कमल का परिचय (Introduction of Lotus)
आपने कमल का फूल (kamal phool) जरूर देखा होगा, और आपको यह भी पता होगा कि कमल का फूल कीचड़ में होता है, लेकिन आप यह नहीं जानते होंगे कि कमल के फूल का उपयोग एक औषधि के रूप में भी किया जाता है। आमतौर पर कमल के फूल का प्रयोग पूजा-पाठ या घरों को सजाने आदि काम में ही किया जाता है, लेकिन सच यह है कि कमल के फूल का प्रयोग कर कई बीमारियों को ठीक (uses of lotus flower in hindi) कर सकते हैं। जी हां, आप कमल के प्रयोग से रक्तपित्त, अत्यधिक प्यास लगने की समस्या, जलन, पेशाब संबंधित बीमारी, कफज दोष, बवासीर आदि में लाभ पा सकते हैं।
आयुर्वेदिक ग्रंथों में कमल के फूल से संबंधित अनेक विशेषताएं बताई गई हैं। शायद आपको इनके बारे में जानकारी नहीं होगी। आइए जानते हैं कि जिस कमल के फूल (lotus flower) को आप केवल पूजा-पाठ या सजावट के काम में लाते हैं, उससे रोगों को कैसे ठीक कर सकते हैं।
कमल क्या है (What is Lotus?)
कमल एक फूल (kamal phool) है जो पानी में उत्पन्न होने वाली वनस्पति है। इसकी तीन प्रजातियाँ होती हैं, जो ये हैंः-
इसके पत्ते चौड़े होते हैं जो थाली की तरह पानी में तैरते हुए दिखाई देते हैं। इसके फूल अत्यन्त सुन्दर व बड़े होते हैं। रंग-भेद के अनुसार कमल कई प्रकार होते हैं।
कुमुदनी का स्वरूप साधारणतया कमल के जैसा ही होता है; लेकिन इसके पत्ते कमल के पत्ते से छोटे, चमकीले, चिकने, जल की सतह पर तैरने वाले होते हैं। इसके फूल सफेद तथा 5-12 सेमी व्यास के होते हैं।
इसके पत्ते पानी की सतह पर तैरने वाले तथा इसके फूल (kamal phool) नीले रंग के होते हैं।
अनेक भाषाओं में कमल के नाम (Lotus Called in Different Languages)
कमल का वानस्पतिक नाम Nelumbo nucifera Gaertn. (निलम्बो न्यूसीफेरा), Syn-Nelumbium speciosum Willd, Nelumbium nelumbo Druce है और यह Nymphaeaceae (निंफिएसी) कुल का है। कमल को देश या विदेश में अन्य इन नामों से भी जाना जाता हैः-
Lotus in –
कुमुद के नाम
उत्पल (नीलकमल) के नाम
कमल के औषधीय गुण (Lotus Benefits and Uses in Hindi)
कमल के औषधीय प्रयोग, प्रयोग की मात्रा एवं विधियां ये हैंः-
सफेद बालों की समस्या में कमल के प्रयोग से लाभ (Benefits of Lotus in Grey Hair Problem in Hindi)
उत्पल तथा दूध को मिला लें। इसे मिट्टी के बर्तन में 1 महीने तक जमीन में दबाकर रखें। इसे निकालकर बालों में लगाने से बाल स्वस्थ होते हैं तथा बालों का पकना कम होने लगता है।
रूसी हटाने के लिए करें कमल का उपयोग (Lotus Benefits in Removing Dandruff in Hindi)
नीलकमल के केशर को तिल तथा आँवले के साथ पीस लें। इसमें मुलेठी मिलाकर सिर में लेप करने से रूसी खत्म होती है।
आधासीसी (अर्धावभेदक या अर्धकपारी) में कमल के उपयोग से फायदा (Uses of Lotus in Fighting with Migraine in Hindi)
अनन्तमूल, कूठ, मुलेठी, वच, पिप्पली और नीलकमल लें। इन 6 द्रव्यों को कांजी में पीसकर, थोड़ा एरण्ड तेल मिला लें। इसका लेप करने से आधासीसी या अधकपारी तथा सूर्य उगने के बाद होने वाले सिर के दर्द में लाभ मिलता है।
उल्टी रोकने के लिए करें कमल का प्रयोग (Lotus Benefits to Stop Vomiting in Hindi)
कमल के भुने हुए छिलका रहित बीजों को 1-2 ग्राम की मात्रा में लें। इसमें मधु मिलाकर सेवन करने से उल्टी बंद (kamal gatta benefits) हो जाती है।
सिर दर्द में कमल का उपयोग लाभदायक (Lotus Uses in Relief from Headache in Hindi)
शतावरी, नीलकमल, दूब, काली तिल तथा पुनर्नवा लें। इन 5 द्रव्यों को जल में पीसकर लेप करने से सभी तरह के सिर दर्द में लाभ मिलता है।
गंजेपन की समस्या में कमल से फायदा (Benefits of Lotus in Baldness Problem in Hindi)
बराबर भाग में नीलकमल, बहेड़ा फल मज्जा, तिल, अश्वगंधा, अर्ध-भाग प्रियंगु के फूल (lotus flower) तथा सुपारी त्वचा को पीस लें। इसे सिर में लेप करने से गंजेपन की समस्या में लाभ होता है।
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आंखों की बीमारी में कमल के फूल से लाभ (Lotus Benefits in Cure Eye Disease in Hindi)
कमल के फूल (kamal flower) से दूध निकाल लें। इसे काजल की तरह आँखों में लगाने से आंखों के रोग ठीक होते हैं।
दांतों के रोग में कमल का इस्तेमाल लाभदायक (Uses of Lotus in Treating Dental Disease in Hindi)
कमल की जड़ को चबाने से दांतों के कीड़े खत्म होते हैं।
कमल से खांसी का इलाज (Lotus Uses in Fighting with Cough in Hindi)
1-2 ग्राम कमल की बीज के चूर्ण में शहद मिलाकर सेवन करें। इससे पित्त दोष के कारण होने वाली खांसी ठीक (kamal gatta benefits) हो जाती है।
गुदाभ्रंश में कमल का उपयोग लाभदायक (Benefits of Lotus in Cure Prolapse Disease in Hindi)
कमल के 1-2 ग्राम पत्तों के चूर्ण में चीनी मिला लें। इसे खाने से गुदभ्रंश (गुदा का बाहर आना) में लाभ (uses of lotus flower in hindi) होता है।
सुबह-सुबह 2 ग्राम कमल की जड़ के पेस्ट को गाय के घी के साथ मिलाकर सेवन करें। इससे गुदभ्रंश तथा इसकी वजह से होने वाले बुखार में लाभ मिलता है।
पेशाब में दर्द और जलन की समस्या को ठीक करता है कमल का उपयोग (Lotus Benefits to Treat Urinary Disease in Hindi)
कमल एवं नीलकमल से बने 10-20 मिली शीतकषाय (रात भर ठंडे पानी में रखने के बाद तैयार पदार्थ) या हिम में मधु एवं चीनी मिला लें। इसे पीने से पेशाब में दर्द और जलन की समस्या ठीक होती है।
तेल में पकाए हुए 2-4 ग्राम कमलकन्द को गाय के मूत्र के साथ सेवन करें। इससे पेशाब में दर्द की समस्या में लाभ (kamal ke fayde) होता है।
बुखार उतारने में कमल का उपयोग लाभदायक (Uses of Lotus in Fighting with Fever in Hindi)
कमल का काढ़ा बनाकर 10-20 मिली मात्रा में सेवन करने से बुखार में लाभ होता है।
बराबर भाग में उत्पल, अनार फल की छाल तथा कमल केसर चूर्ण (1-2 ग्राम) लें। इसे तण्डुलोदक (चावल के धोवन) के साथ सेवन करने से बुखार के साथ होने वाली दस्त में तुरंत लाभ होता है।
पेचिश में कमल के प्रयोग से लाभ (Lotus Uses to Stop Dysentery in Hindi)
खूनी बवासीर में कमल का सेवन लाभदायक (Benefits of Lotus to Cure Piles in Hindi)
चीनी तथा कमल के केसर को मिलाकर मक्खन के साथ सेवन करने से खूनी बवासीर में लाभ होता है।
1-2 ग्राम कमल केशर में मिश्री मिलाकर खाने से योनि से रक्त निकलने की परेशानी और खूनी बवासीर में लाभ होता है।
गर्भपात रोकने में सहायता करता है कमल (Lotus Benefits to Stop Miscarriage in Hindi)
बराबर भाग में चीनी, कमल नाल तथा तिल के 2-4 ग्राम चूर्ण में मधु मिलाकर सेवन करने से गर्भपात की संभावना कम हो जाती है।
गर्भधारण करने में मदद करता है कमल (Lotus Helps in Getting Pregnancy in Hindi)
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योनि की बदबू आने की समस्या में कमल से लाभ (How to Get Rid from Vaginal Odour Problem in Hindi)
कमल-नाल, कमलगट्टा तथा उशीर को तेल में पकाएं। इसे योनि पर लेप करने से योनि से आने वाली बदबू और योनि के ढीलेपन की समस्या में लाभ होता है।
कमल के इस्तेमाल से दाद का इलाज (Lotus Treats Ringworm in Hindi)
कमल की जड़ को पानी में पीसकर लेप करने से दाद, खुजली, कुष्ठ रोग और अन्य त्वचा रोगों में फायदा (kamal ke fayde) होता है।
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त्वचा रोग में फायमेंद कमल का उपयोग (Lotus Cure Skin Disease in Hindi)
कमल के पौधे के पत्ते तथा बरगद के पत्तों को जलाकर उनकी भस्म बना लें। इसे तेल में पका लें। इसे लगाने से त्वचा रोगों में लाभ होता है।
नाक-कान से खून बहने (रक्तपित्त) की समस्या में कमल से फायदा (Lotus Stops Bleeding in Hindi)
शरीर की जलन में फायदेमंद कमल के गुण (Lotus is Beneficial in Body Irritating in Hindi)
1-2 ग्राम कमल केशर को पीस लें। इसमें मधु मिलाकर खाने से शरीर की जलन खत्म हो जाती है।
सफेद कमल को पीसकर शरीर पर लेप करने से जलन से आराम मिलता है।
सांप के जहर को उतारने में मदद पहुंचाता है कमल (Benefits of Lotus in Snake Biting Treatment in Hindi)
1-2 ग्राम कमल केशर को बराबर भाग में काली मिर्च के साथ पीस लें। इसे पिएं और सांप के काटे जाने वाले स्थान पर लगाएं। इससे सर्प के काटने से होने वाला दर्द, सूजन आदि में बहुत लाभ होता है।
कमल के उपयोगी भाग (Beneficial Part of Lotus)
पंचांग
फूल (lotus flower)
फूल का केसर
जड़
बीज
फल
कमल के प्रयोग की मात्रा (How Much to Consume Lotus?)
कंद का रस – 10-20 मिलीॉ
बीज का चूर्ण 3-6 ग्राम।
कमल कहां पाया या उगाया जाता है (Where is Lotus Found or Grown?)
यह भारत के सभी उष्ण प्रदेशों तथा हिमालय, कश्मीर, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, बिहार, उड़ीसा, महाराष्ट्र में पाया जाता है। इसके साथ ही कमल दक्षिणी भारत में तालाबों एवं पंकयुक्त स्थानों पर भी पाया जाता है।
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