तेज दिमाग और मजबूत याददाश्त के लिए बच्चों की डाइट में शामिल करें ये 8 ब्रेन बूस्टिंग फूड्स

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माता-पिता होने के नाते, हम बस यही चाहते हैं कि हमारे बच्चे का स्वास्थ्य और शिक्षा अच्छी हो। इसके लिए, सीखना, खेलना,और पर्याप्त आराम, ये सभी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, लेकिन शायद सबसे महत्वपूर्ण यह है कि बच्चे क्या खाते हैं। बढ़ते बच्चों के लिए सही पोषण न केवल शारीरिक बल्कि उनके मानसिक विकास के लिए भी बेहद जरूरी है। 

रिसर्च से पता लगता है कि कुछ पोषक तत्व सोचने समझने की क्षमता, याददाश्त और सीखने की क्षमता को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। सही खाद्य पदार्थ चुनकर, आप स्वाभाविक रूप से अपने बच्चे की दिमागी शक्ति को बढ़ा सकते हैं। आइए जानते हैं आपके बच्चे के लिए डॉक्टरों द्वारा सुझाए गए 8 ऐसे फूड्स (brain boosting foods for kids) के बारे में, जो उनकी दिमागी शक्ति बढ़ाने और उन्हें स्वस्थ रखने में मदद करते हैं।

ब्रेन फंक्शन को कैसे प्रभावित करता है भोजन?

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एक पुरानी कहावत है, ‘आप जैसा खाते हैं, वैसे ही बन जाते हैं’, और यह बात आपके मानसिक विकास के बारे में भी सच है। दिमाग हमारे शरीर का एक ऐसा महत्वपूर्ण अंग है, जो जन्म से लेकर मृत्यु तक बिना रुके हर पल हमारे लिए काम करता है, यहाँ तक की नींद में भी! इसलिए इसे बेहतर तरीके से काम करने के लिए लगातार पोषक तत्वों की जरूरत होती है। सही चीजें खाने से हमारे ब्रेन सेल्स सुरक्षित रहते हैं और नए सेल्स को बनने के लिए जरुरी पोषक तत्वों की पूर्ति में भी मदद मिलती है। 

सही पोषण, कम्युनिकेशन चैनल्स (communication channels) को बढ़ाता है। जिससे बच्चों को बेहतर तरीके से सोचने और सीखने में मदद मिलती है। बच्चों के लिए सोच-समझकर सही भोजन का चुनाव करने से उनकी याददाश्त, एकाग्रता और सोचने समझने की क्षमता के साथ-साथ संपूर्ण मानसिक सेहत में सुधार हो सकता है। जिससे वो एक बहतर जीवन की ओर कदम बढ़ाएंगे।

बच्चों के लिए 8 बेहतरीन ब्रेन-बूस्टिंग फूड्स

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1- नट्स और सीड्स

नट्स और सीड्स, प्रोटीन और ज़रूरी फैटी एसिड से भरपूर होते हैं। साथ ही विटामिन E, B ग्रुप विटामिन, आयरन और जिंक का भी अच्छा स्रोत हैं। ये सभी पोषक तत्व ब्रेन फंक्शन को बेहतर बनाने में मदद करते हैं। नट्स में विटामिन E होता है, जो दिमाग के सोचने-समझने की शक्ति को बेहतर बनाता है और दिमाग को नुकसान पहुँचाने वाले फ्री-रेडिकल्स से होने वाले डैमेज से भी बचा सकता है। मुट्ठी भर नट्स और सीड्स का मिक्सचर हो या कटे हुए नट्स को दही में मिलाकर खाना, ये हर तरीके से बच्चों के दिमाग को सपोर्ट करने का एक बेहतरीन तरीका हैं।

2- बेरीज

चाहे ब्लूबेरी हो, स्ट्रॉबेरी हो या कोई और, बेरीज को दिमाग के लिए फायदेमंद माना जाता है। बेरीज़ में एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो इम्यून सिस्टम और सोचने समझने की क्षमता को बेहतर बनाते हैं। ये एंथोसायनिन और फ्लेवोनोइड्स से भरपूर होते हैं। एंथोसायनिन दिमाग़ को ज़्यादा रक्त पहुँचाने में मदद करते हैं, जिससे नए नर्व सेल्स का विकास होता है। इसके अलावा, बेरीज सीखने की क्षमता बढ़ाने और याददाश्त बनाए रखने में मदद करने वाले प्रोटीन, जैसे ब्रेन-डिराइव्ड न्यूरोट्रॉफ़िक फ़ैक्टर (BDNF) के प्रोडक्शन को बढ़ाने में मदद करती हैं।

3- दही

अपने बच्चे को सुबह-सुबह बिना शुगर वाली दही खिलाना उसके मस्तिष्क को सपोर्ट करने का एक बेहतरीन तरीका है। डेयरी प्रोडक्ट्स प्रोटीन और विटामिन B से भरपूर होते हैं, जो एंजाइम, न्यूरोट्रांसमीटर और ब्रेन टिशूज की ग्रोथ के लिए ज़रूरी हैं। बच्चों के शरीर को थायराइड हार्मोन के उत्पादन के लिए आयोडीन की आवश्यकता होती है। जो मस्तिष्क के विकास और न्यूरोलॉजिकल फंक्शन के लिए ज़रूरी है। दही आयोडीन का एक अच्छा स्रोत है। इसमें प्रोटीन, जिंक, विटामिन B12 और सेलेनियम सहित कई अन्य पोषक तत्व भी होते हैं, जो बेहतर ब्रेन डेवलपमेंट और फंक्शन के लिए ज़रूरी हैं।

4- चॉकलेट

कोको और उससे बने प्रोडक्ट्स (खासकर डार्क चॉकलेट) कैटेचिन और एपिकैटेचिन जैसे फ्लेवोनोइड्स एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होते हैं। ये ब्रेन में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ाते हैं, जिससे एकाग्रता बढ़ती है और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है। इसके अलावा, इन तत्वों में एंटी-इंफ्लेमेटरी और मस्तिष्क की सुरक्षा करने वाले गुण भी होते हैं। साथ ही कोको में आयरन, कॉपर, जिंक, कैल्शियम, पोटेशियम और मैग्नीशियम जैसे मिनरल्स भी मौजूद होते हैं। ये मिनरल्स याददाश्त बनाए रखने, नर्व सेल्स फंक्शन को बेहतर बनाने और मस्तिष्क की कार्यक्षमता बढ़ाने के लिए आवश्यक हैं। लेकिन चॉकलेट की मात्रा सीमित रखें। बच्चों के लिए ज्यादा मात्रा में चॉकलेट हानिकारक हो सकती है।

5- बीन्स

बीन्स में जिंक प्रचुर मात्रा में होता है, जो बच्चों के मस्तिष्क के विकास के लिए ज़रूरी है। साथ ही इनमें फाइबर और प्रोटीन भी होते हैं, जो पेट को लंबे समय तक भरा रखते हैं और शरीर में एनर्जी लेवल भी बनाए रखते हैं। इसके अलावा, राजमा और सोयाबीन ALA ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर होते हैं, जो ब्रेन फंक्शन और डेवलपमेंट को बेहतर बनाते हैं। कार्बोहाइड्रेट के स्रोत के रूप में, ये बीन्स पचने के बाद ग्लूकोज में बदल जाते हैं, जो मस्तिष्क को ऊर्जा प्रदान करता है। मस्तिष्क की सोचने, समस्याओं को सुलझाने, जानकारी को याद रखने और सीखने की क्षमता, सीधे तौर पर ब्लड ग्लूकोज लेवल और ऊर्जा के स्रोत को बेहतर तरीके से उपयोग करने की दिमाग की क्षमता से जुड़ी है।

6- अंडे

अंडा एक ऐसा भोजन हैं जिन्हें खाने के लिए तैयार करना काफी आसान है। इन्हें उबालकर, ऑमलेट बनाकर, भुर्जी बनाकर या सब्जी के रूप में कई तरीकों से इस्तेमाल किया जा सकता है। अंडे आपके मस्तिष्क और शरीर के लिए सबसे पौष्टिक खाद्य पदार्थों में से एक हैं। साथ ही ये बच्चों को भी बहुत पसंद आते हैं। अंडे प्रोटीन, सेलेनियम और विटामिन B12 का एक बेहतरीन स्रोत हैं, जो मस्तिष्क के विकास और सोचने-समझने की बेहतर शक्ति के लिए जरुरी हैं। इसके अलावा, अंडे की जर्दी में मौजूद कोलीन, सेल मेम्ब्रेन का एक जरुरी हिस्सा है। जिसकी शरीर को सेल मेम्ब्रेन से महत्वपूर्ण न्यूरोट्रांसमीटर और सिग्नलिंग उत्पन्न करने के लिए जरुरत होती है।

7- सी-फ़ूड

सैल्मन, मैकेरल और सार्डिन जैसे सी-फ़ूड में ओमेगा-3 फैटी एसिड (खासकर DHA) प्रचुर मात्रा में होता है। जो मस्तिष्क के विकास, याददाश्त और फोकस का समय बढ़ाने के लिए जरुरी पोषक तत्व है। हमारे दिमाग का लगभग 60% हिस्सा फैट से बना होता है, इसलिए शरीर में न्यूरोलॉजिकल ग्रोथ को सपोर्ट करने और ब्रेन को मेमोरी लॉस एवं कमजोर याददाश्त से बचाने के लिए ओमेगा-3 फैटी एसिड की आवश्यकता होती है। ओमेगा-3 फैटी एसिड के अलावा, फिश में हाई क्वॉलिटी प्रोटीन होता है, जो बच्चे के शरीर के विकास में मदद करता है। इन फिश का नियमित सेवन बच्चे की याददाश्त और सोचने समझने की क्षमता में सुधार कर सकता है। अगर आप शाकाहारी हैं, तो इनकी जगह शाकाहारी विकल्पों का इस्तेमाल कर सकते हैं। 

8- लीन मीट

चिकन या मटन जैसे लीन मीट में आयरन, प्रोटीन और जिंक प्रचुर मात्रा में होता है, जो दिमाग के सही तरीके से काम करने के लिए जरूरी है। चूंकि आयरन मस्तिष्क में ऑक्सीजन पहुँचाने में मदद करता है, इसलिए आयरन की कमी होने से फोकस करने और सोचने समझने की क्षमता में कमी आ सकती है। सात साल से कम उम्र के बच्चों में आयरन की कमी होने का सबसे ज्यादा खतरा होता है। लीन मीट से बच्चे के दिमाग को बेहतर तरीके से काम करने के लिए पर्याप्त एनर्जी मिलती रहेगी। अगर आप शाकाहारी हैं तो मीट की जगह शाकाहारी विकल्पों का इस्तेमाल कर सकते हैं।

निष्कर्ष

अपने बच्चे की डेली डाइट में इन पौष्टिक चीजों (brain boosting foods for kids) को शामिल करने से आपके उनके मस्तिष्क के बेहतर विकास में एक अहम भूमिका निभा सकते हैं। उनके भोजन को पौष्टिक रखने के साथ-साथ उन्हें फ़ास्ट-फ़ूड, जंक फूड्स और रेडीमेड पैकेज्ड फूड्स खाने से बचाएं। उन्हें पर्याप्त नींद लेने दें, बाहर खेलने के लिए प्रोत्साहित करें और उनके कमरे को ज्यादा क्रिएटिव बनाएं। याद रखें, “एक स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ दिमाग का वास होता है”, आज बच्चे की डाइट में किए गए छोटे-छोटे बदलाव उन्हें मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ एवं ज्यादा मजबूत बनाने में मदद कर सकते हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

1-इन फूड्स को ना-पसंद करने वाले बच्चों को कैसे खिला सकते हैं?
आप इन्हें स्मूदी में मिलाकर, सॉस में मिलाकर, घर में बनने वाले पकवानों में मिलाकर या कभी-कभी सीधे ही भोजन में शामिल करके बच्चों को खिला सकते हैं। 

2-अगर बच्चा फिश नहीं खाता है तो क्या उसका कोई विकल्प है?
हाँ। चिया सीड्स और अखरोट जैसे खाद्य पदार्थ ओमेगा-3 के बेहतरीन स्रोत हैं। साथ ही डॉक्टर की सलाह से आप सप्लीमेंट का इस्तेमाल भी कर सकते हैं।

3-अधिकतम फायदे के लिए इन्हें कितनी मात्रा में खाना चाहिए?
निरंतरता महत्वपूर्ण है। हर दिन उनकी डाइट में इनमें से कुछ खाद्य पदार्थ शामिल करने का प्रयास करें, और कोशिश करें पूरे हफ्ते आप उन्हें अलग-अलग चीजें खिलाएं।

4-क्या ये खाद्य पदार्थ वयस्कों के लिए भी अच्छे हैं?
हाँ, बिल्कुल। जो पोषक तत्व बच्चों के दिमाग के लिए फायदेमंद होते हैं, वही पोषक तत्व वयस्कों के दिमाग के स्वास्थ्य, याददाश्त और एकाग्रता के लिए भी उतने ही फायदेमंद होते हैं।

5-क्या मैं अपने बच्चे को इन खाद्य पदार्थों की जगह कोई सप्लीमेंट दे सकता हूँ?
नेचुरल तरीके से पोषक तत्व प्राप्त करना हमेशा ज्यादा अच्छा होता है। हालाँकि डॉक्टर की सलाह से आप इनके विकल्प के तौर पर सप्लीमेंट का इस्तेमाल कर सकते हैं।

6-क्या शुगर युक्त खाद्य पदार्थ मस्तिष्क के विकास में बाधा बन सकते हैं?
बहुत ज्यादा शुगर फोकस, मूड और एनर्जी को प्रभावित कर सकती है। प्रोसेस्ड मिष्ठानों की जगह फल या दही देने से आपके बच्चे का दिमाग तेज और स्थिर रहता है।

(इस लेख की समीक्षा डॉ. स्वाति मिश्रा, मेडिकल एडिटर ने की है)

Image Source: Freepik

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