आपने अक्सर सुना होगा कि सारे रोग पेट से शुरू होते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि चाहे दवा हो या खाना पेट ही उसे सही से पचाकर शरीर में इस्तेमाल होने के लिए सही जगह पहुँचाता है। कौन से पोषक तत्वों को कितनी मात्रा में शरीर में रहने देना है और किन्हें बाहर निकालना है, यह भी आपका पेट ही सुनिश्चित करता है। लेकिन अगर यह सही तरीके से काम न करे तो हमें कई स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
प्राचीन आयुर्वेदिक ग्रंथों में भी जठराग्नि को जीवन का स्रोत बताया गया है। आप जो भी खाते हैं, वह आपकी अग्नि को या तो बढ़ा सकता है या कमजोर कर सकता है। जिसका सीधा असर आपके पाचन पर पड़ता है। तो आइए आयुर्वेदिक डॉक्टरों द्वारा सुझाई गई 6 ऐसी सुपर-हेल्दी भारतीय ड्रिंक्स (Best ayurvedic drinks for gut health in hindi) के बारे में जानें जो पाचन के साथ-साथ आपके पेट को पूरी तरह स्वस्थ रखने में मदद करती हैं।
1. छाछ
छाछ भारतीय घरों में सदियों से इस्तेमाल किया जाने वाला एक हल्का और ठंडक देने वाला प्रोबायोटिक-युक्त ड्रिंक है। यह आपकी आँतों में अच्छे बैक्टीरिया को बढ़ाता है, जठराग्नि को तेज करता है और गैस एवं पेट फूलने जैसी समस्याओं से राहत दिलाता है। आयुर्वेद में, इसे पित्त दोष को शांत करने के लिए भी जाना जाता है। इसलिए यह पेट की समस्याओं से परेशान लोगों के लिए बिल्कुल परफेक्ट ड्रिंक है।
कैसे बनाएं: दही को मथकर जब उसमें से मक्खन निकालकर अलग कर दिया जाता है, तब हमें छाछ मिलता है। एक गिलास छाछ में थोड़ा सा भुना हुआ जीरा, आधा चम्मच काला नमक और थोड़ा हरा धनिया डालें। इसे आप दोपहर के भोजन के साथ या भोजन के बाद भी पी सकते हैं। या फिर आप इसमें बिना नमक और धनिया मिलाए, गुड़ के साथ भी पी सकते हैं।
2.जीरे का पानी
जीरे का पानी पेट के स्वास्थ्य के लिए लिए सबसे आसान और शक्तिशाली आयुर्वेदिक ड्रिंक्स में से एक है। जीरे में ऐसे यौगिक होते हैं जो पाचन एंजाइमों को सक्रिय करते हैं, पोषक तत्वों के अवशोषण को बेहतर बनाते हैं और सूजन को कम करते हैं। जीरा वॉटर, गैस से राहत दिलाने, एसिडिटी को कम करने और पेट को अच्छे से साफ़ करने में मदद करता है।
कैसे बनाएं: एक गिलास पानी में 1 छोटा चम्मच जीरा 5-10 मिनट तक उबालें। इसे छानकर हल्का गर्म-गर्म पिएं। इसे सुबह खाली पेट या भोजन के बाद लेना अच्छा होता है।
3.सौंफ की चाय
सौंफ, को आम तौर भारत में खाने के बाद चबाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इसके अलावा इसे अचार, चटनी, और कुछ सब्जियों में भी इस्तेमाल किया जाता है। यह आपकी साँसों को तरोताजा करती है और पाचन में भी मदद करती हैं। इसकी चाय बनाकर पीने से गैस, अपच और मरोड़ से राहत मिलती है। साथ ही यह पाचन क्रिया को बेहतर बनाने और पेट में होने वाले डिस्कंफर्ट को कम करने में भी मदद करती है।
कैसे बनाएं: जीरा वॉटर की तरह, बस एक चम्मच सौंफ को थोड़ा कूटकर पानी में 5 मिनट तक उबालें। फिर छानकर गुनगुना रह जाने पर इसे घूँट-घूँट करके पिएँ।
4. त्रिफला का पानी
त्रिफला तीन फलों – आंवला, हरीतकी (हरड़) और बिभीतकी (बहेड़ा) – का एक प्राचीन आयुर्वेदिक मिश्रण है। ये तीनों जड़ी बूटियाँ पेट के लिए बेहद फायदेमंद होती हैं। इन तीनों जड़ी बूटियों को अलग-अलग मात्रा में मिलाकर त्रिफला को अपनी जरुरत के मुताबिक कई तरीकों से बनाया जा सकता है। यह पेट को पूरी तरह से साफ़ करने और डिटॉक्सिफिकेशन के लिए सबसे अच्छीआयुर्वेदिक ड्रिंक्स में से एक माना जाता है। इसके अलावा यह आँखों के लिए भी फायदेमंद हो सकता है।
कैसे बनाएं: एक गिलास गर्म पानी में एक चम्मच त्रिफला चूर्ण रात भर के लिए भिगो दें। अगले दिन सुबह इसे खाली पेट पिएं।
5. अजवाइन का पानी
अजवाइन भारत में आम तौर पर खाना बनाने में मसाले के रूप में इस्तेमाल की जाती है। इसके अलावा इसे कुछ स्वास्थ्य समस्याओं में घरेलू नुस्खे के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है। यह गैस, एसिडिटी और अपच से राहत दिलाने वाले गुणों के लिए जानी जाती है। आयुर्वेद में, इसे अनियमित खान-पान और कमजोर पाचन वाले लोगों के लिए के लिए विशेष रूप से सुझाया गया है। अजवाइन में थाइमोल भी होता है। यह एक ऐसा यौगिक है जो पाचन एंजाइम की गतिविधि को बढ़ाता है और पेट फूलने या भारीपन से तुरंत राहत दिलाता है।
कैसे बनाएं: एक चम्मच अजवाइन को पानी में डालकर 5 मिनट तक उबालें, छान लें और गुनगुना रह जाने पर घूँट-घूँट करके पिएँ। ज्यादा फायदे और स्वाद के लिए आप इसमें थोड़ा सा नमक भी मिला सकते हैं।
6. नारियल पानी
नारियल पानी हमारे बॉडी सेल्स को नमी प्रदान करता है, आंतों की सूजन को कम करता है और गैस्ट्रिक इरिटेशन से राहत दिलाता है। आयुर्वेद नारियल को प्राकृतिक पित्त नाशक मानता है, यानी यह शरीर को एसिडिटी और अल्सर से राहत दिलाने में मदद करता है।
अगर आपने मसालेदार खाना खा लिया है और आपको भारीपन महसूस हो रहा है, तो एक गिलास ताज़ा नारियल पानी आपको तुरंत राहत दे सकता है। बस याद रखें कि डिब्बाबंद या रेफ्रिजेरेटेड नारियल पानी से बचें और हमेशा रूम टेम्प्रेचर पर ताजा नारियल पानी पिएँ।
निष्कर्ष
याद रखें आपका पेट आपके संपूर्ण स्वस्थ्य का आधार है । आयुर्वेद हमें इन आसान और फायदेमंद नेचुरल ड्रिंक्स (Best ayurvedic drinks for gut health in hindi) को पीने की सलाह देता है, जो हमारे पाचन को बेहतर बनाने और क्रोनिक बीमारियों से बचाने में मदद कर सकती हैं। सोडा या पैकेज्ड ड्रिंक्स पीने के बजाय, इन 6 आयुर्वेदिक ड्रिंक्स को आज़माएँ और एक स्वस्थ जीवन की ओर कदम बढ़ाएँ।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ’s)
प्रश्न: आयुर्वेद के अनुसार अपने पाचन और गट-हेल्थ को कैसे बेहतर बनाएं?
जीरा और सौंफ जैसे मसालों के साथ घर का बना ताजा खाना खाएं। ज्यादा खाने से बचें, और पेट को स्वस्थ रखने के लिए त्रिफला युक्त पानी, जीरा वॉट रऔर छाछ जैसी आयुर्वेदिक ड्रिंक्स का सेवन करें।
प्रश्न: बेहतर गट-हेल्थ के लिए सबसे अच्छी ड्रिंक कौन ही है?
छाछ, नारियल पानी, आंवला जूस और त्रिफला युक्त पानी। ये सभी ड्रिंक्स एसिडिटी, अपच और पेट फूलने की समस्या को कम करने में मदद करती हैं।
प्रश्न: पेट को हमेशा स्वस्थ रखने के लिए मुझे रोजाना कौन सी ड्रिंक पीनी चाहिए?
हालाँकि कोई एक ड्रिंक आपके पेट को स्वस्थ करने की गारंटी नहीं दे सकती, लेकिन रोज़ाना छाछ जैसी ड्रिंक्स का सेवन पेट के लिए फायदेमंद होता है।
प्रश्न: क्या आयुर्वेद के अनुसार गर्म पानी पाचन के लिए अच्छा है?
हाँ, गर्म पानी पीने से पाचन में मदद मिलती है, टॉक्सिन्स कम होते हैं और आपका पेट एक्टिव रहता है।
(इस लेख की समीक्षा डॉ. स्वाति मिश्रा, मेडिकल एडिटर ने की है)
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