रस, अतिबला के रस और देवदारु से तेल को पका लें। इसे लगाने से घेंघा में लाभ होता है।
दस्त से छुटकारा दिलाने में बला का उपयोग लाभदायक (Benefits of Bala to Stop Diarrhea in Hindi)
5 ग्राम बला की जड़ से तैयार काढ़े में 1 ग्राम जायफल घिसकर पिलाने से दस्त पर रोक लगती है।
बला तथा सोंठ को दूध में पका लें। इस दूध में गुड़ तथा तिल का तेल मिला कर पीने से दस्त बंद हो जाता है।
आंत उतरने (हर्निया) की समस्या में बला का इस्तेमाल लाभदायक (Uses of Bala Root in Cure Hernia in Hindi)
बला की जड़ (bala root) के पेस्ट को दूध में पका (या क्षीरपाक) लें। इसमें बराबर भाग में अरंडी का तेल मिला लें। इसे पीने से अफारा (पैट की गैस) तथा दर्द वाले हार्निया में लाभ होता है।
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मूत्र रोग (पेशाब संबंधी समस्याएं) में फायदेमंद बला का प्रयोग (Bala Leaves Benefits to Treat Urinary Problem in Hindi)
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प्रसव से जुड़ी पीड़ा से बला के प्रयोग से लाभ (Bala Root Uses in Getting Relief From Pregnancy or Labour Pain in Hindi)
बला की जड़ के काढ़े को घी में पका लें और घी को सुबह-शाम दो बार पिलाएं। इससे प्रसव से संबंधी पीड़ा में लाभ होता है।
गर्भ के पोषण के लिए करें बला की जड़ का सेवन (Uses of Bala Root in Pregnancy Condition in Hindi)
गर्भवती महिला को सुबह-शाम बला की जड़ के पेस्ट और काढ़े को घी में पका कर सेवन करें। इससे गर्भ के दौरान होने वाला दर्द दूर हो जाता है। इससे गर्भ एवं गर्भवती महिला को मजबूती मिलती है।
बला की जड़ का सेवन गर्भ धारण के लिए है उपयोगी (Benefits of Bala Root in Getting Pregnancy in Hindi)
बला (bala herb) की जड़ के चूर्ण में कंघी (अतिबला) का चूर्ण, मिश्री और मुलेठी चूर्ण बराबर भाग में मिला लें। इस चूर्ण की 3-6 ग्राम की मात्रा में लेकर शहद और घी मिलाकर सेवन करके, ऊपर से दूध पीने से गर्भधारण में सहयोग मिलता है। भाव प्रकाश में इस चूर्ण में बड़ के अंकुर तथा नागकेसर को भी मिलाते हैं। यह और भी लाभदायक (kurunthotti uses) है।
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महिला संबंधी रोगों के उपचार में उपयोगी है बला का इस्तेमाल (Bala Benefits in Cure Women Related Disease in Hindi)
अण्डकोष विकार में लाभकारी है बला का प्रयोग (Bala Uses in Cure Hydrocele Disorder in Hindi)
बला (bala herb) के 10 मिलीग्राम काढ़े में 10 मिलीग्राम तक शुद्ध अरंडी का तेल मिला लें। इसे दिन में दो बार पिलाने से लाभ होता है।
पेशाब के साथ वीर्य निकलने (शुक्रमेह) की समस्या में फायदेमंद है बला की जड़ का प्रयोग (Bala Root Helps in Treating Sukrameh in Hindi)
फाइलेरिया या फीलपांव (श्लीपद) के उपचार के लिए करें बला का इस्तेमाल (Bala Plant Root is Beneficial in Elephantiasis in Hindi)
बला की जड़ के चूर्ण के साथ बराबर मात्रा में कंघी की जड़ का चूर्ण मिला लें। इसे 3 ग्राम की मात्रा में लेकर दूध के साथ सुबह-शाम सेवन कराएं।
लकवा की समस्या में लाभप्रद है बला की जड़ का प्रयोग (Bala Root Benefits in Paralysis in Hindi)
बला की जड़ को पानी में उबालकर 1 माह तक सेवन करने से लकवा में लाभ होता है। बला की जड़ को तेल में पका कर भी मालिश करनी चाहिए।
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बांह के संधि स्थल में जकड़न (अवबाहुक) को दूर करे बला चूर्ण (Bala Benefits in Getting Relief from Frozen Shoulder in Hindi)
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बला का प्रयोग करें तो घाव सुखाता है (Bala Uses in Wound Healing in Hindi)
बला (sida cordifolia) के पत्ते, छाल, जड़ आदि पांचों भाग से पेस्ट तैयार करें या इनका रस निकालें। इसे लगाने से हथियार के प्रहार से होने वाले घाव तुरंत भर जाते हैं।
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बला के सेवन से पाएं गठिया में आराम (Bala Benefits in Getting Relief in Arthritis in Hindi)
5-10 मिलीग्राम कला की जड़ से काढ़ा तैयार करें। इस काढ़ को दिन में 3 बार पिलाने से गठिया में लाभ होता है।
अंगुली के पोरों की गांठ में होने वाले घावों पर बला (bala herb) के कोमल पत्तों को पीसकर टिकिया बनाकर बांध दें। उसके ऊपर ठंडा पानी डालते रहें। इस प्रकार दिन में 2-3 बार करने से तुरंत आराम मिलता है।
बंद गांठ को फोड़ने के लिए बला के कोमल पत्तों को पीसकर पुल्टिस (पट्टी) बनाकर बांधें। इसके बाद ऊपर से जल छिड़कते रहते हैं, गांठ शीघ्र फूट जाती है।
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खुजली और चकत्ते को ठीक करने के लिए करें बला का इस्तेमाल (Bala Leaves Helps in Itching in Hindi)
बला के पत्तों को पीसकर, रस निचोड़कर मालिश करने से कफ से होने वाली खुजली और चकत्ते ठीक होते हैं।
मैनिया में फायदेमंद सफेद फूल वाले बला का सेवन (White Flower Bala is Helpful in Treating Mania Disease in Hindi)
सफेद फूल वाले बला की जाति की जड़ का चूर्ण 10 ग्राम, अपामार्ग चूर्ण 5 ग्राम, दूध 500 मिलीग्राम लें और उसमें उतना ही पानी मिला लें। इन सबको मिलाकर उबालें। जब केवल दूध बचा रह जाए तब इसे ठंडा होने पर छान लें। इसे सुबह के समय सेवन करने से उग्र उन्माद (Mania) में भी लाभ होता है।
मासिक धर्म विकार में बला के इस्तेमाल से लाभ (Bala Powder Helps in Menstrual Disorder in Hindi)
बला (sida cordifolia) चूर्ण को दूध में मिलाकर पकाकर पिलाएं। बला तेल की मालिश करने से मासिक धर्म विकारों में लाभ होता है।
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शारीरिक कमजोरी दूर करने के लिए करें बला का सेवन (Bala Treat in Body Weakness in Hindi)
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इस्तेमाल के लिए बला के उपयोगी हिस्से (How to Use Bala?)
जड़ (bala root)
छाल
बीज
पत्ते
तथा पञ्चाङ्ग।
बला के सेवन की मात्रा (How Much to Consume Bala Herb?)
पूरी तरह बला का औषधीय लाभ (kurunthotti uses) लेने के लिए चिकित्सक के परामर्शानुसार बला का प्रयोग करें।
बला कहां उगाया जाता है? (Where is Bala Herb Found or Grown?)
बला (sida cordifolia) के पौधे सूखे स्थानों पर पाए जाते हैं। यह वनों में भी पाया जाता है।
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