Categories: जड़ी बूटी

Tootmalanga (Tukmalanga): फायदे से भरपूर है तूतमलंगा (तुकमलंगा)- Acharya Balkrishan Ji (Patanjali)

तूतमलंगा (Tootmalanga) एक बहुत ही गुणी औषधि है, और यह भारत में कई स्थानों पर पाया जाता है। आमतौर पर आप तूतमलंगा को बहुत ही साधारण पौधा समझते हैं, लेकिन यह एक जड़ी-बूटी की तरह काम करता है। तूतमलंगा के कई सारे औषधीय गुण हैं। क्या आप यह जानते हैं कि आंखों की बीमारियों, बवासीर, दस्त में तूतमलंगा के इस्तेमाल से फायदे (Tootmalanga benefits and uses) मिलते हैं। इतना ही नहीं, डायबिटीज, फोड़ा-फुन्सी, त्वचा रोग में भी तूतमलंगा के औषधीय गुण से लाभ मिलता है।

आयुर्वेद में तूतमलंगा के गुण के बारे में कई सारी अच्छी बातें बताई गई हैं जो आपको जानना जरूरी है। आइए यहां एक-एक कर जानते हैं कि तूतमलंगा के सेवन या उपयोग करने से कितनी सारी बीमारियों में फायदा होता है, साथ ही यह भी जानते हैं कि तूतमलंगा से क्या-क्या नुकसान (Tootmalanga side effects) हो सकता है।

Contents

तूतमलंगा क्या है? (What is Tootmalanga (Tukmalanga) in Hindi?)

तूतमलंगा बहुत छोटा, रोमश या सफेद रोमश क्षुप होता है। इसकी शाखाएं आधार से निकली हुई, फैली हुई, कठोर होती हैं। इसके पत्ते छोटे, 2.5 सेमी लम्बे होते हैं। इसके फूल छोटे और 2-4 पुष्पित चक्करों में होते हैं। इसके फल 2 मिमी लम्बे, संकुचित, लगभग श्यामले रंग के, नुकीले-अण्डाकार और चिकने होते हैं। इसमें फूल और फल सालों भर आता रहता है।

यहां तूतमलंगा के फायदे और नुकसान की जानकारी बहुत ही आसान भाषा (Tootmalanga benefits and side effects in Hindi) में लिखी गई है ताकि आप तूतमलंगा के औषधीय गुण से पूरा-पूरा लाभ ले पाएं।

अन्य भाषाओं में तूतमलंगा के नाम (Name of Tootmalanga (Tukmalanga) in Different Languages)

तूतमलंगा का वानस्पतिक नाम Salvia aegyptiaca Linn. (सैल्विया इजिप्टियाका) Syn-Salvia pumila Benth. है, और यह Lamiaceae (लैमिएसी) कुल का है। तूतमलंगा को देश-विदेश में निम्न नामों से भी जाना जाता हैः-

Tootmalanga in –

  • Hindi- तूतमलंगा, तुखमलंगा
  • English- Egyptian sage (इजिप्शियन सेज)
  • Urdu-तुखमे बलांगो (Tukhm-e-balango), बलांगो (Balango)
  • Punjabi-तूखम-मलंगा (Tukhm-malanga)

तूतमलंगा के औषधीय गुण (Medicinal Properties of Tootmalanga (Tukmalanga) in Hindi)

तूतमलंगा के आयुर्वेदीय गुण-कर्म एवं प्रभाव ये हैंः-

तूतमलंगा शीत और संग्राहक होता है। यह व्रण, रक्तातिसार और प्रवाहिका शामक होता है। इसके मेथेनॉल और एसीटोन सत्त में किञ्चित् मात्रा में शोथरोधी और ज्वररोधी गुण पाया जाता है। अपरिष्कृत मेथेनॉल और एसीटोन सत्त में केन्द्राrय-तंत्रिकातंत्र अवसादक और निद्राजनन गुण होता है।

इसका अपरिष्कृत मेथेनॉल एवं एसीटोन-सार मूषकों में केंद्रीय तंत्रिकातंत्र अवसादक गुण प्रदर्शित करता है, यह प्रभाव मस्तिष्कगत उद्दीपनरोधक, शामक, शोथहर एवं ज्वरघ्न क्रियाशीलता के रूप में व्यक्त होता है।

इसका मेथेनॉल-सार सूक्ष्मजीवाणुरोधी एवं अनॉक्सीकारक क्रियाशीलता प्रदर्शित करता है। इसका सार निराहार (Fasting) एवं साथ ही एलोक्सान प्रेरित मधुमेही चूहों के प्रति अल्परक्तशर्कराकारक प्रभाव प्रदर्शित करता है।

तूतमलंगा के फायदे और उपयोग (Tootmalanga (Tukmalanga) Benefits and Uses in Hindi)

तूतमलंगा के औषधीय गुण, प्रयोग की मात्रा एवं विधियां ये हैंः-

आंखों के रोग में तूतमलंगा के फायदे (Tootmalanga (Tukmalanga) Uses to Treat Eye Disease in Hindi)

आंखों की कई बीमारियों में तूतमलंगा से लाभ मिलता है। तूतमलंगा के बीजों का काढ़ा बना लें। इससे आंखों को धोएं। इससे नेत्र रोगों (आंखों के रोग) ठीक होते हैं।

और पढ़ेंः आंखों के रोग में सुपारी का प्रयोग

दस्त में तूतमलंगा के सेवन से लाभ (Tootmalanga (Tukmalanga) Benefits to Stop Diarrhea in Hindi)

दस्त पर रोक लगाने के लिए तूतमलंगा के औषधीय गुण फायदेमंद होते हैं। तूतमलंगा के 2-4 ग्राम बीज चूर्ण का सेवन करने से दस्त में लाभ होता है।

और पढ़ेंः दस्त में अभ्यारिष्ट के फायदे

बवासीर में तूतमलंगा के सेवन से लाभ (Benefits of Tootmalanga (Tukmalanga) for Piles Treatment in Hindi)

बवासीर होने पर तूतमलंगा का औषधीय गुण फायदेमंद होता है। तूतमलंगा के बीजों का प्रयोग करने से बवासीर के इलाज में लाभ मिलता है। बेहतर परिणाम के लिए किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक से जरूर परामर्श लें।

और पढ़ेंः बवासीर के लिए घरेलू इलाज

डायबिटीज में तूतमलंगा के सेवन से लाभ (Tootmalanga Benefits in Controlling Diabetes in Hindi)

डायबिटीज आज घर-घर की बीमारी बन चुकी है। डायबिटीज पर नियंत्रण पाने के लिए 1-2 ग्राम तूतमलंगा बीज के चूर्ण में इच्छा के अनुसार खाँड और गाय का दूध मिला लें। इसका सेवन करने से डायबिटीज में लाभ होता है।

और पढ़ेंः डायबिटीज को नियंत्रित करने के लिए घरेलू उपाय

तूतमलंगा के औषधीय गुण से फोड़ा का इलाज (Tootmalanga (Tukmalanga) Uses to Treat Boil in Hindi)

तूतमलंगा को जल में भिगोकर, बिना मुंह वाले फोड़ों पर बांधें। इससे फोड़े जल्दी फूट जाते हैं, और पस निकल जाता है।

और पढ़ेंः फोड़ा का घरेलू इलाज

त्वचा संबंधी विकारों में में तूतमलंगा के फायदे (Tootmalanga (Tukmalanga) Benefits to Treat Skin Disease in Hindi)

तूतमलंगा के औषधीय गुण से त्वचा संबंधित कई रोगों का इलाज किया जाता है। तूतमलंगा को पीसकर लगाने से त्वचा केविकार ठीक होते हैं।

और पढ़ेंः त्वचा रोग में मूली के फायदे

तूतमलंगा के औषधीय गुण से सुजाक का इलाज (Benefits of Tootmalanga (Tukmalanga) to Treat Gonorrhea in Hindi)

सुजाक एक गंभीर रोग है। सुजाक होने पर रोगी को बहुत परेशानी होती है। सुजाक के इलाज के लिए बीजों का काढ़ा बनाकर पिएं। इससे लाभ होता है।

और पढ़ेंः सुजाक में दारुहरिद्रा के फायदे

तूतमलंगा के उपयोगी भाग (Beneficial Part of Tootmalanga (Tukmalanga) in Hindi)

तूतमलंगा के इन भागों का इस्तेमाल किया जाता हैः-

पंचांग

बीज

तूतमलंगा का इस्तेमाल कैसे करें? (How to Use Tootmalanga (Tukmalanga) in Hindi?)

तूतमलंगा को इतनी मात्रा में इस्तेमाल करना चाहिएः-

तूतमलंगा बीज का चूर्ण- 1-2 ग्राम

यहां तूतमलंगा के फायदे और नुकसान की जानकारी बहुत ही आसान भाषा (Tootmalanga benefits and side effects in Hindi) में लिखी गई है ताकि आप तूतमलंगा के औषधीय गुण से पूरा-पूरा लाभ ले पाएं, लेकिन किसी बीमारी के लिए तूतमलंगा का सेवन करने या तूतमलंगा का उपयोग करने से पहले किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक से जरूर सलाह लें।

तूतमलंगा कहां पाया या उगाया जाता है? (Where is Tootmalanga  (Tukmalanga) Found or Grown?)

तूतमलंगा भारत में मुख्यतः पंजाब के मैदानी क्षेत्रों, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र में पाया जाता है। तूतमलंगा दिल्ली के पहाड़ी क्षेत्रों में पश्चिम की ओर 600 मीटर की ऊँचाई तक पाया जाता है। यह अफ्रीका में प्राप्त होता है। विश्व में अफगानिस्तान, पाकिस्तान, पश्चिमी एशिया, उत्तरी अफ्राप्का एवं केपवर्ड द्वीप समूह में भी प्राप्त होता है।

और पढ़ें : पेट दर्द के लक्षण, कारण और घरेलू इलाज

और पढ़ेंः शरीर की जलन में अतिबला के पत्ते के फायदे

और पढ़ेंः कील-मुंहासे से छुटकारा पाने के घरेलू उपाय

और पढ़ेंः अधिक पसीना आने पर बबूल के इस्तेमाल से लाभ

और पढ़ेंः काम-शक्ति में वृद्धि या नपुसंकता में शतावरी के फायदे

आचार्य श्री बालकृष्ण

आचार्य बालकृष्ण, आयुर्वेदिक विशेषज्ञ और पतंजलि योगपीठ के संस्थापक स्तंभ हैं। चार्य बालकृष्ण जी एक प्रसिद्ध विद्वान और एक महान गुरु है, जिनके मार्गदर्शन और नेतृत्व में आयुर्वेदिक उपचार और अनुसंधान ने नए आयामों को छूआ है।

Share
Published by
आचार्य श्री बालकृष्ण

Recent Posts

कब्ज से छुटकारा पाने के लिए अपनाएं पतंजलि दिव्य त्रिफला चूर्ण

आयुर्वेदिक ग्रंथों के अनुसार, त्रिफला चूर्ण पेट से जुड़ी समस्याओं के लिए बेहद फायदेमंद है. जिन लोगों को अपच, बदहजमी…

1 year ago

डायबिटीज को नियंत्रित रखने में सहायक है पतंजलि दिव्य मधुनाशिनी वटी एक्स्ट्रा पावर

डायबिटीज की बात की जाए तो भारत में इस बीमारी के मरीजों की संख्या साल दर साल बढ़ती जा रही…

1 year ago

त्वचा से जुड़ी समस्याओं के इलाज में उपयोगी है पतंजलि दिव्य कायाकल्प वटी

मौसम बदलने पर या मानसून सीजन में त्वचा से संबंधित बीमारियाँ काफी बढ़ जाती हैं. आमतौर पर बढ़ते प्रदूषण और…

1 year ago

युवाओं के लिए अमृत है पतंजलि दिव्य यौवनामृत वटी, जानिए अन्य फायदे

यौन संबंधी समस्याओं के मामले में अक्सर लोग डॉक्टर के पास जाने में हिचकिचाते हैं और खुद से ही जानकारियां…

1 year ago

मोटापे से छुटकारा पाने के लिए अपनाएं पतंजलि मेदोहर वटी

पिछले कुछ सालों से मोटापे की समस्या से परेशान लोगों की संख्या तेजी से बढ़ती जा रही है. डॉक्टरों के…

1 year ago

पेट से जुड़े रोगों को ठीक करती है पतंजलि दिव्य गोधन अर्क, जानिए सेवन का तरीका

अधिकांश लोगों का मानना है कि गौमूत्र के नियमित सेवन से शरीर निरोग रहता है. आयुर्वेदिक विशेषज्ञ भी इस बात…

1 year ago